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क्या आपको पता है कि हमारे आस-पास पाए जाने वाले अनेक जानवर अभिनय करने में माहिर होते हैं। कुत्ते, बिल्ली और अन्य जंतु अपनी जाति के मजबूत सदस्य के सामने लाचार या बेचारा होने का इतना प्रशंसनीय अभिनय करते हैं कि देखते बनता है। इस दौरान पूंछ व सिर को झुका लेना इनके अभिनय की कड़ियां हैं। ‘भीगी बिल्ली बन जाना’ मुहावरे का विकास बिल्ली के इसी प्रकार के दब्बूपन के व्यवहार के कारण बना होगा।
बहुत सारे कीट, मेंढक, सांप, चिड़िया, गिलहरी और लोमड़ी तो भूमि पर ऐसे पड़ जाते हैं कि देखने वाला इन्हें मृत समझ बैठता है। मरने का ढोंग ये प्रायः अपने शत्रु के द्वारा अचानक हमले के समय करते हैं और कुछ जंतु (जैसे लोमड़ी) तो इस अभिनय का प्रदर्शन अपना शिकार पकड़ने के लिए करते हैं।
जंतु जगत के मंजे हुए अभिनेता अपने हमलावर जंतु को झांसा देने के लिए मरने का शानदार ढोंग करते हैं। अभिनय के इन क्षणों में ये जंतु अपनी शारीरिक मांसपेशियों, कभी-कभी तो कुछ क्षण के लिए अपनी हृदय की गति को भी रोक लेते हैं। हमलावर नजदीक पहुंचकर इनका निष्प्राण सा शरीर पाते हैं तो वे झांसे में आकर उन्हें सहसा मृत मान बैठने की भूल करते हैं और फिर वहां से चले जाते हैं। इधर ढोंगी जंतु मौके का फायदा उठाकर झट से उठकर भाग निकलता है। जंतुओं द्वारा आत्मसुरक्षा का यह एक जोखिम भरा व्यवहार है जिसमें ढोंग रचने वाला जंतु अपने को पूरी तरह हमलावर की दया पर छोड़ देता है। अब यह हमलावर की मर्जी पर है कि उसे अपना आहार बना ले या छोड़कर चला जाए।
जंतु व्यवहार विज्ञान के अंतर्गत जंतुओं के इस व्यवहार को मृत्यु का ढोंग या जींदंजवेपे कहते हैं। कीटों में इस प्रकार का मृत्यु अभिनय व्यवहार कुछ भौरों, खटमल और टिड्डों में पाया जाता है। कुछ मकड़ियां भी यदा-कदा ऐसे व्यवहार को अपनाती हैं। पानी में रहने वाला बड़े आकार का खटमल भी पानी से बाहर निकाले जाने पर जड़वत हो जाता है, मानो मर गया हो। ऐसी दशा में वह 15-20 मिनट तक स्थिर पड़ा रह सकता है।
मेंढक पर हमला किए जाने पर वह भी भूमि पर असहाय लेट जाता है और हमलावार के जाते ही उछलकर भाग निकलता है।
मृत्यु का अभिनय करने में सांपों का कोई जवाब नहीं होता है। अपने अभिनय को ये कई चरणों में इस प्रकार प्रस्तुत करते हैं कि हमलावर को यकीन करना पड़ता है कि बेचारा! अब नहीं रहा!
बोआ सांप की प्रजातियों के कुछ सदस्यों के साथ छेड़-छाड़ करने पर ये अपने शरीर को लपेटकर पीठ के बल लेट जाते हैं और अपने शरीर में स्थित विशेष ग्रंथियों से दुर्गंध छोड़ते हैं जिससे हमलावर को महसूस होता है कि वह मर गया है और उसका शरीर नष्ट हो रहा है। इनका नाटक यहीं खत्म नहीं होता। इसके बाद ये सांप अपनी आंखों में खून भी उतार लेते हैं। फिर अपने मुंह को थोड़ा खोल देते हैं ताकि दुश्मन को उनके जबड़ों में आए खून को देखकर यकीन हो जाए कि वह सचमुच मर चुका है।
कुछ चिडियां भी ऐसे अभिनय को कुशलता से अंजाम देती हैं। कभी कोई चिड़िया मनुष्य के हाथ लग जाने पर मरियल सी हो जाती है। पकड़ने वाला सोचता है कि बेचारी भयभीत होकर मूर्छित हो गई या मर गई! मगर जब तरस खाकर उसे जमीन पर रख दिया जाता है तो थोड़ी ही देर में वह फुर्ती के साथ उड़कर दूर आकाश में चली जाती है।
-मनीष मोहन गोरे
Is rochak aalekh ke liye bahut bahut badhaayi.
जवाब देंहटाएंबहुत ही रोचक और मजेदार जानकारी है।
जवाब देंहटाएंजानवरों की उस्तादी वाह बेहद ही रोचक विषय पर पढ़ने को मिला...
जवाब देंहटाएंregards
अरे वाह मनीष तो पूरे वैज्ञानिक मदारी की भूमिका में आ चुके हैं ! उम्मीद है अब आते रहेंगें और अपने करतब से तस्लीम के पाठकों को गुदगुदाते रहेगें !
जवाब देंहटाएंजींदंजवेपे-इस मिस्प्रिंत को सुधारें !
अरे वाह मनीष तो पूरे वैज्ञानिक मदारी की भूमिका में आ चुके हैं ! उम्मीद है अब आते रहेंगें और अपने करतब से तस्लीम के पाठकों को गुदगुदाते रहेगें !
जवाब देंहटाएंजींदंजवेपे-इस मिस्प्रिंत को सुधारें !
वाकई यह दिलचस्प विवरण तो पहली बार पढा. धन्यवाद.
जवाब देंहटाएंरामराम.
मनीष भाई आप दा जबाब नहीं .
जवाब देंहटाएंमनोहारी पोस्ट के लिए बधाई और झण्डों की हरियाली के लिए भी बधाई!
जवाब देंहटाएंमतलब ये कि अभिनय के एक तुम ही नहीं उस्ताद इसां.....
जवाब देंहटाएंbahut achchhi jankari mili aapke is lekh se..sach kahoon maza aa gaya
जवाब देंहटाएंवाह उस्ताद ! मान गए ! अब जाके पता चला सब एक्टिंग करते हैं.
जवाब देंहटाएंसही बात है जी। काफी दिलचस्प मामला है।
जवाब देंहटाएंबिलकुल सही कहा अरविंद जी ने। आप तो वाकई मदारी की तरह जीवों के करतब दिखाने लगे।
जवाब देंहटाएंbahut hi rochak lekh hai.
जवाब देंहटाएंinsaan to janam se hi abhinay sikh kar dharati par aata hai...janwar bhi is mein pichhey nahin hain!:D
khaas kar lekh ki dilchasp aur akarshak prastuti ,mohak chitr bahut pasand aayi..
बहुत ही रोचक बात सभी पक्के ड्रामे बाज हैं यह तो :) मजा आया इसको पढ़ कर शुक्रिया
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