डॉ. ज़ाकिर अली रजनीश की पुस्तक 'ह्यूमन ट्रांसमिशन एवं अन्य विज्ञान कथाएं' पर चर्चा
यह सत्य है कि आधुनिक विज्ञान कथा एक पाश्चात्य विधा है, लेकिन भारत में अब इस विधा में स्तरीय कार्य हो रहा है। किन्तु दुर्भाग्य का विषय यह है कि इस विधा को लेकर लोगों में अभी भी कन्फ्यूजन है, कोई कोयला की कहानी को विज्ञान कथा कह रहा है कोई बातचीत की शैली में लिखे गये लेख को विज्ञान कथा कह रहा है। इस भ्रम की वजह से विज्ञान कथाओं का काफी नुकसान हुआ है, जिसे दूर किये जाने की नितांत आवश्यकता है और विज्ञान कथाकारों को इसपर गम्भीरता से सोचना चाहिए।
डॉ. अरविंद मिश्र विज्ञान कथाओं पर बोलते हुए, साथ में श्री आर.पी. तिवारी, श्री बंधु कुशावर्ती एवं श्री रामकठिन सिंह |
उपरोक्त विचार भारतीय विज्ञान कथा लेखक समिति, फैजाबाद के सचिव और प्रख्यात विज्ञान कथाकार डॉ. अरविंद मिश्र ने लखनऊ विश्वविद्यालय गेस्ट हाउस के सभाकक्ष में दिनांक 13 जनवरी, 2015 को साहित्यकारों को सम्बोधित करते हुए कहीं। वे शहर के चर्चित लेखक डॉ. जाकिर अली रजनीश के सद्य प्रकाशित विज्ञान कथा संग्रह ‘ह्यूमन ट्रांसमिशन एवं अन्य विज्ञान कथाएं’ (आइसेक्ट प्रकाशन, भोपाल) के संदर्भ में आयोजित ‘कृतित्व चर्चा’ कार्यक्रम में मुख्य अतिथि के रूप में बोल रहे थे। यह कार्यक्रम भारतीय विज्ञान कथा लेखक समिति ने तस्लीम एवं साइंस ब्लॉगर्स असोसिएशन के सहयोग से आयोजित किया, जो विज्ञान कथाओं की नयी कृतियों पर चर्चा की श्रृंखला का शुभारम्भ है। इस अवसर पर डॉ. मिश्र ने विज्ञान कथाओं के संदर्भ में अनेक नाम प्रचलित होने के कारण छाए कुहासे को दूर करने के लिए ‘साइंस फिक्शन’ का नाम सुझाया, जिसपर सभी रचनाकारों ने अपनी सहमति दर्ज की।
गोष्ठी में शामिल विद्वतजन |
कार्यक्रम में बोलते हुए युवा लेखक रमाशंकर ने कहा कि रजनीश जी हमेशा नये-नये विषयों पर अपनी लेखनी चलाते हैं। इसके साथ ही साथ वे आलोचनात्मक चुनौतियों को रचनात्मक तरीके से अभिव्यक्त करने के लिए भी जाने जाते हैं और यह कृति इसका स्पष्ट प्रमाण है। उनकी बात को आगे बढ़ाते हुए चर्चित बाल कवि डॉ. फहीम अहमद ने कहा कि हिन्दी में विज्ञान लेखन की नितांत कमी है, और यह प्रसन्नता का विषय है कि डा. रजनीश इस दिशा में गम्भीर प्रयास कर रहे हैं।
बाएंसे: डॉ. जीशान हैदर जैदी, श्री बंधु कुशावर्ती, डॉ. फहीम अहमद, श्री रमाशंकर |
विज्ञान को आम जनता तक ले जाने में विज्ञान कथाओं की भूमिका को स्वीकारते हुए शहर के लेखक एवं पूर्व वैज्ञानिक राम कठिन सिंह ने कहा कि विज्ञान की कठिन प्ररिभाषाओं और शब्दावलियों को सरल ढंग से पहुंचाने के नजरिए से विज्ञान कथाओं का अभूतपूर्व कार्य है और इसलिए भी इनको बढ़ावा दिया जाना चाहिए।
इस अवसर पर विज्ञान कथाकार और ख्वाजा मुइनुद्दीन चिश्ती विश्वविद्यालय, लखनऊ की हिंदी विभाग की संयोजिका बुशरा अलवेरा ने बोलते हुए कहा कि विज्ञान कथाओं में पाठकों की रूचि हमेशा से रही है, लेकिन ये पुस्तकाकार रूप में सहज रूप में नहीं उपलब्ध नहीं हो पाती हैं। लेखकों और प्रकाशकों को इस ओर भी ध्यान देना चाहिए, तभी विज्ञान कथाएं जन-जन तक पहुंच सकेंगीं। उन्होंने विज्ञान कथाओं को विश्वविद्यालयों के पाठ्यक्रम में भी शामिल करने पर बल दिया और कहा कि इस पर अधिक से अधिक कार्यशालाएं आयोजित की जानी चाहिए, जिससे नये लेखक विज्ञान कथाओं की बारीकियों से भलीभांति परिचित हो सकें।
बाएंसे- श्री रमाशंकर, डॉ. ज़ाकिर अली रजनीश एवं डॉ. प्रवीण चोपड़ा |
शहर के चर्चित विज्ञान कथाकार और साइंस ब्लॉगर्स असोसिएशन के उपाध्यक्ष डॉ. जीशान हैदर जैदी ने अपने अध्यक्षीय सम्बोधन में विज्ञान कथाओं में छिपी विज्ञान लोकप्रियकरण की संभावनाओं की चर्चा की। उन्होंने विज्ञान कथा की परिभाषा पर बोलते हुए कहा कि जब किसी कहानी में किसी चमत्कारिक कल्पना का वर्णन होता है, तो वह रचना सिर्फ कहानी होती है, लेकिन जब कहानी में उस कल्पना की साइंटिफिक एक्सप्लेशन भी प्रस्तुत कर दी जाती है, तो वह विज्ञान कथा बन जाती है।
बाएंसे- सुश्री बुशरा अलवेरा, डॉ. जाकिर अली रजनीश, डॉ. अरविंद मिश्र, श्री रामकठिन सिंह, डॉ. जीशान हैदर जैदी, श्री बंधु कुशावर्ती, डॉ. फहीम अहमद एवं श्री रमाशंकर |
कार्यक्रम में शामिल वरिष्ठ साहित्यकार बंधु कुशावर्ती ने भी विज्ञान साहित्य की आवश्यकताओं को रेखांकित करते हुए उसकी व्यवहारिकता पर बल दिया। शहर के ब्लॉगर प्रवीण चोपड़ा ने भी अपनी बात रखी और रोचक विज्ञान लेखन का नमूना प्रस्तुत किया। इस अवसर पर बाल पत्रिका ‘अपूर्ण उड़ान’ के संपादक आर.पी. तिवारी ने भी अपने विचार रखे और बच्चों के लिए वैज्ञानिक लेखन की आवश्यकता को रेखांकित किया। कार्यक्रम में अवध कम्बाइंड नाट्य अकादमी के निदेशक इमरान खान ने भी अपने विचार रखे। उन्होंने विज्ञान कथाओं के नाट्य मंचन की संभावनाओं को रेखांकित किया।
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Memorable.
जवाब देंहटाएंबहुत बढिया सार्थक आयोजन‚ बधाई
जवाब देंहटाएंमहत्वपूर्ण विषय पर सार्थक चर्चा...
जवाब देंहटाएंबधाई! आयोजन सफल रहा!! एक और बधाई !!
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