विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी के क्षेत्र में वर्ष 2017 में भारत की उपलब्धियां

SHARE:

वर्ष 2017 में भारत की विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी के क्षेत्र में उपलब्धियां।


विज्ञान परिक्रमा—2017

-नवनीत कुमार गुप्ता

विज्ञान और प्रौद्योगिकी के क्षेत्र में भारत दिनों-दिन तेजी से आगे बढ़ रहा है। वर्ष 2017 में भारतीय वैज्ञानिक समुदाय ने न सिर्फ नए अनुसंधान किये, वरन समाज के लिए उपयोगी नवीन और बेहतर प्रौद्योगिकियों का भी विकास किया है। इस लेख के माध्यम से युवा विज्ञान संचारक नवनीत कुमार गुप्‍ता ने भारत द्वारा 2017 में विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी के क्षेत्र में किए गए उल्लेखनिय कार्यों को संजोने का प्रयास किया है। आइए जानते हैं वर्ष 2017 में विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी के क्षेत्र में भारत की उपलब्धियां-

अंतरिक्ष में मिलती सफलता
सालों के अथक परिश्रम के बाद, इसरो दुनिया के सबसे प्रभावशाली अंतरिक्ष अनुसंधान संस्थान के रूप में उभरा है। 2016 में प्राप्त गौरव का विस्तार करते हुए इसरो ने 2017 में भी सफलता का अभियान जारी रखा।

फरवरी 2017 में भारत के ध्रुवीय उपग्रह प्रक्षेपण वाहन यानी पोलर सैटेलाइट लॉन्च वेहिकल (PSLV-C37) ने कार्टोसैट-2 श्रृंखला के उपग्रह के साथ 103 अन्य उपग्रहों को सन सिन्ड्रॉम ऑर्बिट यानि SSO में स्थापित किया। इसे श्रीहरिकोटा के सतीश धवन अंतरिक्ष केन्द्र से प्रक्षेपित किया गया, जिसमें एक साथ 104 उपग्रहों को उनकी कक्षा में सफलतापूर्वक स्थापित करने का विश्व कीर्तिमान स्थापित बनाया।

मई में इसरो के GSLV-F09 ने जीसैट-9 को भूसमकालिक कक्षा में स्थापित किया, जो धरती की भूमध्यरेखा से 35,786 किलोमीटर ऊपर एक वृत्ताकार कक्षा है तथा धरती के घूर्णन की दिशा के अनुरूप है। GSLV-F09 मिशन भारत के भूसमकालिक उपग्रह प्रक्षेपण वाहन की 11वीं उड़ान थी।

जून महीने में इसरो ने एक और कीर्तिमान अपने नाम किया, जब भारत के हैवी लिफ्ट प्रक्षेपण यान – GSLV MKIII–D1 ने पहली विकासशील उड़ान दर्ज करते हुए 3,136 किलोग्राम वजन के जीसैट-19 उपग्रह को अंतरिक्ष में स्थापित किया। ये भारत की धरती से प्रक्षेपित किया गया सबसे वजनदार उपग्रह था। इसका मुख्य उद्देश्य यान की क्षमता का आकलन करना था, जिसमें प्रक्षेपण के दौरान ऊपरी स्तर पर पूरी तरह भारत में बना क्रायोजेनिक का परीक्षण भी शामिल था। क्रायोजेनिक रॉकेट इंजन में, गैस अवस्था में ईंधन अथवा ऑक्सिडाइजर का प्रयोग किया जाता है, जिन्हें काफी निम्न तापमान पर संग्रहित किया जाता है।
[post_ads]
इसी महीने इसरो ने PSLV C38 को प्रक्षेपित किया, जिसने अंतरिक्ष में 31 उपग्रहों को एक साथ उनकी कक्षा में स्थापित किया। इनमें अन्य उपग्रहों के अलावा भारत का मैपिंग उपग्रह कार्टोसैट-2E भी शामिल था।

इस वर्ष भारत का नवीनतम संचार उपग्रह जी सैट-17 को इनसैट/जीसैट व्यवस्था में शामिल किया गया तथा फ्रेंच गायना से प्रक्षेपित किया गया। 3,477 किलोग्राम का उपग्रह मौसम विभाग के आंकड़ों का संचार, तलाशी तथा राहत अभियान की क्षमताओं से लैस है।

2017 में इसरो के मंगल यान मिशन ने 4 वर्ष पूरे किये। प्रारम्भिक दौर में इस मिशन की योजना महज 6 महीने के लिए थी। मंगलयान अभी तक भारत के सबसे प्रतिष्ठित उपलब्धियों में से एक है। इस मिशन के द्वारा भारत अपने पहले ही प्रयास में मंगल ग्रह तक पहुंचने वाला दुनिया का पहला देश बन गया।

2018 आनेवाला है जिसमें इसरो की योजना लगभग हर महीने एक मिशन शुरु करने की है। कुछ महत्त्वपूर्ण प्रक्षेपणों में जीसैट 6A तथा जीसैट 29A शामिल हैं। लेकिन सबसे कौतुलहल भरा मिशन चन्द्रयान–2 का प्रक्षेपण होगा, जिसे 2018 की पहली छमाही में ही प्रक्षेपित किया जाएगा। चन्द्रमा के लिए भारत का दूसरा मिशन पूरी तरह भारतीय है, जिसमें ऑरबिटर, लैंडर तथा रोवर शामिल हैं।

सटिक होता मौसम पूर्वानुमान
मौसम की सटीक भविष्यवाणी कृषि पर आधारित अर्थव्यवस्था वाले हमारे देश के लिए आवश्यक है, चाहे वो फसल रोपनी का समय हो या अधिक अथवा कम बारिश की स्थिति में केन्द्र तथा राज्य सरकारों द्वारा आपदा से निपटने की तैयारी। इन सभी हालातों में हमें मौसम पूर्वानुमान की मदद लेनी होती है। इस वर्ष भारत मौसम विज्ञान विभाग मानसून की भविष्यवाणी को अधिक सटीक बनाने के लिए सामूहिक प्रभाव वाले 6 मानदंडों की सांख्यिकी या एसईएफएस से लैस हुआ है। साथ ही मानसून मिशन कपल्ड फोरकास्टिंग सिस्टम या MMCFS का आधुनिकतम संस्करण भी भविष्यवाणी करनेवाले उपकरणों के बेड़े में शामिल किया गया है, जो अधिक सटीकता के साथ मौनसून की भविष्यवाणी कर सकता है।

जैवप्रौद्योगिकी के क्षेत्र में विकास
30 जून 2017 को विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी मंत्रालय ने जैवप्रौद्योगिकी विभाग तथा बिराक के सहयोग से राष्ट्रीय बायोफार्मा मिशन की शुरुआत की। इसका उद्देश्य देश के स्वास्थ्य जगत में आमूलचूल परिवर्तन लाना तथा भारत को विश्व स्तरीय जैवप्रौद्योगिकी केन्द्र के रूप में स्थापित करना है। इस कार्यक्रम में युवा वैज्ञानिकों, शोध अध्येताओं तथा उद्यमियों को नवीन विचार तथा खोज से परिचय कराया जाता है, ताकि वो सस्ते तथा वहन योग्य टीकों और दवाओं के विकास के लिए राष्ट्रीय तथा अंतरराष्ट्रीय निकायों के मार्गदर्शन में एक सामूहिक मंच साझा करें।

स्कूल ऑफ इंटरनेशनल बायोडिजाइनिंग, भोपाल ने जैवप्रौद्योगिकी विभाग के सहयोग से नवजातों के सुनने में परेशानियों का पता लगाने के लिए सोहम नामक एक नया उपकरण विकसित किया है। कम लागत वाला ये अनोखा उपकरण मस्तिष्क की प्रतिक्रिया पर आधारित है, जो नवजातों में सुनाई देने से जुड़ी परेशानी का पता लगाने का सर्वश्रेष्ठ तकनीक है। सोहम की लागत कम है तथा इसे कहीं लाना या ले जाना सुविधाजनक है। इस कारण डॉक्टर न सिर्फ इसे अस्पताल में प्रयोग में ला सकते हैं, बल्कि कम संसाधन वाले तथा दूरदराज के ग्रामीण क्षेत्रों में भी इसे ले जा सकते हैं। इस उपकरण की बदौलत अब देश में हर वर्ष पैदा होनेवाले लगभग 2 करोड़ साठ लाख नवजातों के सुनने की क्षमता की जांच हो सकती है तथा सुनने की परेशानी दूर की जा सकती है।

हैदराबाद के डॉक्टरों ने पीडियाट्रिक पेरीमीटर नामक एक नया उपकरण विकसित किया है, जो नवजातों में देखने का क्षेत्र तथा प्रतिक्रिया का समय दोनों की जांच कर सकता है। पीडियाट्रिक पेरीमीटर में अर्धगोलाकार चैम्बर होता है, जिसके भीतर नियमित कोणों पर एलईडी लाइट्स लगी होती है। इन रोशनियों को दूर से कम्प्यूटर के द्वारा जलाया या बुझाया जा सकता है। नवजात को एक चटाई पर लिटाकर अर्धगोलाकार चैम्बर में ले जाया जाता है। चैम्बर के भीतर रोशनी जला-बुझाकर नवजात के आंखों तथा चेहरे की प्रतिक्रिया एक इन्फ्रारेड कैमरे से रिकॉर्ड की जाती है। एक तकनीशियन कैमरे की रिकॉर्डिंग का आकलन करता है तथा आंकड़ों को कम्प्यूटर सॉफ्टवेयर में दर्ज करता है। इस सॉफ्टवेयर के द्वारा देखने के क्षेत्र तथा प्रतिक्रिया के समय की गणना की जाती है। ये उपकरण हर वर्ष भारत में पैदा होनेवाले बच्चों की दृष्टि से जुड़ी समस्याओं की जानकारी प्राप्त करने तथा उनके इलाज की योजना तय करने में मददगार साबित हो सकता है।
[next]
कृषि के क्षेत्र में अग्रणी भूमिका
राष्ट्रीय पादप जीनोम अनुसंधान संस्थान, यानी NIPGR में शोध अध्येताओं के एक समूह ने चावल की एक नई प्रजाति विकसित की है, जो मिट्टी में स्थित फॉस्फेट का अधिक प्रभावशाली तरीके से उपयोग करता है। इससे बाहर से खाद देने की आवश्यकता कम हो जाती है। नया पौधा ट्रान्सजेनिक है, यानी इसका विकास एक वंशाणु के स्थानान्तरण से किया गया है, जो मिट्टी में स्थित जैविक फॉस्फोरस का उपयोग करने में मदद करता है। इस वंशाणु को पहले चावल की एक पारम्परिक प्रजाति से अलग किया गया और फिर इसे चावल की दूसरी तथा आधुनिक प्रजाति में प्रविष्ट कराया गया। चावल की पारम्परिक प्रजाति का नाम दुलार है, जिसमें वंशाणु अधिक सक्रिय हैं। वैज्ञानिकों ने इस स्थिति का लाभ उठाया और दुलार के सकारात्मक पहलू तथा आधुनिक प्रजाति की आवश्यकताओं का प्रभावशाली मेल कराया। इस वंशाणु का नाम OsPAP21b है, जो एक एन्जाइम उत्पन्न करता है। ये एन्जाइम एक प्रोटीन होता है, जिसका रिसाव पौधों की जड़ के रास्ते मिट्टी में होता है।

संचार एवं सुदूर संवेदन में बढ़ते कदम
4 अगस्त 2017 को भारत ने सामरिक तथा अन्य क्षेत्रों में देश को अमेरिकी ग्लोबल पोजिशनिंग सिस्टम या जीपीएस से मुक्त कर आत्मनिर्भर बनाने की दिशा में एक महत्त्वपूर्ण कदम उठाया। इसरो ने वैज्ञानिक तथा औद्योगिक अनुसंधान परिषद् के अन्तर्गत राष्ट्रीय भौतिक प्रयोगशाला के साथ एक महत्त्वपूर्ण समझौता किया। इस समझौते के अनुसार इसरो, टाइम स्केल पर यूटीसी ट्रेसेबिलिटी के साथ स्वतंत्र नेविगेशन उपग्रह व्यवस्था विकसित करेगा। इससे नेविगेशन की क्षमता बेहतर होगी तथा मैपिंग के लिए मोबाइल फोन एप्लिकेशन, वाहन चलाने, जंगलों तथा देश के दूरदराज के क्षेत्रों में पैदल यात्रा करने में अधिक सुविधा होगी।

खगोल विज्ञान में बढ़ते कदम
2017 के प्रमुख खोजों में इंटर यूनिवर्सिटी फॉर एस्ट्रोनॉमी एंड एस्ट्रोफिजिक्स, पुणे, भारतीय विज्ञान शिक्षा एवं अनुसंधान संस्थान, पुणे, राष्ट्रीय प्रौद्योगिक संस्थान जमशेदपुर तथा न्यूमैन कॉलेज केरल के वैज्ञानिकों ने आकाशगंगाओं का एक सुपर क्लस्टर खोज निकाला, जिसने पूरी दुनिया के अंतरिक्ष वैज्ञानिक समुदाय को चकित कर दिया। 42 आकाशगंगाओं के इस समूह का नाम सरस्वती रखा गया। सरस्वती धरती से लगभग 4000 लाख प्रकाश वर्ष दूर है तथा 20 लाख अरब सूरज के बराबर माना जाता है। इसकी आयु 10 अरब वर्ष के अधिक आंकी गई है। अब तक माना जाता था कि ब्रह्मांड की आयु मात्र 13.8 अरब वर्ष है, लिहाजा 10 अरब वर्ष आयु वाला सरस्वती सुपर क्लस्टर जैसा विशाल समूह निश्चित रूप से ब्रह्मांड की उत्पत्ति के सिद्धांत को चुनौती देता है।

जैवविविधिता: भारत की अनमोल संपदा
2017 की अन्य महत्त्वपूर्ण गतिविधियों में एक है, “फना ऑफ सुंदरवन बॉयोस्पियर रिजर्व” (Fauna of Sundarban Biosphere Reserve) नाम से जैव विविधता के ब्योरे का प्रकाशन। इसमें सुन्दरवन मैन्ग्रोव जंगलों में जानवरों तथा सूक्ष्म जीवों की विविधता का विस्तृत ब्योरा उपलब्ध है। इसे ज़ूलॉजिकल सर्वे ऑफ इंडिया, कोलकाता ने प्रकाशित किया है। इसमें 2,600 से अधिक प्रजातियों का ब्योरा है, जिनमें कुछ नई प्रजातियां भी शामिल हैं। पुस्तक में उन प्रजातियों पर जलवायु परिवर्तन के कारण खतरों का भी जिक्र है। सुन्दरवन के वन्य जीवन तथा पर्यावरणीय स्थितियों को दर्ज करने की पहल देश के इस नायाब मैन्ग्रोव पारिस्थिति–तंत्र को संरक्षित करने में भी मददगार साबित हो सकती है। वर्ष 2017 में कई नयी प्रजातियों को खोजा गया।

जनोपयोगी शोध एवं अनुसंधान
केंद्रीय विज्ञान और प्रौद्योगिकी मंत्री डॉ. हर्षवर्धन ने 10 फरवरी 2017 को अंग्रेजी ब्रेल में "एटलस फॉर विज़ुअली इम्पेअरड (इंडिया)" का विशेष संस्करण जारी किया था। ब्रेल एटलस को विज्ञान और प्रौद्योगिकी विभाग के तहत आने वाले राष्ट्रीय एटलस और थीम मैपिंग संगठन (NTMO) द्वारा तैयार किया गया।

सर्वे ऑफ इंडिया के 250वीं वर्षगांठ के अवसर पर "नक्षी" पोर्टल का उद्घाटन किया। भारत सरकार के डिजिटल इंडिया कार्यक्रम के अनुरूप आधार रखने वाले उपयोगकर्ताओं के लिए प्रमाणीकरण प्रक्रिया के माध्यम से ओपन सीरीज़ मानचित्र "नक्षी" पोर्टल से पीडीएफ प्रारूप में 1:50,000 पैमाने पर डाउनलोड के लिए उपलब्ध है।

26 सितम्बर को वैज्ञानिक तथा औद्योगिक अनुसंधान परिषद ने नई दिल्ली के विज्ञान भवन में अपना 75वां स्थापना दिवस मनाया। इस दौरान सीएसआईआर ने दो उपकरण लोकार्पित किये – क्षीर स्कैनर तथा वाटरलेस क्रोम टैनिंग टेक्नोलॉजी। क्षीर स्कैनर विद्युत-रासायनिक माप तकनीक पर आधारित है, जिससे दूध की शुद्धता जांची जा सके, जबकि वाटरलेस क्रोम टैनिंग टेक्नोलॉजी गंदे पानी में क्रोमियम मापने का यंत्र है।

भारतीय प्रौद्योगिकी संस्थान, दिल्ली के इंजीनियरों ने सूक्ष्म प्रौद्योगिकी के प्रयोग से नाक में लगाने के लिए एक ऐसे फिल्टर का आविष्कार किया है, जो वायु प्रदूषण से बचाव के लिए संभवत: सबसे सस्ता फिल्टर है। नेजो फिल्टर एक पतले बैंड एड की तरह दिखता है जिसका उपयोग नाक के छिद्रों को ढंकने में किया जाता है। ये पीएम2.5 जैसे सूक्ष्म प्रदूषण कणों को भी नाक के रास्ते शरीर में जाने से रोकता है। भारतीय प्रौद्योगिकी संस्थान दिल्ली के वैज्ञानिकों के अनुसार प्रदूषण से बचाव के लिए बनाया गया नया नेजोफिल्टर वजन में हल्का, सुविधाजनक तथा 10 रुपये से भी कम कीमत का है, ताकि सभी व्यक्ति इसका इस्तेमाल कर सकें। भारत में हुई ये खोज वैसे तमाम लोगों को राहत पहुंचा सकती है, जो देश तथा दुनिया के प्रदूषित क्षेत्रों में रहते हैं।

HK Firodia Award
भारतीय वैज्ञानिकों ने देश का नाम पूरी दुनिया में किया रोशन
भारत सरकार में विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी विभाग के सचिव प्रो. आशुतोष शर्मा को सूक्ष्म विज्ञान तथा सूक्ष्म प्रौद्योगिकी के क्षेत्र में उत्कृष्ट योगदान के लिए इस वर्ष के प्रतिष्ठित यूनेस्को मेडल से सम्मानित किया गया। उनका शोध उच्च गुणवत्ता वाला बहुविषयक, सूक्ष्म प्रौद्योगिकी का विस्तृत क्षेत्र, कार्बन आधारित सूक्ष्म पदार्थ तथा ऊर्जा के क्षेत्र में सूक्ष्म विद्युतीय-रासायनिक व्यवस्था, स्वास्थ्य तथा पर्यावरण से जुड़ा है।
[next]
नवम्बर महीने में विज्ञान तथा प्रौद्योगिकी के क्षेत्र में उत्कृष्टता के लिए एच के फिरोडिया पुरस्कारों की घोषणा हुई। एचकेएफ विज्ञान रत्न पुरस्कार से इसरो के अध्यक्ष डॉ. ए एस किरण कुमार, बंगलुरु तथा एच के एफ विज्ञान भूषण पुरस्कार से विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी विभाग के सचिव प्रो. आशुतोष शर्मा, नई दिल्ली को नवाजा गया।

भारत में उत्कृष्ट योगदान देनेवाले वैज्ञानिकों को सम्मानित करनेवाला प्रतिष्ठित शांति स्वरूप भटनागर पुरस्कार भी 2017 में विज्ञान के विभिन्न क्षेत्रों में प्रदान किये गए। इन पुरस्कारों का ब्योरा इस प्रकार है:

डॉ. दीपक थंकप्पन नायर तथा डॉ. संजीव दास को जीव विज्ञान के क्षेत्र में
डॉ. नरेश पटवारी को रसायन विज्ञान के क्षेत्र में
डॉ. सुरेश बाबू को पृथ्वी, वातावरण, सागर तथा उपग्रहीय विज्ञान के क्षेत्र में
डॉ. नीलेश बी मेहता तथा डॉ. आलोक पॉल को इंजीनियरिंग विज्ञान के क्षेत्र में
डॉ. अमित दत्ता तथा डॉ. दीपक गौर को चिकित्सा विज्ञान के क्षेत्र में
डॉ. विनय गुप्ता को भौतिक विज्ञान के क्षेत्र में

विज्ञान जगत के प्रमुख आयोजन
वर्ष के आरंभ में आयोजित हुई भारतीय विज्ञान कांग्रेस के 104 वें सत्र का उद्घाटन प्रधान मंत्री श्री नरेन्द्र मोदी ने किया था। 

विज्ञान और प्रौद्योगिकी क्षेत्र में भारत की सफलता को 11 मई 2017 को प्रौद्योगिकी दिवस के रूप में मनाया गया। भारत की चुनौतियों के समाधान के लिए विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी के सफलतापूर्वक प्रयोग को लेकर प्रौद्योगिकी दिवस मनाया गया।

भारत के तत्कालीन राष्ट्रपति श्री प्रणब मुखर्जी ने 29 जून, 2017 को साल्ट लेक, कोलकाता में बसु संस्थान के एकीकृत परिसर का उद्घाटन किया।

विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी, पृथ्वी विज्ञान और पर्यावरण, वन एवं जलवायु परिवर्तन विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी मंत्री, पृथ्वी विज्ञान और पर्यावरण, वन एवं जलवायु परिवर्तन, डॉ. हर्षवर्धन द्वारा 22 सितंबर, 2017 को "पंडित दीन दयाल उपाध्याय विज्ञान ग्राम संकुल परिजन" योजना का शुभारंभ किया। यह कार्यक्रम उत्तराखंड में एकत्रित दृष्टिकोण के माध्यम से सशक्त विकास के लिए उपयुक्त विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी का इस्तेमाल और उसे कार्यान्वित करने का प्रयास है।

Technology day
भारत के राष्ट्रपति श्री रामनाथ कोविंद ने 29 नवंबर, 2017 को कोलकाता में बोस इंस्टीट्यूट के शताब्दी समारोह के समापन कार्यक्रम में शामिल होकर इसे सम्मानित किया। इस अवसर पर बोलते हुए, राष्ट्रपति ने कहा कि बोस इंस्टीट्यूट भारतीय विज्ञान के परिदृश्य में एक अनूठी और उच्च स्थान पर स्थित है। यह देश में स्थापित होने वाली सबसे पहले वैज्ञानिक संस्थानों में से एक थी। इस संस्थान ने विज्ञान सेवा करती है और इस लिहाज से यह भारत की सेवा है।

नए जोश के साथ विज्ञान संचार
युवा पीढ़ी में विज्ञान के विभिन्न विषयों के प्रति अभिरुचि का संचार करने के लिए विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी मंत्रालय के अन्तर्गत कार्यरत स्वायत्त संस्थान विज्ञान प्रसार ने देश के उत्तर-पूर्वी राज्यों में एक अनोखा विज्ञान क्विज़ प्रारम्भ किया, जिसका नाम साई कनेक्ट है। इस प्रतियोगिता में छात्रों ने पहले एक लिखित परीक्षा दी, जिसमें 60% प्रश्न सीबीएसई पाठ्यक्रम से तथा 40% प्रश्न विज्ञान प्रसार द्वारा पहले से उपलब्ध कराए गए विज्ञान फिल्मों से थे। ज़िला स्तरीय अगले चरण में सभी 8 राज्यों से 15 छात्रों का चयन किया गया, जिसमें उन्हें वैज्ञानिक प्रयोग करने का प्रशिक्षण दिया गया। साई कनेक्ट की फाइनल प्रतियोगिता 16 नवम्बर को गुवाहाटी में सम्पन्न हुई, जिसमें साई कनेक्ट 2017 के विजेता त्रिपुरा के छात्र रहे। इसके अलावा चेन्नई में अंतर्राष्ट्रीय विज्ञान मेले का आयोजन किया गया। इसी वर्ष एक नए विज्ञान चैनल की घोषणा की गयी है। इस चैनल के लिए आरंभिक कार्य आरंभ हो गया है तथा कुछ वर्षों में यह चैनल विज्ञान संबंधी कार्यक्रमों का प्रसारण करेगा।

नई पहल
विज्ञान और इंजीनियरी अनुसंधान बोर्ड यानी एसईआरबी द्वारा एसईआरबी विशिष्ट प्रतिष्ठाकर्ता पुरस्कार (SIRB-DIA) नामक एक नई योजना को असाधारण वैज्ञानिकों की प्रारंभिक पहचान और सशक्तिकरण के लिए मंजूरी दी गई है। इस योजना का उद्देश्य युवा वैज्ञानिकों को चिहिन्त और उन्हें पुरस्कृत करना है जिन्होंने अपने अतिरिक्त मूरल रिसर्च स्कीम के तहत SIRB समर्थित परियोजनाओं में असाधारण रूप से अच्छा प्रदर्शन किया है, लेकिन अभी एसएस भटनागर पुरस्कार/जेसी बोस फेलोशिप आदि जैसे उन्नत व्यावसायिक मान्यता के स्तर तक नहीं पहुंच पा रहे हैं। पुरस्कार विजेताओं को 3 वर्ष की अवधि के लिए 15,000 रुपये प्रति माह का मानदेय मिलेगा और उन्हें अपने अनुसंधान के विकास के लिए एक प्रोजेक्ट दिया जाएगा।

तारे (Teacher Associates for Research Rxcellence) मोबिलिटी स्कीमः एसईआरबी द्वारा मंजूर एक नई योजना तैयार की गई है, जिसका मकसद हमारे कॉलेजों और राज्य विश्वविद्यालयों में शोध व विकास की संभावनाओं को सक्रिय करना है जहां विज्ञान तथा प्रौद्योगिकी को लेकर बुनियादी ढांचे तथा संस्कृति का अभाव है। तारे योजना राज्य विश्वविद्यालयों या कॉलेजों में नियमित रूप से काम कर रहे शिक्षकों को IIT, IISC, IISER, राष्ट्रीय लैब्स आदि जैसे शैक्षणिक संस्थानों में अंशकालिक अनुसंधान करने अनुमति देगी। ये शिक्षक जिस शहर में स्थित संस्थान में पढ़ा रहे होंगे उसी शहर में स्थित IIT, IISC, IISER, राष्ट्रीय लैब्स आदि के साथ काम करने का मौका मिलेगा।

मनक (Million Minds Augmenting National Aspirations and Knowledge): सरकार की स्टार्ट-अप इंडिया की पहल के संदर्भ में, मनक के कार्यान्वयन को कक्षा छठवीं से दसवीं तक के स्कूली बच्चों के बीच वैज्ञानिक नवाचार की संस्कृति को बढ़ावा देने के लिए शुरू किया गया है। इससे नवाचार को बढ़ावा मिलेगा और उद्यमियों की संख्या में भी इजाफा होगा। कार्यक्रम को बच्चों को प्रोत्साहित करने के लिए प्रोत्साहित के मकसद से तैयार किया गया है ताकि वे समाज को देख सकें और उनका विश्लेषण कर सकें।
[next]
साइबर सुरक्षा और साइबर सुरक्षा के बुनियादी ढांचा के लिए इंटरडिस्पिलनरी सेंटरः आईआईटी कानपुर में करीब 15 करोड़ रुपये की लागत से साइबर सुरक्षा और साइबर सुरक्षा के बुनियादी ढांचा के लिए इंटरडिस्पिलनरी सेंटर तैयार किया गया है। यह भारत का पहला अपने तरह का शोध केंद्र है जिसे ऊर्जावान प्रोफेसर की निगरानी में तैयार किया गया है। इस केंद्र का मिशन देश के महत्वपूर्ण बुनियादी ढांचे को तकनीकी युक्त सुरक्षित बनाना को लेकर अनुसंधान, शिक्षा, प्रशिक्षण और स्टार्ट-अप को प्रोत्साहित करना है।

क्वांटम इंफार्मेशन साइंस एंड टेक्नोलॉजी (QST): DST द्वारा शुरू किया गया यह नया कार्यक्रम अगली पीढ़ी और भविष्य के कंप्यूटर, संचार और क्रिप्टोग्राफी प्रणालियों के विकास के लिए है।
पर्यावास ऊर्जा दक्षता को बढ़ावा देने के लिए पहल(I-PHEE): पर्यावास ऊर्जा दक्षता को बढ़ावा देने के लिए पहल(I-PHEE) को लेकर नया कार्यक्रम शुरू किया गया है। उसका उद्देश्य शहरों में स्थित इमारतों की ऊर्जा गतिविधि को बढ़ाना है। यह कार्यक्रम इमरतों के डिजाइन, निर्माण और संचालन में ऊर्जा को बचाने के लिए ज्ञान और अभ्यास को बढ़ाने का काम करेगा। इसके लिए 105 अनुसंधान प्रस्ताव प्राप्त हुए, जिनमें से 31 को वित्त पोषण के लिए सिफारिश की गई है।

ऊर्जा भंडारण पर सामग्री (MES): ऊर्जा भंडारण पर सामग्री का एक नया कार्यक्रम शुरू किया गया है। इसका मकसद ऊर्जा भंडारण की नवाचार सामग्रियों को बढ़ावा देने की खातिर शोध और विकास पर जोर देना है। ऊर्जा उपयोग में लचीलापन के संदर्भ में कुशल उपयोग और अक्षय ऊर्जा की और बढ़ोतरी व इसके मूल्य को आगे बढ़ाना इस पहल के मुख्य उद्देश्य हैं। इस संदर्भ में 130 प्रस्ताव प्राप्त हुए और 18 को वित्त पोषण के लिए मंजूरी दी गई।

The Secretary, Department of Science and Technology, Prof. Ashutosh Sharma with the Director General, Russian Science Foundation (RSF), Dr Alexander Vitalievich Khulnov, in Moscow
अंतर्राष्ट्रीय समझौते
सूचना प्रौद्योगिकी और इलेक्ट्रॉनिक्स के क्षेत्र में सहयोग को बढ़ावा देने के लिए भारत ने विश्व के कई देशों के साथ समझौतों पर हस्ताक्षर किए हैं जिनमें से प्रमुख देश है सर्बिया, बांग्लादेश, फिलस्तीन, इथोपिया।

विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी के क्षेत्र में भारत ने रूस, इजरायल, ब्राजील, अफगानिस्तान आदि देशों के साथ विभिन्न परियोजनाओं के लिए समझौतों पर हस्ताक्षर किए हैं। 

बाह्य अंतरिक्ष में सहयोग के लिए भारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान संगठन (ISRO) ने जापानी एयरोस्पेस एक्सप्लोरेशन एजेंसी (JAXA) के बीच 11 नवंबर 2016 को टोक्यो में हाथ मिलाया। वाह्य अंतरिक्ष के उपयोग और अन्वेषण में सहयोग पर भारत ने वियतनाम, नीदरलैंड के साथ भी समझौतों पर हस्ताक्षर किए हैं।

मंत्रिमंडल ने भारत एवं फिलस्तीन और इटली के बीच स्वास्थ्य और चिकित्सा के क्षेत्र में सहयोग पर आधारित समझौते को मंजूरी दी। इसके अलावा भारत सरकार द्वारा भारत और जर्मनी के बीच स्वास्थ्य के क्षेत्र में सहयोग पर आधारित संयुक्त घोषणापत्र को मंजूरी दी गयी है।

भारत सरकार द्वारा भारत और संयुक्त अरब अमीरात के बीच कृषि एवं उससे जुड़े क्षेत्रों में समझौता ज्ञापन (MOU) पर हस्ताक्षर किए जाने को अपनी मंजूरी दे दी है। भारत सरकार द्वारा भारत और जापान के बीच रेशम कीट और रेशम उद्योग के क्षेत्र में केन्द्री्य रेशम बोर्ड (CSB), भारत और नेशनल इंस्टीट्यूट ऑफ एग्रो-बॉयोलॉजिकल साइंसेस (NIAS), जापान के बीच सहयोग आधारित अनुसंधान के लिए सहमति-बनी है। इसके अलावा भारत सरकार द्वारा भारत और जर्मनी के बीच स्वास्थ्य के क्षेत्र में सहयोग पर आधारित संयुक्त घोषणापत्र को मंजूरी दी है। भारत सरकार द्वारा कृषि और पादप स्वच्छतता के क्षेत्र में सहयोग के लिए भारत और इटली के बीच समझौता ज्ञापन पर हस्तादक्षर करने को अपनी मंजूरी प्रदान की है।

भारत सरकार द्वारा कृषि और मछली पालन के क्षेत्र में भारत और कोलम्बिया के बीच समझौता किया गया है। भारत सरकार द्वारा भारत और पुर्तगाल के बीच अक्षय ऊर्जा के क्षेत्र में समझौता ज्ञापन किया गया है। भारत सरकार द्वारा साइबर सुरक्षा के क्षेत्र में भारत और वियतनाम सहित बांग्लादेश के बीच सहमति ज्ञापन (एमओयू) को पूर्व कार्योत्तर मंजूरी दी है।

विज्ञान और प्रौद्योगिकी से संवरता भारत
आज भारत तेजी से विकास के पथ पर अग्रसर है। इस दिशा में विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी की भूमिका सर्वाधिक महत्वपूर्ण है। विभिन्न भारतीय संस्थान विज्ञान के क्षेत्र में कार्यरत होकर देश को विज्ञान संपन्न एवं प्रौद्योगिकी युक्त बनाने की राह में आगे बढ़ रहे हैं ताकि देश का हर नागरिक विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी से अपने जीवन को बेहतर बना सके।

-लेखक परिचय-

नवनीत कुमार गुप्ता पिछले दस वर्षों से पत्र-पत्रिकाओं, आकाशवाणी एवं दूरदर्शन आदि जनसंचार के विभिन्न माध्यमों द्वारा वैज्ञानिक दृष्टिकोण और पर्यावरण संरक्षण जागरूकता के लिए प्रयासरत हैं। आपकी विज्ञान संचार विषयक लगभग एक दर्जन पुस्तकें प्रकाश‍ित हो चुकी हैं तथा इन पर गृह मंत्रालय के ‘राजीव गांधी ज्ञान विज्ञान मौलिक पुस्तक लेखन पुरस्कार' सहित अनेक पुरस्कार एवं सम्मान प्राप्त हो चुके हैं। आप विज्ञान संचार के क्षेत्र में कार्यरत संस्था ‘विज्ञान प्रसार’ से सम्बंद्ध हैं। आपसे निम्न मेल आईडी पर संपर्क किया जा सकता है:



विज्ञान एवं तकनीक से सम्‍बंधित अंग्रेजी आलेख्‍ा आप TechGape.com पर पढ़ सकते हैं।
keywords: साइंस एंड टेक्नोलॉजी इन इंडिया करंट अफेयर्स, साइंस एंड टेक्नोलॉजी इन हिंदी, साइंस एंड टेक्नोलॉजी इन इंडिया करंट अफेयर्स, साइंस एंड टेक्नोलॉजी इन इंडिया इन २०१७, science and technology achievements, science and technology achievements of india, achievement of science and technology in india, achievements in science and technology 2017, science and technology in india, Science And Technology Current Affairs – 2017

COMMENTS

BLOGGER: 2
वैज्ञानिक चेतना को समर्पित इस यज्ञ में आपकी आहुति (टिप्पणी) के लिए अग्रिम धन्यवाद। आशा है आपका यह स्नेहभाव सदैव बना रहेगा।

नाम

अंतरिक्ष युद्ध,1,अंतर्राष्‍ट्रीय ब्‍लॉगर सम्‍मेलन,1,अंतर्राष्ट्रीय हिन्दी ब्लॉगर सम्मेलन-2012,1,अतिथि लेखक,2,अन्‍तर्राष्‍ट्रीय सम्‍मेलन,1,आजीवन सदस्यता विजेता,1,आटिज्‍म,1,आदिम जनजाति,1,इंदिरा गांधी नेशनल ओपन यूनिवर्सिटी,1,इग्‍नू,1,इच्छा मृत्यु,1,इलेक्ट्रानिकी आपके लिए,1,इलैक्ट्रिक करेंट,1,ईको फ्रैंडली पटाखे,1,एंटी वेनम,2,एक्सोलोटल लार्वा,1,एड्स अनुदान,1,एड्स का खेल,1,एन सी एस टी सी,1,कवक,1,किंग जार्ज मेडिकल कॉलेज,1,कृत्रिम मांस,1,कृत्रिम वर्षा,1,कैलाश वाजपेयी,1,कोबरा,1,कौमार्य की चाहत,1,क्‍लाउड सीडिंग,1,क्षेत्रीय भाषाओं में विज्ञान कथा लेखन,9,खगोल विज्ञान,2,खाद्य पदार्थों की तासीर,1,खाप पंचायत,1,गुफा मानव,1,ग्रीन हाउस गैस,1,चित्र पहेली,201,चीतल,1,चोलानाईकल,1,जन भागीदारी,4,जनसंख्‍या और खाद्यान्‍न समस्‍या,1,जहाँ डॉक्टर न हो,1,जितेन्‍द्र चौधरी जीतू,1,जी0 एम0 फ़सलें,1,जीवन की खोज,1,जेनेटिक फसलों के दुष्‍प्रभाव,1,जॉय एडम्सन,1,ज्योतिर्विज्ञान,1,ज्योतिष,1,ज्योतिष और विज्ञान,1,ठण्‍ड का आनंद,1,डॉ0 मनोज पटैरिया,1,तस्‍लीम विज्ञान गौरव सम्‍मान,1,द लिविंग फ्लेम,1,दकियानूसी सोच,1,दि इंटरप्रिटेशन ऑफ ड्रीम्स,1,दिल और दिमाग,1,दिव्य शक्ति,1,दुआ-तावीज,2,दैनिक जागरण,1,धुम्रपान निषेध,1,नई पहल,1,नारायण बारेठ,1,नारीवाद,3,निस्‍केयर,1,पटाखों से जलने पर क्‍या करें,1,पर्यावरण और हम,8,पीपुल्‍स समाचार,1,पुनर्जन्म,1,पृथ्‍वी दिवस,1,प्‍यार और मस्तिष्‍क,1,प्रकृति और हम,12,प्रदूषण,1,प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड,1,प्‍लांट हेल्‍थ क्‍लीनिक,1,प्लाज्मा,1,प्लेटलेटस,1,बचपन,1,बलात्‍कार और समाज,1,बाल साहित्‍य में नवलेखन,2,बाल सुरक्षा,1,बी0 प्रेमानन्‍द,4,बीबीसी,1,बैक्‍टीरिया,1,बॉडी स्कैनर,1,ब्रह्माण्‍ड में जीवन,1,ब्लॉग चर्चा,4,ब्‍लॉग्‍स इन मीडिया,1,भारत के महान वैज्ञानिक हरगोविंद खुराना,1,भारत डोगरा,1,भारत सरकार छात्रवृत्ति योजना,1,मंत्रों की अलौकिक शक्ति,1,मनु स्मृति,1,मनोज कुमार पाण्‍डेय,1,मलेरिया की औषधि,1,महाभारत,1,महामहिम राज्‍यपाल जी श्री राम नरेश यादव,1,महाविस्फोट,1,मानवजनित प्रदूषण,1,मिलावटी खून,1,मेरा पन्‍ना,1,युग दधीचि,1,यौन उत्पीड़न,1,यौन शिक्षा,1,यौन शोषण,1,रंगों की फुहार,1,रक्त,1,राष्ट्रीय पक्षी मोर,1,रूहानी ताकत,1,रेड-व्हाइट ब्लड सेल्स,1,लाइट हाउस,1,लोकार्पण समारोह,1,विज्ञान कथा,1,विज्ञान दिवस,2,विज्ञान संचार,1,विश्व एड्स दिवस,1,विषाणु,1,वैज्ञानिक मनोवृत्ति,1,शाकाहार/मांसाहार,1,शिवम मिश्र,1,संदीप,1,सगोत्र विवाह के फायदे,1,सत्य साईं बाबा,1,समगोत्री विवाह,1,समाचार पत्रों में ब्‍लॉगर सम्‍मेलन,1,समाज और हम,14,समुद्र मंथन,1,सर्प दंश,2,सर्प संसार,1,सर्वबाधा निवारण यंत्र,1,सर्वाधिक प्रदूशित शहर,1,सल्फाइड,1,सांप,1,सांप झाड़ने का मंत्र,1,साइंस ब्‍लॉगिंग कार्यशाला,10,साइक्लिंग का महत्‍व,1,सामाजिक चेतना,1,सुरक्षित दीपावली,1,सूत्रकृमि,1,सूर्य ग्रहण,1,स्‍कूल,1,स्टार वार,1,स्टीरॉयड,1,स्‍वाइन फ्लू,2,स्वास्थ्य चेतना,15,हठयोग,1,होलिका दहन,1,‍होली की मस्‍ती,1,Abhishap,4,abraham t kovoor,7,Agriculture,8,AISECT,11,Ank Vidhya,1,antibiotics,1,antivenom,3,apj,1,arshia science fiction,2,AS,26,ASDR,8,B. Premanand,5,Bal Kahani Lekhan Karyashala,1,Balsahitya men Navlekhan,2,Bharat Dogra,1,Bhoot Pret,7,Blogging,1,Bobs Award 2013,2,Books,57,Born Free,1,Bushra Alvera,1,Butterfly Fish,1,Chaetodon Auriga,1,Challenges,9,Chamatkar,1,Child Crisis,4,Children Science Fiction,2,CJ,1,Covid-19,7,current,1,D S Research Centre,1,DDM,5,dinesh-mishra,2,DM,6,Dr. Prashant Arya,1,dream analysis,1,Duwa taveez,1,Duwa-taveez,1,Earth,43,Earth Day,1,eco friendly crackers,1,Education,3,Electric Curent,1,electricfish,1,Elsa,1,Environment,32,Featured,5,flehmen response,1,Gansh Utsav,1,Government Scholarships,1,Great Indian Scientist Hargobind Khorana,1,Green House effect,1,Guest Article,5,Hast Rekha,1,Hathyog,1,Health,69,Health and Food,6,Health and Medicine,1,Healthy Foods,2,Hindi Vibhag,1,human,1,Human behavior,1,humancurrent,1,IBC,5,Indira Gandhi Rajbhasha Puraskar,1,International Bloggers Conference,5,Invention,9,Irfan Hyuman,1,ISRO,5,jacobson organ,1,Jadu Tona,3,Joy Adamson,1,julian assange,1,jyotirvigyan,1,Jyotish,11,Kaal Sarp Dosha Mantra,1,Kaal Sarp Yog Remady,1,KNP,2,Kranti Trivedi Smrati Diwas,1,lady wonder horse,1,Lal Kitab,1,Legends,12,life,2,Love at first site,1,Lucknow University,1,Magic Tricks,9,Magic Tricks in Hindi,9,magic-tricks,8,malaria mosquito,1,malaria prevention,1,man and electric,1,Manjit Singh Boparai,1,mansik bhram,1,media coverage,1,Meditation,1,Mental disease,1,MK,3,MMG,6,Moon,1,MS,3,mystery,1,Myth and Science,2,Nai Pahel,8,National Book Trust,3,Natural therapy,2,NCSTC,2,New Technology,10,NKG,74,Nobel Prize,7,Nuclear Energy,1,Nuclear Reactor,1,OPK,2,Opportunity,9,Otizm,1,paradise fish,1,personality development,1,PK,20,Plant health clinic,1,Power of Tantra-mantra,1,psychology of domestic violence,1,Punarjanm,1,Putra Prapti Mantra,1,Rajiv Gandhi Rashtriya Gyan Vigyan Puraskar,1,Report,9,Researches,2,RR,2,SBWG,3,SBWR,5,SBWS,3,Science and Technology,5,science blogging workshop,22,Science Blogs,1,Science Books,56,Science communication,22,Science Communication Through Blog Writing,7,Science Congress,1,Science Fiction,13,Science Fiction Articles,5,Science Fiction Books,5,Science Fiction Conference,8,Science Fiction Writing in Regional Languages,11,Science Times News and Views,2,science-books,1,science-puzzle,44,Scientific Awareness,5,Scientist,38,SCS,7,SD,4,secrets of octopus paul,1,sexual harassment,1,shirish-khare,4,SKS,11,SN,1,Social Challenge,1,Solar Eclipse,1,Steroid,1,Succesfull Treatment of Cancer,1,superpowers,1,Superstitions,51,Tantra-mantra,19,Tarak Bharti Prakashan,1,The interpretation of dreams,2,Tips,1,Tona Totka,3,tsaliim,9,Universe,27,Vigyan Prasar,33,Vishnu Prashad Chaturvedi,1,VPC,4,VS,6,Washikaran Mantra,1,Where There is No Doctor,1,wikileaks,1,Wildlife,12,Zakir Ali Rajnish Science Fiction,3,
ltr
item
Scientific World: विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी के क्षेत्र में वर्ष 2017 में भारत की उपलब्धियां
विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी के क्षेत्र में वर्ष 2017 में भारत की उपलब्धियां
वर्ष 2017 में भारत की विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी के क्षेत्र में उपलब्धियां।
https://blogger.googleusercontent.com/img/b/R29vZ2xl/AVvXsEhjnYHALXwsrgWKdMdZG0md8cQVJ_xI91EUNRccX5bGPbTIjcP-sGpicpjPvxo4InG7N133BEYggEavrXtOyQwcieR64aaIIucfp-fakmU2Cj_xSWpT2GeY8CddcdGKWnjfrvByXFbVJgXM/s1600/isro+launch.jpg
https://blogger.googleusercontent.com/img/b/R29vZ2xl/AVvXsEhjnYHALXwsrgWKdMdZG0md8cQVJ_xI91EUNRccX5bGPbTIjcP-sGpicpjPvxo4InG7N133BEYggEavrXtOyQwcieR64aaIIucfp-fakmU2Cj_xSWpT2GeY8CddcdGKWnjfrvByXFbVJgXM/s72-c/isro+launch.jpg
Scientific World
https://www.scientificworld.in/2017/12/science-technology-current-affairs-2017.html
https://www.scientificworld.in/
https://www.scientificworld.in/
https://www.scientificworld.in/2017/12/science-technology-current-affairs-2017.html
true
3850451451784414859
UTF-8
Loaded All Posts Not found any posts VIEW ALL Readmore Reply Cancel reply Delete By Home PAGES POSTS View All RECOMMENDED FOR YOU LABEL ARCHIVE SEARCH ALL POSTS Not found any post match with your request Back Home Sunday Monday Tuesday Wednesday Thursday Friday Saturday Sun Mon Tue Wed Thu Fri Sat January February March April May June July August September October November December Jan Feb Mar Apr May Jun Jul Aug Sep Oct Nov Dec just now 1 minute ago $$1$$ minutes ago 1 hour ago $$1$$ hours ago Yesterday $$1$$ days ago $$1$$ weeks ago more than 5 weeks ago Followers Follow THIS PREMIUM CONTENT IS LOCKED STEP 1: Share to a social network STEP 2: Click the link on your social network Copy All Code Select All Code All codes were copied to your clipboard Can not copy the codes / texts, please press [CTRL]+[C] (or CMD+C with Mac) to copy