ऐसा नहीं हो सकता कि आपने 83 वर्षीय प्रलाद जानी उर्फ माताजी के बारे न सुना हो, जो 72 सालों से बिना पानी और खाना के जिंदा हैं। ऐसा दावा क...
ऐसा नहीं हो सकता कि आपने 83 वर्षीय प्रलाद जानी उर्फ माताजी के बारे न सुना हो, जो 72 सालों से बिना पानी और खाना के जिंदा हैं। ऐसा दावा किया है अहमदाबाद के स्टर्लिंग अस्पताल के डाक्टरों ने। उनका कहना है कि उन्होंने प्रहलाद जानी को 15 दिन तक गहन निगरानी में रख कर जाँच की और तत्पश्चात यह पाया कि प्रहलाद जानी का दावा एकदम सच है। वे सचमुच बिना खाना और पानी के न सिर्फ जिंदा हैं बल्कि पूरी तरह से स्वस्थ भी हैं।
क्या कहता है विज्ञान?
डॉक्टरों का मानना है कि कोई भी वयस्क व्यक्ति बिना खाना खाए 30 से 40 दिन तक जीवित रह सकता है। लेकिन बिना पानी के पाँच दिन से ज्यादा जिन्दा रहना सम्भव ही नहीं है। अभी तक उपलब्ध आँकणों के अनुसार 1981 में उत्तरी आयरलैण्ड में कैदियों ने भूख हड़ताल की थी, जिसमें 10 कैदियों की मृत्यु हो गयी थी। उन कैदियों में सिर्फ एक व्यक्ति ही 73 दिन बिना खाए पिए जिंदा रह पाया था।
जानी का दावा
अभी तक जो समाचार सामने आए हैं, उसमें प्रहलाद जानी के दावे के बारे में अलग-अलग जानकारी सुनने को मिल रही है। जैसे इस सम्बंध में ‘आई0बी0एन0 खबर’ का कहना है कि प्रहलाद जानी 72 साल से भूखे-प्यासे हैं, जबकि ‘वेब दुनिया’ के अनुसार उन्होंने 65 सालों से कुछ नहीं खाया है। अब इसमें सच कौन बोल रहा है, यह प्रहलाद जानी ही बेहतर बता सकते हैं।
अगर प्रहलाद जानी की इस कथित दिव्य शक्ति के बारे में विचार किया जाए, तो भी आश्चर्यजनक रूप से दो अलग-अलग बातें प्रकाश में आई हैं। ‘आई0बी0एन0 खबर’ के अनुसार ‘जब वो 12 साल के थे तब तीन बच्चों ने उनके मुंह में उंगली रख दी थी जिसके बाद से ही उन्होंने खाना-पीना छोड़ दिया था।’ जबकि ‘वेब दुनिया’ का कहना है कि ‘ग्यारह वर्ष की उम्र में उन्हें ज्ञान प्राप्त हुआ, और उन्होंने घर त्याग कर जंगलों में रहना शुरू कर दिया। जानी का दावा है कि दैवीय कृपा तथा योग साधना के बल पर वे करीब 65 वर्ष से बिना कुछ खाए पिए-जिंदा हैं।’ जबकि ‘दैनिक भास्कर’ इस बारे में एक अलग ही कहानी बता रहा है। उसका दावा है कि ‘जब वह 17 साल के थे, तब तीन माताओं ने उनकी जीभ पर हाथ घुमाकर आशीर्वाद दिया था कि अब उन्हें खाने-पीने की जरुरत नहीं होगी। तब से वे बिना खाए-पिए जी रहे हैं।’ अब इसमें कौन सी बात सच है, यह जानने के लिए आप अपना दिमाग खुजाते रहिए। इसमें जानी की कोई गलती नहीं होगी।
क्या यह वास्तव में चमत्कार है?
अगर वास्तव में प्रहलाद जानी बिना खाए पिए इतने ? सालों से जिन्दा हैं, तो यह सचमुच चमत्कार है। पर आपको मालूम होना चाहिए कि दुनिया में चमत्कार कुछ भी नहीं होता। अभी तक दुनिया में जितने भी व्यक्ति दुनिया में चमत्कारी शक्तियों का दावा करते पाए गये हैं, विज्ञान उनकी पोल खोल चुका है। आइंस्टाइन के अनुसार न हम ऊर्जा को बना सकते हैं और न उसे नष्ट कर सकते हैं। हम सिर्फ उसका स्वरूप परिवर्तित कर सकते हैं। इसलिए सवाल यह है कि प्रहलाद जानी अगर इतने दिनों से बिना खाए पिए जिंदा हैं, तो उन्हें दैनिक क्रियाओं के लिए शक्ति कहाँ से मिल रही है?
इस सम्बंध में 09 मई को ‘आजतक’ चैनल पर रात्रि 10 बजे प्रसारित एक कार्यक्रम प्रसारित किया गया था, जिसमें पधारे बत्रा अस्पताल, दिल्ली के डाक्टरों का कहना है कि स्टर्लिंग अस्पताल कुछ साल पहले भी इसी तरह के चमत्कार की घोषणा कर चुका है। हमें पूरा यकीन है कि यह अस्पताल की ही कारगुजारी है। क्योंकि डाक्टरों ने जो कथित जाँच की है, उसमें न तो मेडिकल कौंसिल का कोई व्यक्ति शामिल था और न ही मीडिया का कोई व्यक्ति। इससे साफ पता चलता है कि जाँच में खेल किया गया है।
ज्ञातव्य है कि समाचारों में तो यह बताया गया है कि डिफेंस इंस्टीट्यूट ऑफ फिजियोलॉजी एंड एलाइड साइंसेस (डीआईपीएएस-दिपास) के डाक्टर भी इस निरीक्षण में शामिल थे, लेकिन उक्त कार्यक्रम में जब स्टर्लिंग अस्पताल के डाक्टरों से बात की गई, तो इस तरह का कोई भी तथ्य सामने नहीं आया और न ही दिपास द्वारा इस सम्बंध में अलग से कोई प्रेस विज्ञप्ति ही जारी की गयी है। ऐसे में शक स्टर्लिंग अस्पताल के कर्ता-धर्ताओं की ओर ही जाता है कि वे अपने अस्पताल को चर्चा में लाने के लिए इस तरह की कहानी गढ़ रहे हैं।
सच को अभी सामने आना है?
हमारा देश तथाकथित चमत्कारों का देश है। यहाँ पर इस तरह के दावा करने वाले अक्सर सामने आते रहते हैं। कभी कोई बाबा पानी से सारी बीमारियाँ ठीक कर देता है, कभी कोई एक महीने में रूपयों को डबल कर देता है, कभी कोई बाबा मंत्रों से आपरेशन करके कैन्सर तक को हवा कर देता है। लेकिन जब उनकी असली 'सच्चाई' सामने आती है, तो फिर वे कहीं नजर नहीं आते। इसलिए जब तक प्रहलाद जानी की सच्चाई सामने नहीं आ जाती, इस तरह का चमत्कारी माहौल तो बना ही रहेगा।
वैसे हाल की अपनी अहमदाबाद यात्रा के दौरान पूर्व राष्ट्रपति डॉ. एपीजे अब्दुल कलाम ने भी इस घटना में रूचि दिखाई है। इसलिए सम्भव है कि इस चमत्कार की जाँच कई स्तरों पर की जाएगी और आने वाले दिनों में दूध का दूध और पानी का पानी हो जाएगा।
इसकी तो मान्यता प्राप्त विशेषज्ञों से जांच होनी चाहिए.. अगर सच हे तो अच्छे से सामने आना चाहिए... लेकिन समझ नहीं आता इतने सालों से सभी सो रहे है क्या?
जवाब देंहटाएंओह...७२ साल से इतनी महत्वपूर्ण खबर छुपाई गई ...इन्हें आशीर्वाद मिला...ये दूसरों को देते तो ? देश की खाद्यान्न समस्या चुटकी में हल हो गयी होती ! खैर अभी भी देर नहीं हुई ! आशीर्वाद समारोह शुरू किये जायें ! उम्मीद है कृषि मंत्री अब राहत की सांस ले पायेंगे :)
जवाब देंहटाएंहैरत वाली बात तो है ही की ऐसा चमत्कार केसे संभव है, अगर कुछ और है तो सच तो सामने आना ही चाहिए......
जवाब देंहटाएंregards
आपका ब्लॉग घोषणा करता है कि यह 'विज्ञान की जन समझ को विकसित करने का एक विनम्र प्रयास' है. आप इस घोषणा को इस तरह लिखें - 'विज्ञान की जन समझ को विकसित करने का एक पूर्वाग्रही प्रयास', तो उपयुक्त होगा.
जवाब देंहटाएंसमाचारों के अनुसार इस मामले में विशेषज्ञों के दल ने १५ दिन तक गहन जांच की और पाया कि इस दौरान भोजन ग्रहण न करते हुए भी वे स्वास्थ्य रहे.अब आप जांच करने वाले डाक्टरों पर ही उंगली उठा रहे हैं. आपके अनुसार " सच को अभी सामने आना है?" मतलब "सच" वह नहीं है जो घट रहा है, बल्कि वह है जो आप चाहते हैं
खोज इस बात की होनी चाहिए कि ऐसा चमत्कार हो कैसे रहा है. आप आइन्स्टीन का हवाला दे कर केवल सीमित ज्ञान की बात कर रहे हैं. आश्चर्य नहीं कि आने वाले समय में विज्ञान साबित कर दे कि केवल हवा के सहारे भी जीवित रहा जा सकता है,
YE BHARAT HAI BHAAI !
जवाब देंहटाएंSAB HO SAKTA HAI
आपने इसे पोस्ट कर दिया बहुत अच्छा किया
जवाब देंहटाएंमैंने टी वी पर देखा था इस खबर को
और देख कर अचंभित रह गया था , कि ऐसा हो कैसे सकता है.
वैसे अगर logically सोचा जाए तो अगर ऐसा होता सच में तो ७२ साल से ये खबर अब तक तो मशहूर हो जानी चाहिए थी.
वैसे क्या तसलीम अपनी एक वैज्ञानिकों की एक टीम को hire नहीं कर सकता, जो ऐसे मुद्दों की जड़ पता लगा सके ?
क्या तसलीम भी हमारी तरह एक दर्शक ही है?
वैसे तो इसी टीम ने कई बाबाओं के रहस्यों का पर्दा फाश किया है....
कुछ चेनल्स इस तरह की ख़बरों की तलाश में ही रहते है और दिन भर एक ही बात को दोहराते रहते हैं जबकि इन ख़बरों में कोई सच्चाई नहीं होती ... होना तो ये चाहिए कि जब तक इन ख़बरों की हकीकत मीडिया के सामने उजागर न हो तब तक उसे पब्लिक के सामने पेश नहीं करना चाहिए ... पर यहाँ सब बिकाऊ है ... ख़बरें भी .. इन ख़बरों का तो खंडन भी करने की जरुरत नहीं पड़ती .. बाद में कह दिया फलाने की पोल खुल गयी .... सच्चाई से पर्दा हटा ... या , हमने किया धोखेबाज का पर्दाफ़ाश ... वाह जी वाह ... सब चल रहा है .,. सब बिकता है ...
जवाब देंहटाएंहेम पाण्डेय जी, सच यही है कि दुनिया में चमत्कार कुछ भी नहीं होता, जो कुछ होता है, उसके पीछे ठोस वैज्ञानिक कारण होता है। आप यकीन जानिए, प्रहलाद जानी की हकीकत भी जल्दी ही सामने आ जाएगी।
जवाब देंहटाएंजहाँ तक डाक्टरों की जांच की बात है, यह सिर्फ स्टर्लिंग अस्पताल का दावा है। अगर यह दावा सच होता, तो इसमें स्थानीय लोगों, मीडिया के लोगों और मेडिकल कौंसिल के लोगों को शामिल किया जाता। इन सब चीजों का न होना ही इस तथाकथित चमत्कार की कहानी कह देता है।
योगेश भाई, तस्लीम के पास सीमित संसाधन हाने के कारण यह फिलहाल सम्भव नहीं है, हाँ भविष्य में हमारा ऐसा प्रयास रहेगा। और अगर ऐसा किया जाए, तो क्या आप इस टीम में शामिल होना चाहेंगे?
Hamen poorn vishwas hai ki ye doongi aadmi hai aur aspataal wale isi bahane apni dukandari chamka rahe hain.
जवाब देंहटाएंइस टिप्पणी को लेखक द्वारा हटा दिया गया है.
जवाब देंहटाएंअगर यह घटना सत्य है, तो इस व्यक्ति को यह बताना चाहिए कि यह दिव्य शक्ति इसे कहाँ से मिली, जिससे भारत वर्ष में भूख से मरने वाले लाखों लोगों की जान बचायी जा सके। और अगर यह झूठ बोल रहा है, तो जाँच करके इसके खिलाफ और उस अस्पताल के डाक्टरों के सख्त कार्यवाही करनी चाहिए। वैसे जाँच तो जरूरी है, सिर्फ दावों पर विश्वास नहीं किया जा सकता क्योंकि इस तरह के दावे करके सैकडों वर्षों से भारत वर्ष की जनता को बेवकूफ बनाया जा रहा है।
जवाब देंहटाएंएम्.सी.आई को जांच करवानी चाहिए. लेकिन एम्.सी.आई पर खुद ही भ्रष्टाचार की जांच चल रही है.
जवाब देंहटाएंतस्लीम जी, आप कैसे कह सकते हैं कि यह फर्जी घटना है? क्या आपके पास कोई सुबूत है? बिना सुबूत के आप इस तरह की बात कैसे कह सकते हैं?
जवाब देंहटाएंइस टिप्पणी को एक ब्लॉग व्यवस्थापक द्वारा हटा दिया गया है.
जवाब देंहटाएंबेनामी जी,
जवाब देंहटाएंआप इस पोस्ट को ध्यान से पढ़ लें, आपको सारे सुबूत मिल जाएंगे। जिस प्रकार एक व्यक्ति के बारे में कई तरह की बातें सामने आ रही हैं, उससे साफ जाहिर है कि सच वह नहीं है, जो बताया जा रहा है।
दूसरी बात यह कि अगर यह सच है और इसका परीक्षण किया गया है, तो फिर इसे सबसे छुपाकर क्यों रखा जा रहा है?
एक बात और, जब यह व्यक्ति इतने सालों से बिना खाना पानी के जिंदा है, तो फिर यह बता इतने सालों से क्यों छुपी रही?
बेनामी नं0 2,
जवाब देंहटाएंआपको जो कुछ कहना हो, शिष्ट भाषा में कहें, अन्यथा आपके कमेंट को डिलीट करने के सिवा हमारे पास और कोई रास्ता नहीं होगा।
आपकी तर्कपूर्ण और शिष्ट टिप्पणियों का हम सदैव स्वागत करेंगे, भले ही आप वे बातें छिपकर बेनामी के रूप में क्यों न दर्ज करें।
ज़ाकिर भाई
जवाब देंहटाएंबेहद शुक्रिया आपके इस ऑफर के लिए.
लेकिन मेरे लिए शायद इस टीम का हिस्सा बन पाना मुमकिन न होगा. क्योंकि
१. न तो कोई वैज्ञानिक हूँ
२. न तो मुझ में इतने guts हैं कि अपनी नौकरी छोड़ कर, अपनी लाइन बदल कर इस काम में लगूं.
३. न ही मुझ में वो काबलियत है.
४. आप सोच रहे होंगे, के कहते तो सब हैं मगर जब करने के लिए किसी को बोलें तो सब पीछे हट जाते हैं. बात तो आपने सही ही सोची है. ऐसा ही है, इस दुनिया में तमाशा देखने वाले बहुत हैं, लेकिन जो असली काम कर सके वैसे लोग बहुत कम. और आपका प्रयास सराहनीय है.
हम तो सच्चाई जानने के इच्छुक हैं, कि आखिर ये जिंदा है तो कैसे ? और अगर नहीं तो फिर इसका पर्दा फाश होना ही चाहिए.
पहली बात चमत्कार नहीं होते.
जवाब देंहटाएंहर घटना के पीछे एक तर्क संगत कारण जरूर होता है.
झट से धूर्त या ऐसा ही न कहे. बेवकुफ बनाने और पर्दाफाश करने का मामला न हो कर खोज का विषय है. अगर जानी सही कह रहे है तो मानवता की बहुत बड़ी सेवा का मार्ग खुल सकता है. वैज्ञानिको को अपना काम करने दें. झूठ सच सामने आएगा ही.
जानी को पूजने की नहीं उन पर शोध करने की जरूरत है.
आपकी बात से सम्पूर्ण सहमत .
जवाब देंहटाएंये सब वही बाबागिरी का चक्कर है . और चैनलों के पास जब भूत प्रेत और रावन राम वगैरह भी कब्ज़ा जमाये हों तो वह सिर्फ मूर्खों का विश्व बन गया है. इस ढोंग का ' विज्ञानं ' समझने वाले सब समझते हैं और जो अज्ञान में डूबे हैं उन्हें ज्ञान क्या देगा कोई .
हाँ इस तरह की अफवाह फैला सरक जाते रहे हैं लोग पहले भी . जनहित में तथाकथित ' शोध ' कर इन्हें नंगा कर ,जनहित में सजा दी जानी चाहिए क्योंकि ये जनता में अज्ञान बाँट दुकानदारी चला रहे हैं.जनता की नासमझी को भंजा रहे हैं.ये सब जन अपराधी हैं.
चिंता न करें, कुछ ही दिन में बाबाजी की सच्चाई सामने आ जाएगी।
जवाब देंहटाएंहमने भी इनके बारे में टी. वी.पर देखा था...
जवाब देंहटाएं_______________
पाखी की दुनिया में- 'जब अख़बार में हुई पाखी की चर्चा'
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जवाब देंहटाएं.
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सौ फीसदी फर्जी दावा है यह,
कोई न कोई ट्रिक जरूर होगी जिसके जरिये यह आदमी खाना-पानी ले रहा होगा, अब जो लोग इस तरह के हर दावे की जाँच हो...जाँच हो... की माँग उठाते रहते हैं उनसे सिर्फ यह कहना है कि इतना बड़ा मुल्क है हमारा...इतनी आबादी...और इतने ज्यादा सरफिरे और उनके अजीबोगरीब दावे भी...टी वी खोलिये और उसके आध्यात्मिक चैनल खोलिये...सुबह से रात तक हजारों अजीबोगरीब दावे कर रहे हैं लोग... और उन दावों को सही मानने वाले लोग भी हैं...मुझे लगता है सरकार को पूरा एक विभाग ही बनाना पड़ेगा इसके लिये... पर ऐसा होगा नहीं क्योंकि हमारे अधिकांश माननीय जनप्रतिनिधि भी इन तथाकथित चमत्कारियों के भक्त हैं/होने का स्वांग रचते हैं।
मूक दर्शक की तरह हम भी जिज्ञासु हैं.
जवाब देंहटाएंHO SAKTA HAI KI LOG IS BAT KO CHAMTKAR MANE. LEKIN MAI ISE CHAMTKAR NAHI MANTA.
जवाब देंहटाएंAAYURVED ME AISI AVSHADHIYON K BARE ME ULLEKH HAI. YOG KI KUCHH KRIYAON DWARA BHI MANUSHY APNI BHOOKH KO KUCHH SAMAY TK SHANT KAR SAKTE HAI.
IS TATHY KI KHOZ KARNI CHAHIE KI
JANI JI KA DAWA KITNA SACH HAI.
9336196080
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bahut dukh hota hai jab aisi chamatkari dawe kiye jate hain kyonki baad main pardafas ho hi jata hai. To isme der kyun ? Hamare desh ke scientist abhi tak so kyun rahen hain.
जवाब देंहटाएंA man or someone his height was aprox twelves fit and only white body my roommate and myself saw few seconds
जवाब देंहटाएंमैने भी बहुत बार साधना व नवरात्रो मे 9दिन व21
जवाब देंहटाएंदिनो के लिए भुखा रहा हू साधना के वक्त पानी भी
कम पिया जाता था पर खाने के बगेर तो काम चल
जाता हे पर पानी के बगेर नही पर सुना है की
तैलिया कँदन नामक जडी बुन्टी होती है अगर ऊसकौ पारद के साथ खरल करके अगर ऊसकी एक गोलि मुह मे रखले तो
भुख प्यास नही लगति व खुद भी दुर्तगामी बन जाता हे
मै भी 21दिन व 9दिन तक खाने के बगेर बहुत बार नवरात्रा के द्वरान रहा हु पर पानी के बगेर नही
जवाब देंहटाएंकई कई दिन साधना मे रहा पर पानी तो जरुरत होती थी
kahaniya bananey mai indians mahir hai. AGAR ISS BABA MAI KUCH HOTA TOH NASA WALEY KAB K ISSKO UTHA LAY JATEY........PAR NASA WALO JAN CHUKKEY HAI KI INDIANS STORY KITNI FRAUD HOTI HAI AND SORRY INDIAS ARE FOOLS.
जवाब देंहटाएंPURA WORLD SUDER SAKTA HAI PAE WE INDIANS KABHI NAHI
जवाब देंहटाएंChamtkar kuchh vi nahi hota, har ghatna ke piche vaigyanik karn hota h. Per hme ye vi nahi bhoolna chahiye ki manushy sarir ki shakti asimit hoti h, jiski puri jankari scientist s or Dr. ke pas vi nahi h.world me asadharan karya karne wale logo ki kami nahi h.ath is bat ko bin kisi sabut ke galat ya sahi kahna thik nahi.
जवाब देंहटाएंइसरो इसकी जांच कर चुका है वो भी इसका रहस्य नही जान पाए है। आप इसरो की काबिलियत पर शक नही कर सकते।
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