कहते हैं ना कि चेहरे भी झूंठ बोलते हैं -जितेन्द्र भगत जी का जहाँ पहला ही ग़लत जवाब आ गया -न जाने नजर के किस पैमाने से इन्हे एक अव्वल वैज्ञा...
कहते हैं ना कि चेहरे भी झूंठ बोलते हैं -जितेन्द्र भगत जी का जहाँ पहला ही ग़लत जवाब आ गया -न जाने नजर के किस पैमाने से इन्हे एक अव्वल वैज्ञानिक, राजनीतिक चेहरा लिए लगा ,पहला सही जवाब घोस्ट बस्टर का है जिन्हें मैं प्यार से भूत भंजक कहता हूँ -जी हाँ यह चेहरा सुब्रहमन्यम चन्द्रशेखर का ही है जिनका जन्म दिन कल था -१९ अक्टूबर को !
नक्षत्रोंसे कौन निमंत्रण देता मुझको मौन के मोहपाश में सुब्रहमन्यम चन्द्रशेखरऐसे आबद्ध हुए कि अन्तरिक्ष के ही शोध काम पर उन्हें नोबेल मिल गया ! उनकी खोज श्वेत वामनों ( उन्मुक्त ) की थी -
बाकी तो सुधी और विद्वान् चिट्ठाकारों ने कई पते की बातें बताईं है जिन्हें जस का तस् रखना ज्यादा उपयुक्त है -मैं तो बस उन अंशों का संकलन भर कर यहाँ उस महान वैज्ञानिक को जन्मदिन पर श्रद्धा सुमन अर्पित करना चाहता हूँ -जो इस बार की पहेली का मूल उद्द्येश्य था .
यह पैदा हुए थे लाहोर मै, १९१०, और मृत्यु २१/८/१९९५ मै हुयी -कुल आयु ८४ बर्ष, ओर इन्हे नोबेल (खगोल शास्त्री)मिला था १९८३ मै. इन्होने पहले भारत-ब्रिटिश नागरिकता थी, फ़िर १९४७-१९५३ तक भारतीया नागरिकता थी ओर फ़िर अमेरिकन नागरिकता ले ली-राज भाटिया !
ड़ा. सी/वी/ रमण के भतीजे भी हैं- Paliakara
इनके बारे में एक और बात बता दूँ की अन्तरिक्ष में 'हबल' के बाद सबसे महत्वपूर्ण X-ray दूरबीन 'चन्द्र' इन्हीं के सम्मान में छोड़ी गई है.-निशांत मिश्र
Subramanyam Chandrasekhar, known to the world as Chandra was born on October 19, 1910 in Lahore, India. Subrah was nephew to Nobel-prize winning physicist C.V. Raman. He received most of his school education by private tuiton and graduated from Presidency College Chennai in 1930 with a degree in physics. In July after he graduated, Chandrasekhar was awarded a Government of India scholarship to pursue graduate studies at the University of Cambridge, where he was admitted to Trinity College and became a research student of Professor R. H. Fowler. On the way to England Chandrasekhar discovered his biggest astronomical success the astrophysical Chandrasekhar limit.-मीत
अन्य सभी भाग लेने वाले और सुझाव देने इन वाले मित्रों का आभार-जिस क्रम से वे आए -ज्ञान दत्त पांडे ,सीमा गुप्ता ,स्मार्ट इंडियन ,रंजना (रंजू ),रोशन ,लवली ,फिरदौस खान ,अभिषेक ओझा ,ताऊ रामपुरिया ,जीशान जैदी ,उड़न तश्तरी (आपका अनुरोध सर माथे ! ),हिन्दी इंटरनेट ( आपकी बात बहुत माकूल है },योगेन्द्र मौदगिल ,ज़ाकिर अली रजनीश ,अर्शिया अली ,राजकुमार जैन(आपकी बात में दम है ) .
नक्षत्रोंसे कौन निमंत्रण देता मुझको मौन के मोहपाश में सुब्रहमन्यम चन्द्रशेखरऐसे आबद्ध हुए कि अन्तरिक्ष के ही शोध काम पर उन्हें नोबेल मिल गया ! उनकी खोज श्वेत वामनों ( उन्मुक्त ) की थी -
बाकी तो सुधी और विद्वान् चिट्ठाकारों ने कई पते की बातें बताईं है जिन्हें जस का तस् रखना ज्यादा उपयुक्त है -मैं तो बस उन अंशों का संकलन भर कर यहाँ उस महान वैज्ञानिक को जन्मदिन पर श्रद्धा सुमन अर्पित करना चाहता हूँ -जो इस बार की पहेली का मूल उद्द्येश्य था .
यह पैदा हुए थे लाहोर मै, १९१०, और मृत्यु २१/८/१९९५ मै हुयी -कुल आयु ८४ बर्ष, ओर इन्हे नोबेल (खगोल शास्त्री)मिला था १९८३ मै. इन्होने पहले भारत-ब्रिटिश नागरिकता थी, फ़िर १९४७-१९५३ तक भारतीया नागरिकता थी ओर फ़िर अमेरिकन नागरिकता ले ली-राज भाटिया !
ड़ा. सी/वी/ रमण के भतीजे भी हैं- Paliakara
इनके बारे में एक और बात बता दूँ की अन्तरिक्ष में 'हबल' के बाद सबसे महत्वपूर्ण X-ray दूरबीन 'चन्द्र' इन्हीं के सम्मान में छोड़ी गई है.-निशांत मिश्र
Subramanyam Chandrasekhar, known to the world as Chandra was born on October 19, 1910 in Lahore, India. Subrah was nephew to Nobel-prize winning physicist C.V. Raman. He received most of his school education by private tuiton and graduated from Presidency College Chennai in 1930 with a degree in physics. In July after he graduated, Chandrasekhar was awarded a Government of India scholarship to pursue graduate studies at the University of Cambridge, where he was admitted to Trinity College and became a research student of Professor R. H. Fowler. On the way to England Chandrasekhar discovered his biggest astronomical success the astrophysical Chandrasekhar limit.-मीत
अन्य सभी भाग लेने वाले और सुझाव देने इन वाले मित्रों का आभार-जिस क्रम से वे आए -ज्ञान दत्त पांडे ,सीमा गुप्ता ,स्मार्ट इंडियन ,रंजना (रंजू ),रोशन ,लवली ,फिरदौस खान ,अभिषेक ओझा ,ताऊ रामपुरिया ,जीशान जैदी ,उड़न तश्तरी (आपका अनुरोध सर माथे ! ),हिन्दी इंटरनेट ( आपकी बात बहुत माकूल है },योगेन्द्र मौदगिल ,ज़ाकिर अली रजनीश ,अर्शिया अली ,राजकुमार जैन(आपकी बात में दम है ) .
" congratulation to all the winners and participants"
जवाब देंहटाएंRegards
यह पहेली अपने आपमें अलग है। क्योंकि इसका सम्पूर्ण उत्तर अलग अलग पाठकों ने टुकडों टुकडों में इस तरह दिया, कि अरविंद जी के लिए सुब्रहमन्यम चन्द्रशेखर जी के बारे में बताने लायक कुछ बचा ही नहीं। शायद अब जाकर पहेली अपने सही लक्ष्य तक पहुंची है।
जवाब देंहटाएंइसके लिए सभी पाठकों को हार्दिक बधाई।
सभी को बधाई।
जवाब देंहटाएंAchchhee jaankaari dee hai.
जवाब देंहटाएंविजेता को बधाई और क्रम से उत्तर देने वाले सभी विजेताओं को मेरी और से क्रम से ढेरो बधाई .
जवाब देंहटाएंविजेता कॊ मेरी ओर से भी बधाई...
जवाब देंहटाएंधन्यवाद
विजेताओँ को बधाई.
जवाब देंहटाएंSahee jawab dene logon ko mubarakbaad.
जवाब देंहटाएंPaheli sarthak hai.
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