भारतीय मिसाइल टेक्नोलॉजी और अग्नि-5 मिसाइल।
अग्नि-5 मिसाइल से चमका भारत
(अंतरमहाद्विवपीय बैलिस्टिक मिसाइल बनाने वाला दुनियां का पाँचवा देश बना भारत)
-मनीष श्रीवास्तव
‘अग्नि’ श्रेणी की पहली मिसाइल का परीक्षण 19 अप्रैल 2012 को किया गया था, जिसकी मारक क्षमता थी महज 700 किलोमीटर। इसके सिर्फ चार साल बाद ही भारत ने अग्नि-5 मिसाइल का सफल परीक्षण किया गया है, जिसकी मारक क्षमता है 5000 किलोमीटर। आज पूरा पाकिस्तान, अफगानिस्तान, इराक, ईरान, पूरा एशिया, चीन, आधा यूरोप, इस मिसाइल का जद में आ गया है। भारत की इस सफलता से चीन इस तरह बौखलाया हुआ है कि संयुक्त राष्ट्र परिषद में वह यह मुद्दा उठाना चाहता है कि हम मिसाइलों का परीक्षण कर सकते हैं या नहीं। महज चार सालों में ही इतनी उन्नति (स्वदेशी तकनीक के उपयोग द्वारा) के लिए हमारे रक्षा वैज्ञानिक बधाई के हकदार हैं। फिर से एक बार उन्होंने दुनिया के सामने भारतीय वैज्ञानिकों का कौशल प्रस्तुत करते हुए हमें गर्व से सर ऊँचा करने का अवसर प्रदान किया है। आइये जानते हैं अग्नि-5 मिसाइल की विशेषता और इसके सफल परीक्षण की पूरी कहानी-
26 दिसंबर 2016 को ओडिशा तट से दूर स्थित अब्दुल कलाम द्वीप_ Abdul Kalam Island पर एक इतिहास बनने जा रहा था जब यहाँ एकीकृत परीक्षण रेंज_ Integrated Test Range (ITR) के लांच कांप्लेक्स-चार से सुबह 11 बजकर 5 मिनट पर अग्नि-5_Agni-5 मिसाइल का सफल परीक्षण मोबाइल प्रक्षेपण यान के जरिये किया गया। परमाणु क्षमता से युक्त यह अंतरमहाद्विवीपीय बैलिस्टिक मिसाइल_ Intercontinental Ballistic Missile है, जिसकी मारक क्षमता 5000 किलोमीटर है। पाँच हजार किलोमीटर की दूरी अग्नि-5 सिर्फ 20 मिनट में तय कर सकती है।
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इस सफलता के साथ ही भारत दुनिया में पाँचवा देश बन गया है जिसने अंतरमहाद्विपीय मिसाइल बनाने में सफलता पाई है। इससे पहले अमेरिका, रूस, फ्रांस और चीन के पास ही ऐसी मिसाइल थी। इसकी विशेषता इसका नेविगेशन और गाइडेंस सिस्टम है। इसमें रिंग लेजर गायरो बेस्ड इनरशियल नेविगेशन सिस्टम_ Ring Laser Gyro based Inertial Navigation System और माइक्रो नेविगेशन सिस्टम_ Micro Navigation System तकनीक का प्रयोग किया गया है, जिससे मिसाइल सही तरह से लक्ष्य को भेद पाती है।
अग्नि-5 मिसाइल 17 मीटर लंबी, 2 मीटर चौड़ी और 50 टन वजनी है जो 1000 किलो तक वॉरहेड ले जा सकती है। इसमें 85 फीसदी स्वदेशी तकनीक का इस्तेमाल किया गया है। कोई भी शत्रु देश इसे आसानी से डिटेक्ट नहीं कर सकता। इस मिसाइल की प्रमुख विशेषता में से एक यह है कि इसे किसी भी मौसम में देश के किसी भी भाग से लॉन्च किया जा सकता है। तीन स्टेज पर काम करने वाली यह मिसाइल सॉलिड फ्यूल_ Solid fuel पर चलती है जिसके द्वारा कई वॉरहेड_Warhead एक साथ छोड़े जा सकते हैं किन्तु इन्हें छोड़ने के बाद में रोका नहीं जा सकता है। इस सफलता के साथ ही एशिया, चीन, आधा यूरोप, पूरा पाकिस्तान, अफगानिस्तान, इराक, ईरान तक भारत की पहुँच हो गई है। अब हम रूस, मलेशिया, इंडोनेशिया और फिलीपींस तक किसी भी लक्ष्य को भेद सकते हैं।
हर्ष की बात है कि भारत के 35 देशों के एक समूह मिसाइल टेक्नॉलॉजी कंट्रोल रिजीम_Missile Technology Control Regime का हिस्सा बनने के बाद अग्नि-5 का पहला प्रक्षेपण था जो सफल रहा। इस पूरे परीक्षण में 2500 करोड़ रूपये खर्च हुए। यह मिसाइल के विकास से जुड़ा चौथा और कैनिस्टर स्तर का दूसरा परीक्षण था जो सफल हुआ। लेकिन यह कामयाबी पाना इतना आसान न था। इस सफलता के लिए अग्नि मिसाइल के पहले परीक्षण के बाद वैज्ञानिकों ने करीब 16 महीनों तक टेलिमेट्री और परफार्मेंस डाटा का अध्ययन सघन रूप से किया। सुनिश्चित लक्ष्य को भेदने के लिए उन्होंने नेविगेशन और ऑन बोर्ड सिस्टम का अध्ययन पूरी तत्परता से किया। इसके बाद ही इसका परीक्षण किया गया।
पूरे देश ने दी बधाई:
इस सफलता के साथ ही संपूर्ण भारत में हर्ष की लहर दौड़ गई। सभी ने डीआरडीओ_DRDO और मिशन से जुड़े वैज्ञानिकों को बधाईयाँ दी। राष्ट्रपति, प्रधानमंत्री और रक्षा मंत्री ने भी डीआरडीओ को बधाई दी।
राष्ट्रपति प्रणव मुखर्जी जी ने ट्वीट कर कहा कि ‘अग्नि-5 के सफल परीक्षण के लिए डीआरडीओ को बधाई। इससे हमारी सामरिक और प्रतिरोधक क्षमता में इजाफा होगा।’
प्रधानमंत्री ने कहा कि ‘इस सफलता के साथ ही हमारा सामरिक ढांचा और भी सषक्त होगा। इस सफल परीक्षण से हम भारतीय का सर गर्व से ऊँचा हो गया है।’
डीआरडीओ के प्रमुख वी.के. सारस्वत_V K Sarasvat ने अग्नि-5 के बारे में कहा कि 5000 किलोमीटर की रेंज के अनुसार इसे लॉग रेंज बैलिस्टिक मिसाइल_ Long Range Ballistic Missile कहा जा सकता है। वे मिसाइल जो कम से कम साढ़े पाँच हजार किलोमीटर दूरी तक मार कर सकती हो उसे इंटर कॉन्टिनेंटल बैलिस्टिक मिसाइल_ Intercontinental Ballistic Missile (ICBM) कहा जाता है लेकिन अगर अग्नि-5 का पेलोड कम कर दिया जाए तो इसकी मारक दूरी और बढ़ाई जा सकती है।
दुनिया की मुख्य मिसाइल:
भारत 5000 किलोमीटर से अधिक रेंज की मिसाइल तैयार करने वाला पाँचवां देश बना है। इससे पहले दुनिया के अन्य देश हैं जो 10,000 हजार किलोमीटर से अधिक की दूरी पर की मिसाइल का विकास बहुत पहले कर चुके हैं। वे मिसाइलें हैं-
आर-36 एम_R-36M Missile:
यह मिसाइल रूस के द्वारा विकसित की गई है। इसकी मारक क्षमता 16,000 हजार किलोमीटर है। यह 7.98 किलोमीटर प्रति सेकंड की गति से अपने लक्ष्य को भेद सकती है।
आर-29 आरएमयू शिनेवा_RSM-54 Missile:
रूस की इस मिसाइल द्वारा 11,500 किलोमीटर तक की दूरी 7.61 किलोमीटर प्रति सेकंड की गति से तय की जा सकती है।
डोंगफेंग-41_Dongfeng 41 Missile:
यह मिसाइल चीन के द्वारा विकसित की गई है। इसकी मारक क्षमता 14000 हजार किलोमीटर है। यह अपने लक्ष्य को 8.16 किलोमीटर प्रति सेकंड की स्पीड से निशाना बना सकती है।
डोंगफेंग 5-ए_ Dong Feng 5 A Missile:
यह मिसाइल भी चीन द्वारा ही बनाई गई है। इसकी रेंज 13000 किलोमीटर है जो 7.48 किलोमीटर प्रति सेकंड की गति से अपने टारगेट को निशाना बना सकती है।
यूजीएम-133 ट्रिडेंट 2_ UGM-133 Trident II:
यूएसए द्वारा इस मिसाइल का निर्माण किया गया है। इसकी मारक क्षमता 11000 हजार किलोमीटर की है। यह 5.78 किलोमीटर प्रति सेकंड की गति से अपने लक्ष्य को भेद सकती है।
और भी परियोजनाओं पर हो रहा काम:
अग्नि-5 के अलावा भी भारतीय वैज्ञानिकों द्वारा कई अहम रक्षा मिसाइलों पर काम किया जा रहा है। जैसे-
* डीआरडीओ एक अस्त्र मिसाइल_ Astra Missile बना रहा है। इसकी तकनीक अग्नि मिसाइलों से बेहद अलग है। इसके निर्माण के बाद भारत अमेरिका, रूस, फ्रांस और इजराइल जैसे देशों की श्रेणी में आ जाएगा।
* भारतीय नौ-सेना के लिए डीआरडीओ एक कम दूरी की मारक क्षमता वाली मिसाइल बनाने का कार्य कर रहा है।
* ब्रहोस मिसाइल_ Brahmos Missile के अगले संस्करण पर भी भारत काम कर रहा है। इसकी स्पीड 6 मैक के बराबर करने के प्रयास किये जा रहे हैं। अभी की ब्रहोस मिसाइल की स्पीड 1 मैक है।
* डीआरडीओ फ्रांस की एमबीडीए संस्था के साथ संयुक्त रूप से मैत्री मिसाइल प्रोग्राम पर काम कर रहा है। जमीन से हवा में मार करने वाली यह मिसाइल अपने लक्ष्य को पूरी तरह से नष्ट करने में सक्षम होगी।
* चीन 2007 में ही ऐसी मिसाइल का निर्माण कर चुका है जो अंतरिक्ष में मौजूद दुश्मन के सैटेलाइट को नष्ट कर सकता है। हमारे वैज्ञानिक भी इस तकनीक पर काम कर रहे है। उम्मीद है वे जल्द ही इस पर सफल भी होंगे।
पहली अग्नि-1 मिसाइल का परीक्षण 19 अप्रैल 2012 को (रेंज 700 किलोमीटर), अग्नि-2 का परीक्षण 15 सितंबर 2013 को (रेंज 2000 किलोमीटर) तथा तीसरा परीक्षण 31 जनवरी 2015 को (रेंज 2500-3000 किलोमीटर) किया गया था।
इतनी उपलब्धियों के बाद भी ये बेहद दुखद बात है कि भारत का रक्षा बजट अन्य देशों के मुकाबले बहुत कम है। जहाँ चीन का रक्षा बजट 8000 अरब रूपये है वहीं भारत का रक्षा बजट महज 2700 अरब रूपये ही है। इसके बावजूद हमें भारतीय वैज्ञानिकों के हौसलों और परिश्रम को सलाम करना होगा कि वे सारी परेशानियों के बाद भी अपने सफल प्रयासों से हमें हर बार दुनिया के सामने गौरव करने का अवसर प्रदान करते हैं।
भारत और पकिस्तान की मिसाइल क्षमता:
भारत की तुलना अक्सर पड़ोसी मुल्क पाकिस्तान से होती रहती है। लेकिन रक्षा क्षेत्र में भारत, पाकिस्तान से कोसों आगे है। भारत ने 5000 हजार किलोमीटर की रेंज वाली मिसाइल विकसित कर ली है किन्तु पाकिस्तान के पास अभी 2750 किलोमीटर तक के लक्ष्य को भेदने वाली शाहीन मिसाइल_Shaheen Missile ही है। पाकिस्तान तैमूर मिसाइल_Taimur Missile पर भी कार्य कर रहा है, जिसकी मारक क्षमता 5000 किलोमीटर होगी। फिलहाल पाकिस्तान के पास रक्षा मिसाइलों में शाहीन-1_Shaheen-1 (रेंज 700 किलोमीटर) शाहीन-2_Shaheen-2 (रेंज 2000 किलोमीटर) और शाहीन-3_Shaheen-3 (रेंज 2750 किलोमीटर) है।
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मनीष श्रीवास्तव युवा विज्ञान संचारक हैं और विज्ञान के विभिन्न विषयों पर खोजपरक लेखन करने के लिए जाने जाते हैं।
वर्तमान में आप भोपाल से प्रकाशित होने वाली विज्ञान पत्रिका ‘इलेक्ट्रॉनिक आपके लिए’ में सह-संपादक के रूप में कार्यरत हैं।
आपसे निम्न ईमेल आईडी पर संपर्क किया जा सकता है: agni-5 missile, agni 6, agni 5 speed, agni 7 missile, longest range missiles in the world, agni 5 in hindi, agni 5 actual range, prithvi missile, agni 5 missile in hindi, agni 6 missile in hindi, indian missile program, indian missile list, india missile technology ranking, indian missile program 2020, indian missiles vs pakistani missiles, apj abdul kalam 5 missiles names, indian missile program 2015, indian missiles range, world's best missiles in hindi, top 10 cruise missiles in the world, fastest missile on earth, most powerful missile defence systems, top 10 missiles in the world 2016, indian missiles vs pakistani missiles, top 10 missiles in the world 2015, indian missile power in 2020, list of longest range missile in the world, अग्नि 6, अग्नि 5, अग्नि 7, अग्नि मिसाइल 1, सूर्य मिसाइल, सूर्या मिसाइल, भारतीय मिसाइल कार्यक्रम, भारतीय मिसाइलें, मिसाइल रक्षा कवच, मिसाइल के प्रकार, अग्नि मिसाइल 6, मिसाइल परीक्षण, सूर्या मिसाइल, क्रूज मिसाइल क्या है
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