एक बार मेरे पास एक अनोखा मामला आया। श्रीमान इलीजर के घर में कुछ दिनों से भूत का आतंक छाया हुआ था। वह भूत दिन में घर के प्रत्येक हिस...
एक बार मेरे पास एक अनोखा मामला आया। श्रीमान इलीजर के घर में कुछ दिनों से भूत का आतंक छाया हुआ था। वह भूत दिन में घर के प्रत्येक हिस्से में कंकड़-पत्थर बरसाया करता था। कभी-कभी कंकड़ों के साथ दस-पाँच पैसों के सिक्के भी होते थे। हालाँकि उन कंकड़ों से कभी किसी को चोट नहीं लगी थी, पर लगातार होने के कारण घर मालिक इलीजर चिंतित हो गये थे और इस समस्या का समाधान चाहते थे।
उस घर में पति-पत्नी के अलावा उनके माता-पिता, चार बच्चे और एक नौकरानी रहती थी। मैंने सभी लोगों का गहराई से निरीक्षण किया। मैंने अपने पिछले कई सालों के अनुभव के आधार पर पाया था कि यह भूत और कोई नहीं, इसी परिवार का कोई सदस्य है। वह व्यक्ति निश्चित ही किसी गहरे अवसाद का शिकार होगा और अर्धचेतना की अवस्था में ऐसी हरकते करता होगा। लेकिन इनमें से वह व्यक्ति है कौन, यही सबसे बडा प्रश्न था।
पति अपने व्यवसाय के कारण दिन भर घर से बाहर रहता था, इसलिए उसके इसमें शामिल होने का प्रश्न ही नहीं उठता था। घर की मालकिन हाल ही में दो दिन अस्पताल में भर्ती रही थी। इसलिए उसपर भी शक नहीं जाता था। घर मालिक के माता-पिता बहुत बुजुर्ग थे और अक्सर दिन भर चारपाई पर लेटे रहते थे। उम्र की इस ढ़लान पर वे कोई ऐसा काम करेंगे, इसकी आशंका न के बराबर ही थी।
अब बच रहे थे दो महत्वपूर्ण लोग। एक तो घर मालिक की बड़ी लड़की, और किशोरावस्था एवं युवावस्था की दहलीज पर खड़ी थी। हो सकता है कि माँ-बाप उसपर आवश्यकता से अधिक पाबंदियों लगाते हों, जिससे वह मानसिक रूप से बीमार हो गयी हो और...
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लेकिन उससे भी ज्यादा शक मुझे घर की नौकरानी पर हो रहा था। वह भी एक किशोर लड़की थी। उसके कपड़े बेहद गंदे थे, लेकिन उसके काफी भड़कीला सा मेकअप कर रखा था। उससे बातों के दौरान भी मुझे ऐसा लगा कि वह अपनी स्थितियों से काफी असंतुष्ट है।
मैंने इलजर महोदय को एकांत में बुलाकर सारी बात बताते हुए कहा चूंकि घर में कंकड़ों के गिरने की घटना रात में ग्यारह बजे से लेकर सुबह सात बजे तक बंद रहती है, इससे साफ पता चलता है कि यह काम किसी इंसान का ही है। चूँकि घर की खिड़कियाँ और दरवाजे बंद होने के बाद भी यह घटना होती रहती है, इससे स्पष्ट है कि यह घटना कोई घर का व्यक्ति ही कर रहा है। सभी लोगों से बातचीत करने के बाद मुझे दो लोगों पर शक है, एक तो आपकी नौकरानी और दूसरी आपकी बड़ी लड़की। इनमें से कौन व्यक्ति इस घटना में शामिल है, यह भी आसानी से पता लगाया जा सकता है। आप बारी-बारी से दोनों लोगों को एक दो दिन के बाहर भेज दें, सारी बात अपने आप साफ हो जाएगी।
मेरी बातें सुनकर घर मालिक कुछ असहज से दिखे। उन्हें देखकर मुझे यह समझते देर न लगी कि यह काम भी इनके वश में नहीं है। लिहाजा मैंने दूसरा रास्ता अपनाया। सर्वप्रथम मैंने उन लोगों से थोड़ा हटकर एक गोल घेरा बनवाया और उस नौकरानी को वहाँ बुलाया। मैंने उसे उस घेरे में खड़े होने को कहा। उसके बाद मैंने उसे तरह-तरह से सुझाव दिये। वह लडकी कुछ ही देर में अर्ध निद्रा की स्थिति में आ गयी। उसने तुरंत अपना अपराध स्वीकार कर लिया। उसकी बातों से यह ज्ञात हुआ कि वह एक गरीब घर की लड़की है और इनके घर में काफी दिनों से काम कर रही है। घर मालिक उनेसे सारा दिन काम करवाते हैं, लेकिन तनख्वाह बहुत कम देते हैं। इससे वह अपने लिए जरूरी कपड़े और चूड़ी-कंगन भी नहीं खरीद पाती है।
मैंने उसे आवश्यक निर्देश देने के बाद उसे अर्ध निद्रा से जगा दिया और घर मालिक इलीजर महोदय को बुलाया। मैंने उनसे बातों-बातों ने उस लड़की को दी जाने वाली तनख्वाह के बारे में पूछा। इसके बाद मैंने उन्हें मित्रवत सलाह देते हुए कहा कि आप कल से इसकी तनख्वाह बढ़ा दीजिए, आपकी सारी समस्या समाप्त हो जाएगी। और हाँ, आप गभी गल्ती से भी इससे इस बारे में बात मत कीजिएगा।
मेरी बात सुनकर घर मालिक पहले तो थोड़ा सा झेंपे, फिर हौले से मुस्करा दिये। इसके बाद मैं वहाँ से उठा और अपने घर चला गया। इलीजर महोदय एक सप्ताह बाद पुन: मिलने आया। उन्होंने सहर्ष बताया कि अपनी नौकरानी की तनख्वाह उन्होंने डेढ़ गुनी बढ़ा दी है। और उन्होंने यह भी बताया कि उस दिन के बाद से उस भूत ने न तो उनके घर में कभी कंकड़ बरसाए और न ही पैसे। -अब्राहम टी कोवूर
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अब्राहम थॉमस कोवूर श्रीलंका के प्रख्यात विज्ञानवेत्ता और विश्व के प्रमुख रेशनलिस्ट के रूप में जाने जाते हैं। उन्होंने अंधविश्वास को मिटाने के लिए अथक प्रयास किये। उनका कहना था कि जो व्यक्ति चमत्कारी शक्तियों का दावा करते हैं, केवल पाखंडी या दिमागी तौर पर पागल व्यक्ति हैं। उनके जीवन की कुछ प्रमुख घटनाओं को आप यहॉं क्लिक करके पढ़ सकते हैं।keywords: bhoot aaya, bhoot real, bhoot ki kahani, bhoot ki kahani darawani, bhoot ki real kahani, bhoot pret, bhoot pret ki kahani, bhoot pret ki kahaniya, bhoot pret ki kaise bhagaye, pret bhoot, bhoot pret ki kahani hindi, bhoot pret mantra in hindi, bhoot pret atma, bhoot ki darawani kahani, bhoot ki duniya, bhoot ki daang, bhoot ki darawani kahani in hindi, bhoot real story, real ghost stories in india, real bhoot story in hindi language, ghost stories in hindi
कारनामे तो हमेशा इंसान के होते हैं, भूत बेचारे मुफ्त में बदनाम होते हैं।
जवाब देंहटाएंaap bilkul sahi ho par kabhi kabhi bhut bhi ye karnama karte hai
हटाएंरोचक और अंधविश्वास को दूर करती अच्छी पोस्ट
जवाब देंहटाएंबहुत सुन्दर. अंध विश्वासोंके उन्मूलन में आपके द्वारा किया जा रहा प्रयास सराहनीय है.
जवाब देंहटाएंगुरुजनों को सादर प्रणाम ||
जवाब देंहटाएंसुन्दर प्रस्तुति पर
हार्दिक बधाई ||
बहुत सुन्दर पोस्ट .!!
जवाब देंहटाएं"मेरे घर के बच्चे भी समझदार है जो मेरी गरीबी को समझकर, घर के वर्तन को ही खिलौना बना लेते हैं "
अंधविश्वास दूर करती अच्छी पोस्ट.
जवाब देंहटाएंइस टिप्पणी को लेखक द्वारा हटा दिया गया है.
जवाब देंहटाएंसुन्दर पोस्ट.
जवाब देंहटाएंअच्छी पोस्ट !कार्य कारण सम्बन्ध के बिना डॉ जाकिर भाई कोई घटना घट कैसे सकती है .अच्छी शिक्षा प्रद पोस्ट शिक्षक दिवस पर आप लायें हैं .आभार !
जवाब देंहटाएंsamasya ki jad me jane vala behad rochak vakaya....
जवाब देंहटाएंdwivedi jee se sahmat hun ... rochak vakya ...
जवाब देंहटाएंऐसी घटनाएँ कई बार पढने सुनने में आती हैं.... भ्रांतियां दूर करती पोस्ट
जवाब देंहटाएंतभी कहते हैं कि पैसा सब कुछ न सही,पर बहुत कुछ तो है ही।
जवाब देंहटाएंभूत कहां, ये तो हम इन्सान ही हैं जो खेल तमाशे करते रहते हैं अपने फायदे के लिये । पर चलो ये खेल नोकरानी के काम तो आया । रोचक कथा आंखें खोलने वाली भी ।
जवाब देंहटाएंmajboori insaan se na jaane kitne kam karva deti hai.
जवाब देंहटाएंbhagavan hai to Satan Bhai hai.
जवाब देंहटाएंsahi he
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