जी हॉं, मुझे मालूम है कि ब्लॉग जगत के इतिहास में ऐसा कभी नहीं हुआ। पर चूँकि ऐसा हो गया है और बकौल भगवती चरण वर्मा (चित्रलेखा) ' आदमी प...
जी हॉं, मुझे मालूम है कि ब्लॉग जगत के इतिहास में ऐसा कभी नहीं हुआ। पर चूँकि ऐसा हो गया है और बकौल भगवती चरण वर्मा (चित्रलेखा) 'आदमी परिस्थितियों का दास है', इसलिए मुझे लगता है कि गोलमोल बातें करके किसी को बेवकूफ बनाने से अच्छा है कि गलती को स्वीकार कर सही रास्ता निकाला जाए, क्योंकि झूठ और गलती छिपाए नहीं छिपती, भले ही उसे करने वाला व्यक्ति कितना भी शातिर क्यों न हो।
तो अब आते हैं मुद्दे की बात पर। दरअसल हुआ यूँ कि 27 नवम्बर को निर्धारित मेरी साली की शादी के मद्देनजर मेरी व्यस्तता पिछले कुछ दिनों से काफी बढ़ी हुई है। इसी क्रम में अक्सर मैं दो तीन हफ्तों की पहेलियॉं और उनके उत्तर के बारे में समुचित जानकारी एक साथ ड्राफ्ट में सेव कर देता हूँ। इसी क्रम में इस हफ्ते पूछी गयी चित्र पहेली (मेरे हिसाब से बरगद, जिसे वटवृक्ष भी कहते हैं) के बारे में जानकारी मैंने ड्राफ्ट में सेव कर दी। लेकिन जब पहेली पूछने के लिए चित्र अपलोड करने बैठा, तो नेट कनेक्शन धोखा दे गया। संयोग से ऐसा दो बार और हुआ।
चूँकि पहेली का प्रकाशन प्रत्येक सोमवार को प्रात: 11 बजे होता है, इसलिए शनिवार तक पहेली के लिए चित्र शिड्यूल्ड न होने के बाद मैंने सोचा कि सोमवार को सुबह आकर ये काम कर दूँगा। पर अचानक आई व्यस्तता के कारण जब मुझे लगने लगा कि मैं 11 बजे तक आफिस नहीं पहुँच पाऊँगा, तो मैंने अपने एक कुलीग को अपना यूजर नेम और पासवर्ड बताकर उनसे पहेली प्रकाशित करने का आग्रह कर दिया।
कुलीग ने मेरी लाज रखी और अपनी समझ से बरगद के बोनसाई के चित्र को पहेली हेतु प्रकाशित कर दिया। पहेली प्रकाशित होने पर मैंने यह देख कर सुकून की सांस ली कि पहेली प्रकाशित हो गयी है। लेकिन जैसे ही लोगों के जवाब आने शुरू हुए, मेरे कान खड़े हो गये। कारण तीन लोगों ने जब उत्तर में Schefflera का नाम लिखा, तो मेरा माथा ठनका। मैंने नेट पर चेक किया, तो Schefflera के पौधे के पत्तों को पहेली में प्रकाशित चित्र से मिलता जुलता पाया। चूँकि प्रकाशित पहेली में पेड़ का तना बरगद जैसा ही लग रहा था, इसलिए मैंने उसके पत्तों पर ध्यान नहीं दिया था।
लेकिन अब अधिकतर लोगों द्वारा पहेली में पूछे गये चित्र को Schefflera बताने के कारण मैं काफी कन्फ्यूज हो गया हूँ। अपने कुलीग महोदय को दोष देने का कोई मतलब नहीं है, इस समस्या से रास्ता मुझे ही निकालना है। हॉं, चूँकि मैं थोड़ा कन्फ्यूज हो रहा हूँ और चाहता हूँ कि किसी के साथ अन्याय न हो, इसलिए आप लोगों से राय मांग रहा हूँ। फिलहाल मेरे पास जो ऑप्शन हैं,वे इस प्रकार हैं- यदि इस पौधे को वास्तव में Schefflera माना जाए, तो विजेता अन्तर सोहिल जी हैं, इसलिए वे बधाई के पात्र हैं। सोहिल जी के अलावा सीमा गुप्ता, दर्शन लाल बवेजा एवं पी एन सुब्रामण्यम जी ने भी उत्तर में Schefflera बताया है, इसलिए वे भी इस नजरिए से सही उत्तर देने के कारण बधाई के पात्र हैं।
लेकिन यदि चित्र को बरगद अर्थात banyan माना जाए, तो भी प्रथम विजेता तो अन्तर सोहिल जी ही हैं, लेकिन अन्य सही जवाब देने वालों में दूसरा नाम सिर्फ अनुष्का श्रीवास्तव का रह जाता है।
इसीलिए मैं चित्र पहेली-99 का उत्तर घोषित करने में संकोच का अनुभव कर रहा हूँ। मैं चाहता हूँ कि पहेली के सही उत्तर ही प्रकाशित हों, इसलिए कृपया अपनी कीमती राय से नवाजने की कृपा करें। आपके इस सहयोग के लिएमैं आप सबका हृदय से आभारी होऊँगा।
अब यह बरगद है या क्या है मुझे पता नहीं -सारी !
जवाब देंहटाएंअच्छा हुआ आपने स्थिति यूं स्पष्ट कर दी -मैं इस मत का हूँ कि अगर पहली नजर में पाठक पहेली न बूझ पायें तो उन्हें खुद ही अलग हो जाना चाहिए ,अंतर्जाल पर रगड़ घिस्सा नहीं करना चाहिये ...यह लोगों के जनरल नालेज का टेस्ट है .
यह पहेली बूझने की स्पिरिट के विरुद्ध है कि कहीं से नक़ल मारी जाय और सरासर बेईमानी भी है...और उससे भी जघन्य बात यह है कि पहेली पूछने वाला खुद ही उससे अनजान हो ...मैं अपना विरोध व्यक्त करता हूँ !
टिप्पणियों की चिंता मत करिए ..आपका कम क्वालिटी का होगा तो वे झख मारकर आयेगीं और न भी आयें तो यह मादा पैदा करिए कि हू केयर्स !
सर जी टेंशन मत लो........
जवाब देंहटाएंपहले स्थान पर तो अंतर सोहिल जी ही हैं उन्हे आप विजेता घोषित किजिये साथ ही जिन लोगों ने उत्तर बरगद और Schefflera बताया है उन्हें भी सही जवाब बतानें वालों की श्रेणी में रखिये. कभी कभी ऐसा हो जाता है कि एक प्रश्न के दो उत्तर रहते है. http://t2.gstatic.com/images?q=tbn:ANd9GcRDMaZ2NuFunZeFmorlPtWToBznPiya6-pOoOjrZseFxnHMJf4&t=1&usg=__eEelWuC5SUR72b9JBWu7ygU2iG4= यहाँ जायंगे तो Schefflera का तना भी बरगद के तनें जैसा ही दिखाई देगा.
भारत प्रश्न मंच पर भी अटाला मस्जिद वाले प्रश्न में यही समस्या उत्पन्न हुई थी.
मै तो यही सुझाव दूँगा.
धन्यवाद
Bade bade shahron ki chhoti si ghatna. Kaheen prayojit to nahee?
जवाब देंहटाएंपहेली को रद्द करके सभी जवाब देने वालों को साली की शादी में निमंत्रित कर डालिए ।
जवाब देंहटाएं(वैसे यह सलाह देने के कारण निमंन्त्रण पर हक तो हमारा भी बनता है ।)
विवेक भाई, आप अभी से आमंत्रित हैं। अपना पता बताएँ, जिससे कार्ड पोस्ट कर सकूँ। लेकिन साथ ही शर्त यह है कि न आने का कोई बहाना नहीं चलेगा। वैसे सुझाव आपका भी अच्छा है।
जवाब देंहटाएं@ आदरणीय अरविन्द मिश्रा जी
जवाब देंहटाएंएक पाठक अन्तर्जाल पर पूछी गई पहेली के विषय में जानकारी नहीं होने पर स्वाभाविक तौर पर अन्तर्जाल पर ही ढूंढेगा। और वही रगड घिस्सा करेगा जो उसके बारे में जानने का इच्छुक है ना कि किसी पुरस्कार को पाने के लिये।
पहेली बूझने के लिये अन्तरजाल पर रगड घिस्सा करने से हमें उस पहेली के विषय के अलावा चार नई चीजों/बातों की जानकारी भी मिल जाती है।
प्रणाम स्वीकार करें
अंतर सोहिल जी ,
जवाब देंहटाएंपहेली बूझना एक प्राचीन खेल है और उसमें हिंट तो दिया जाता है मगर नक़ल की छूट नहीं होती है -यह एक तरह का सामने वाले के ज्ञान का टेस्ट करने का टाईम पास है ...अगर अंतर्जाल पर ही आपने देख कर बता दिया तो आपके सामान्य ज्ञान की परख कैसे होगी ..फिर यह कैसे पता चलेगा की ब्लॉग जगत में लोगों के सामान्य ज्ञान का स्तर क्या है ?
हाँ वर्तमान प्रवृत्ति से तो केवल यही आँका जा सकता है की कौन अंतर्जाल पर सही उत्तर ढूँढने में ज्यादा निष्णात है -फिर तो इसका श्रेय गूगल आदि सर्च इंजिन या विकिपीडिया को दिया जाना चाहिए ...हाँ अपने उत्तर के पुष्टि में आवश्यकतानुरूप वेब लिंक दिए जानें में कोई बुराई नहीं है .
पहेली का उत्तर अगर कोई अपने पूर्व अर्जित ज्ञान से दे देता है तभी उसे सामान्य ज्ञान की विज्ञता का श्रेय मिलना चाहिए ..
अब समय आ गया है कि हम स्वस्थ परम्पराओं का पालन करें! ब्लागिंग के नाम पर एक सर्वथा अनुचित और अमान्य अतार्किक पद्धति को और बढ़ावा न दें !
बहरहाल देखिये और लोगों का मत क्या है ,मैंने अपना मत स्पष्ट कर दिया है !
antar sohil ji ko vijeta ghoshit kar dena uchit hoga.
जवाब देंहटाएंantar sohil ji ko vijeta ghoshit kar dena uchit hoga.
जवाब देंहटाएं@ श्री अरविन्द मिश्रा जी
जवाब देंहटाएंअबकी बार आपकी बात समझ आयी और अच्छी भी लगी। सहमति दर्ज करें।
प्रणाम
अंतर सोहिल जी ,
जवाब देंहटाएंमुझे भी अब जाकर सांस में सांस आयी ...मगर और लोगों के विचार अब भी प्रतीक्षित हैं .
आशीर्वाद .....(प्रणाम का जवाब ! )
@ आदरणीय जाकिर जी
जवाब देंहटाएंपहेली का विजेता कौन है या कौन नहीं इस पचडे में मत पडिये। मुख्य ध्येय है जानकारी बाँटना और इस कार्य के लिये मैं तो आपका शुक्रगुजार हूँ जी।
सही उत्तर किसे माना जाये इस प्रश्न पर मैं तो यही कहूंगा कि फूल-पत्तों में से मूल यानि जड ही झांकता है। तने के आकार बेशक बरगद के जैसा है लेकिन पत्तियों के आधार पर ही सही उत्तर चुना जाये। तने का आकार कुछ हद तक बदला जा सकता है लेकिन पत्तों का नहीं।
प्रणाम
जाकिर भाई ,
जवाब देंहटाएंअंतर सोहिल सही फरमा रहे हैं -चित्र बरगद का तो नहीं लगता - चतुष्पदी पत्तियाँ तो देखिये !
@ श्री अरविंद जी
जवाब देंहटाएंसांस में सांस आयी….………यह आरोप क्यों लगा रहे हैं जी मुझ पर :)
और आशिर्वाद का तो मैं हकदार हूँ।
सोहिल जी
जवाब देंहटाएंसांस ही तो कहा सास नहीं ..क्यों घबरा गए आप :)
इस टिप्पणी को एक ब्लॉग व्यवस्थापक द्वारा हटा दिया गया है.
जवाब देंहटाएंसोहिल जी और अरविंद जी, आपके सुझाव सारगर्भित और समीचीन है। इसे पढकर मेरे मन का बोझ कम हो गया और इस पोस्ट को प्रकाशित करने का उद्देश्य भी सार्थक हो गया। आभार।
जवाब देंहटाएंअरविंद जी दुरुस्त फ़रमाया आपने ...सहमत हूँ आपके मत से,High Regards
जवाब देंहटाएंअंतर सोहिल जी का मधुर संवाद भी सही रहा :))चलिए मैं तो आपको बधाई दे ही देती हूँ :)
रजनीश जी ...पेपर सेट्टिंग कोई इतना भी आसान नही समझ चुके होंगे अब तक तो आप भी :))मगर आपको जिम्मेदारी के प्रती निष्ठा रखने के फुल मार्क्स तो मिलने ही चाहिए !
Sabhee Pratibhagiyon ko bhee bahut badhaii..
सेहर जी, मुझे फुल मार्क्स देने का शुक्रिया1
जवाब देंहटाएंभाई मेरी समझ से तो इस प्रतियोगिता को किन्हीं तकनीकी कारणों से रद्द कर देना चाहिए ;;
जवाब देंहटाएं...(ज़किर भाई मैंने इसमें भाग नहीं लिया था ... वरना सही जवाब आपको मिल जाता...:)
Schefflera aur bargad dono jawab sohil jee nae hee diye kya? agr haan to kya do jawab diye ja sakte hain? agr haan to yh unka haq hai. waise jawaab ek he dena chaiye.
जवाब देंहटाएंमासूम जी, साहिल जी ने दो अलग अलग बार अलग जवाब दिये हैं, जिनमें Schefflera और बरगद दोनों शामिल हैं।
जवाब देंहटाएंचित्र देख कर मुझे उत्तर नहीं आया था
जवाब देंहटाएंपरन्तु पहेली बूझने की खुरक ने इस पहेली पर बहुत जोर लगवा दिया
पत्ती की बनावट कम्पाउंड लीफ प्रकार की है इसी को आधार बना कर खोज शुरू की
यहाँ से पत्ती की टाईप खोजी गयी
और फिर कम्पाउंड लीफ प्रकार के ट्रीज की खोज की गई
गलत ज़वाब न दे दिया जाय इसलिए तीन बार झखमार कर पहुंचे गंतव्य पर जी जाकिर जी
विज्ञान पहेली का ज़वाब देना मजाक नहीं है कि अन्य की तरह कभी मकबरा कभी हवेली या फिर स्मारक पूछ लिया वो कई बार देखे हुए भी आ जाते है इस लिए वाहन मिश्र सर जी का सुझाव चल जाता है यहाँ उत्तर खोजना ही पडेगा वरना कोई सही जवाब नहीं आएगा
यदि डा. मिश्र जी की सलाह माने कि चित्र को देखे यदि नहीं पता तो बैठ जाए
परन्तु पहेली जिज्ञासा जगाती है खोजबीन की जी
गर्व और ठोकबजा कर गलती मानते हुए इस को Schefflera डिक्लेयर करियेगा जी
बाद में पता चला की Schefflera बहुत लोकप्रिय माने तो तुलसी की तरह से घर घर बोनसाई पौधो का सरताज है
धन्यवाद सहित
दर्शन बवेजा
मासूम जी, साहिल जी ने दो अलग अलग बार अलग जवाब दिये हैं, जिनमें Schefflera और बरगद दोनों शामिल हैं।
जवाब देंहटाएंmujhe is paheli ka qanoon nahin maloom lekin do jawab yh batate hain, ki confuse thae sahil bhai. aise main sahee jawaab nahin hua.
is paheli ke rules ke anusaar yade sahee hai, to yaqeenan sahil jee ko inam diya jae.
गंतव्य
जवाब देंहटाएंअब लिंक देखें
बहुत अच्छा
जवाब देंहटाएंअर्द्धनारीश्वर टाइप मामला है। इस बार हमारी भी जय-जय तुम्हारी भी जय-जय वाला फार्मूला अपनाकर विजेताद्वय का स्वागत कीजिए।
जवाब देंहटाएंपहेली बहुत अच्छी है मजा आ गया अभी परसों ही ऐसी ही पहेली मैं बूझ चुका हूं। धन्यवाद देता हूं
जवाब देंहटाएंभई इस पहेली के मामले में मैं अपने को तो लाल बुझक्कड समझता हूं, और हूं भी, इसमें किसी को कोई शक नहीं होना चाहिये
जवाब देंहटाएंगजब हमारे श्री दर्शन सर ने तो पूरी जड़ को ही खोज लिया बोनसाई का जहाँ पर वास्तविक चित्र है उसे खोज निकाला, इस आधार पर ये वृक्ष
जवाब देंहटाएंSchefflera का ही है...........
दर्शन जी ,आप को स्वयं या जिस किसी को स्वयं के ज्ञान की पिपासा दूर करनी है जो बहुत अच्छी बात है तो करते रहिये न जीवन भर ..मेरे जैसा ही अभिशप्त ..क्यों कर यह दावा हो कि हम बड़े बूझनहार हैं लाल बुझक्कड़ हैं .....
जवाब देंहटाएंचलिए दो श्रेणी बनाते हैं -एक -जिन्हें उत्तर पहले से ही पता है और एक जिन्होंने इसे खोज खाज कर प्रस्तुत किया है !
इस पहेली को और कोई माने या न माने मैं निरस्त मानता हूँ ....अन्यथा फजीहत बढ़ती जायेगी !
अगर किसी को एतराज न हो तो मैं बिना जवाब दिए विजेता बनने को तैयार हूं जाकिर भाई। आप कन्फ्यूज मत हों।
जवाब देंहटाएंब्लॉगर Arvind Mishra ji ki baat padhkar aashcharya hua. kaisi stupid baat kar rahe hain.
जवाब देंहटाएंsabse pahli baat to ye hain ki inhone kitni paheliyon men jeet haasil ki hai ?
kya jaante hain paheliyon ke baare men ?
aap sochte hain ki aap duniya kee kisi bhi field kee cheej poochhenge aur log bata denge ?
ajeeb bewkoofi kee baat hai.
mai dekh rahi hun ki yahan 100 ke kareeb paheli poochhi ja chuki hain. mera challenge hai ki ek bhi winner aisa nahi hoga jisne google ki help ne lee ho. tab to aapko apni saare paheliyan cancle kar deni chaahiye aur pichhli saari post bhi delete kar deni chaahiye.
aapko general knowledge ka matlab hi nahi maalum. yahan sabke paas ek samaan avsar hote hain. aap saraahana karne kee bajaay aisi baaten kah rahe hain. aap khud participate karen to aate-daal ka bhaav pata chal jaayega. game field ke baahar comment karna aasaan hota hai.
बेहतर यही है की इस पहेली को निरस्त कर दिया जाए.
जवाब देंहटाएंआदरणीय जाकिर जी
जवाब देंहटाएंआप यदि पहेली निरस्त करते हैं तो इसक सीधा अर्थ होगा कि कई लोगों की घंटों की मेहनत को बेकार कर देना. क्योकि एक पहेली को बुझने में कितना समय लग जाता है उसे मै समझता हूँ. आपकी की हर पहेली किसी विषयवस्तु का ज्ञानवर्धन कराने एवं प्रतिभागी को प्रोत्साहित करने हेतु होती है . भले ही उसे गूगल से खोजा जाये या फिर किताबों से. ऐसे मे इसे निरस्त करना ठीक नहीं होगा. आप बरगद और Schefflera की संक्षिप्त जानकारी देते हुए दोनों उत्तर को स्वीकृत कीजिए और विजेताओं की सूची जारी कर दें.
पहेली को निरस्त करना उचित नहीं होगा
क्षद्मनामी अदिति ,
जवाब देंहटाएंआपको तस्लीम में पहेलियों का इतिहास नहीं पता है ,ये मैंने शुरू की थी और ५० के ऊपर पहेलियाँ मैंने बुझायी .....इसके गिरते स्तर को देखकर और इनमें भागीदारी की मौलिक प्रतिभा के ह्रास पर मुझे इसमें अरुचि होती गयी .....
जब हर बार गूगल में सर्च कर ही उत्तर बताना है तो फिर इनका मूल मकसद ही ख़त्म हुआ ....
अगर अपने स्टुपिड,बेवकूफी भरे विशेषण न भी लगाए होते तब भी अपनी बात कह सकती थीं ...बहरहाल किसी किसी क्षद्म ब्लॉगर से इस मुद्दे पर क्या बात चीत करना -यही क्या कम है की टिप्पणी डिलीट नहीं की गयी !
जब पहेली में चित्र Schefflera का लगा था तो वही जवाब देने वाला विजेता हुआ। आपके शिड्यूल्ड उत्तर के अलग होने से उसका कोई संबंध नहीं बनता। कन्फ़्यूजन बढ़ाने का कोई औचित्य नहीं है। हिंट से कोई मिसलीड नहीं हुआ तो यह और अच्छी बात है। पुरस्कार का हक उन्हें है जिन्होंने उत्तर Schefflera बताया था।
जवाब देंहटाएंयह बरगद नहीं है ! तना बरगद जैसा है लेकिन पत्ते अंतर बता देते है ! अतः Schefflera ही सही उत्तर माना जाना चाहिए !
जवाब देंहटाएंbhai jo chitra hai uske hisaab se jo sahi hai usiko vijeta mana jaye ... agar ye Schefflera hai to wahi sahi uttar hai ...
जवाब देंहटाएंpar ek baar confirm kar lein ki yah Schefflera hi hai ya koi aur cheez hai kyunki is tarah ki patti kai tarah ke ped-poudhe mein hoti hai ... isliye jahan se yah chitra liya gaya hai wahan par dekh lein ki yah kya hai ...
Schefflera सही जवाब होना चाहिए.इसके 'बरगद स्टाइल 'के बोनसाई होते हैं.
जवाब देंहटाएंऔर जिन्होंने यह जवाब बताया वे विजेता होने चाहिए .
पहेली निरस्त नहीं होनी चाहिए.पहेली निरस्त करना मतलब उन प्रतिभागियों को जिन्होंने समय लगा कर सही जवाब दिया हतोत्साहित करना है.
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इस लिंक पर विस्तार से देख लिजीये..
http://www.bonsaihunk.us/info/ScheffleraBonsai.html
--The easy formation of aerial roots on Scheffleras allows them to make great banyan style trees.
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ज़ाकिर जी आप ने इमानदारी से अपनी गलती स्वीकारी है यह आप की तारीफ़ है और बड़ी बात है.
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इसके अलावा बरगद वाली जो पोस्ट तैयार की थी वह कभी भी एक सामान्य पोस्ट बना कर लगा सकते हैं.
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एक कमेटी बना दो डॉ अरविन्द मिश्र और मैं मेंबर( अवैतनिक) बन जायेंगे मगर मीटिंगों में टीए डीए दे देना ! कार्यकाल ३ माह का रख दो ...विद्वान् लोगों को इतना समय तो चाहिए ही ! जबतक खुद अंतर सोहिल इसे भूल चुके होंगे और आपके लिए कोई झमेला भी नहीं होगा !
जवाब देंहटाएं@दर्शन जी, आपने पूरी पोस्ट नहीं पढ़ी। समय पर ऑफिस न पहुंच पाने के कारण यह चित्र मैंने अपने कुलीग से लगवाई थी। तभी यह झमेला हुआ।
जवाब देंहटाएं@अदिति चौहान जी, कृपा कर शिष्ट शब्दावली का प्रयोग करें, अन्यथा ऐसे कमेंट डिलीट करना ही श्रेयस्कर माना जाएगा।
जवाब देंहटाएंजाकिर जी,
जवाब देंहटाएंएक पहेलीकार होने के नाते मैं आपको एकाध सही बात बता रहा हूं।
पहली तो ये कि जिस चीज का आपको भी पक्का नहीं पता है, उसमें हाथ ना डालें। लेकिन आपकी गलती भी तो नहीं है। उस बरगद के बोनसाई वाली ईस्वामी की पोस्ट पर यह बरगद ही लिखा है। तो सीधी सी बात है कि छापते या सेव करते समय आपके दिमाग में बरगद के सिवाय दूसरा नाम आया भी नहीं होगा।
रही बात विजेता की, तो विजेता अन्तर सोहिल ही रहेंगे। इधर से ले लो या उधर से। इसलिये उत्तर वाली पोस्ट में माफी मांगते हुए दोनों उत्तरों को ही सही घोषित कर दीजिये। आपने जहां से भी उठाया था बरगद ही उठाया था। अगर बाद में यह बदल गया तो आपकी क्या गलती है।
Paheli ko radd karne ki salah vo hi de raha hai, jisne isme bhag nahi liya. isko bhi dhyan men rakhha jaye.
जवाब देंहटाएंइम्मान्दारी से कह रहे हैं, हमने तो भैय्या सर्च ही किया था.
जवाब देंहटाएंमैंने पूरी पोस्ट पढ़ी।
जवाब देंहटाएंओह यह चित्र आपने अपने कुलीग से लगवाया था तभी तो मै कहूँ आप तो समझदार है फिर ये गलती हुई कैसे
चलो जी गलतियाँ तो होती ही होने के लिए है जी
निपटा मामला
आपकी पोस्ट के चित्र के साथ स्पष्ट नहीं हो रहा है, लेकिन ''Schefflera के बारे में जानकारी व चित्र यहॉं पर उपलब्ध है।'' इस वाक्य के लिंक देखने पर लगा कि यह 'सप्तपर्णी' कहे जाने वाले पेड़ का चित्र है.
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