कल संयोगवश रात में 9 बजे चैनल बदलते हुए इंडिया टीवी पर जा पहुंचा। वहाँ पर ज्योतिषियों की परीक्षा ली जा रही थी। तय कार्यक्रम के अनुसार प...
कल संयोगवश रात में 9 बजे चैनल बदलते हुए इंडिया टीवी पर जा पहुंचा। वहाँ पर ज्योतिषियों की परीक्षा ली जा रही थी। तय कार्यक्रम के अनुसार पांच ज्योतिषियों सर्वश्री आचार्य विक्रमादित्य, केशवानंद, अजय गौतम, नंदिता पाण्डेय एवं विनीता को अलग अलग व्यक्तियों की जन्मतिथि, जन्मस्थान एवं शहर का नाम बता कर उनके बारे में पूछा जा रहा था। ज्योतिषियों को उक्त के लिंग और पेशे के बारे में बताना था। जिन व्यक्तियों के डाटा वहाँ पर प्रस्तुत किये गये, उनमें चर्चित क्रिकेटर अतुल वासन, काटूनिस्ट सुधीर तैलंग, भाजपा के मध्य प्रदेश के नेता कैलाश विजयवर्गीय, मशहूद चिकित्सक संजीव बगई, पंजाबी गायक अशोक मस्ती, भाजपा नेता विजय जौली एवं जहानाबाद, बिहार के एक बेरोजगार युवक अजीत चंद्र शामिल थे। मौजूद ज्योतिषियों में से तीन लोग अपने लैपटॉप के साथ वहाँ पर पधारे थे और दो लोग अपनी गणना के आधार पर बताई गई जन्म तिथियों के आधार पर उत्तर देने वाले थे।
अतुल वासन के बारे में ज्योतिषियों की मुख्य रूप से राय यह थी कि वे अखबार से जुड़े हुए हैं, राजनीति से उनका सम्बंध हो सकता है, व्यवसायी हो सकते हैं और मीडिया के लिए काम करने वाले हैं। ध्यान देने वाली बात यह है कि सभी ज्योतिषियों ने तीन-तीन आप्शन बताए, इसके बावजूद किसी ने क्रिकेट तो दूर की बात है, खेल का नाम तक नहीं लिया।
कार्टूनिस्ट सुधीर तैलंग के बारे में बताया गया कि वे वाणी के प्रखर व्यक्ति हैं, मीडिया से जुडे हुए हैं, बिजनेस से सम्बंध है, प्रबंधक का काम करते हैं। सिर्फ एक ज्योतिषी ने ड्रांइग से जुड़े होने की बात कही। राजनीतिज्ञ कैलाश विजय वर्गीय के बारे में उन्हें संगीत, कला, व्यवसाय, प्रबंधक, वाणी से जुडा व्यक्ति बताया। एक ज्योतिषी ने राजनीति से भी सम्बंध बताया।
डाक्टर संजीव बगई के बारे में ज्योतिषियों ने करीब दस-बारह प्रोफेशन गिनाए, पर उसमें डाक्टर का जिक्र नहीं आया। गायक अशोक मस्ती के बारे में मैनेजमेंट, मीडिया, प्रापर्टी, स्टोन बिजनेस, क्रिसटिव, ग्लैमर का नाम लिया। एक ज्योतिषी ने गायन का जिक्र किया। राजनीतिज्ञ विजय जौली के बारे में लॉ, राइटिंग, क्रिएटिव, डाक्टर, इंजीनियर, वकील, काउंसलिंग, मैनेजमेंट का दाया किया। एक ज्योतिष ने राजनीति का भी नाम लिया। जहानाबाद के अजीत चंद्र, जो पांच सालों से बीमार और बेरोजगार हैं के बारे में भी उपर बताये गये सारे प्रोफेसन ज्योतिषियों ने बताए, लेकिन किसी ने न तो उसकी बीमारी का जिक्र किया और न ही उसकी बेरोजगारी का।
अगर औसत के नियम की बात की जाए, तो एक ज्योतिषी ने एक व्यक्ति के कम से कम तीन प्रोफेशन बताए। इस प्रकार पांच ज्योतिषियों ने पन्द्रह ऑप्शन बताए। इस प्रकार सात व्यक्तियों के बारे में कुल 105 राय आईं, जिसमें से सिर्फ तीन राय ही पूरी तरह से सही निकलीं। वैसे कुछ ज्योतिषियों ने अतुल वॉसन के अखबारों में कॉलम लिखने को लेकर उन्हें लेखक और राजनीतिज्ञ विजय जॉली के साइड बिजनेस के कारण उन्हें व्यवसायी कहकर अपनी भविष्यवाणी की सत्यता को स्थापित करने का प्रयत्न किया। इस दौरान ज्यादातर ज्योतिषी सभी लोगों के व्यक्तित्व के बारे में अनावश्यक रूप से बताते रहे, जैसे कि ये प्रतिभा के बहुत धनी हैं, वाणी के बहुत सशक्त हैं, अपनी बात के धनी हैं, व्यक्तित्व बहुत चमत्कारी है, जिस क्षेत्र में जाएंगे हमेशा टॉप पर रहेंगे वगैरह-वगैरह। आश्चर्य का विषय यह रहा कि ज्योतिषियों के परीक्षण पर खरे न उतरने के बावजूद ज्यादातर व्यक्तियों ने ज्योतिषियों की तारीफ ही की। एक ज्योतिषी तो बड़े रोचक प्रश्न पूछते नजर आए, जैसे कि जातक पैदा होने के कितनी देर के बाद रोया था? अथवा जातक घर में पैदा हुआ अथवा अस्पताल में? और हाँ किसी भी ज्योतिषी यह बताने का साहस नहीं किया कि जातक स्त्री है अथवा पुरूष।
कुल मिलाकर एक बार फिर यह प्रमाणित हो गया कि ज्योतिष विज्ञान तो कतई नहीं है। क्योंकि विज्ञान में जब हाईड्रोजन के दो अणु और ऑक्सीजन का एक अणु मिलता है, तो बनने वाला पदार्थ पानी ही होता है, फिर चाहे उन्हें मिलाने वाला कोई भी हो और कहीं भी। लेकिन ज्योतिष के क्षेत्र में यह कतई नहीं होता। तब आप ही बताइए कि ज्योतिष हेड या टेल का खेल है अथवा....?
Atul vasan ke baare me oonka bhavishyavani bilkul satya tha. Kabhi kabhi log galati se kisi profession me chala jata hai jaise Atul ka cricket khelna. kitana din mumbaiya pauwa laga kar team me rahe wo to jag jahir hi hai. Jyotishi bilkul satya thi lekin aap oosko galat tarike se interpret kar rahe hain. Mere kundali me kahin engineer banana nahin likha hai. Lekin galti se matric me 80% marks aa gaya ghar waale jabardasti sceince lekar engineering karwa diye. Ab yahan job me aakar lag raha hai ki galat profession choose kar liye. Kyonki mera man pasand to kuchh aur tha.
जवाब देंहटाएंइस टिप्पणी को लेखक द्वारा हटा दिया गया है.
जवाब देंहटाएंउपाध्याय जी, विज्ञान में गल्ती नहीं होती। अगर ज्योतिष विज्ञान है, तो फिर मैं अपनी बात दोहरा रहा हूं कि चाहे आप हाइड्रोजन के दो अणु और आक्सीजन के एक अणु को मिलाएं अथवा मैं, बनने वाला पदार्थ पानी ही होगा। विज्ञान में कुछ गल्ती से नहीं होता, सब कुछ निश्चित होता है। और जहां पर गल्ती से होता है, वह विज्ञान नहीं कहलाता, बाकी और कुछ भी आप उसे कह सकते हैं।
जवाब देंहटाएंमैंने यह प्रोग्राम कल देखा था...
जवाब देंहटाएंज्योतिष एक क़यास (तुक्का) मात्र है और कुछ भी नहीं... ग़ैब (छिपा हुआ) का इल्म (ज्ञान) किसी को नहीं और अगर कोई ऐसा कहता है तो सिर्फ़ और सिर्फ़ अपनी दूकान चलाने के लिए !!!
नाटकबाज़ी है सब कुछ...मीडिया खुद ज्योतिष के जरिए अंधविश्वास बेचकर अपना धंधा चलाता है और ज्योतिष का विरोध भी गाहे-बगाहे खुद को आधुनिक दिखाने के चक्कर में कर लेता है ।
जवाब देंहटाएंकुछ हो भी सकता है ज्योतिष में पर अभी ज्योतिष इसे प्रमाणित नहीं कर पाया..
मेरे परिवार में सभी पुरुष ज्योतिषी थे। लेकिन वे सभी इस विद्या के माध्यम से काउंसलिंग करते थे। विपरीत परिस्थितियों में साहस पैदा करने का काम। वे सही थे। ये लोग जो धंधा कर रहे हैं सब लोगों को उल्लू बना रहे हैं।
जवाब देंहटाएंपोस्ट हिट, दिनेश भाई के आखिरी शब्दों पर समर्थन देना चाहता हूँ
जवाब देंहटाएंओह!
जवाब देंहटाएंइसका मतलब आप सभी भारत सरकार से भी अधिक ज्ञान रखते हैं :-)
ज़रा इस पर भी नज़र डालें
इंडिया टीवी पहले भी भारतीयता पर प्रहार करते, खिल्ली उड़ाते कार्यक्रमों/ समाचारों का तमाशा दिखाता रहा है। यह कार्यक्रम भी जानबूझ कर उसी दिन दिखाया गया है, जब केन्द्र सरकार का हलफ़नामा सामने आया है।
खिल्ली उड़ाने वाले अंदाज़ पर आपको भी क्या कहा जाए।
ज़रा बताएँ प्राणी विज्ञान के बारे में कि
बलात्कार का शिकार महिला गर्भवती हो जाती है और पूरी ज़िंदगी एक शादीशुदा महिला माँ नहीं बन पाती! यह कैसा विज्ञान है?
कितने ही रॉकेट प्रक्षेपण असफल हो चुके है! यह कैसा विज्ञान है?
कितने ही मरीज बेहोशी का इंजेक्शन देने के बाद होश में नहीं आ पाए! यह कैसा विज्ञान है?
कितने ही लोग फांसी चढ़ाए जाने पर रस्सी टूटने पर बच गए! यह कैसा विज्ञान है?
कितने ही लोग ट्रेन के आगे कूद कर आत्महत्या से बच गए! यह कैसा विज्ञान है?
कितने ही किसान मौसम की वैज्ञानिक सूचना के भरोसे बारिश की राह जोहते अपनी फसल गंवा बैठे! यह कैसा विज्ञान है?
कितने ही तेज धावक पीछे रह गए! यह कैसा विज्ञान है?
बहुत बढ़िया लगा! उम्दा प्रस्तुती!
जवाब देंहटाएंअरेssss इनमें से तो कोई भी ख्यातनाम ज्योतिषी नहीं है ?
जवाब देंहटाएंहा हा हा ..हो हो हो ..हू हू हू...इंडिया टीवी ने खुलासा किया .....हा हा हा
जवाब देंहटाएंअब इस इंडिया टीवी का खुला कौन करेगा भाई ..
यार इंडिया टीवी भी देखते हैं लोग , तभी मैं कहूं कि रजत जी इत्ते बढिए कपडे लत्ते कैसे पहन लेते है ...लद्दड टीवी चैनल चला के ।
माफ़ी चाहूंगा इंडिया टीवी के बाद आगे कुछ पढ ही नहीं पाया ,
मेरा जबाब यहां है ...
जवाब देंहटाएंhttp://sangeetapuri.blogspot.com/2010/04/blog-post_30.html
हेड या टेल बात साफ़ साफ़ बताईये !
जवाब देंहटाएंलगता है आप को भारत की परम्पराओ का मजाक बनाए में मजा आता है , ज्योतिष विज्ञानं आप के विज्ञानं से भी पहला है , और जिस दिन आप उसे उस के सही रूप म पढ़ लेगे आप की मन की उलझन दूर हो जाये गी , और रही बात विज्ञानं की तो मित्र विज्ञानं हर नइ खोज के बाद अपने सिद्धांत बदल लेता है ,
जवाब देंहटाएंक्या आप श्योर हैं कि हाईड्रोजन के दो अणु और आक्सीजन का एक अणु मिलाने से पानी बन जायेगा।
जवाब देंहटाएंक्या विद्युत की आवश्यकता नही होगी??
तो H2O में विद्युत कहां है?
प्रणाम
रोचक!
जवाब देंहटाएंmera Nam mohit Hai. mai koi khaas padha likha nai hoon pr scince ko manta or kuch kuch samajhta hoon
जवाब देंहटाएंlekin Jyotish vigyaan ko bhi manta
or jyada se jyada samjhne ki kosish
kar rha hoon. mera masseg kewal ye hai ki Jyotish vigyaan ko aaj samjhne or samjhna ki zaroorat hai
krpya Jyotish vigyaan ka mazak bana kr khabre na benchen bechna hai to Jyotish vigyaan ki sahi jankari ko smjh kar duniya ke samne sahi jankari prastut kare ya(benchen).
namste....
व
जवाब देंहटाएंज्योतिषी का ज्ञान और खुद ज्योतिषी अधूरे हो सकते हैं....परन्तु ज्योतिष अपने में पूर्ण विषय है....ज्योतिष वेदों के छैः अंगों में से एक है....
जवाब देंहटाएंchetan vigyan ke aage bhotik vigyan bona hai
जवाब देंहटाएंज्योतिष शास्त्र के अनुसार सूर्य एक ग्रह है ना कि तारा, और यह पृथ्वी की परिक्रमा करता है । यह अंधविश्वास और रूढ्वादिता नहीं तो और क्या है ? जो गणना 2+2=5 से शुरू हो वो कहां तक सही होगी ? पुणे में इन ठगों को मानसिक विमंदित और सामान्य बच्चों की जन्म पत्री दी गई थी। इन ठगों का औसत अनुभव 14 वर्ष था । सभी को 40-40 बच्चों की कुण्डली दी गई थी और इन्हें सिर्फ इतना ही बताना था कि किस कुण्डली का जातक सामन्य बुद्धि का है और किस कुण्डली का जातक मानसिक विमंदित है। औसत रूप से 40 में से सिर्फ 17 कुण्डलीयों का विश्लेषण सही कर पाये ये होनहार भविष्यवक्ता। अधिकतम 40 में से 22 मात्र एक ज्योतिषी सही बता पाया। ज्योतिष के अनुसार सभी ग्रह आपस में मित्र या शत्रु है, इसे किस आधार पर ज्योतिषिी प्रमाणित कर सकते हैं ? किसी आधार पर इस ठगी को विज्ञान कहा जा सकता है ?
जवाब देंहटाएंज्योतिष शास्त्र के अनुसार सूर्य एक ग्रह है सूर्य एक तारा है और सूर्य पृथ्वी की परिक्रमा करता है जबकि सत्य इसके विपरीत है। जो गणना 2+2=5 से शुरू होती है वह कहां तक सही होगी !! पुणे में इन ठगों की सामुहिक परीक्षा ली गई थी। प्रत्येक ज्योतिषी को मानसिक विमंदित और सामान्य बच्चों की कुल 40 जन्मपत्री दी गई थी और सिर्फ इन्हें इतना बताना था कि किस जन्मपत्री का जातक सामन्य बुद्धि का है और किस जन्मपत्री का जातक मानसिक विमंदित है। इनका औसत मात्र 17 सही जवाब था। लगभग 60 ज्योतिषियों का औसत अनुभव 14 वर्ष था। जीवन के 14 वर्ष ज्योतिष विद्या में खराब करने के बाद भी यदि औसत 40 में से 17 है तो ज्योतिषी किस आधार पर इसे विज्ञान कहते हैं ?
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