पूरी दुनिया को झकझोर रही है ग्रेटा थनबर्ग की पर्यावरण मुहिम

SHARE:

Greta Thunberg Information in Hindi

पूरी दुनिया को झकझोर रही है ग्रेटा थनबर्ग की पर्यावरण मुहिम

-जाहिद खान

16 साल की स्वीडिश पर्यावरण एक्टिविस्ट ग्रेटा थनबर्ग Greta Thunberg अपनी पर्यावरण सम्बंधी मुहिम के कारण आजकल चर्चा में है। जलवायु परिवर्तन और उसके दुष्प्रभावों से लोगों को जागरूक करने के लिए, ग्रेटा ने जो आंदोलन छेड़ रखा है, उसे व्यापक जनसमर्थन मिल रहा है। यह आंदोलन बच्चों और नौजवानों को अपनी ओर खूब आकर्षित कर रहा है। बीते 20 सितम्बर को शुक्रवार के दिन दुनिया भर में लाखों स्कूली बच्चों ने जलवायु संकट की चुनौतियों से निपटने के कदम उठाने का आहृान करते हुए प्रदर्शन किया। इस प्रदर्शन में उनके साथ बड़े लोग भी शामिल हुए। 

Greta Thunberg
ग्रेटा की इस मुहिम का असर दुनिया भर में इतना हुआ है कि अमेरिका में न्यूयार्क के स्कूलों ने अपने यहां के 11 लाख बच्चों को खुद ही शुक्रवार की छुट्टी दे दी। ताकि वे ‘वैश्विक जलवायु हड़ताल’ में शामिल हो सकें। यही नहीं आस्ट्रेलिया के मेलबर्न शहर में करीब 1 लाख लोग इस मुहिम से जुड़े। अपने देश में भी कई बड़े शहरों के अलावा राजधानी दिल्ली में स्कूली बच्चों और पर्यावरण कार्यकर्ताओं ने जंतर-मंतर पर प्रदर्शन कर, लोगों को इस समस्या के प्रति ध्यान दिलाया। 

ग्रेटा थनबर्ग का परिवार Greta Thunberg Age & Family

Greta thunberg family
ग्रेटा अर्नमैन थनबर्ग कर जन्म 3 जनवरी, 2003  को स्टॉकहोम में हुआ था। उनकी मां का नाम मलेना अर्नमैन है। वे एक मशहूर ओपेरा सिंगर हैं। उनके पिता का नाम स्वान्ते थनबर्ग है, जोकि एक लोकप्रिय अभिनेता हैं। उनके दादा का नाम ओलोफ थनबर्ग है, और वे एक मशहूर अभिनेता और निर्देशक हैं।

पर्यावरण आंदोलन की शुरूआत

पर्यावरण के प्रति ग्रेटा थनबर्ग की संवेदनशीलता और प्यार शुरू से ही था। महज नौ साल की छोटी सी उम्र में, जब वे तीसरी क्लास में पढ़ रही थीं, उन्होंने क्लाइमेट एक्टिविजम में हिस्सा लेना शुरू कर दिया था। लेकिन ग्रेटा की ओर सबका ध्यान उस वक्त गया, जब उसने पिछले साल अगस्त में अकेले ही स्वीडिश संसद के बाहर पर्यावरण को बचाने के लिए हड़ताल का आगाज किया। ग्रेटा की स्वीडन सरकार से मांग थी कि वो पेरिस समझौते के मुताबिक अपने हिस्से का कार्बन उत्सर्जन कम करे। 

ग्रेटा ने अपने दोस्तों और स्कूल वालों से भी इस हड़ताल में शामिल होने की अपील की, लेकिन सभी ने इसमें शामिल होने से इंकार कर दिया। यहां तक कि ग्रेटा के माता-पिता भी पहले इस मुहिम के लिए मानसिक तौर पर तैयार नही थे। ग्रेटा को ऐसा कुछ करने से रोकने की उन्होंने अपनी तरफ से कोशिश भी की, लेकिन ग्रेटा रूकी नहीं। 

स्कूल स्ट्राइक फॉर क्लाइमेट मूवमेंट School Strike for Climate Movement

ग्रेटा ने पहले ‘स्कूल स्ट्राइक फॉर क्लाइमेट मूवमेंट’ School Strike for Climate Movement की स्थापना की। खुद अपने हाथ से बैनर पैंट किया और स्वीडन की सड़कों पर घूमने लगीं। उसके बुलंद हौसले का ही नतीजा था कि लोग उसके पीछे आते चले गए और कारवां बनता चला गया।

ग्रेटा थनबर्ग का यह आंदोलन बच्चों में इतना कामयाब रहा कि पूरी दुनिया के स्कूली बच्चे उनके साथ हो लिए। आज आलम यह है कि पर्यावरण बचाने के इस महान आंदोलन में एक लाख से ज्यादा विद्यार्थी शामिल हो गए हैं। इसी साल 15 मार्च के दिन, दुनिया के कई शहरों में विद्यार्थियों ने एक साथ पर्यावरण संबंधी प्रदर्शनों में भाग लिया और भविष्य में भी प्रत्येक शुक्रवार को ऐसा करने का फैसला लिया है। अपने इस कैंपेन का नाम उन्होंने ‘फ्राइडेज़ फॉर फ्यूचर’ Fridays for Future (अपने भविष्य के लिये शुक्रवार) दिया है। शुक्रवार के दिन बच्चे स्कूल जाने की बजाय, सड़कों पर उतरकर अपना विरोध दर्ज करवाएंगे। ताकि दुनिया भर के नेताओं, नीति निर्माताओं का ध्यान पर्यावरणीय संकट की तरफ जाए। वे इसके प्रति संजीदा हों और पर्यावरण बचाने के लिए अपने-अपने यहां व्यापक कदम उठाएं। जाहिर है कि यह एक ऐसी मुहिम है जिसका सभी को समर्थन करना चाहिए। क्योंकि यदि दुनिया नहीं बचेगी, तो लोग भी नहीं बचेंगे।

Greta Thunberg UN speech

ग्रेटा थनबर्ग का भाषण Greta Thunberg Speech

अपनी इस मुहिम से ग्रेटा ने जो सवाल उठाए हैं और वे जिस अंदाज में बात करती हैं, उसका लोगों पर काफी असर होता है। वे अपने भाषणों में बड़ी-बड़ी बातें नहीं कहतीं, छोटी-छोटी बातों और मिसालों से उन्हें समझाती हैं, ‘’बिजली बल्ब बंद करने से लेकर पानी की बर्बादी रोकने और खाने को न फेंकने जैसी बातें मैं हमेशा से सुनती आई थी। जब मैंने इसकी वजह पूछी, तो मुझे बताया गया कि जलवायु परिवर्तन से निपटने के लिए ऐसा किया जा रहा है। मुझे यह जानकर हैरानी हुई कि लोग इसके बारे में कम ही बात करते हैं। अगर हम इंसान जलवायु परिवर्तन के प्रभावों को रोक सकते हैं, तो हमें इसके बारे में बात करनी चाहिए।’’ 

पर्यावरण के जानिब दुनिया के तमाम हुक्मरानों की लापरवाही और उदासीनता देखकर, ग्रेटा कभी-कभी इतनी तल्ख हो जाती हैं कि ये तल्खियां उनके वक्तव्य में भी नजर आती है,‘‘हमारे पास कोई प्लेनेट-बी यानी दूसरा ग्रह नहीं है, जहां जाकर इंसान बस जाए। लिहाजा हमें हर हाल में धरती को बचाना होगा।’’

उनकी यह बात सही भी है। लेकिन इतनी आसान सी बात, सत्ता के नशे में चूर हुक्मरानों को समझ में नहीं आती। वे इन बातों को इस तरह से नजरअंदाज करते हैं, जैसे कि कुछ जानते नहीं। 

वैश्विक मंचों तक पहुंच

पर्यावरण बचाने की ग्रेटा थनबर्ग की यह बेमिसाल मुहिम स्कूलों में तो चल ही रही है, इसके अलावा उन्होंने अपनी इस मुहिम को अब स्कूल की चारदीवारी, बल्कि यह कहें कि अपने देश की सरहदों से भी बाहर निकाल दिया है। स्टॉकहोम, हेलसिंकी, ब्रुसेल्स और लंदन समेत दुनिया के कई देशों में जाकर ग्रेटा ने अलग-अलग मंचो पर जलवायु परिवर्तन से निपटने के लिए अपनी आवाज उठाई है। दावोस में विश्व आर्थिक मंच के एक सत्र को भी ग्रेटा ने संबोधित किया है। यही नहीं पिछले साल दिसंबर में पोलैंड के काटोवाइस में आयोजित, जलवायु परिवर्तन पर संयुक्त राष्ट्र फ्रेमवर्क कन्वेंशन (United Nations Framework Convention on Climate Change - UNFCCC) से संबंधित कांफ्रेंस ऑफ पार्टीज (COP) की 24वीं बैठक में उन्होंने हिस्सा लिया और पर्यावरण पर अपना जबर्दस्त भाषण दिया था।

अपने इन भाषणों में वे लोगों को पर्यावरण के प्रति जागरूक करती हैं। जलवायु संकट के बारे में उन्हें अपने खास अंदाज से समझाती हैं। मसलन ‘’हम दुनिया के नेताओं से भीख मांगने नहीं आए हैं। आपने हमें पहले भी नजरअंदाज किया है और आगे भी करेंगे। लेकिन अब हमारे पास वक्त नहीं है। हम यहां आपको यह बताने आए हैं कि पर्यावरण खतरे में है।’’ 

उनके जज्बाती और बेबाक भाषण का लोगों पर काफी असर होता है। जो काम बड़ी-बड़ी बातें नहीं करतीं, छोटी बातें कर जाती हैं। ग्रेटा की इस ग्रेट मुहिम का असर आहिस्ता-आहिस्ता ही सही, अब दिखने लगा है। आम आदमी से लेकर सियासी लीडर भी ग्रेटा की इन चिंताओं में शरीक होने लगे हैं। ग्रेटा से ही प्रभावित होकर दुनिया भर के तकरीबन 2,000 स्थानों पर पर्यावरण को बचाने के लिए प्रदर्शन हो रहे हैं। अपना काम-काज छोड़कर, लोग सड़कों पर निकल रहे हैं। ब्रिटेन में पिछले दिनों यहां के लाखों लोगों ने ग्रेटा थनबर्ग के साथ सड़कों पर इस मांग के साथ प्रदर्शन किया कि देश में क्लाइमेट इमरजेंसी लगाई जाए। इस प्रदर्शन का नतीजा यह रहा कि ब्रिटेन की संसद को ये फैसला करना पड़ा और उसने देश में क्लाइमेट इमरजेंसी लगा दी। यह करके ब्रिटेन, दुनिया में अपनी तरह का एक अनूठा और ऐतिहासिक कदम उठाने वाला, पहला देश बन गया।

ग्रेटा अपनी बात लोगों तक पहुंचाने के लिए सिर्फ उनके बीच ही नहीं जाती, बल्कि सोशल मीडिया का भी जमकर इस्तेमाल करती है। क्योंकि उसे मालूम है कि आज का युवा अपना सबसे ज्यादा वक्त इस माध्यम पर बिताता है। लिहाजा वह इस माध्यम का सकारात्मक इस्तेमाल करती है। ट्विटर के जरिए उन्हें जागरूक करती है। पर्यावरण बचाने के लिए वे आगे आएं, इसके लिए प्रेरित करती है। 

ग्रेटा अर्नमैन की नरेंद्र मोदी से अपील

ग्रेटा ने हमारे देश के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को भी एक वीडियो के जरिए संदेश भेजा था। जिसमें उन्होंने प्रधानमंत्री से गुजारिश की थी कि वे पर्यावरण बचाने और जलवायु परिवर्तन के संकटों से उबरने के लिए अपने देश में गंभीर कदम उठाएं। पर्यावरण बचाने की अपनी इस ग्रेट मुहिम से ग्रेटा थनबर्ग का नाता सिर्फ सैद्धांतिक नहीं है, बल्कि अपने व्यवहार से कोशिश करती हैं कि खुद भी इस पर अमल करें। 

23 सितंबर को न्यूयॉर्क में हुई संयुक्त राष्ट्र की क्लाइमेट समिट में ग्रेटा थनबर्ग भी शामिल हुईं। क्लाइमेट समिट में संयुक्त राष्ट्र ने उन्हें विशेष वक्ता के तौर पर बुलाया था। स्वीडन से न्यूयॉर्क की लंबी यात्रा उन्होंने यॉट में सफर कर तय की। वजह, ताकि अपने हिस्से का कार्बन उत्सर्जन रोका जा सके। यॉट में सौर पैनल और अंडरवाटर टर्बाइन लगे हुए थे, जिससे पर्यावरण को जरा सा भी नुकसान नहीं होता। यह छोटी-छोटी बातें हैं, जो बतलाती हैं कि यदि हम जागरूक रहें, तो पर्यावरण बचाने में अपना भी योगदान दे सकते हैं। अनुपयोगी पदार्थ प्रबंधन, जैव विविधता, जलवायु परिर्वतन के प्रति संवेदनशील व जागरूक रहने से ही काफी कुछ बचाया जा सकता है।

संयुक्त राष्ट्र की जलवायु बैठक में दुनिया भर के क़रीब 60 देशों के नेताओं ने हिस्सा लिया। ग्रेटा थनबर्ग की जब बारी आई, तो उन्होंने दुनिया भर के आला लीडरों के सामने अपनी अनेक चिंताएं और सवाल रखे। विश्व नेताओं पर जलवायु परिवर्तन पर कार्रवाई करने में नाकाम रहने का इल्जाम लगाते हुए उन्होंने कहा, ‘‘आपने हमारे सपने, हमारा बचपन अपने खोखले बयानबाज़ी से छीन लिया है। आपका यह रवैया पूरी तरह से ग़लत है। कायदे से मुझे यहां नहीं होना चाहिए था। मुझे महासागर पार स्कूल में होना चाहिए था। आपकी गैर जिम्मेवाराना हरकतों की वजह से मैंने अपनी पढ़ाई से एक साल की छुट्टी ले रखी है। लेकिन आपको इससे कोई फर्क नहीं पड़ता।’’ 

संयुक्त राष्ट्र के महासचिव एंटोनियो गुटेरेस Antonio Guterres ने भी ग्रेटा की बात से अपनी रजामंदी जताते हुए कहा,‘‘दुनिया में एक गहरा जलवायु संकट है और इसके लिए तत्काल कार्रवाई की ज़रूरत है।’’ 

ग्रेटा अर्नमैन को मिले पुरस्कार Greta Thunberg Award

ग्लोबल वार्मिंग के प्रति जागरूकता फैलाने के लिए ग्रेटा थनबर्ग को इतनी कम उम्र में ही कई सम्मानों और पुरस्कारों से नवाजा जा चुका है। एमनेस्टी इंटरनेशनल के ‘एम्बेसडर ऑफ कनसाइंस अवॉर्ड, 2019’ के अलावा दुनिया की प्रतिष्ठित टाइम मैगजीन ने ग्रेटा को साल 2018 की सबसे प्रभावशाली 25 टीनएजर्स की सूची में शामिल किया है। यही नहीं तीन नॉर्वेजियन सांसदों ने पिछले दिनों ग्रेटा को नोबल शांति पुरस्कार के लिए नामित किया है। जाहिर है कि यह उनके काम का सबसे बड़ा सम्मान है।

जलवायु परिवर्तन की वास्तविक चुनौतियां

आज पूरी दुनिया जलवायु परिवर्तन के गंभीर संकट से जूझ रही है। अलग-अलग रिपोर्टें इस संकट के प्रति हमें आगाह करती हैं। ‘विश्व मौसम विज्ञान संगठन’ (डब्ल्यूएमओ) की एक रिपोर्ट के मुताबिक पिछले पाँच साल की तुलना में कार्बन उत्सर्जन 20 फीसदी बढ़ा है। साल 2014 से 2019 के बीच दुनिया भर में रिकॉर्ड गर्मी रही है। वहीं यूएन की एक रिपोर्ट कहती है कि दुनिया भर के 10 लोगों में से 9 लोग जहरीली हवा लेने को मजबूर हैं। हर साल 70 लाख मौतें, वायु प्रदूषण की वजह से होती है। इन 70 लाख लोगों में 40 लाख का आंकड़ा एशिया से आता है। 

जलवायु परिवर्तन की वजह से होने वाले खराब मौसम की वजह से हमारे देश में ही हर साल 3,660 लोगों की मौतें हो जाती हैं। जलवायु परिवर्तन की वजह से दुनिया को कितना नुकसान हो रहा है ? लांसेट की एक रिपोर्ट बतलाती है। रिपोर्ट के मुताबिक, दुनिया भर में जलवायु परिवर्तन के चलते 153 अरब कामकाजी घंटे बर्बाद हुए हैं। जिसके चलते उत्पादकता के क्षेत्र में भी भारी कमी आई है, जिससे पूरी दुनिया को 326 अरब डॉलर का नुकसान पहुंचा है। इसमें 160 अरब डॉलर का नुकसान तो सिर्फ भारत को ही हुआ है।

पर्यावरणविदों का मानना है कि अगर सही समय पर कार्बन उत्सर्जन को कम करने के प्रयास नहीं किए गए, तो पृथ्वी के सभी जीव जन्तुओं का अस्तित्व खतरे में आ जाएगा। ग्लोबल वार्मिग का खतरा सभी देशों के लिये एक बड़ी चुनौती है। इस गंभीर चुनौती से तभी निपटा जा सकता है, जब सभी इसके प्रति जागरूक हों और पर्यावरण बचाने के लिए मिलकर योजनाबद्ध तरीके से काम करें। खास तौर से हमारी नई पीढ़ी इसके लिए आगे आए। अपनी जिम्मेदारियों को खुद समझे और दूसरों को भी समझाएं। जलवायु परिवर्तन के संकट से जूझ रही दुनिया के सामने, अपने जागरूकता अभियान से ग्रेटा थनबर्ग ने एक शानदार मिसाल पेश की है। दुनिया को बतलाया है कि अभी भी ज्यादा वक्त नहीं बीता, संभल जाएं। वरना, पछताने के लिए कोई नहीं बचेगा।

ग्रेटा थनबर्ग की यूएन स्पीच Greta Thunberg UN Speech

ग्रेटा थनबर्ग द्वारा संयुक्त राष्ट्र संघ में दी गयी प्रेरक स्पीच आप यहां सुन सकते हैं-

 
लेखक परिचय
जाहिद खान एक समर्पित लेखक और पत्रकार हैं। आपके लेख  राष्ट्रीय स्तर की पत्र-पत्रिकाओं में नियमित रूप से प्रकाशित होते रहते हैं। आप ‘आजाद हिंदुस्तान में मुसलमान’, ‘संघ का हिंदुस्तान’, ‘तरक्कीपसंद तहरीक के हमसफर’, ‘फैसले जो नजीर बन गए’ और ‘आधी आबादी अधूरा सफर’ पुस्तकों के लेखक हैं और ‘लाडली मीडिया एंड एडवर्टाइजिंग अवार्ड फाॅर जेंडर सेंसिटिव्हिटी पुरस्कार’, ‘साउथ एशिया लाडली मीडिया एंड एडवर्टाइजिंग अवार्ड फाॅर जेंडर सेंसिटिव्हिटी पुरस्कार' और मध्यप्रदेश हिन्दी साहित्य सम्मेलन के 'वागीश्वरी पुरस्कार' से सम्मानित किये जा चुके हैं। श्री जाहिद खान से उनके ईमेल आईडी jahidk.khan@gmail.com पर संपर्क किया जा सकता है।
keywords: greta thunberg speech, greta thunberg nobel prize, greta thunberg quotes, greta thunberg age, greta thunberg un speech, greta thunberg speech text, greta thunberg in hindi

COMMENTS

BLOGGER
नाम

अंतरिक्ष युद्ध,1,अंतर्राष्‍ट्रीय ब्‍लॉगर सम्‍मेलन,1,अंतर्राष्ट्रीय हिन्दी ब्लॉगर सम्मेलन-2012,1,अतिथि लेखक,2,अन्‍तर्राष्‍ट्रीय सम्‍मेलन,1,आजीवन सदस्यता विजेता,1,आटिज्‍म,1,आदिम जनजाति,1,इंदिरा गांधी नेशनल ओपन यूनिवर्सिटी,1,इग्‍नू,1,इच्छा मृत्यु,1,इलेक्ट्रानिकी आपके लिए,1,इलैक्ट्रिक करेंट,1,ईको फ्रैंडली पटाखे,1,एंटी वेनम,2,एक्सोलोटल लार्वा,1,एड्स अनुदान,1,एड्स का खेल,1,एन सी एस टी सी,1,कवक,1,किंग जार्ज मेडिकल कॉलेज,1,कृत्रिम मांस,1,कृत्रिम वर्षा,1,कैलाश वाजपेयी,1,कोबरा,1,कौमार्य की चाहत,1,क्‍लाउड सीडिंग,1,क्षेत्रीय भाषाओं में विज्ञान कथा लेखन,9,खगोल विज्ञान,2,खाद्य पदार्थों की तासीर,1,खाप पंचायत,1,गुफा मानव,1,ग्रीन हाउस गैस,1,चित्र पहेली,201,चीतल,1,चोलानाईकल,1,जन भागीदारी,4,जनसंख्‍या और खाद्यान्‍न समस्‍या,1,जहाँ डॉक्टर न हो,1,जितेन्‍द्र चौधरी जीतू,1,जी0 एम0 फ़सलें,1,जीवन की खोज,1,जेनेटिक फसलों के दुष्‍प्रभाव,1,जॉय एडम्सन,1,ज्योतिर्विज्ञान,1,ज्योतिष,1,ज्योतिष और विज्ञान,1,ठण्‍ड का आनंद,1,डॉ0 मनोज पटैरिया,1,तस्‍लीम विज्ञान गौरव सम्‍मान,1,द लिविंग फ्लेम,1,दकियानूसी सोच,1,दि इंटरप्रिटेशन ऑफ ड्रीम्स,1,दिल और दिमाग,1,दिव्य शक्ति,1,दुआ-तावीज,2,दैनिक जागरण,1,धुम्रपान निषेध,1,नई पहल,1,नारायण बारेठ,1,नारीवाद,3,निस्‍केयर,1,पटाखों से जलने पर क्‍या करें,1,पर्यावरण और हम,8,पीपुल्‍स समाचार,1,पुनर्जन्म,1,पृथ्‍वी दिवस,1,प्‍यार और मस्तिष्‍क,1,प्रकृति और हम,12,प्रदूषण,1,प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड,1,प्‍लांट हेल्‍थ क्‍लीनिक,1,प्लाज्मा,1,प्लेटलेटस,1,बचपन,1,बलात्‍कार और समाज,1,बाल साहित्‍य में नवलेखन,2,बाल सुरक्षा,1,बी0 प्रेमानन्‍द,4,बीबीसी,1,बैक्‍टीरिया,1,बॉडी स्कैनर,1,ब्रह्माण्‍ड में जीवन,1,ब्लॉग चर्चा,4,ब्‍लॉग्‍स इन मीडिया,1,भारत के महान वैज्ञानिक हरगोविंद खुराना,1,भारत डोगरा,1,भारत सरकार छात्रवृत्ति योजना,1,मंत्रों की अलौकिक शक्ति,1,मनु स्मृति,1,मनोज कुमार पाण्‍डेय,1,मलेरिया की औषधि,1,महाभारत,1,महामहिम राज्‍यपाल जी श्री राम नरेश यादव,1,महाविस्फोट,1,मानवजनित प्रदूषण,1,मिलावटी खून,1,मेरा पन्‍ना,1,युग दधीचि,1,यौन उत्पीड़न,1,यौन शिक्षा,1,यौन शोषण,1,रंगों की फुहार,1,रक्त,1,राष्ट्रीय पक्षी मोर,1,रूहानी ताकत,1,रेड-व्हाइट ब्लड सेल्स,1,लाइट हाउस,1,लोकार्पण समारोह,1,विज्ञान कथा,1,विज्ञान दिवस,2,विज्ञान संचार,1,विश्व एड्स दिवस,1,विषाणु,1,वैज्ञानिक मनोवृत्ति,1,शाकाहार/मांसाहार,1,शिवम मिश्र,1,संदीप,1,सगोत्र विवाह के फायदे,1,सत्य साईं बाबा,1,समगोत्री विवाह,1,समाचार पत्रों में ब्‍लॉगर सम्‍मेलन,1,समाज और हम,14,समुद्र मंथन,1,सर्प दंश,2,सर्प संसार,1,सर्वबाधा निवारण यंत्र,1,सर्वाधिक प्रदूशित शहर,1,सल्फाइड,1,सांप,1,सांप झाड़ने का मंत्र,1,साइंस ब्‍लॉगिंग कार्यशाला,10,साइक्लिंग का महत्‍व,1,सामाजिक चेतना,1,सुरक्षित दीपावली,1,सूत्रकृमि,1,सूर्य ग्रहण,1,स्‍कूल,1,स्टार वार,1,स्टीरॉयड,1,स्‍वाइन फ्लू,2,स्वास्थ्य चेतना,15,हठयोग,1,होलिका दहन,1,‍होली की मस्‍ती,1,Abhishap,4,abraham t kovoor,7,Agriculture,8,AISECT,11,Ank Vidhya,1,antibiotics,1,antivenom,3,apj,1,arshia science fiction,2,AS,26,ASDR,8,B. Premanand,5,Bal Kahani Lekhan Karyashala,1,Balsahitya men Navlekhan,2,Bharat Dogra,1,Bhoot Pret,7,Blogging,1,Bobs Award 2013,2,Books,57,Born Free,1,Bushra Alvera,1,Butterfly Fish,1,Chaetodon Auriga,1,Challenges,9,Chamatkar,1,Child Crisis,4,Children Science Fiction,2,CJ,1,Covid-19,7,current,1,D S Research Centre,1,DDM,5,dinesh-mishra,2,DM,6,Dr. Prashant Arya,1,dream analysis,1,Duwa taveez,1,Duwa-taveez,1,Earth,43,Earth Day,1,eco friendly crackers,1,Education,3,Electric Curent,1,electricfish,1,Elsa,1,Environment,32,Featured,5,flehmen response,1,Gansh Utsav,1,Government Scholarships,1,Great Indian Scientist Hargobind Khorana,1,Green House effect,1,Guest Article,5,Hast Rekha,1,Hathyog,1,Health,69,Health and Food,6,Health and Medicine,1,Healthy Foods,2,Hindi Vibhag,1,human,1,Human behavior,1,humancurrent,1,IBC,5,Indira Gandhi Rajbhasha Puraskar,1,International Bloggers Conference,5,Invention,9,Irfan Hyuman,1,ISRO,5,jacobson organ,1,Jadu Tona,3,Joy Adamson,1,julian assange,1,jyotirvigyan,1,Jyotish,11,Kaal Sarp Dosha Mantra,1,Kaal Sarp Yog Remady,1,KNP,2,Kranti Trivedi Smrati Diwas,1,lady wonder horse,1,Lal Kitab,1,Legends,12,life,2,Love at first site,1,Lucknow University,1,Magic Tricks,9,Magic Tricks in Hindi,9,magic-tricks,8,malaria mosquito,1,malaria prevention,1,man and electric,1,Manjit Singh Boparai,1,mansik bhram,1,media coverage,1,Meditation,1,Mental disease,1,MK,3,MMG,6,Moon,1,MS,3,mystery,1,Myth and Science,2,Nai Pahel,8,National Book Trust,3,Natural therapy,2,NCSTC,2,New Technology,10,NKG,74,Nobel Prize,7,Nuclear Energy,1,Nuclear Reactor,1,OPK,2,Opportunity,9,Otizm,1,paradise fish,1,personality development,1,PK,20,Plant health clinic,1,Power of Tantra-mantra,1,psychology of domestic violence,1,Punarjanm,1,Putra Prapti Mantra,1,Rajiv Gandhi Rashtriya Gyan Vigyan Puraskar,1,Report,9,Researches,2,RR,2,SBWG,3,SBWR,5,SBWS,3,Science and Technology,5,science blogging workshop,22,Science Blogs,1,Science Books,56,Science communication,22,Science Communication Through Blog Writing,7,Science Congress,1,Science Fiction,13,Science Fiction Articles,5,Science Fiction Books,5,Science Fiction Conference,8,Science Fiction Writing in Regional Languages,11,Science Times News and Views,2,science-books,1,science-puzzle,44,Scientific Awareness,5,Scientist,38,SCS,7,SD,4,secrets of octopus paul,1,sexual harassment,1,shirish-khare,4,SKS,11,SN,1,Social Challenge,1,Solar Eclipse,1,Steroid,1,Succesfull Treatment of Cancer,1,superpowers,1,Superstitions,51,Tantra-mantra,19,Tarak Bharti Prakashan,1,The interpretation of dreams,2,Tips,1,Tona Totka,3,tsaliim,9,Universe,27,Vigyan Prasar,33,Vishnu Prashad Chaturvedi,1,VPC,4,VS,6,Washikaran Mantra,1,Where There is No Doctor,1,wikileaks,1,Wildlife,12,Zakir Ali Rajnish Science Fiction,3,
ltr
item
Scientific World: पूरी दुनिया को झकझोर रही है ग्रेटा थनबर्ग की पर्यावरण मुहिम
पूरी दुनिया को झकझोर रही है ग्रेटा थनबर्ग की पर्यावरण मुहिम
Greta Thunberg Information in Hindi
https://blogger.googleusercontent.com/img/b/R29vZ2xl/AVvXsEiFuVAk8HImcXTM4jXv-J0_G0u4CSWQBmyqQngeqtRv74ekdZGWbmJiTBnE04xMOxHi5kVRBaBZVf3J7ULs4JeVvZ49EOsfK1ZJi26K0siT4pCWx1CpvcRjlpvoM4zM9L-ARwKAzXiGe7Cj/s1600/Greta+Thunberg.jpg
https://blogger.googleusercontent.com/img/b/R29vZ2xl/AVvXsEiFuVAk8HImcXTM4jXv-J0_G0u4CSWQBmyqQngeqtRv74ekdZGWbmJiTBnE04xMOxHi5kVRBaBZVf3J7ULs4JeVvZ49EOsfK1ZJi26K0siT4pCWx1CpvcRjlpvoM4zM9L-ARwKAzXiGe7Cj/s72-c/Greta+Thunberg.jpg
Scientific World
https://www.scientificworld.in/2019/10/greta-thunberg-in-hindi.html
https://www.scientificworld.in/
https://www.scientificworld.in/
https://www.scientificworld.in/2019/10/greta-thunberg-in-hindi.html
true
3850451451784414859
UTF-8
Loaded All Posts Not found any posts VIEW ALL Readmore Reply Cancel reply Delete By Home PAGES POSTS View All RECOMMENDED FOR YOU LABEL ARCHIVE SEARCH ALL POSTS Not found any post match with your request Back Home Sunday Monday Tuesday Wednesday Thursday Friday Saturday Sun Mon Tue Wed Thu Fri Sat January February March April May June July August September October November December Jan Feb Mar Apr May Jun Jul Aug Sep Oct Nov Dec just now 1 minute ago $$1$$ minutes ago 1 hour ago $$1$$ hours ago Yesterday $$1$$ days ago $$1$$ weeks ago more than 5 weeks ago Followers Follow THIS PREMIUM CONTENT IS LOCKED STEP 1: Share to a social network STEP 2: Click the link on your social network Copy All Code Select All Code All codes were copied to your clipboard Can not copy the codes / texts, please press [CTRL]+[C] (or CMD+C with Mac) to copy