सी.वी. रमन तकनीकी लेखन पुरस्कार प्रदान करते अनुज सिन्हा एवं डॉ. पटैरिया किसी भी क्षेत्र में सफलता उन्हीं लोगों को मिलती है, जिसमें चीज...
सी.वी. रमन तकनीकी लेखन पुरस्कार प्रदान करते अनुज सिन्हा एवं डॉ. पटैरिया |
डॉ. पटैरिया द्वारा दीप प्रज्ज्वलन, साथ में अनुज सिंन्हा, संतोष चौबे एवं विनीता चौबे |
उपरोक्त बातें आकाशवाणी के अतिरिक्त महानिदेशक एवं चर्चित विज्ञान लेखक डॉ. मनोज पटैरिया ने आइसेक्ट विश्वविद्यालय, भोपाल के आडिटोरियम में दिनांक 16 मई, 2015 को विज्ञान पत्रिका 'इलेक्ट्रानिकी आपके लिए' के 250वें अंक के लोकार्पण समारोह के अवसर पर आयोजित विचार गोष्ठी में अध्यक्ष के रूप में बोलते हुए कहीं। उन्होंने न्यूटन का उदारण देते हुए कहा कि सेब को पेड़ से गिरते हुए न्यूटन से पहले लाखों-करोणों लोगों ने देखा होगा, लेकिन उनके मन में यह सवाल नहीं आया कि आखिर पेड़ से गिरने के बाद सेब जमीन पर ही क्यों गिरा, वह आसमान में क्यों नहीं चला गया! न्यूटन ने इस कारण की पड़ताल करने का निश्चय किया और गुरूत्वाकर्षण के नियमों को खोज निकाला।
मनमोहन बाला, मनोज पटैरिया, संतोष चौबे, एस.सी. बेहार, अनुज सिन्हा, भिज्ञ वर्मा, विनीता चौबे |
गोष्ठी में विज्ञान प्रसार के पूर्व निदेशक अनुज सिन्हा, म.प्र. विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी परिषद के महानिदेशक, डॉ. प्रमोद वर्मा, म.प्र. शासन के पूर्व मुख्य सचिव शरद चंद्र बेहार, भेल के पूर्व महाप्रबंधक, डॉ. वी.डी. गर्दे, विज्ञान कथाकार देवेंद्र मेवाड़ी, साइंटिफिक वर्ल्ड के संपादक डॉ. जाकिर अली रजनीश, ब्लॉगर रवि रतलामी, विज्ञान लेखक डॉ. मनमोहन बाला, डॉ. प्रदीप मुखर्जी, डॉ. डी.डी. ओझा, सुभाष लखेड़ा, मनीष मोहन गोरे, इरफान ह्यूमन, कपिल त्रिपाठी, पुष्पेंद्र पाल सिंह आदि लेखकों ने भी अपने विचार रखे।
पत्रिका के संस्थापक संपादक संतोष चौबे |
गोष्ठी में शामिल छात्रों ने इस अवसर पर विषय विशेषज्ञों के समक्ष अपने सवाल और शंकाएं भी जाहिर कीं, जिनका जवाब विभिन्न विज्ञान संचारकों ने दिया। इसी क्रम में एक छात्र द्वारा पूछे गये सवाल का जवाब देते हुए विज्ञान लेखक सुभाष लखेड़ा ने कहा कि विज्ञान और धर्म दो अलग-अलग चीजें हैं, जिनका आपस में घालमेल नहीं किया जाना चाहिए।
इससे पूर्व आमंत्रित अतिथियों ने 'इलेक्ट्रानिकी आपके लिए' के 250वें अंक का लोकर्पण किया और विज्ञान संचार के क्षेत्र में उसके योगदान पर भी प्रकाश डाला। इस अवसर पर पत्रिका के संस्थापक संपादक एवं कुलाधिपति, आईसेक्ट विश्वविद्यालय, संतोष चौबे ने पत्रिका के 27 वर्षों के सफर पर विस्तार से प्रकाश डाला और कहा कि हम लोगों ने पत्रिका को सरकार भरोसे चलाने के बजाए छात्रों से जोड़ने में यकीन किया और उसी का सुफल है कि हम यहां तक पहुंचे।
गैलीलियो नाटक का मंचन |
कार्यक्रम के अंत में 'इलेक्ट्रानिकी आपके लिए' मासिक पत्रिका द्वारा उत्कृष्ट विज्ञान लेखन के लिए अनेक लेखकों को सी.वी. रमन तकनीकी लेखन पुरस्कार से सम्मानित किया गया, जिनमें 'साइंटिफिक वर्ल्ड' के सम्पादक डॉ. ज़ाकिर अली रजनीश का नाम प्रमुख है। सम्मान स्वरूप उन्हें पुष्प गुच्छ, ट्रॉफी एवं आइसेक्ट द्वारा प्रकाशित पुस्तकों का एक सेट प्रदान किया गया।
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बधाई! अच्छी रिपोर्ट! !
जवाब देंहटाएंबहुत अच्छा प्रयास है।
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