इस बार की पहेली (चित्र पहेली-57) का पहला सही जवाब सीमा गुप्ता जी (प्रथम विजेता) का और इस पर अंतिम मुहर अल्पना वर्मा जी की- फिर शक सुब्ह...
इस बार की पहेली (चित्र पहेली-57) का पहला सही जवाब सीमा गुप्ता जी (प्रथम विजेता) का और इस पर अंतिम मुहर अल्पना वर्मा जी की- फिर शक सुब्हे की गुन्जाईश ही कहाँ रह जाती है? सचमुच यह चीतल है -एक प्यारा सा हिरन!
आप लोगों में से ज्यादातर लोगों का जवाब सही है! जिनके सही नहीं हैं उनका भी मेरी नजरों में कुछ कम सम्मान इसलिए नहीं है कि वे बिना किसी पूर्वाग्रह के सहजता के साथ इस ज्ञान यग्य में अपनी आहुति देने आते हैं और यह भी प्रगट करते हैं कि सांसारिक व्यामोहों से अलग हट कर उनका प्रकृति से भी कितना लगाव है!
ऐसे लोगों में समीर जी उड़न तश्तरी वाले का नाम सर्वोपरि है! सही जवाब है संजय बेंगाणी जी (द्वितीय विजेता) का भी, जो जैसा मैंने पहले भी बताया है कि मेरी अभिरुचियों से सीधे साम्य रखने वाले (या वाईस वर्सा आफ कोर्स ) ब्लॉगर हैं और उनकी उपस्थिति यहाँ और ब्लाग जगत में भी मुझे बहुत सकून देती है! प्रकाश गोविन्द जी तो खैर एक युवा फकीर हैं, खुद ज्ञान भी इनसे शायद आतंकित रहता हो ! बिलकुल सही और विस्तृत जवाब दिया है इस बार भी उन्होंने .बहुत आभार उनका !
आप लोगों में से ज्यादातर लोगों का जवाब सही है! जिनके सही नहीं हैं उनका भी मेरी नजरों में कुछ कम सम्मान इसलिए नहीं है कि वे बिना किसी पूर्वाग्रह के सहजता के साथ इस ज्ञान यग्य में अपनी आहुति देने आते हैं और यह भी प्रगट करते हैं कि सांसारिक व्यामोहों से अलग हट कर उनका प्रकृति से भी कितना लगाव है!
ऐसे लोगों में समीर जी उड़न तश्तरी वाले का नाम सर्वोपरि है! सही जवाब है संजय बेंगाणी जी (द्वितीय विजेता) का भी, जो जैसा मैंने पहले भी बताया है कि मेरी अभिरुचियों से सीधे साम्य रखने वाले (या वाईस वर्सा आफ कोर्स ) ब्लॉगर हैं और उनकी उपस्थिति यहाँ और ब्लाग जगत में भी मुझे बहुत सकून देती है! प्रकाश गोविन्द जी तो खैर एक युवा फकीर हैं, खुद ज्ञान भी इनसे शायद आतंकित रहता हो ! बिलकुल सही और विस्तृत जवाब दिया है इस बार भी उन्होंने .बहुत आभार उनका !
मैं रुका रहा अल्पना वर्मा जी के जवाब के लिए -कोई भी जानता है कि हिन्दी ब्लागिंग को बहुविध संपन्न करने में अल्पना जी का कितना योगदान रहा है और पहेली के मामले में सीमा गुप्ता जी और अल्पना जी तो अब चलती फिरती ज्ञान कोष सी बन गयी हैं! एम ए शर्मा सेहर जी का मुकाम भी ठीक इन दोनों विदुषियों के बाद ही है और वे तस्लीम पर पहले भी पहेली जीत चुकी हैं! इस बार उनका एक जवाब गलत है मगर दूसरा सही है!सही जवाबों में अंतर सोहिल का भी जवाब सम्मिलित है यद्यपि उन्होंने गलत जवाब भी दिए मगर अंत में सही जवाब पर आ गये!
मनोज कुमार (तृतीय विजेता) ने अपने पहले जवाब में चीतल की सही पहचान कर ली ! मगर सीमा जी तो पहला सही जवाब देकर पहला स्थान पा चुकी थीं ! रेखा प्रहलाद ने पहला और दूसरा जवाब भी सही दिया -बल्कि उत्तर प्रकाशित होने में हो रहे विलम्ब पर उन्होंने दूसरा जवाब लिखा! वे भी बधाई की पात्र हैं !
मनोज कुमार (तृतीय विजेता) ने अपने पहले जवाब में चीतल की सही पहचान कर ली ! मगर सीमा जी तो पहला सही जवाब देकर पहला स्थान पा चुकी थीं ! रेखा प्रहलाद ने पहला और दूसरा जवाब भी सही दिया -बल्कि उत्तर प्रकाशित होने में हो रहे विलम्ब पर उन्होंने दूसरा जवाब लिखा! वे भी बधाई की पात्र हैं !
सुश्री तनु, शिखा वार्ष्णेय, नहीं लेखिका, सर्वश्री राज भाटिया. समीर लाल, जोगी, महफूज अली, अनिल कान्त इस वन्य पशु को ठीक से नहीं पहचान पाए! किसी ने रेनडियर कहा तो किसी ने बारहसिंघा!
एक बात आपको धीरे से बता दूं कि यह यही चित्तेदार (spotted) चीतल ही था जिसका चर्म सीता जी ने माँगा होगा। मगर खेद है कि यह है तो हिरन मगर इसका चमडा़ न जाने क्यों मृगछाला कहा जाता है! जबकि यह तो आप भी जानते होगें कि जिनकी सींग हर साल गिर जाती है वे हिरन कहलाते हैं मतलब डीयर और जिनकी जन्मजात सींग जीवन भर बनी रहती है वे मृग कहलाते हैं!
अब जैसे जिस काले हिरन को सलमान खान ने मारा था वह हिरन थोड़े ही था, वह था मृग -कृष्ण मृग, बोले तो ब्लैक बक! तो बच्चों को भी बता दीजियेगा यह अंतर और हाँ चीतल की "मृग छाला" को आईये अब से कोई नया नाम दें -क्या हिरण्याम्बर चलेगा ? जैसे बाघम्बर जिसे शिव जी और बड़े ऋषि मुनि ओढ़ते बिछाते आये हैं ! बताईयेगा जरूर !
एक बात आपको धीरे से बता दूं कि यह यही चित्तेदार (spotted) चीतल ही था जिसका चर्म सीता जी ने माँगा होगा। मगर खेद है कि यह है तो हिरन मगर इसका चमडा़ न जाने क्यों मृगछाला कहा जाता है! जबकि यह तो आप भी जानते होगें कि जिनकी सींग हर साल गिर जाती है वे हिरन कहलाते हैं मतलब डीयर और जिनकी जन्मजात सींग जीवन भर बनी रहती है वे मृग कहलाते हैं!
अब जैसे जिस काले हिरन को सलमान खान ने मारा था वह हिरन थोड़े ही था, वह था मृग -कृष्ण मृग, बोले तो ब्लैक बक! तो बच्चों को भी बता दीजियेगा यह अंतर और हाँ चीतल की "मृग छाला" को आईये अब से कोई नया नाम दें -क्या हिरण्याम्बर चलेगा ? जैसे बाघम्बर जिसे शिव जी और बड़े ऋषि मुनि ओढ़ते बिछाते आये हैं ! बताईयेगा जरूर !
बधाईया जी सीमा जी ओर अल्पना जॊ को आप को, आप की टीम को ओर सब साथियो ओर साथिनो को बहुत बहुत बधाई
जवाब देंहटाएंबहुत-बहुत धन्यवाद
जवाब देंहटाएंआपको नव वर्ष की हार्दिक शुभकामनाएं।
सीमा जी को बधाई...:) बाकी सब को भी.
जवाब देंहटाएंयह अत्यंत हर्ष का विषय है कि आप हिंदी में सार्थक लेखन कर रहे हैं।
जवाब देंहटाएंहिन्दी के प्रसार एवं प्रचार में आपका योगदान सराहनीय है.
मेरी शुभकामनाएँ आपके साथ हैं.
नववर्ष में संकल्प लें कि आप नए लोगों को जोड़ेंगे एवं पुरानों को प्रोत्साहित करेंगे - यही हिंदी की सच्ची सेवा है।
निवेदन है कि नए लोगों को जोड़ें एवं पुरानों को प्रोत्साहित करें - यही हिंदी की सच्ची सेवा है।
वर्ष २०१० मे हर माह एक नया हिंदी चिट्ठा किसी नए व्यक्ति से भी शुरू करवाएँ और हिंदी चिट्ठों की संख्या बढ़ाने और विविधता प्रदान करने में योगदान करें।
आपका साधुवाद!!
नववर्ष की अनेक शुभकामनाएँ!
समीर लाल
उड़न तश्तरी
सभी विजेताओं को बहुत बहुत बधाई.
जवाब देंहटाएंआज की जवाबी पोस्ट सहेजने लायक है आप ने कितने काव्यात्मक तरीके से इस पोस्ट को लिखा है...[अपनी तारीफ़ सुनकर कौन खुश नहीं होआग भला!]
आप की और हिमांशु जी की हिन्दी बहुत अच्छी है.एक नया नामकरण और!हिरण्याम्बर! बहुत प्यारा सा नाम है..
tasleem पहेलियों पर समय से नहीं पहुँच पाती इस के लिए क्षमा..समय की किल्लत है.. बच्चों की परिक्षाएँ शुरू होने वाली हैं.
Abhaar
बधाई सभी विजेताओं को.
जवाब देंहटाएंसभी विजेताओं को बहुत बहुत बधाई.
जवाब देंहटाएंregards
सभी सही जवाब देने वाले ब्लॉगर्स को और विशेषकर सीमा जी, संजय जी और मनोज कुमार जी को बहुत बहुत बधाई।
जवाब देंहटाएंSabhee pratibhagiyon ko bahut badhaii....
जवाब देंहटाएंSeema ji aur Alpana ji ko bahut badhaii..
jai ho mahila shakti :)
Abhaar Arvind ji, Rajnesh ji aur Tasleem ka manch ...
सीमा जी को हार्दिक बधाई और नव वर्ष की शुभ कामनाएं ! आशा है वो नए साल में सारे प्रतियोगियों की छुट्टी कर देंगी :)
जवाब देंहटाएंप्रिय अरविन्द जी !
मन्त्र मुग्ध हूँ आपकी लेखन शैली पर ! गजब की पकड़ है !
नव वर्ष के आगमन पर मंगल कामना के साथ .... वैसे आसार कुछ सुखद प्रतीत नहीं होते
(बिलकुल अभी-अभी आपका ब्लॉग देखा है :))
मृग शब्द-समस्त पालतू अहिन्सक चौपायों के लिये प्रयोग होता है ।
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