तस्लीम की यह पहेली चार्ल्स डार्विन नामक ब्रितानी प्रकृति वैज्ञानिक के दो सौवें जन्म दिन के उपलक्ष्य में रखी गयी थी .और पाल वाली जिस नौका का...
तस्लीम की यह पहेली चार्ल्स डार्विन नामक ब्रितानी प्रकृति वैज्ञानिक के दो सौवें जन्म दिन के उपलक्ष्य में रखी गयी थी .और पाल वाली जिस नौका का चित्र आपने देखा था -एच एम् एस बीगल पर ही उस महान वैज्ञानिक ने पाँच वर्ष की लम्बी समुद्री यात्रा कर देश देशान्तरों को देखा परखा और अपनी युगांतरकारी सोच -प्राकृतिक वरण को सिद्धांत के रूप में सारी दुनिया के सामने रखा जिसके अनुसार दुनिया बनायी नही गयी बल्कि एक लंबे अन्तराल में एक नन्हे से जीव -जैसे अमीबा से आदमी तक विकसित हुयी है ! यह पूरा वर्ष ही डार्विन द्विशती के रूप में मनाया जा रहा है .आपको अभी बहुत कुछ अंतर्जाल पर भी दिखेगा !
तो आईये पहेली के उत्तरों पर ! पहला सही जवाब सीमागुप्ता जी का -MS Beagle Ship Charles Darwin ...उन्होंने यह और भी स्पष्ट किया -
HMS Beagle Ship Charles Darwin ...
This artwork was painted for display at the Australian Society of Marine Artists' Annual Exhibition held at the Queensland Maritime Museum in Brisbane 2006. It shows HMS "Beagle" approaching Fort Macquarie (now the site of Sydney's Opera House). The rock behind the ship was demolished to build Fort Denison.
(moderation on है इसलिए पिक्चर का लिंक दिया है.....आज उनकी जयंती पर सारा विश्व उन्हें याद कर रहा है बस यही सोच कर की ये पहेली भी उनसे ही सम्बन्धित है कोशिश की और कामयाब हो गये)
Regards
उत्तर भी मुकम्मल और उत्तर को सर्टीफाई करती उनकी मुहर -रेगार्ड्स भी ! बिल्कुल सही हिट किया सीमा जी आपने -पहली विजेता होने की बधाई !
प्रवीण त्रिवेदी प्राईमरी का मास्टर जी ने अपने सामान्य ज्ञान का असामान्य परिचय यूँ दिया -पुराने जमाने की पाल नौका लगती है ... जो कि हवा के रुख पर परिचालन करती थी,भले बने हो नाथ -अगर कौनो आपके स्कूल का लड़कवा ऐसा बोले होता तो ? बेचारा .....बहरहाल आप विराजे महराज इतनी व्यस्तता के बाद भी, हम धन्य हुए ! इन दिनों उरूज पर हैं हुजूर आप -खुदा इनायात रखें !
योगेन्द्र मौदगिल साहब फिर भवुकाए -कवि जो ठहरे और अपने माजी में चले गए और माजी से उबर कर रसोईं में जा घुसे -भाई जी पहली नज़र में तो बचपन में देखा एक कैलेण्डर याद आ रहा है दूसरी नज़र में सिंदबाद के किस्सों में उल्लिखित पाल वाला जहाज अब तीसरी नज़र के प्रयोग करने का समय नहीं बचा क्योंकि आपकी भाभी जी मुझे रसोई में बुला रहीं है या तो परांठे तैयार या फिर तैयार करने पड़ेंगें"
रंजन जी ने भी भोलेपन से अपने सामान्य ज्ञान का परिचय दिया -ये तो नाव का चित्रा है..:) भाई मगर ये चित्रा तो और भी विचित्रा निकला !
रंजना (रंजू ) भाटिया जी ने फरमाया -मैंने तो अभी अंटार्कटिका यात्रा पढ़ी है मुझे तो वही जाने वाली कोई पुरानी नौका लग रही है :) या फ़िर कोलम्बस का जहाज है! इह्नोने उत्तरों का एक नया ट्रेंड शुरू किया ! मगर अन्टार्कटिका तक की यात्रा का इस तरह का रोमांचक रूमानी ख़याल किसी कवि हृदया के मन में ही आ सकता है !
अब तशरीफ़ लाईं पहेली साम्राग्यीं अल्पना वर्मा जीं -यह चित्र एक पुराने जहाज का है.
और जहाँ तक मुझे समझ में आ रहा है..यह 'लेडी वाशिंगटन 'जहाज है जिसे १७५० में बनाया गया था.
और tall ships में से एक है.[mast height 89 feet hai.]
बाकि सही जानकारी आप तो ही देंगे.जाहिर है अपने इस उत्तर पर वे दृढ़ नहीं थीं उन्हें बिना सही उत्तर जाने चैन ही कहाँ था -लिहाजा उन्होंने फिर यह जवाब दिया -sahi aur naya jawab hai...--HMS Beagle Ship Charles Darwin --
dono paheliyan..Scientist Darwin' se related ho gayi hain...
यह आफ्टर थाट तो जरूर था उनका पर वे आयीं स्वतंत्र रूप से ही इस जवाब पर क्योंकि माडरेशन आन था और सीमा जी का सही जवाब मैंने रोक रखा था -तो अल्पना जी ने भी सही उत्तर पर आख़िर हिट किया ! और अपने फालोवर को डिफेंड करने में भी लग गयीं -Sameer ji[udan tashtari ] ne mera jawab badey vishwas se copy kiya hai unka bhi jawab mere naye jawab ke saath badla jaye...
isee tarah subramaniun sir ka jawab bhi 'HMS Beagle,' mana jaye...ye meri request hai...:)kyonki unhone apna jawab mere jawab ke saaath mana hai...
भई अईसा कोई फालोवर हो जाय तो बस बात बन जाय -अब दोनों शख्स अल्पना जी को शुक्रिया तो देंगे ही !
स्मार्ट इंडियन तो ईस्ट इंडिया ज़माने में जा निकले -जहाज को ही कम्पनी बता डाला उनके अगले जवाब का इंतज़ार था जब वे कम्पनी को जहाज बताते - वे जल्दी ही लौटे - मिश्रा जी, आपने तो नोस्टालजिक कर दिया. अरे, बीसिओं साल पहले चक भैया (चार्ल्स डार्विन) और मैं इसी नौका में घूमने निकले थे. डार्विन के दो सौ वर्ष पूरे होने पर श्रद्धांजलि! चलिए देर आयद दुरुस्त आयद ! मीत उवाच -है तो पुराने ज़माने की पाल वाली नौका ही...सुम्न्दरी लुटेरे, सिंदबाद, और पता नहीं कितनी ही चित्रकथाओ में देखी है...अंग्रेजी में शायद इसे yatch कहते हैं..विवरण तो ही है मगर पहेली के पीछे तो कुछ और ही था !
अन्तर सोहिल साहिब को याद आया कि -याद आ गया कि कोलम्बस इसी में तो आया था भारत को खोज करने! धुत ,रंजू जी का भी तो यही जवाब था -मगर अफ़सोस कि गलत ! वे फिर लौटे तो यह जवाब लेकर- अब सचमुच सब याद आ गया, पिछली गलती के लिये क्षमाप्रार्थी हूं। कोलम्बस नही भारत को खोजने वास्को-डि-गामा आया था इस जहाज में । अन्तर जी सचमुच बडा गड़बड़झाला है मैं भी अक्सर गड़बडिया जाता हूँ कि भारत किसने खोजा कोलम्बस या वास्कोडिगामा ने .ऐसा करिए अल्पना जी से ही लगे हाथ पूंछ लीजिये !
अब उड़न तश्तरी आ पहुँचीं पर जवाब जंचा नहीं और सशंकित अलग से दिखे -है तो 'लेडी वाशिंगटन 'जहाज ही और हाँ, अल्पना जी की नकल नहीं मारी है वरना तो १७५० सन में बना, वो भी बता देते. अब पी एन सुब्रमन्यन साहब ने बेमन से एक जवाब दे दिया -अब हम इसे रेल गाड़ी नहीं कह सकते. अल्पना जी ने जरूर ढूँढ निकला होगा. हम उनके साथ हैं..और जिम्मेदारी भरोसेमंद कंधे पर डाल चलता बने ! बकी का हाल तो पहले ही ब्यान चुके हैं .
सच कहें तो दूसरा सही जवाब था अभिषेक का -HMS Beagle, जिस पर चार्ल्स डार्विन ने १८३१ में अपना सफर एक अमेचर Naturologist के तौर पर शुरू किया था.वाह अभिषेक जी . संक्षिप्त और सटीक उत्तर !
अब ताऊ रामपुरिया जी को गुजरा जमाना ही ज्यादा जमता है -पुराने जमाने के जहाज झैं जी. पाल लगाकर हवा के हिसाब से चलाये जाते थे. बाकी हमारे छोटे भ्राता मोदगिल जी रसोई मे गये हैं . या तो परांठे सेक कर आयेंगे या बेलन खाके आयेंगे तब वो ही बतायेंगे. :) ताऊ क्या मौदगिल जी रसोईं से बहार आए ? तनिक पता तो करिये !
अब सगीता पुरी जी का जवाब देखिये जो सेल्फ इक्स्प्लेनेटरी है पर है कांफिडेंस से लबरेज !
सबसे पहले तो मैं अल्पना जी के ज्ञान की प्रशंसा करना चाहूंगी , क्योंकि हर पहेली को बूझने में ये सबसे पहले और सबसे सही होती हैं.......लेकिन उनकी नकल न करते हुए मैं इसे पुराने जमाने में कई जगहों पर देखी गयी नौका ही कहूंगी.....क्योंकि उनके मध्य के सूक्ष्म अंतर का मुझे कोई आइडिया नहीं।
अब तक तो जो जैसा लस्टम पस्टम चल रहा था ज़ाकिर ने पलडा ही एक ओर झुका दिया -Palda KOLAMBAS ki taraf jhuk raha hai. अब अल्पना जी पर इतना कांफिडेंस जो ठहरा ! लोगों को अल्पना जी आलसी और डिपेनडेन्ट बनाती जा रही हैं -यह एक ज्वलंत उदाहरन है ! पर दोष उनका थोड़े ही है ,कि है ? ! राज भाटिया जी ने दुबारा छोटी फोटो की शिकायत की है -फ़ोटू बहुत बडा है, थोडा छोटा होता तो ध्यान से देखते, अजी बडा फ़ोटू लगाओ ओर तब पूछो। क्या मामला है राज भाई ? कुछ चश्मा वशमा का पराब्लम तो नही है ? अगर हाँ तो अगली बार लार्जर दैन लाईफ फोटू का वादा -हुकुम ? जीशान जी ने भी सही तुक्का मारा -कहीं इसका सम्बन्ध डार्विन से तो नहीं? चोटी वाले विज्ञानं संचारक जो ठहरे !
इसी प्रश्न पर आकर विष्णु वैरागी जी ने वैराग्यधारण कर लिया था -उत्तर चेंप रहा हूँ ताकि सनद रहे -जानकार सदा दुखी। अपन अनजान। सदा सुखी।
और अंत में आया स्लीक और सुंदर सा उन्मुक्त जी का जवाब -इस साल डारविन को पैदा हुऐ २०० साल हो गये। इस हिसाब से तो इसे बीगलस् (HMS Beagles) होना चाहिये जिस पर उसने दुनिया की यात्रा की थी और Origin of Species का सिद्धान्त निकाला था।
और इसी के साथ यह पहली डार्विन पहेली सम्पन्न हो गयी ! विजेताओं को बधाई !
तो आईये पहेली के उत्तरों पर ! पहला सही जवाब सीमागुप्ता जी का -MS Beagle Ship Charles Darwin ...उन्होंने यह और भी स्पष्ट किया -
HMS Beagle Ship Charles Darwin ...
This artwork was painted for display at the Australian Society of Marine Artists' Annual Exhibition held at the Queensland Maritime Museum in Brisbane 2006. It shows HMS "Beagle" approaching Fort Macquarie (now the site of Sydney's Opera House). The rock behind the ship was demolished to build Fort Denison.
(moderation on है इसलिए पिक्चर का लिंक दिया है.....आज उनकी जयंती पर सारा विश्व उन्हें याद कर रहा है बस यही सोच कर की ये पहेली भी उनसे ही सम्बन्धित है कोशिश की और कामयाब हो गये)
Regards
उत्तर भी मुकम्मल और उत्तर को सर्टीफाई करती उनकी मुहर -रेगार्ड्स भी ! बिल्कुल सही हिट किया सीमा जी आपने -पहली विजेता होने की बधाई !
प्रवीण त्रिवेदी प्राईमरी का मास्टर जी ने अपने सामान्य ज्ञान का असामान्य परिचय यूँ दिया -पुराने जमाने की पाल नौका लगती है ... जो कि हवा के रुख पर परिचालन करती थी,भले बने हो नाथ -अगर कौनो आपके स्कूल का लड़कवा ऐसा बोले होता तो ? बेचारा .....बहरहाल आप विराजे महराज इतनी व्यस्तता के बाद भी, हम धन्य हुए ! इन दिनों उरूज पर हैं हुजूर आप -खुदा इनायात रखें !
योगेन्द्र मौदगिल साहब फिर भवुकाए -कवि जो ठहरे और अपने माजी में चले गए और माजी से उबर कर रसोईं में जा घुसे -भाई जी पहली नज़र में तो बचपन में देखा एक कैलेण्डर याद आ रहा है दूसरी नज़र में सिंदबाद के किस्सों में उल्लिखित पाल वाला जहाज अब तीसरी नज़र के प्रयोग करने का समय नहीं बचा क्योंकि आपकी भाभी जी मुझे रसोई में बुला रहीं है या तो परांठे तैयार या फिर तैयार करने पड़ेंगें"
रंजन जी ने भी भोलेपन से अपने सामान्य ज्ञान का परिचय दिया -ये तो नाव का चित्रा है..:) भाई मगर ये चित्रा तो और भी विचित्रा निकला !
रंजना (रंजू ) भाटिया जी ने फरमाया -मैंने तो अभी अंटार्कटिका यात्रा पढ़ी है मुझे तो वही जाने वाली कोई पुरानी नौका लग रही है :) या फ़िर कोलम्बस का जहाज है! इह्नोने उत्तरों का एक नया ट्रेंड शुरू किया ! मगर अन्टार्कटिका तक की यात्रा का इस तरह का रोमांचक रूमानी ख़याल किसी कवि हृदया के मन में ही आ सकता है !
अब तशरीफ़ लाईं पहेली साम्राग्यीं अल्पना वर्मा जीं -यह चित्र एक पुराने जहाज का है.
और जहाँ तक मुझे समझ में आ रहा है..यह 'लेडी वाशिंगटन 'जहाज है जिसे १७५० में बनाया गया था.
और tall ships में से एक है.[mast height 89 feet hai.]
बाकि सही जानकारी आप तो ही देंगे.जाहिर है अपने इस उत्तर पर वे दृढ़ नहीं थीं उन्हें बिना सही उत्तर जाने चैन ही कहाँ था -लिहाजा उन्होंने फिर यह जवाब दिया -sahi aur naya jawab hai...--HMS Beagle Ship Charles Darwin --
dono paheliyan..Scientist Darwin' se related ho gayi hain...
यह आफ्टर थाट तो जरूर था उनका पर वे आयीं स्वतंत्र रूप से ही इस जवाब पर क्योंकि माडरेशन आन था और सीमा जी का सही जवाब मैंने रोक रखा था -तो अल्पना जी ने भी सही उत्तर पर आख़िर हिट किया ! और अपने फालोवर को डिफेंड करने में भी लग गयीं -Sameer ji[udan tashtari ] ne mera jawab badey vishwas se copy kiya hai unka bhi jawab mere naye jawab ke saath badla jaye...
isee tarah subramaniun sir ka jawab bhi 'HMS Beagle,' mana jaye...ye meri request hai...:)kyonki unhone apna jawab mere jawab ke saaath mana hai...
भई अईसा कोई फालोवर हो जाय तो बस बात बन जाय -अब दोनों शख्स अल्पना जी को शुक्रिया तो देंगे ही !
स्मार्ट इंडियन तो ईस्ट इंडिया ज़माने में जा निकले -जहाज को ही कम्पनी बता डाला उनके अगले जवाब का इंतज़ार था जब वे कम्पनी को जहाज बताते - वे जल्दी ही लौटे - मिश्रा जी, आपने तो नोस्टालजिक कर दिया. अरे, बीसिओं साल पहले चक भैया (चार्ल्स डार्विन) और मैं इसी नौका में घूमने निकले थे. डार्विन के दो सौ वर्ष पूरे होने पर श्रद्धांजलि! चलिए देर आयद दुरुस्त आयद ! मीत उवाच -है तो पुराने ज़माने की पाल वाली नौका ही...सुम्न्दरी लुटेरे, सिंदबाद, और पता नहीं कितनी ही चित्रकथाओ में देखी है...अंग्रेजी में शायद इसे yatch कहते हैं..विवरण तो ही है मगर पहेली के पीछे तो कुछ और ही था !
अन्तर सोहिल साहिब को याद आया कि -याद आ गया कि कोलम्बस इसी में तो आया था भारत को खोज करने! धुत ,रंजू जी का भी तो यही जवाब था -मगर अफ़सोस कि गलत ! वे फिर लौटे तो यह जवाब लेकर- अब सचमुच सब याद आ गया, पिछली गलती के लिये क्षमाप्रार्थी हूं। कोलम्बस नही भारत को खोजने वास्को-डि-गामा आया था इस जहाज में । अन्तर जी सचमुच बडा गड़बड़झाला है मैं भी अक्सर गड़बडिया जाता हूँ कि भारत किसने खोजा कोलम्बस या वास्कोडिगामा ने .ऐसा करिए अल्पना जी से ही लगे हाथ पूंछ लीजिये !
अब उड़न तश्तरी आ पहुँचीं पर जवाब जंचा नहीं और सशंकित अलग से दिखे -है तो 'लेडी वाशिंगटन 'जहाज ही और हाँ, अल्पना जी की नकल नहीं मारी है वरना तो १७५० सन में बना, वो भी बता देते. अब पी एन सुब्रमन्यन साहब ने बेमन से एक जवाब दे दिया -अब हम इसे रेल गाड़ी नहीं कह सकते. अल्पना जी ने जरूर ढूँढ निकला होगा. हम उनके साथ हैं..और जिम्मेदारी भरोसेमंद कंधे पर डाल चलता बने ! बकी का हाल तो पहले ही ब्यान चुके हैं .
सच कहें तो दूसरा सही जवाब था अभिषेक का -HMS Beagle, जिस पर चार्ल्स डार्विन ने १८३१ में अपना सफर एक अमेचर Naturologist के तौर पर शुरू किया था.वाह अभिषेक जी . संक्षिप्त और सटीक उत्तर !
अब ताऊ रामपुरिया जी को गुजरा जमाना ही ज्यादा जमता है -पुराने जमाने के जहाज झैं जी. पाल लगाकर हवा के हिसाब से चलाये जाते थे. बाकी हमारे छोटे भ्राता मोदगिल जी रसोई मे गये हैं . या तो परांठे सेक कर आयेंगे या बेलन खाके आयेंगे तब वो ही बतायेंगे. :) ताऊ क्या मौदगिल जी रसोईं से बहार आए ? तनिक पता तो करिये !
अब सगीता पुरी जी का जवाब देखिये जो सेल्फ इक्स्प्लेनेटरी है पर है कांफिडेंस से लबरेज !
सबसे पहले तो मैं अल्पना जी के ज्ञान की प्रशंसा करना चाहूंगी , क्योंकि हर पहेली को बूझने में ये सबसे पहले और सबसे सही होती हैं.......लेकिन उनकी नकल न करते हुए मैं इसे पुराने जमाने में कई जगहों पर देखी गयी नौका ही कहूंगी.....क्योंकि उनके मध्य के सूक्ष्म अंतर का मुझे कोई आइडिया नहीं।
अब तक तो जो जैसा लस्टम पस्टम चल रहा था ज़ाकिर ने पलडा ही एक ओर झुका दिया -Palda KOLAMBAS ki taraf jhuk raha hai. अब अल्पना जी पर इतना कांफिडेंस जो ठहरा ! लोगों को अल्पना जी आलसी और डिपेनडेन्ट बनाती जा रही हैं -यह एक ज्वलंत उदाहरन है ! पर दोष उनका थोड़े ही है ,कि है ? ! राज भाटिया जी ने दुबारा छोटी फोटो की शिकायत की है -फ़ोटू बहुत बडा है, थोडा छोटा होता तो ध्यान से देखते, अजी बडा फ़ोटू लगाओ ओर तब पूछो। क्या मामला है राज भाई ? कुछ चश्मा वशमा का पराब्लम तो नही है ? अगर हाँ तो अगली बार लार्जर दैन लाईफ फोटू का वादा -हुकुम ? जीशान जी ने भी सही तुक्का मारा -कहीं इसका सम्बन्ध डार्विन से तो नहीं? चोटी वाले विज्ञानं संचारक जो ठहरे !
इसी प्रश्न पर आकर विष्णु वैरागी जी ने वैराग्यधारण कर लिया था -उत्तर चेंप रहा हूँ ताकि सनद रहे -जानकार सदा दुखी। अपन अनजान। सदा सुखी।
और अंत में आया स्लीक और सुंदर सा उन्मुक्त जी का जवाब -इस साल डारविन को पैदा हुऐ २०० साल हो गये। इस हिसाब से तो इसे बीगलस् (HMS Beagles) होना चाहिये जिस पर उसने दुनिया की यात्रा की थी और Origin of Species का सिद्धान्त निकाला था।
और इसी के साथ यह पहली डार्विन पहेली सम्पन्न हो गयी ! विजेताओं को बधाई !
सीमाजी और अल्पना जी को हमारी और से बधाइयाँ और हैप्पी valentines' day.
जवाब देंहटाएंसीमा जी को बधाई..जीतने की पर इस नाव पर यात्रा करना कितना रूमानी रहा होगा इस बात से तो इनकार नही किया जा सकता है :)
जवाब देंहटाएंसीमा जी को बधाई. पोस्ट का अंदाज भी आकर्षक है.
जवाब देंहटाएंदेखो जी परांठे तो खाए
जवाब देंहटाएंपर सेके या सिकवाये
यह बात सीक्रेट है
कान्फीडेन्शियल है
यही बातें तो हमारे
मंचीय धंदे का
रा-मैटीरियल है
सही बात हम आपको तभी बताएंगे
जब आप और ताऊ
हमें बारी-बारी से
कविसम्मेलन में बुलायेगें
फिलहाल तो आपके इस आलेख से मुझे अपना एक पुराना दोहा याद आ रहा है जिसमें प्रयुक्त गलती मुझे कईं सालों में पता lagi
'सच्चा दुखिया जगत में झूठे की है मौज.
कोलम्बस ने इसीलिये की भारत की खोज..'
--योगेन्द्र मौदगिल
pheli bhut rochak thi or jhyavardhan bhi. Sbhi vijetaon ko bhut bhut bdhai. Ab next pheli ke answer ka intjar hai vhan kuch jyada hi suspense bna hua hai ki right answer kya hai. Regards
जवाब देंहटाएंहमने एक शहर में प्रा॓पर्टी के केसेज़ किए तो वहाँ ये देखते थे कि बेचने वाले सब दुसरे दुसरे सरनेमों के लोग रहते थे और ख़रीदने वाले सिर्फ़ जैन। क्या पता ऐसा क्यों था ?
जवाब देंहटाएंकुछ इसी तरह का नज़ारा आजकल ब्ला॓ग पर पहेलियों का है। पूछने वाले तो अलग अलग लोग हैं और जीतने वाली सिर्फ़ सीमा जी। भैया माजरा क्या है ? हा हा !
सभी विजेताओं को बधाई.
जवाब देंहटाएं@संगीता जी,आप ने मेरे प्रयासों को सराहा,बहुत अच्छा लगा.
यह मैं सिर्फ़ अपने बारे में कहना चाहूंगी की मुझे बहुत ज्यादा ज्ञान नहीं है,मुझे 'पहेली विशेषज्ञ.'.आदि.. उपाधियाँ देने वालों ने ज़र्रा नवाजी की ही [उनका शुक्रिया]
पहेलियाँ बूझना बिल्कुल मुश्किल नहीं है .-यह कोई भी कर सकता है-बशर्ते--
आप के पास--
१-इन्टरनेट कनेक्शन हाई स्पीड का हो.
-२- खाली समय हो.
किचन से आते जाते भी आप पोस्ट अपडेट होते देखते रहें..
नई पहेलियाँ दिखते ही गूगल बाबा को आदेश दें..सारी इन्फोर्मेशन मिनटों में हाज़िर हो जायेगी.
विकिपीडिया बहुत ही उपयोगी साईट है.
३-थोडी सी रूचि हो.
यही मैं भी करती हूँ..
शुक्रिया.पहेली पूछने वालों का..क्योंकि यह भी कोई आसान काम नहीं है.