Opportunities in Science Communication.
विज्ञान संचार पर विशेष श्रृंखला- कड़ी 7
विज्ञान संचार में अवसर
Opportunities in Science Communication
-अभय एस डी राजपूत एवं नवनीत कुमार गुप्ता
आज मानव दिनों-दिन विकास के नए कीर्तिमान स्थापित कर रहा है। विकास के पथ पर नयी गाथाएं लिखी जा रही है। हम उपग्रहों, ग्रहों सहित अंतरिक्ष की नयी जानकारियों से परिचित हो रहे हैं। और ये सब संभव हो पा रहा है विज्ञान और प्रौद्योगिकी के कारण।
लेकिन अभी भी समाज का बड़ा वर्ग विज्ञान और प्रौद्योगिकी की उपयोगी जानकारी से अछूता है। विज्ञान की आवाज जन-जन तक पहुंचे और वह जनोपयोगी बन सके, इसके लिए विज्ञान संचार (Science Communication) की आवश्यकता है। इसलिए आज विज्ञान संचारकों की भूमिका और अधिक बढ़ गयी है।
विज्ञान के साथ पत्रकारिता का शौ़क रखने वाले युवाओं के लिये भी इस विधा में उज्जवल भविष्य की सम्भावनाएं हैं। विज्ञान सम्बन्धित जानकारियों को जानने और एकत्र करने वाले युवा पत्रकार सरकारी, राष्ट्रीय व अन्तराष्ट्रीय संस्थानों में नौकरी प्राप्त कर सकते हैं। आजकल चिकित्सा के क्षेत्र में संचार क्रान्ति लाने के उद्देश्य से युवा पत्रकारों के लिये इस क्षेत्र में भी सुनहरा भविष्य है।
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राष्ट्रीय विज्ञान संग्राहलय परिषद के देश भर में फैले विज्ञान केन्द्र (Science City), विज्ञान नगरी और विज्ञान संग्राहलय (Science Museum) जैसे विभिन्न संस्थानों में रोजगार के अवसर हैं। इसके अलावा, स्वतंत्र रूप से भी विज्ञान संचारक (Science Communicators) जीविकार्जन कर सकते हैं। आकाशवाणी में विज्ञान रेडियो वार्ताएं (Radio Talks) प्रसारित होती रहती हैं। दूरदर्शन भी विज्ञान विषय पर कार्यक्रमों का निर्माण करता है। इसके अलावा निजी क्षेत्र में बहुत सी कंपनियां विज्ञान विषयों पर कार्यक्रमों का निर्माण करती है। ऐसे कार्यक्रमों में आलेख लेखक (Feature Writer) के रूप में भी विज्ञान संचारक जुड़ सकते हैं। अनेक कंपनियां तकनीकी लेखकों (Technical Writer) को रोजगार प्रदान करती हैं। स्वास्थ्य एवं पर्यावरण के क्षेत्र में भी लेखन की असीम संभावनाएं हैं।
डिस्कवरी (Discovery), बीबीसी (BBC) जैसे अंतर्राष्ट्रीय चैनलों में भी विज्ञान संचारकों को रोजगार के अवसर मिल सकते हैं। विभिन्न पत्र-पत्रिकाओं में विज्ञान रचनाओं के प्रकाशन पर मानदेय दिया जाता है। विज्ञान प्रगति, आविष्कार, साइंस रिपोर्टर, ज्ञान-गरिमा सिंधु, ड्रीम 2047 जैसी अनेक विज्ञान पत्रिकाएं (Science Magazine) रचनाओं के लिए मानदेय देती हैं। इसके अलावा, विज्ञान प्रसार (Vigyan Prasar) द्वारा इंडिया साइंस वायर (India Science Wire) नामक फीचर्स सेवा (Feature Service) एवं एकलव्य की स्रोत (Srote) फीचर्स सेवा में भी लेखकों को उनकी रचनाओं के लिए मानेदय प्रदान किया जाता है। विज्ञान से संबंधित विभिन्न मंत्रालयों द्वारा प्रतिवर्ष हिंदी भाषा में संबंधित क्षेत्र पर लिखित श्रेष्ठ पुस्तकों को पुरस्कृत किया जाता है।
-लेखक परिचय-
अभय एसडी राजपूत विज्ञान संचारक हैं। पिछले कई सालों से विभिन्न मीडिया माध्यमों से विज्ञान संचार के कार्य में संलग्न हैं। आपको रजत जयंती विज्ञान संचार अवार्ड-2008 और एस. रामासेशन विज्ञान लेखन फैलोशिप-2008 के प्राप्त हो चुके हैं। आप विज्ञान लेखन के साथ-साथ, विज्ञान संचार में शोधकार्य में भी रूचि रखते हैं।
नवनीत कुमार गुप्ता पिछले दस वर्षों से विभिन्न माध्यमों द्वारा विज्ञान संचार के कार्य में संलग्न हैं। आपकी विज्ञान संचार विषयक लगभग एक दर्जन पुस्तकें प्रकाशित हो चुकी हैं तथा इन पर गृह मंत्रालय के ‘राजीव गांधी ज्ञान विज्ञान मौलिक पुस्तक लेखन पुरस्कार' सहित अनेक पुरस्कार एवं सम्मान प्राप्त हो चुके हैं। आप विज्ञान संचार के क्षेत्र में कार्यरत संस्था ‘विज्ञान प्रसार’ से सम्बंद्ध हैं।
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