एक खतरनाक ईमेल- आपकी राय की जरूरत है

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मित्रो, कई जगह से फारवर्ड होता हुआ एक खतरनाक ईमेल मेरे पास आया है, जिसमें कुछ ऐसी दवाओं के बारे में बताया गया है, जो अन्‍य देशों मे...



मित्रो, कई जगह से फारवर्ड होता हुआ एक खतरनाक ईमेल मेरे पास आया है, जिसमें कुछ ऐसी दवाओं के बारे में बताया गया है, जो अन्‍य देशों में प्रतिबन्धित हैं। चूंकि मुझे दवाओं या उनकी प्रकृति के बारे में कोई विशेष जानकारी नहीं है, इसलिए मैं इसे आप लोगों के साथ जस का तस (अंग्रेजी में प्रस्‍तुत करने के लिए खेद सहित) शेयर कर रहा हूं और इस बारे में आप लोगों की राय जानना चाहता हूं।
यदि इस सन्‍देश में सत्‍यता है, तो यह बहुत खतरनाक स्थिति है। हमें इस खतरनाक स्थिति के प्रति जागरूक होना चाहिए और सरकार को इसके खिलाफ कार्यवाही करने के लिए जनमत बनाना चाहिए। लेकिन यदि यह सही नहीं है, तो इस तरह की मुहिम को कन्‍डेम किया जाना चाहिए।
कृपया इसे पढें और अपनी कीमती राय से अवगत कराऍं।
"Some information for you
Please Read Very Carefully - INFORM ALL YOUR FRIENDS & FAMILY MEMBERS
India has become a dumping ground for banned drugs; also the business for production of banned drugs is booming. Plz make sure that u buy drugs only if prescribed by a doctor(Also, ask which company manufactures it, this would help to ensure that u get what is prescribed at the Drug Store) and that also from a reputed drug store. Not many people know about these banned drugs and consume them causing a lot of damage to themselves. We forward Jokes and other junk all the time. This is far more important.
Please Make sure u forward it everyone u know.
DANGEROUS DRUGS HAVE BEEN GLOBALLY DISCARDED BUT ARE AVAILABLE IN INDIA . The most common ones are action 500 & Nimulid.
PHENYLPROPANOLAMINE :

cold and cough. Reason for ban : stroke.
Brand name :
Vicks Action-500

ANALGIN:

This is a pain-killer. Reason for ban: Bone marrow depression.
Brand name:
Novalgin

CISAPRIDE:

Acidity, constipation. Reason for ban :
irregular heartbeat
Brand name :
Ciza, Syspride
DROPERIDOL:
Anti-depressant. Reason for ban : Irregular heartbeat.
Brand name :
Droperol

FURAZOLIDONE:

Antidiarrhoeal. Reason for ban : Cancer.
Brand name :
Furoxone, Lomofen
NIMESULIDE:
Painkiller, fever. Reason for ban :
Liver failure.
Brand name :
Nise, Nimulid

NITROFURAZONE:

Antibacterial cream. Reason for ban : Cancer.
Brand name :
Furacin

PHENOLPHTHALEIN:

Laxative. Reason for ban : Cancer.
Brand name :
Agarol

OXYPHENBUTAZONE:
Non-steroidal anti-inflammatory drug. Reason for ban : Bone marrow depression.
Brand name :
Sioril

PIPERAZINE:

Anti-worms. Reason for ban : Nerve damage.
Brand name :
Piperazine

QUINIODOCHLOR:

Anti-diarrhoeal. Reason for ban : Damage to sight.
Brand name:
Enteroquinol

PLZ SPREAD THE INFO....IF U CAN......FOR BETTER FUTURE."

COMMENTS

BLOGGER: 18
  1. बेनामी12/23/2008 2:42 pm

    वैसे इस बारे में मैंने कुछ लोगों से सुन तो रखा है, पर इस बारे में तो कोई डाक्‍टर ही सही ढंग से बता सकता है।

    जवाब देंहटाएं
  2. कभी नोट नही किया न ही ध्यान दिया , मगर यहाँ पढ़ने के बाद जागरूक होने की जरूरत है , सच है विषय गंभीर है..."

    Regards

    जवाब देंहटाएं
  3. -यह ईमेल पिछले तीन सालों से घूम रही है.
    इस लिए इन दावों पर एक दम से यकीन न करें.
    अगर इन बातों में सच्चाई होती तो विक्स या दूसरी pharmaceutical कंपनियां या स्वास्थ्य विभाव इन बातों पर अपनी प्रतिक्रिया जरुर देता.[यह मेरी सोच है ]
    इस लिए जो यह पोस्ट पहली बार पढ़ रहे हैं वे इन बातों से एक दम भयभीत न हों.

    -कोई भी दवा ज्यादा मात्रा में लेने से हानि होती है ,लेकिन फिर भी आप को कोई शक होता है तो अपने चिकित्सक से जरुर
    परामर्श करें .
    -उदाहरन के लिए -asprin जो दिल के मरीजों को दैनिक खुराक में दी ही जाती है ,उस के भी longer use से hemorrhagic stroke /stomach ulcer आदि हो सकते हैं.

    ध्यान रहे -हर दवाई के साइड effects होते हैं.
    even बी-काम्प्लेक्स जैसी आम दवा से भी बहुत बुरा reaction हो सकता है.
    दवाओं के अलावा - मैं ने तो फेयर एंड लवली क्रीम के बारे में भी बहुत कुछ सुना था कि स्किन कैंसर हो जाता है etc.और यही pentene शैंपू के बारे में पढ़ा था लेकिन =
    आज भी सभी जगह फेयर एंड लवली बिक रही है और सब से ज्यादा बिकने वाली fariness क्रीम मानी जाती है.
    मालूम नहीं क्या इस्तमाल करें क्या नहीं?
    * स्वास्थ्य विशषज्ञों से अनुरोध है की ईमेल में लिखे दावों की जांच जरुर की जाए.

    जवाब देंहटाएं
  4. कौन सी चीज है जो दवा नहीं है, और कौनसी चीज है जो जहर नहीं है!

    जवाब देंहटाएं
  5. ई-मेल का अपने को पता नही पर इनमे से ज्यादातर दवाएं अमेरिका आदि विकसित देशों मे बंद हैं पर अपने यहां इनमे से ज्यादातर दवाएं अधिकारिक तौर पर चलन मे हैं ! जो डाक्टरो द्वारा धडल्ले से लिखी जाती हैं !

    अब ये तो जाहिर है कि " अति सर्वत्र वर्जयेत" सो ज्ञानजी ने कहा वही बात सच है ! सब काम संयम से होना चाहिये और डाक्टर की देख रेख मे ही दवाए लेना चहिये ! नेट पर तो यह मेल क्या , सब कुछ घूमता ही रहता ही रहता है !

    रामराम !

    जवाब देंहटाएं
  6. वैसे भी एलोपैथिक दवा चाहे कोई भी हो, वह सुरक्षित नहीं है। वह यदि एक फायदा करती है, तो दस नुकसान भी। इसलिए मेरी राय तो यही है कि एलोपैथिक दवाओं का उपयोग बहुत सोच समझ कर करना चाहिए।

    जवाब देंहटाएं
  7. जी हाँ, यह सच है। इनमे से ज्यादातर दवाएं अमेरिका आदि विकसित देशों मे बंद हैं पर अपने यहां इनमे से ज्यादातर दवाएं अधिकारिक तौर पर चलन मे हैं!! वैसे भी कोई भी एलोपैथिक दवा सुरक्षित नहीं है!!!

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  8. जब तक पूरे सबूत ना मिल जाए कोई बात साबित नहीं होती, वुना मैंने भी है, पर किसी मेल पर विश्वास नहीं किया जा सकता,...
    इससे पहले भी कोक और पेप्सी में मिलावट होने की खबरे आती रहीं हैं...
    ---मीत

    जवाब देंहटाएं
  9. बेनामी12/23/2008 5:45 pm

    एक फार्मास्यूटिकल रिसर्चर होने के नाते मै इन सभी दवाओं के बारे मे अच्छी तरह जानता हूं। और इस ई-मेल मे दी गयी जानकारी पूरी तरह सही है। सभी दवाओं मे साइड इफ़ेक्ट्स होते हैं। और ये एक निश्चित मात्रा तक प्रयोग करने पर सुरक्षित हैं। जिन देशों मे इन पर प्रतिबन्ध है उन्होने इनके विकल्प खोज लिये हैं।

    जवाब देंहटाएं
  10. कोई तीन-चार वर्ष पहले इनमें से कुछ के बारे में ऐसा ही सुना था. तब से इनसे बचने की कोशिश करते हैं. एक बार बिटिया के paeditritian ने जब "Nise" (NIMESULIDE) prescribe की तो उनसे हमने इस बारे में बात की. तब उन्होंने माना था कि इस पर कुछ देशों में प्रतिबन्ध लग गया है और उन्होंने alternative दवा लिख़ दी थी और बाद में भी (कम से कम हमें तो) दूसरी दवा ही लिखते रहे. लेकिन अभी भी यह धड़ल्ले से बिक रही है.

    जवाब देंहटाएं
  11. डॉक्टर साहब की सलाह लेना हमेशा हितकर है. ऐसे ईमेल कयी साल से घूम रहे हैं कुछ कुछ सच्चाई तो है पर हम सोचते हैं की आम भारतीय उन सब चीज़ों से इम्यून होता है जो विदेशियों के लिए घातक होते है. अब पानी ही ले लें. यदि कोई विदेशी बंद बोतल को छोड नल का पानी पिएगा तो निश्चित ही गंभीर रूप से बीमार पड़ जाएगा.

    जवाब देंहटाएं
  12. हमे सभी दवाये बिना ड्रा की सलाह के ओर बिना पढे नही लेनी चाहिये, कई दवाये विदेशो मे प्रतिबन्ध है,उस के कुछ अलग अलग कारण हो सकते है,लेकिन सभी दवायो के लाभ भी है ओर नुकसान भी, इस लिये जितना हो सके इन ऎलोपेथीक दवाओ से दुर ही रहना चाहिये, लेकिन जब जरुरी हो तो लेनी भी चाहिये...
    ओर यह मेल भेजने वाला कोन है? उस का कया मकसद है ?

    जवाब देंहटाएं
  13. दवाओं को सिर्फ़ डॉक्टर ही नहीं चलाते, बाजार भी चलाता है। भारत में दर्द-बुखार और सर्दी जुकाम की दवाएं सीधे दुकानदार से पूछकर खरीद ली जाती हैं। इससे एक तरफ डॉक्टर की फीस बच जाती है तो दूसरी ओर कम पैसे में जल्दी फायदा करने वाली ये दवाएम भी मिल जाती हैं। साइड इफेक्ट के बारे में सोचने की न फ़ुरसत है और न ही जागरूकता है।

    वैसे मेल में दी गयी जानकारी बिलकुल सही है। लेकिन भारत में इन्हें प्रतिबन्धित करना अभी बहुत कठिन है क्यों कि यहाँ इनका सस्ता विकल्प उपलब्ध नहीं हो पाया है। चिकित्सा-प्रशासन के जिम्मेदार लोगों का स्वार्थ भी इन्हें बनाए रखने में निहित हो सकता है।

    जवाब देंहटाएं


  14. शत-प्रतिशत सही जानकारी दी गयी है..बल्कि कुछेक चीजें छूटी सी लगती हैं !
    लागू न किये जाने के कारण... यहाँ न ही पूछें ।
    यह मेरी एक चिरलंबित किश्तवार पोस्ट का पूरा मैटर है..
    प्रतीक्षा करें.. पर अल्पना जी का कथन पूर्णतया सत्य नहीं है ।
    जबकि सिद्धार्थ जी सही कह रहे हैं.. कि बाज़ार भी चलाता है ।
    साथ ही यह भी कटुसत्य है, कि कम्पनियाँ कुछेक दवाओं को बाज़ार में
    ज़बरन चलाने के लिये डाक्टरों का उपयोग भी किया करती हैं !
    प्रलोभन यहाँ भी चलता है, मित्र !

    जवाब देंहटाएं
  15. जैसा की राज जी ने कहा एलोपैथिक दवाओं से यथासम्भव परहेज रखना चाहिए और डॉक्टर भी जब जिक्र करने पर वैकल्पिक दवा लिखते हैं तब तो ख़ुद ही जागरूकता दिखानी होगी.

    जवाब देंहटाएं
  16. मेरी राय में कुछ मार्केटिंग फंडा भी है। रैनबैक्सी की कई दवाइयां अमेरिकी में प्रतिबंधित की गई थीं। काफी विवाद हुआ था। जैसे रिफाइंड ऑयल वालों ने आते ही सरसों के तेल की बिक्री बंद करवा दी थी, तमाम लॉजिक्स के साथ। वैसे ही दवाइयों का मार्केट भी काम कर रहा है।

    जवाब देंहटाएं
  17. इस उपयोगी पोस्ट हेतु बहुत बहुत आभार.
    बाजारीकरण के इस दौर में चिकित्सक और चिकित्सा भी इससे अछूते नही. जबतक मजबूरी न हो एलोपैथी दवाओं के सेवन से बचने का प्रयास करना चाहिए.
    शल्य चिकित्सा जहाँ एलोपैथी का वरदान है वही औषधियों का साइड इफेक्ट प्राणघातक भी हो जाता है कभी कभी.

    जवाब देंहटाएं
  18. दवाईयों के क्षेत्र में कुछ जानकारी रखने के नाते मैं यह कह सकता हूँ की इस ई-मेल पर पूरी तरह भरोसा नहीं किया जा सकता. लगभग हर दवा में side-effects होते हैं, यहाँ तक की होमेओपथिक और आयुर्वेदिक दवाएं भी पूरी तरह सुरक्षित नहीं हैं. सामान्य दर्दनिवारक और बुखार की दावा पेरासिटामोल कई बार जानलेवा हो जाती है पर इस वजह से आप क्रोसिन लेना बंद नहीं कर देते. कई बार मामूली और अस्थाई नुक्सान करने वाली दावा इसलिए दी जाती है क्योंकि उससे होने वाला लाभ पाना ज्यादा जरूरी हो जाता है. दवाओं का प्रयोग निर्देशानुसार ही करना चाहिए. कुछ लोग जल्दी असर होने के चक्कर में कई दवाईयां या तो एक साथ या जल्दी-जल्दी अधिक मात्रा में ले लेते हैं.
    कंपनियों की मार्केटिंग नीति भी इसके लिए जिम्मेदार है. हमारे यहाँ शासन के स्तर पर प्रभावी नियमों और नीतियों की कमी है. आप लगभग हर प्रकार की दवा केमिस्ट से बिना पर्चे के ले सकते हैं.
    यह निर्विवाद है की एलोपेथिक दवाएं कुछ हद तक नुक्सान भी करती हैं पर आधुनिक चिकित्सा अर्थात एलोपेथिक चिकित्सा के कारन ही दुनिया से भयानक रोगों का उपचार सम्भव हो पाया है और मानव की आयु में वृद्धि हुयी है.

    जवाब देंहटाएं
वैज्ञानिक चेतना को समर्पित इस यज्ञ में आपकी आहुति (टिप्पणी) के लिए अग्रिम धन्यवाद। आशा है आपका यह स्नेहभाव सदैव बना रहेगा।

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अंतरिक्ष युद्ध,1,अंतर्राष्‍ट्रीय ब्‍लॉगर सम्‍मेलन,1,अंतर्राष्ट्रीय हिन्दी ब्लॉगर सम्मेलन-2012,1,अतिथि लेखक,2,अन्‍तर्राष्‍ट्रीय सम्‍मेलन,1,आजीवन सदस्यता विजेता,1,आटिज्‍म,1,आदिम जनजाति,1,इंदिरा गांधी नेशनल ओपन यूनिवर्सिटी,1,इग्‍नू,1,इच्छा मृत्यु,1,इलेक्ट्रानिकी आपके लिए,1,इलैक्ट्रिक करेंट,1,ईको फ्रैंडली पटाखे,1,एंटी वेनम,2,एक्सोलोटल लार्वा,1,एड्स अनुदान,1,एड्स का खेल,1,एन सी एस टी सी,1,कवक,1,किंग जार्ज मेडिकल कॉलेज,1,कृत्रिम मांस,1,कृत्रिम वर्षा,1,कैलाश वाजपेयी,1,कोबरा,1,कौमार्य की चाहत,1,क्‍लाउड सीडिंग,1,क्षेत्रीय भाषाओं में विज्ञान कथा लेखन,9,खगोल विज्ञान,2,खाद्य पदार्थों की तासीर,1,खाप पंचायत,1,गुफा मानव,1,ग्रीन हाउस गैस,1,चित्र पहेली,201,चीतल,1,चोलानाईकल,1,जन भागीदारी,4,जनसंख्‍या और खाद्यान्‍न समस्‍या,1,जहाँ डॉक्टर न हो,1,जितेन्‍द्र चौधरी जीतू,1,जी0 एम0 फ़सलें,1,जीवन की खोज,1,जेनेटिक फसलों के दुष्‍प्रभाव,1,जॉय एडम्सन,1,ज्योतिर्विज्ञान,1,ज्योतिष,1,ज्योतिष और विज्ञान,1,ठण्‍ड का आनंद,1,डॉ0 मनोज पटैरिया,1,तस्‍लीम विज्ञान गौरव सम्‍मान,1,द लिविंग फ्लेम,1,दकियानूसी सोच,1,दि इंटरप्रिटेशन ऑफ ड्रीम्स,1,दिल और दिमाग,1,दिव्य शक्ति,1,दुआ-तावीज,2,दैनिक जागरण,1,धुम्रपान निषेध,1,नई पहल,1,नारायण बारेठ,1,नारीवाद,3,निस्‍केयर,1,पटाखों से जलने पर क्‍या करें,1,पर्यावरण और हम,8,पीपुल्‍स समाचार,1,पुनर्जन्म,1,पृथ्‍वी दिवस,1,प्‍यार और मस्तिष्‍क,1,प्रकृति और हम,12,प्रदूषण,1,प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड,1,प्‍लांट हेल्‍थ क्‍लीनिक,1,प्लाज्मा,1,प्लेटलेटस,1,बचपन,1,बलात्‍कार और समाज,1,बाल साहित्‍य में नवलेखन,2,बाल सुरक्षा,1,बी0 प्रेमानन्‍द,4,बीबीसी,1,बैक्‍टीरिया,1,बॉडी स्कैनर,1,ब्रह्माण्‍ड में जीवन,1,ब्लॉग चर्चा,4,ब्‍लॉग्‍स इन मीडिया,1,भारत के महान वैज्ञानिक हरगोविंद खुराना,1,भारत डोगरा,1,भारत सरकार छात्रवृत्ति योजना,1,मंत्रों की अलौकिक शक्ति,1,मनु स्मृति,1,मनोज कुमार पाण्‍डेय,1,मलेरिया की औषधि,1,महाभारत,1,महामहिम राज्‍यपाल जी श्री राम नरेश यादव,1,महाविस्फोट,1,मानवजनित प्रदूषण,1,मिलावटी खून,1,मेरा पन्‍ना,1,युग दधीचि,1,यौन उत्पीड़न,1,यौन शिक्षा,1,यौन शोषण,1,रंगों की फुहार,1,रक्त,1,राष्ट्रीय पक्षी मोर,1,रूहानी ताकत,1,रेड-व्हाइट ब्लड सेल्स,1,लाइट हाउस,1,लोकार्पण समारोह,1,विज्ञान कथा,1,विज्ञान दिवस,2,विज्ञान संचार,1,विश्व एड्स दिवस,1,विषाणु,1,वैज्ञानिक मनोवृत्ति,1,शाकाहार/मांसाहार,1,शिवम मिश्र,1,संदीप,1,सगोत्र विवाह के फायदे,1,सत्य साईं बाबा,1,समगोत्री विवाह,1,समाचार पत्रों में ब्‍लॉगर सम्‍मेलन,1,समाज और हम,14,समुद्र मंथन,1,सर्प दंश,2,सर्प संसार,1,सर्वबाधा निवारण यंत्र,1,सर्वाधिक प्रदूशित शहर,1,सल्फाइड,1,सांप,1,सांप झाड़ने का मंत्र,1,साइंस ब्‍लॉगिंग कार्यशाला,10,साइक्लिंग का महत्‍व,1,सामाजिक चेतना,1,सुरक्षित दीपावली,1,सूत्रकृमि,1,सूर्य ग्रहण,1,स्‍कूल,1,स्टार वार,1,स्टीरॉयड,1,स्‍वाइन फ्लू,2,स्वास्थ्य चेतना,15,हठयोग,1,होलिका दहन,1,‍होली की मस्‍ती,1,Abhishap,4,abraham t kovoor,7,Agriculture,8,AISECT,11,Ank Vidhya,1,antibiotics,1,antivenom,3,apj,1,arshia science fiction,2,AS,26,ASDR,8,B. Premanand,5,Bal Kahani Lekhan Karyashala,1,Balsahitya men Navlekhan,2,Bharat Dogra,1,Bhoot Pret,7,Blogging,1,Bobs Award 2013,2,Books,57,Born Free,1,Bushra Alvera,1,Butterfly Fish,1,Chaetodon Auriga,1,Challenges,9,Chamatkar,1,Child Crisis,4,Children Science Fiction,2,CJ,1,Covid-19,7,current,1,D S Research Centre,1,DDM,5,dinesh-mishra,2,DM,6,Dr. Prashant Arya,1,dream analysis,1,Duwa taveez,1,Duwa-taveez,1,Earth,43,Earth Day,1,eco friendly crackers,1,Education,3,Electric Curent,1,electricfish,1,Elsa,1,Environment,32,Featured,5,flehmen response,1,Gansh Utsav,1,Government Scholarships,1,Great Indian Scientist Hargobind Khorana,1,Green House effect,1,Guest Article,5,Hast Rekha,1,Hathyog,1,Health,69,Health and Food,6,Health and Medicine,1,Healthy Foods,2,Hindi Vibhag,1,human,1,Human behavior,1,humancurrent,1,IBC,5,Indira Gandhi Rajbhasha Puraskar,1,International Bloggers Conference,5,Invention,9,Irfan Hyuman,1,ISRO,5,jacobson organ,1,Jadu Tona,3,Joy Adamson,1,julian assange,1,jyotirvigyan,1,Jyotish,11,Kaal Sarp Dosha Mantra,1,Kaal Sarp Yog Remady,1,KNP,2,Kranti Trivedi Smrati Diwas,1,lady wonder horse,1,Lal Kitab,1,Legends,12,life,2,Love at first site,1,Lucknow University,1,Magic Tricks,9,Magic Tricks in Hindi,9,magic-tricks,8,malaria mosquito,1,malaria prevention,1,man and electric,1,Manjit Singh Boparai,1,mansik bhram,1,media coverage,1,Meditation,1,Mental disease,1,MK,3,MMG,6,Moon,1,MS,3,mystery,1,Myth and Science,2,Nai Pahel,8,National Book Trust,3,Natural therapy,2,NCSTC,2,New Technology,10,NKG,74,Nobel Prize,7,Nuclear Energy,1,Nuclear Reactor,1,OPK,2,Opportunity,9,Otizm,1,paradise fish,1,personality development,1,PK,20,Plant health clinic,1,Power of Tantra-mantra,1,psychology of domestic violence,1,Punarjanm,1,Putra Prapti Mantra,1,Rajiv Gandhi Rashtriya Gyan Vigyan Puraskar,1,Report,9,Researches,2,RR,2,SBWG,3,SBWR,5,SBWS,3,Science and Technology,5,science blogging workshop,22,Science Blogs,1,Science Books,56,Science communication,22,Science Communication Through Blog Writing,7,Science Congress,1,Science Fiction,13,Science Fiction Articles,5,Science Fiction Books,5,Science Fiction Conference,8,Science Fiction Writing in Regional Languages,11,Science Times News and Views,2,science-books,1,science-puzzle,44,Scientific Awareness,5,Scientist,38,SCS,7,SD,4,secrets of octopus paul,1,sexual harassment,1,shirish-khare,4,SKS,11,SN,1,Social Challenge,1,Solar Eclipse,1,Steroid,1,Succesfull Treatment of Cancer,1,superpowers,1,Superstitions,51,Tantra-mantra,19,Tarak Bharti Prakashan,1,The interpretation of dreams,2,Tips,1,Tona Totka,3,tsaliim,9,Universe,27,Vigyan Prasar,33,Vishnu Prashad Chaturvedi,1,VPC,4,VS,6,Washikaran Mantra,1,Where There is No Doctor,1,wikileaks,1,Wildlife,12,Zakir Ali Rajnish Science Fiction,3,
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