सपने देखना आदमी की फितरत है। कुछ लोग बंद आँखों से सपने देखते हैं, कुछ लोग जागती आँखों से। जागती आँखों से सपने देखने वाले कुछ लोग उनको पूरा क...
सपने देखना आदमी की फितरत है। कुछ लोग बंद आँखों से सपने देखते हैं, कुछ लोग जागती आँखों से। जागती आँखों से सपने देखने वाले कुछ लोग उनको पूरा करने के लिए तन-मन-धन से समर्पित होकर कार्य करते हैं। ऐसे ही लोग दुनिया में इतिहास बनाते हैं और सम्मान की दृष्टि से देखे जाते हैं। पर कुछ लोग ऐसे भी होते हैं, जो सपने तो शाहरूख बनने, बी.एम.डब्यू. पे चलने अथवा कैटरीना कैफ से शादी करने के देखते हैं, पर उन्हें पूरा करने के लिए शार्टकट की तलाश में रहते हैं। ऐसे लोग ही अक्सर ज्योतिषियों, तांत्रिकों, तथाकथित सिद्ध पुरूषों अथवा बाबाओं के चक्कर में पड़ जाते हैं और अपना जीवन बर्बाद कर लेते हैं।
जिस प्रकार अपने देश में चमत्कारों की आस रखने वाले अज्ञानियों की कमी नहीं है, उसी प्रकार ऐसे लोगों को बेवकूफ बनाकर ठगने वाले लोग भी बहुतायात में पाए जाते हैं। ऐसे लोग अक्सर अपनी हाथ की सफाई, वैज्ञानिक प्रयोगों अथवा कुछ प्राकृतिक घटनाओं को चालाकीपूर्वक उपयोग में लाकर स्वयं को महिमामंडित कर लेते हैं और लालच तथा अज्ञानता के फेर में पड़ी जनता को ठगते हैं।
लेकिन ऐसे ठगों एवं तथाकथित सिद्ध बाबाओं की चालाकी बहुत दिन तक नहीं छिपती। एक न दिन उनका सामना चमत्कारों के पीछे छिपे सच को खोजकर सामने लाने वाले समर्पित विज्ञान संचारकों से हो ही जाता है और तब उनका सारा कपट जनता के सामने आ जाता है। ऐसे ही तथाकथित चमत्कारों, दैवी शक्तियों, भूत-प्रेत एवं चुड़ैलों तथा जादू-टोनों की घटनाओं की पोल खोलने वाले शख्स हैं डॉ0 दिनेश मिश्र, जिन्होंने अपनी चर्चित पुस्तक ‘समाधान’ (अंधविश्वास जनित घटनाओं का खुलासा तथा वैज्ञानिक विश्लेषण) में अपने जीवन की ऐसी ही 44 घटनाओं का विस्तार से जिक्र किया है।
डॉ दिनेश मिश्र पेशे से नेत्र रोग विशेषज्ञ (एम्.बी.बी.एस. डी.ओ.एम्.एस.) हैं और सन 1995 से देश में सामाजिक अन्धविश्वासों एवं कुरीतियों के खिलाफ जमीनी स्तर पर कार्य कर रहे हैं। वे विज्ञान संचार एवं वैज्ञानिक दृष्टिकोण के प्रचार-प्रसार के लिए तन-मन-धन से समर्पित हैं। उनके प्रयासों से छत्तीसगढ़ राज्य में टोनही प्रताड़ना निरोधक अधिनियम की स्थापना हुई है। उनके उत्कृष्ट कार्यों के लिए छत्तीसगढ़ सरकार वर्ष 2006 में उन्हें राज्य सम्मान प्रदान कर चुकी है। इसके अतिरिक्तऔ वे भारत सरकार के विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी मंत्रालय द्वारा देश में विज्ञान लोकप्रियकरण एवं विज्ञान संचार के उल्लेखनीय कार्यों के लिए 2007 में नेशनल एवार्ड तथा महिला आयोग द्वारा डायन/टोनही प्रताड़ना के विरोध में किये गए सामाजिक कार्यों के लिए भी सम्मानित किये जा चुके हैं।
जनसामान्य को जागृत करने के उद्देश्य से लिखी गयी पुस्तक ‘समाधान’ में डॉ0 मिश्र ने अंधविश्वास से जुड़ी हर तरह की घटनाओं को शामिल किया है। इनमें जहाँ एक ओर समाज की विकृतियों पर चोट की गयी है, वहीं समय-समय पर घटने वाली (‘अद्भुत’ जैसी दिखने वाली) घटनाओं के सत्य का भी खुलासा किया है। डॉ0 मिश्र न सिर्फ इन घटनाओं के प्रत्यतक्ष गवाह रहे हैं, वरन एक समर्पित कार्यकर्ता की भांति इनमें शामिल होकर उनके सच को सामने लाने का महत्वतपूर्ण कार्य भी किया है। पुस्तक में सम्मिलित कुछ प्रमुख घटनाएं निम्नवत हैं-
चमत्कारी प्रकाश
रोग निवारक चमत्कारी लकड़ी
चमत्कारी रोटी
आग का रहस्य
मंत्र से जहर कैसे उतरेगा
मूर्ति के आंसू
भूत की तस्वीर
भू-समाधि का चमत्का्र
’देवी माँ’ बोलीं- सॉरी
चमत्कारी चंगाई सभा
आग की बरसात
दरगाह का चमत्कार
कमरा खोदकर गंगा निकालने की कोशिश
भैंसासुर बनाम मछली
चर्चा में चुड़ैल
झलक दिखला जा और भूत
आलोच्य पुस्ताक को पढ़कर यह पता चलता है कि हमारे देश में जहालत कितने गहरे धंसी हुई है और लोग दूसरों को ठगने के लिए किस हद तक जा सकते हैं। डॉ0 दिनेश मिश्र डॉक्टरी जैसे व्यस्तमतम पेशे से जुड़े होने के बावजूद अंधविश्वास के खात्मे के लिए जिस प्रकार समर्पित भाव से कार्य कर रहे हैं, उसके लिए उनकी जितनी प्रशंसा की जाए कम है।
यह पुस्तक भ्रम के जालों को दूर करने के उद्देश्य से लिखी गयी है, जो अपने मकसद में पूरी तरह से कामयाब रही है। आज हमारे देश में जिस तरह का माहौल है, उसमें इस पुस्तिक की महत्ता खुद-ब-खुद बढ़ जाती है।
संक्षेप में इतना ही कहूँगा कि जो लोग आज भी चमत्कारों की आस में जीते हैं, दैवी और अलौकिक शक्तियों की खोज में भटकते रहते हैं, भूत-प्रेत-चुड़ैल के मानसिक भ्रमों में पड़कर अपना जीवन नर्क कर लेते हैं और टोने-टोटकों के द्वारा जीवन की कठिनतम समस्यासओं/रोगों को दूर करने के भ्रम में अपना पैसा और स्वानस्य्क खराब करते हैं, उन्हें यह पुस्तक अवश्य पढ़नी चाहिए।
पुस्तक- समाधान (अंधविश्वास जनित घटनाओं का खुलासा तथा वैज्ञानिक विश्लेषण)
लेखक- डॉ0 दिनेश मिश्र (dr.dineshmishra@gmail.com)
प्रकाशक- जागृति प्रकाशन, नयापारा, फूलचौक, रायपुर, छत्तीसगढ़
पृष्ठ- 140
मूल्य- नि:शुल्क
नोट: 1. पुस्तक की प्राप्ति के लिए लेखक के ईमेल पर भी सम्पर्क किया जा सकता है।
2. पुस्तक के लेखक डॉ0 दिनेश मिश्र ‘तस्लीम’ के सहयोगी प्रकाशन ‘साइंस ब्लॉहगर असोसिएशन’ से पूर्व से जुड़े हुए हैं। अंधविश्वास से जुड़े हुए उनके कुछ लेखों को यहां पर पढ़ा जा सकता है।
3. पुस्तक की कुछ चुनिंदा सामग्री को आगामी दिनों में ‘तस्लीम’ में भी प्रकाशित किया जाएगा।
bade kam ki pustak hai. mangvane ka jugad karta hoon.
जवाब देंहटाएंप्रभावी लेखनी,
जवाब देंहटाएंनव वर्ष की शुभकामना !!
आर्यावर्त
बहुत जरूरी जानकारी आपने बांटी है जाकिर भाई. व्यक्ति अशिक्षित हो तो केवल अपना नुकसान करता है. वर्तमान बिगड़ता है, जिसके कभी न कभी संवार लिया जाता है. मगर समाज यदि कुशिक्षित हो जाए तो वह आने वाली पीढ़ियों को भी नुकसान पहुंचाता है. अंधविश्वास कुशिक्षा से जन्म लेते हैं, और धार्मिक आग्रहों—दुराग्रहों के बूते खुद को समाज में टिकाए रहते हैं.
जवाब देंहटाएंइस सुंदर जानकारी के लिए आपको और इस समसामयिक, बहुउपयोगी रचनाकर्म के लिए दिनेश जी को बहुत—बहुत बधाई, आभार.
पुस्तक नि:शुल्क रखी गई है, इसके लिए लेखक और संबंधित व्यक्ति संस्था बधाई के पात्र हैं.
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जवाब देंहटाएंबढ़िया समीक्षा लिखी गई है पुस्तक को पढ़ने उकसाती है . आभार जन शिक्षण से जुड़े इस कर्म के लिए .
आलोच्य पुस्ताक।।।।।।।।।।।।। (पुस्तक )...........को पढ़कर यह पता चलता है कि हमारे देश में जहालत कितने गहरे धंसी हुई है और लोग दूसरों को ठगने के लिए किस हद तक जा सकते हैं। डॉ0
दिनेश मिश्र डॉक्टरी जैसे व्यस्तमतम पेशे से जुड़े होने के बावजूद अंधविश्वास के खात्मे के लिए जिस प्रकार समर्पित भाव से कार्य कर रहे हैं, उसके लिए उनकी जितनी प्रशंसा की जाए कम है।
संक्षेप में इतना ही कहूँगा कि जो लोग आज भी चमत्कारों की आस में जीते हैं, दैवी और अलौकिक शक्तियों की खोज में भटकते रहते हैं, भूत-प्रेत-चुड़ैल के मानसिक भ्रमों में पड़कर अपना जीवन नर्क
कर लेते हैं और टोने-टोटकों के द्वारा जीवन की कठिनतम समस्यासओं/रोगों (समस्याओं )...........को दूर करने के भ्रम में अपना पैसा और स्वानस्य्क खराब करते हैं, उन्हें यह पुस्तक अवश्य पढ़नी
चाहिए।
Pl send the book at the following address by VPP:
D -4 ,NOFRA ,NEAR R .C .CHURCH ,COLABA ,MUMBAI 400-005
veerubhai1947.blogspot.com
0961 902 2914
02222 17 6446
जो भ्रम में जीते हें वे ये पुस्तक पढेंगे ही नहीं ..
हटाएं43m Virendra Sharma @Veerubhai1947
जवाब देंहटाएंram ram bhai मुखपृष्ठ http://veerubhai1947.blogspot.in/ सोमवार, 7 जनवरी 2013 बहरा राजा ,गूंगी रानी ,दिल्ली की अब यही ,कहानी .
40m Virendra Sharma @Veerubhai1947
बहरा राजा ,गूंगी रानी ,दिल्ली की अब यही ,कहानी http://kabirakhadabazarmein.blogspot.com/2013/01/blog-post_565.html …
प्रभावशाली कृति
जवाब देंहटाएं---
नवीनतम प्रविष्टी: गुलाबी कोंपलें
इस पुस्तक की PDF copy कौनसी वेबसाईटपर उपलब्ध है ?
जवाब देंहटाएंBahut khush hoon main.
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