Maryam Mirzakhani Contributions to Mathematics in Hindi
3 May 1977 को ईरान के शहर तेहरान में जन्मी असाधारण वैज्ञानिक मरियम मिर्जाखानी_Maryam Mirzakhani ने महज 37 वर्ष की आयु में गणित के क्षेत्र में नोबल पुरस्कार के समतुल्य समझे जाने वाले प्रतिष्ठित फील्ड्स मेडल_Fields Medal प्राप्त किया। किंतु दुर्भाग्यवश 15 July 2017 को 40 वर्ष की अल्पायु में ही उनका असामयिक निधन हो गया। पढिए युवा विज्ञान संचारक नवनीत कुमार गुप्ता की श्रद्धांजलि रिपोर्ट।
फील्ड्स मेडल से सम्मानित महिला गणितज्ञ
मरियम मिर्जाखानी का असामयिक निधन
-नवनीत कुमार गुप्ता
अक्सर गणित को कठिन विषय समझा जाता है। विशेषकर लड़कियों को इस विषय से दूर रहने की सलाह दी जाती है। लेकिन इस धारणा को यदि आधुनिक युग में किसी ने गलत साबित किया है तो उसमें सबसे पहला नाम मरियम मिर्जाखानी_Maryam Mirzakhani का होगा। उन्होंने महज 37 वर्ष की आयु में गणित के क्षेत्र में नोबल पुरस्कार के समतुल्य समझे जाने वाले प्रतिष्ठित फील्ड्स मेडल_Fields Medal प्राप्त कर लिया था।
लेकिन दुर्भाग्य स्तन कैंसर_Breast Cancer ने 15 July 2017 को 40 वर्ष की आयु में इस महान गणितज्ञ को हमसे छीन लिया। वह फील्ड्स मेडल से सम्मानित दुनिया की पहली महिला गणितज्ञ थीं। अंतर्राष्ट्रीय गणितज्ञ संघ यानी International Mathematical Union (IMU) द्वारा सन् 1936 से प्रत्येक चार साल में एक बार गणित के क्षेत्र में असाधारण योगदान के लिए किसी व्यक्ति को फील्ड्स मेडल से सम्मानित किया जाता है।
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सन् 2008 से मरियल स्टैनफोर्ड यूनिवर्सिटी_Stanford University में प्रोफेसर के पद पर कार्यरत थीं। नासा_Nasa के पूर्व वैज्ञानिक फिरौज नासरी_Firouz Michael Naderi ने अपने ट्वीट में कहा कि "बहुत जल्दी एक प्रतिभा हमसे बिछुड़ गयी। एक जीनियस हमसे दूर हो गयी। प्रख्यात गणितज्ञ होने के साथ ही मरियल एक कुशल ग्रहणी, पत्नी और मां भी थी।"
जीवन की शुरुआत में, मरियम एक लेखक बनना चाहती थीं। लेकिन गणित के प्रति उनमें जुनून सा था जिसके कारण वह विश्व प्रसिद्ध गणितज्ञ बनीं। मरियम के शब्दों में कहें तो गणित उनके लिए एक पहेली को सुलझाने जैसा था।
मरियम का जन्म ईरान के तेहरान में हुआ था। आरंभिक शिक्षा ईरान से करने के बाद मरियल गणित के क्षेत्र में उच्च अध्ययन के लिए अमेरिका के हार्वर्ड विश्वविद्यालय_Harvard University आयीं। वैसे 1990 के दशक में अंतर्राष्ट्रीय गणितीय ओलंपियाड_International Mathematical Olympiad में स्वर्ण पदक जीतने के कारण उन्हें ख्याति मिल चुकी थी।
यह सम्मान पाने वाली वह ईरान की पहली लड़की थीं। इसके अलावा नेशनल एकेडमी ऑफ साइंसेज_National Academy of Sciences के लिए चुनी गयी पहली ईरानी महिला थीं। इस संस्था के पूर्व सदस्यों में अल्बर्ट आइंस्टीन, थॉमस अल्वा एडीसन और अलेक्जेंडर ग्राहम बेल जैसे विख्यात वैज्ञानिक शामिल हैं।
सैद्धांतिक गणित में मरियम की विशेष दक्षता थी। उन्होंने बीजीय रेखागणित में, हाइपरबॉलिक ज्यामिति, एरगोडिक थ्योरी एंड सिम्प्लेक्टिक ज्यामिति आदि क्षेत्रों में विशेष योगदान दिया। उनके कार्यों ने इस भ्रांति को भी तोड़ा है कि गणित जैसे क्षेत्र में महिलाएं विशेष योगदान नहीं दे सकतीं। मरियम मिर्जाखानी का जीवन गणितप्रमियों के लिए प्रेरणा स्रोत बन गया है।
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नवनीत कुमार गुप्ता पिछले दस वर्षों से पत्र-पत्रिकाओं, आकाशवाणी एवं दूरदर्शन आदि जनसंचार के विभिन्न माध्यमों द्वारा वैज्ञानिक दृष्टिकोण और पर्यावरण संरक्षण जागरूकता के लिए प्रयासरत हैं। आपकी विज्ञान संचार विषयक लगभग एक दर्जन पुस्तकें प्रकाशित हो चुकी हैं तथा इन पर गृह मंत्रालय के ‘राजीव गांधी ज्ञान विज्ञान मौलिक पुस्तक लेखन पुरस्कार' सहित अनेक पुरस्कार एवं सम्मान प्राप्त हो चुके हैं। आप विज्ञान संचार के क्षेत्र में कार्यरत संस्था ‘विज्ञान प्रसार’ से सम्बंद्ध हैं। आपसे निम्न मेल आईडी पर संपर्क किया जा सकता है:

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