मादाम क्यूरी( 7 नवम्बर 1867 – 4 जुलाई 1934) ही सही जवाब है ,जिनका जन्म दिन विगत ७ नवम्बर को था .यह पहेली उस महान विज्ञान विदुषी को जन...
मादाम क्यूरी( 7 नवम्बर 1867 – 4 जुलाई 1934) ही सही जवाब है ,जिनका जन्म दिन विगत ७ नवम्बर को था .यह पहेली उस महान विज्ञान विदुषी को जन्म दिन पर याद करने की एक विनम्र कवायद ही थी -और हिन्दी चिट्ठा जगत ने इसका पूरी जिम्मेदारी से निर्वहन भी किया .यद्यपि बिस्मिल्लाह ही ग़लत हुआ ,भाई मीत ने चित्र को एनी बेसेंट कहा और समीर लाल जी ने और तुरत फुरत ज्ञानदत्त पाण्डेय जी ने भी न जाने किस मकसद से उसी जवाब पर मुहर लगा दी -पर समीर जी अंततः पलटी मार गए और ऐब इनकोंवेंटी के सबसे पहले आए सही जवाब को ही दुहरा दिया (ज्ञान जी असली अफसर है ,कह दिया तो कह दिया ) .हो सकता है समीर जी कोई प्रयोग कर रहे हों .इस बार यह धारणा भी ध्वस्त हो गयी कि लोग पहले आए जवाबों को ही दुहराने लगते हैं -ऐसा होता तो एनी बेसेंट की ही गूँज बनी रहती !
मदाम क्यूरी के बारे में सुधी ब्लॉगर मित्रों ने पर्याप्त जानकारी भी दे दी है अब यहाँ उनके दुहराव की जरूरत नही है .बजाय इसके कि एक बार फिर से यह बता दिया जाय कि यह वह विलक्षण शख्शियत है जिन्हें दो नोबेल मिला है भौतिकी और रसायन शास्त्र में -और यह पेरिस विश्विद्यालय की पहली महिला प्रोफेसर थीं .विस्तृत विवरण यहाँ तो उपलब्ध है ही !
चित्र पहेली में स्मार्ट इंडियन ,अभी निलंबित जीवन जी रहे अपने ताऊ( ताऊ खुदा न करें यदि गुजर गए हो तो पहेली कैसे बूझी ?आख़िर पोल खुल ही गयी ना ! ) ,विवेक गुप्ता ,सतीश सक्सेना ,भूतनाथ ,सीमा गुप्ता जी का (तफसील से आया )सही जवाब ! रंजना (रंजू ) जी का भी वोट सही जवाब को रहा और तरुण जी ने सटीक उत्तर दिया .पी एन सुब्रमन्यम ने बहुमत का साथ दिया तो पारुल जी ने ताऊ के जवाब पर भरोसा किया -ताऊ से ईर्ष्या हो रही है ,देखो तो बन्दे ने कैसी शाख बना ली है -अब जब पारुल जी को असलियत पता लगेगी तब तक तो काफी देर हो चुकी रहेगी ! ताऊ के चलते कितने परिवार बिखर चुके हैं -एक सेठ दीवालिया हो चुका है बिचारा और सेठानी स्वर्गवासी -पारुल जी जरा गौर करें-यह इंसान बहुत ही फितरती हैं .आप पहले की ही तरह समीर जी और मुझ पर ही केवल भरोसा कर सकती हैं ।
संजय बेंगाणी जी तो गलत जवाब दे ही नही सकते जी ! अभिषेक ने भी दोनों नोबेल वाली बात रेखांकित की ! लवली लवली जी आयीं और सही जवाब तो दिया ही ,मैडम पर एक लेखमाला का भी वायदा किया -पूरा भरोसा है कि वे अपना वादा जल्द निभाएंगी.मीनू खरे जी और फिरदौस जी रेलिजन पर बहले मुख्तलिफ विचार रखते हों मगर विज्ञान के मामले में एकमत है -उनके सही जवाब ने यह भी इंगित किया कि विज्ञान अपनी प्रकृति के मामले में ज्यादा सार्वभौमिक है .राज भाटिया जी ने भी तफसील से उतर दिया पर ताऊ के साथ चुहलबाजी हावी रही .अभिषेक जी के लिए अब बचा ही क्या था -उन्होंने दोनों जहाँ खोया -न तो सही जवाब देने का रोमांच रहा और न ही ताऊ की खिचाई में भाटिया जी ने कोई कसर छोडी थी !
आप सभी को बहुत बहुत बधाई ,शुक्रिया !
मदाम क्यूरी के बारे में सुधी ब्लॉगर मित्रों ने पर्याप्त जानकारी भी दे दी है अब यहाँ उनके दुहराव की जरूरत नही है .बजाय इसके कि एक बार फिर से यह बता दिया जाय कि यह वह विलक्षण शख्शियत है जिन्हें दो नोबेल मिला है भौतिकी और रसायन शास्त्र में -और यह पेरिस विश्विद्यालय की पहली महिला प्रोफेसर थीं .विस्तृत विवरण यहाँ तो उपलब्ध है ही !
चित्र पहेली में स्मार्ट इंडियन ,अभी निलंबित जीवन जी रहे अपने ताऊ( ताऊ खुदा न करें यदि गुजर गए हो तो पहेली कैसे बूझी ?आख़िर पोल खुल ही गयी ना ! ) ,विवेक गुप्ता ,सतीश सक्सेना ,भूतनाथ ,सीमा गुप्ता जी का (तफसील से आया )सही जवाब ! रंजना (रंजू ) जी का भी वोट सही जवाब को रहा और तरुण जी ने सटीक उत्तर दिया .पी एन सुब्रमन्यम ने बहुमत का साथ दिया तो पारुल जी ने ताऊ के जवाब पर भरोसा किया -ताऊ से ईर्ष्या हो रही है ,देखो तो बन्दे ने कैसी शाख बना ली है -अब जब पारुल जी को असलियत पता लगेगी तब तक तो काफी देर हो चुकी रहेगी ! ताऊ के चलते कितने परिवार बिखर चुके हैं -एक सेठ दीवालिया हो चुका है बिचारा और सेठानी स्वर्गवासी -पारुल जी जरा गौर करें-यह इंसान बहुत ही फितरती हैं .आप पहले की ही तरह समीर जी और मुझ पर ही केवल भरोसा कर सकती हैं ।
संजय बेंगाणी जी तो गलत जवाब दे ही नही सकते जी ! अभिषेक ने भी दोनों नोबेल वाली बात रेखांकित की ! लवली लवली जी आयीं और सही जवाब तो दिया ही ,मैडम पर एक लेखमाला का भी वायदा किया -पूरा भरोसा है कि वे अपना वादा जल्द निभाएंगी.मीनू खरे जी और फिरदौस जी रेलिजन पर बहले मुख्तलिफ विचार रखते हों मगर विज्ञान के मामले में एकमत है -उनके सही जवाब ने यह भी इंगित किया कि विज्ञान अपनी प्रकृति के मामले में ज्यादा सार्वभौमिक है .राज भाटिया जी ने भी तफसील से उतर दिया पर ताऊ के साथ चुहलबाजी हावी रही .अभिषेक जी के लिए अब बचा ही क्या था -उन्होंने दोनों जहाँ खोया -न तो सही जवाब देने का रोमांच रहा और न ही ताऊ की खिचाई में भाटिया जी ने कोई कसर छोडी थी !
आप सभी को बहुत बहुत बधाई ,शुक्रिया !
सब पास हो गए इस बार .बधाई :)
जवाब देंहटाएंअरविन्द जी आप ग़लत समझ रहे हैं फिरदौस जी से मेरा मतभेद आतंकवाद पर उनके लेखों से है, न की उनके धर्म से. हिन्दू होने के नाते मैं सभी धर्मों का सम्मान करती हूँ . हिन्दू मुस्लिम एकता पर मैंने बहुत काम भी किया है.
जवाब देंहटाएंछूट गयी ये पहेली. आजकल अनियमित हैं हिन्दी चिट्ठों पर.
जवाब देंहटाएंab inconvenienti जी को बधाई. पहला सही उत्तर ही मायने रखता है. बाकियों के लिए तो उनसे पहले आए जवाबों को नेट पर चेक करने का ही काम रह जाता है. दस सेकंड लगते हैं इसमें. इसीलिये ऐसा होता है की एक बार सही उत्तर आ जाए तो उसे दुहराने वालों की लाइन लग जाती है. मेरी राय है कि यहाँ कमेन्ट मॉडरेशन लागू करना चाहिए ताकि दूसरों के उत्तर ना देखे जा सकें.
मगर फ़िर यह भी तय मानिए कि टिप्पणियों की संख्या में भारी कमी आयेगी और कुछ मजा जाता रहेगा.
ये पिछला वाला मेरा कमेन्ट है, गलती से दूसरी आईडी से हो गया.
जवाब देंहटाएंarvind ji..sameer ji to khud galat javab teep rahey hain..ha ha
जवाब देंहटाएंहम आये नहीं
जवाब देंहटाएंकविसम्मेलन में गये थे वरना बता देते
मिश्राजी , अभी हम नर्क पहुँचने के रास्ते में हैं ! अभी चाँद पर भाटियाजी के ठेले पर रुके हैं ! कुछ सुस्ता कर आगे जायेंगे ! और भाटिया जी ने यहाँ चाँद पर एक फोटो स्टूडियो खोल लिया है सो ये बोले एक फोटो भी खिंचवाते जाओ ! नीचे भेज दूँगा माला वाला चढाने के काम आयेगा ! वो कमेन्ट मैंने यहीं से किया था ! :)
जवाब देंहटाएंबहुत आभार, पल्टी को मान्यता देने का.
जवाब देंहटाएंपारुल जी, आप शायद हमारा बाद में पलटी खाने के बाद का सही जबाब पढ़ना भूल गई हैं. :)
बहुत आभार, पल्टी को मान्यता देने का.
जवाब देंहटाएंपारुल जी, आप शायद हमारा बाद में पलटी खाने के बाद का सही जबाब पढ़ना भूल गई हैं. :)
समीर जी हमारे आजीज है, लेकिन आप ने गलत बात की सब से पहले सही जबाब ab inconvenienti का था, आगे आप की मर्जी, लेकिन इस बार हमे आप का जबाब पढ कर कोई खुशी नही हुयी, बल्कि निराशा ही हाथ लगी....
जवाब देंहटाएंधन्यवाद गलत बात के लिये
दो दिन छुट्टी होने के कारण पहेली नही बूझ सका. पर विजेताओं को बधाई देने तो आ ही गया.
जवाब देंहटाएंमैं यहाँ आज पहली बार आया हूँ। यह तो बड़ी मजेदार जगह है भाई...। ...चलिए, इसे डालते हैं ब्लॉगरोल में।
जवाब देंहटाएंab to main bhi roj boojhoonga!!
जवाब देंहटाएंmaster jo thahra
भाई आप से सहमत है, मै गलत समझ बेठा था, माफ़ करे, भाई सभी से गलती हो सकती है,
जवाब देंहटाएं" very good and interesting analysis..... congrates to all the participants.."
जवाब देंहटाएंRegards
अगली पहेली कब..?
जवाब देंहटाएंअगली पहेली कब..?
जवाब देंहटाएं