गूगल बाबा ने डार्विन दादा को उनकी २००वी जयंती पर श्रद्धांजलि दी थी -लिहाजा वह फिंच चिडियों की तस्वीर कई दिनों तक गूगल के होम पेज पर बनी रही...
गूगल बाबा ने डार्विन दादा को उनकी २००वी जयंती पर श्रद्धांजलि दी थी -लिहाजा वह फिंच चिडियों की तस्वीर कई दिनों तक गूगल के होम पेज पर बनी रही जिस पर चटका लगाते ही डार्विन का रचना संसार उजागर हो जाता था -इस दूसरी डार्विन पहेली को लेकर रोचक जवाब आए ! वैसे तो अक्लमंद के लिए इशारा काफी होता है मगर इन दिनों छाये वी डे माहौल में लोग डार्विन की फिन्चेज को लव बर्ड्स मान बैठे ! बहरहाल ,डार्विन के मन में इन चिडियों के निरीक्षण से ही प्राकृतक वरण का विचार कौंधा था जब वे दक्षिणी अमेरिका के एक द्वीप गैलापैगास द्वीप पर सैरसपाटा कर रहे थे ! एक छोटे से द्वीप समूह की अलग अलग द्वीपों पर उन्होंने एक ही चिडिया में चोंचों के बनावट के आधार पर दर्जनों विभिन्न किस्में देखीं थीं -उनके मन में यही सवाल बार बार कौंधता कि एक ही मूल पक्षी के इतने अलग प्रकार कैसे हो गये ! और उसी उधेड़ बुन ने उन्हें प्राक्रतिक चयन के दहलीज पर ला दिया !
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अब उत्तर ! अभिषेक जो बनारस हिन्दू विश्विद्यालय के उदीयमान छात्र हैं ने पहला सटीक जवाब दिया -यह तस्वीर चार्ल्स डार्विन की 200 वी जयंती पर उन्हें याद करते हुए गूगल ने लगाई थी. वैसे उनका यह जवाब ही पर्याप्त था मगर उन्होंने आगे यह भी जोड़ा -तस्वीर में शायद गालापागोस टापू की जैव-विविधता भी दर्शाई गई है, जिसने डार्विन को 'Origin & Evolution of species' के नए सिद्धांत प्रस्तुत करने को प्रेरित किया था.
तुंरत बाद रचना सिंह जी का जवाब भी आ गया -आज दुनिया भर में मनायी जा रही है चार्ल्स डार्विन की द्विशती ! aapke is aalekh sae pehlae google par yae chitr aa chuka thaa cursor rakhtey hee pataa chal gayaa thaa ki google baba darwin daadu ko yaad kar rahey hae
चिडियों को देखा तो ताऊ रोमांटिक हो गए -भाई मिश्राजी हमको तो ये दुनियां के नक्शे पर बैठी हुई चिडियां दिखाई दे रही हैं और लगाने का उदेष्य यह है कि सब देशों की चिडिया एक जैसी हैं और प्रेम से रह सकती हैं तो हम क्युं आपस मे एक दुसरे की ऐसी तैसी करते हैं? फिर सीमा जी ही भला क्यूं पीछे रहतीं सो उन्होंने भी कहा -" ye love birds hain"-बसंत के आगमन पर ये तस्वीर गूगल के होमपेज पर लगी है " रंजना (रंजू ) भाटिया ने झटपट अनुमोदन भी कर दिया -मैं तो इन्तजार करुँगी जानने का इस का उत्तर ॥अभी तो लव बर्ड्स ही लग रही हैं। मगर आगे उन्होंने भी म्हणत की और जवाब ढूंढ ही लिया-धरती पर जीवन की उत्पति को बताता है यह गूगल का चित्र ..यह चार्ल्स डार्विन के सिद्धांत पर आधारित है !
डॉ श्रीमती अजीत गुप्ता से भी रहा नही गया तो उन्होंने आगे भी व्याख्या की-सम्पूर्ण विश्व को दर्शाता चित्र है और उसके मध्य लिखा है google, समुद्र के दोनो ओर पंक्षी बैठे हैं और गूगल सर्च के द्वारा वे अपने मित्रों को ढूंढ सकते हैं। अर्थात गूगल के कारण अब प्रेम की दूरियां समाप्त हो गयी है। इस जवाब को देखकर मनुष्य की विश्लेषण /तर्क क्षमता का लोहा मानना होगा ! अनाम /अनामिका उवाच: यह डारविन के विकास के सिद्धांत को इंगित कर रही है। खैर आते आते देर से अल्पना वर्मा जी आयीं और छा गयीं -कुछ मिनटों के अन्तराल पर उनके एक ही जवाब के दो हिस्से यूँ दिखे -
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महान वैज्ञानिक चार्ल्स डार्विन की जन्मशताब्दी के अवसर पर गूगल ने यह water -colours se bana लोगो लगाया था.जो आज हट चुका है.उस में वातावरण में परिवर्तन के साथ पक्षियों के adaptation को बताने की कोशिश की गई है.
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इस 'लोगो 'में Galapagos Island ke pakshi--'finches'[Galapagos island south america se 600 miles duur hai।] तस्वीरें हैं जिन्हें देख कर डार्विन के दिमाग में evolution के सिद्धांत पर काम करने का विचार आया था।डार्विन ने flinches की १३ विभिन्न तरह की जातियों का अध्यन किया.उन्होंने पाया था की इन उपद्वीपों में रहने वाले पक्षियों के आकार में और उनकी चोंच के साइज़ में भिन्नता है. जो बदलते वातावरण में जीने के लिए अनुकूलन प्रक्रिया में आई होगी.इसी अध्ययन को उन्होंने अपनी किताब का रूप दिया--On the Origin of Species.
अब तक पहेली का सम्पूर्ण उत्तर तो मिल चुका था पर अभी भी उत्तरों का सिलसिला थमा नहीं था -
- स्मार्ट इन्डियन का यह कयास देखिये -
पी एन सुब्रमनयन जी बोले -गूगल रिश्ते बना रही है।
राज भाटिया साहब ने कहा कि उनके बेटे ने जवाब दिया कि -इस का मतलब है कि चार्स डर्बिन का २०० वां जन्म दिन है. किस बेटे ने भाटिया जी ! मेरी बधाई दीजियेगा !
ज्ञानदत्त जी भी प्यार की ही भाषा में बोल पड़े -प्रेम-प्यार का चित्र लगता है। परमजीत बली भी सकुचाते से बोले -
बसंत के मौसम के कारण लगाय होगा। यह प्रेम का प्रतीक है शायद।
अब तक तो प्यार की पोरी खुमारी छा चुकी थी सो महेंद्र मिश्रा जी बोले -दोनों प्यार का इजहार कर रहे है . मिश्र जी पता नहीं कैसे यह दवा कर बैठे कि दोनों प्यार का इजहार कर रहे हैं -वह इकतरफा भी तो हो सकता था ? क्यों महेंद्र जी ?/
प्रवीन त्रिवेदी जी अलसाए से बोले -भाई देर से आया !!!पूरी तरह से अल्पना जी से सहमत !!अभिषेक जी से भी सहमत!!बस एक ही से सहमति काफी थी मगर प्रवीन जी ने दुहरा दांव लगा दिया !
अंत में जाकिर जी ने रस्म अदायगी भर कर दी -Hoon, maamla to mujhe bhi Darvin saahab ka hi lagta hai.
अब तक गूगल बाबा भी प्रेम रंग में आ गए थे और गृह पृष्ठ पर सचमुच लव बर्ड चेप चुके थे ! !
सभी विजाताओं को बधाई -भाग लेने वाले सभी सुधी जनों को शुक्रिया !
रचना जी को बधाई और आपका इस विषय पर विस्तृत जानकारी देने के लिए आभार
जवाब देंहटाएंडार्विन साहब को याद करने का धन्यवाद! सभी विजेताओं को बधाई!
जवाब देंहटाएंअभिषेक जी को प्रथम स्थान पर आने के लिए बहुत बहुत बधाई और बाकि सभी विजेताओं को bhi बधाई.
जवाब देंहटाएंआप की पहेलियाँ ज्ञान बढ़ा रही हैं इस में कोई दो राय नहीं.
अभिषेक जी भी बधाई
जवाब देंहटाएंविजेताओं को बधाई। आपको साधुवाद...।
जवाब देंहटाएंअसल में कल वेलेंटाइन का दिन था सो मैंने भी मस्ती में लिख दिया प्यार का इजहार कर रहे है हा हा . सभी विजेता भाई बहिनों को बधाई और शुभकामना . खैर अगली बार सही उत्तर देने की कोशिश करूँगा .
जवाब देंहटाएंचलिए इस बार मैं भी सफल हो ही गया. धन्यवाद अरविन्द जी. और सभी विजेताओं और प्रतिभागियों को भी शुभकामनाएं.
जवाब देंहटाएंभाई सभी विजेतओ को बधाई, हमारे छोटे बेटे ने (अंकुश भाटिया ) ने यह जबाब दिया था, आप के ऎसे सवालो के जबाब तो यहां के बच्चे फ़टाफ़ट दे देगे. इस लिये अलग सवाल पुछो, वो तो अचानक मेने उसे पुछा तो उस ने सारी हिस्ट्री ही मुझे बता दी.
जवाब देंहटाएंचित्र थोडे बडे दिया करे, इस चित्र की बात नही बाकी चित्र तो बडे दे सकते है, छोटे चित्र देख कर पहेली बूझना कठीन होता है, क्यो कि चित्र साफ़ नही दिखता
धन्यवाद
दुहरा दांव
जवाब देंहटाएंहा हा हा हा हा हा हा हा !!!!!
सभी विजेताओं को बधाई!!!!
मैं तो सोच में पड़ गया कि बिना जवाब दिए मेरा जवाब सही कैसे हो गया :-)
जवाब देंहटाएंसभी विजेताओं को बधाई...."
जवाब देंहटाएंRegards
अभिषेक भाई, बहुत बहुत बधाई।
जवाब देंहटाएंसभी विजेताओं को हार्दिक बधाईयाँ।
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