नशीली दवाओं के प्रकार, नुकसान, लक्षण और उपचार

SHARE:

बदलती हुई सामाजिक मान्यताएं, कुछ नया करने की चाहत, तरह-तरह के तनाव आदि तमाम ऐेसे कारण हैं, जिनकी वजह से समाज में नशे का प्रचलन तेजी से बढ़...

बदलती हुई सामाजिक मान्यताएं, कुछ नया करने की चाहत, तरह-तरह के तनाव आदि तमाम ऐेसे कारण हैं, जिनकी वजह से समाज में नशे का प्रचलन तेजी से बढ़ रहा है। सबसे चिंताजनक बात यह है कि इसके श‍िकार में युवा वर्ग का प्रतिशत तेजी से बढ़ा है। 

युवाओं में नशे की शुरूआत आमतौर से स्कूल के अंदर मीठी सुपारी और सादे मसाले से होती है, जो धीरे-धीरे तम्बाकू युक्त गुटखा और सिगरेट से होती हुई नशीली दवाओं तक जा पहुंचती है। साथियों के दबाव अथवा सामाजिक चक्रव्‍यूहों में फंसे बच्‍चे जब एक बार इनकी गिरफ्त में आ जाते हैं, तो उन्हें इस दलदल से निकालना बेहद दुष्कर हो जाता है। लेकिन यदि अभ‍िभावक बच्चों पर बराबर नजर रखें और उनकी गतिविध‍ियों का अध्ययन करते रहें, तो उनके व्यवहार और चाल-ढ़ाल को देखकर इस बीमारी को शुरू में ही पकड़ा जा सकता है। 

Drug addiction
नशीली दवाओं के प्रकार

नशे के लिए उपयोग लार्इ जाने वाली दवाएं 03 तरह की होती है। पहली अपर्स ('Uppers') कहलाती हैं। ये दवाएं नशेड़ी को ज़्यादा उर्जा और आत्मविश्वास का एहसास कराती हैं। कुछ सामान्य अपर्स हैं- कोकेन (Cocaine), एक्सटेसी (Ecstasy), स्पीड (Speed) और क्रेक कोकेन (Crack Cocaine)।

दूसरे प्रकार की नशीली दवाएं डाऊनर्स ('Downers') कहलाती हैं। इनको लेने वाला व्यक्ति खुद को शांत व तनावरहित महसूस करता है और उसे अत्यधि‍क नींद आती है। कुछ चर्चित डाउनर्स के नाम हैं- अल्कोहल (Alcohol), हशीश (Hashish), हेरोईन (Heroin) और क्युलेड्स (Quaaludes)।

तीसरी श्रेणी की नशीली दवाएं हेल्युसिनोजन्स (Hallucinogens) हैं। इनका सेवन करने वाले को भ्रम का अहसास होता है या वो नींद की अवस्था में चले जाते है। हेल्युसिनेशन्स सुखद भी होते हैं और डरावने भी, लेकिन पहले से ये बात पता करना सम्भव नहीं होता है। कुछ चर्चित हेल्युसिनोजन्स हैं– एलएसडी (LSD), और मसकेलिन (Mescaline)।
[post_ads]
प्रचलित नशीली दवाएं
(Most Popular Drugs in India)
क्रिस्टल मेथ: 
क्रिस्‍टल मेथ (Crystal Meth) का एक नाम मेथेम्फेटामाईन (Methamphetamine) भी है। यह एम्पेथामाईन/स्‍पीड (Amphetamine/Speed ) नामक ड्रग से बनाया जाता। इसका असर भी मेथेम्फेटामाईन की तरह ही है। इसके सेवन से रोगी को भूख नहीं लगती है और उर्जा व गतिविधियां बढ़ जाती हैं। इसके साथ ही रोगी को आत्मविश्वास बढ़ने और स्वस्थ्य होने का भी एहसास होता है।

क्रिस्‍टल मेथ शेड्यूल 2 उत्तेजक ड्रग है। इसका उपयोग अनेक रोगों के इलाज में भी प्रयोग में लाया जाता है और ये सिर्फ प्रिस्क्रिप्शन पर ही दी जाती है। लेकिन नशेबाजों के बीच इसकी बढ़ती लोकप्रियता के कारण ये गैरकानूनी तरीके से दुनिया भर में बनाई और बेची जाती है। इसके नशेड़ी में हिंसक और आक्रामक प्रभाव भी देखने को मिलता है।

क्रिस्‍टल मेथ के सेवन के कई रुप प्रचलित हैं। कुछ लोग इसे सूंघ कर उपयोग में लाते हैं, तो कुछ लोग इसे सिगरेट में मिलाकर धूम्रपान के रूप में लेते हैं। वहीं कुछ लोग इसे खाने के रूप में तथा कुछ लोग त्‍वरित नशे के लिए इंजेक्शन से रूप में भी लेते हैं। अलग-अलग तरीकों से क्रिस्‍टल मेथ को लेने पर इस ड्रग प्रभाव भी अलग-अलग होता है। इसकी एक अन्‍य विशेषता यह भी है कि रोगी का शरीर बहुत जल्द इसका आदी हो जाता है।

क्रिस्टल मेथ को घर में आसानी से बनाया जा सकता है। इसीलिए इसके प्रसार को रोकना बेहद मुश्किल होता है। यही कारण है कि बहुत से लोग इसे नुकसानदायक नहीं मानते हैं। लेकिन इसकी आदत इंसान को बुरी तरह जकड़ लेती है, जिससे यह बेहद खतरनाक रूप ले लेती है। इस वजह से शरीर पर कई बुरे परिणाम होते हैं।  क्रिस्टल मेथ का नशा बहुत जल्दी उतरता है। इसीलिए रोगी नशे का असर बनाए रखने के लिए क्रिस्टल मेथ के डोज़ बार-बार लेते हैं। इससे क्रिस्टल मेथ के ओवरडोज़ या ज़्यादा सेवन की आशंका भी बनी रहती है।

ब्राऊन शुगर:

ब्राऊन शुगर (Brown Sugar) पावडर के रुप में पाई जाती है। वास्‍तव में यह एक प्रकार की मिश्रित ड्रग है, जिसमें कोकेन और हेरोईन का कचरा सहित अनेक केमिकल्स जैसे स्ट्रीचनाइन (Strychnine ) का मिश्रण होता है। ब्राऊन शुगर का नशा करने वाले इसे फॉईल पेपर पर जलाते हैं और उससे निकलनेवाले धुएं को नली के द्वारा शरीर के अंदर लेते हैं। ये ड्रग तुरंत प्रभाव दिखाती है, जिससे रोगी को तुरंत नींद आ जाती है।

ब्राऊन शुगर ज़्यादा महंगी नहीं होती है, लेकिन ये अपने प्रभाव के कारण बहुत जल्दी रोगी को अपना लती बना लेेती है। इससे छुटकारा पाना बेहद मुश्किल होता है। इसके साथ ही इसका सबसे बड़ा दुष्‍प्रभाव यह है कि इसके रोगी नशे में अपनी हिफाजत नहीं कर पाते, जिससे उनके यौन शोषण या खतरे की आशंका बढ़ जाती है।

रॉक कोकेन: crack drug effects, crack drug definition, crack drug side effects.

रॉक कोकेन (Rock Koken ) को सामान्यत: क्रेक (Creck) के नाम से जाना जाता है और क्रिस्‍टल के रूप में पाया जाता। ये शुद्ध कोकेन की तुलना में सस्ता होता है। शुद्ध कोकेन को क्रिस्टल के रूप में बदलने के लिए उसमें कुछ रसायन मिलाए जाते है। इसके रोगी इसे जलाकर धुएं को सूंघते हैं। इसकी लत जल्दी लग जाती है और इसके रोगी इसे पूरी करने के लिए अपना घर-बार भी दांव पर लगा देते हैं।

क्रेक का असर सामान्यत: कोकेन जैसा ही होता है। इसका सेवन करने वाला व्‍यक्ति अपने आपको बहुत उर्जावान और उत्साही महसूस करता है। यही कारण है कि युवा में इसकी लत तेजी से फैल रही है। क्रेक कोकेन के रोगी इसके सेवन के पश्‍चात असुरक्षित यौन संबंध भी बनाते हैं और जुर्म की दुनिया में प्रविष्‍ट हो जाते हैं। 

इसके रोगियों में नाक से पानी आना, मानसिक उन्‍माद, पागलपन, नर्वस डिसऑर्डर, वजन कम होना, नाक से खून बहना जैसे लक्षण पाए जाते हैं, जिससे उन्‍हें आसानी से पहचाना जा सकता है।


    रोहिपनॉल:
    रोहिपनॉल (Rohypnols) पूरी दुनिया में ‘डेट रेप ड्रग’ (Date Rape Drug) के नाम से भी कुख्‍यात है। इस ड्रग के सेवन करने वाली किसी महिला को अनुभूति तो होती है, किन्‍तु उसके विरोध करने की क्षमता समाप्‍त हो जाती है। यही कारण है कि इसे पीने के बाद लड़की/महिला को ये तो पता चलता है कि उसका यौन शोषण किया जा रहा है, किन्‍तु वह उसे रोकने में सक्षम नहीं हो पाती है। इसका एक अन्‍य दुष्‍परिणाम यह भी होेता है कि उक्‍त महिला/लड़की के शरीर से जब अगले दिन इस ड्रग का नशा उतरता है, तो उसे यौन शोषण वाली बात याद भी नहीं रहती है। 

    रोहिपनॉल ड्रग अल्कोहल के प्रभाव को बढ़ा देती है। इसे इस्तेमाल करने वाला व्‍यक्ति खुद को काफी हल्का भी महसूस करता है। इसी बात का बहाना बना कर अक्‍सर पुरूष महिलाओं को रोहिपनॉल लेने का दबाव बनाते हैं और फिर उनके साथ शारीरिक सम्‍बंध बनाते हैं। 

    इस ड्रग का सर्वाधिक दुरूपयोग नाइट क्लब्स (Night Clubs) में देखने को मिलता है, जहां  पुरुष रोहिपनॉल की गोलियां/पाऊडर को महिलाओं के ड्रिंक में मिला कर पिला देते हैं और फिर उनका यौन शोषण करते हैं।

    रोहिपनॉल शेड्यूल 6 प्रिस्क्रिप्शन स्लीपिंग टेबलेट है, जिसे बिना प्रिस्क्रिप्‍शन के नहीं बेचा जा सकता है। लेकिन अक्‍सर इसके डीलर इसे फर्जी प्रिस्क्रिप्शन के सहारे प्राप्‍त कर लेते हैं और इसे युवाओं को बेचते हैं। यही कारण है कि महिलाओं और पुरुषों में रोहिपनॉल के सेवन के मामले लगातार बढ़ रहे हैं।

      हशीश:

      हशीश (Hashish) वास्‍तव में केनेबिस (Cannabis) नामक पौधे की सूखी पत्तियां होती हैं, जिनको सिगरेट में भरकर पिया जाता है।  इसके धुएँ का सेवन एक पाइप से भी किया जाता है। इसे खाने में या अनाज में भी मिलाया जाता है। यह ब्लॉक के रुप में बेचा जाता है, जिन्हें तोड़कर उपयोग में लाया जाता है।

      ज्‍यादातर लोगों में हशीश का प्रभाव तेज शराब जैसा होता है। लेकिन कुछ लोगों में इसके प्रयोग से पागलपन भी सवार हो जाता है। इसीलिए कहा जाता है कि इसका प्रभाव हर व्यक्ति पर अलग-अलग होता है। हशीश के सेवन से रोगी में कुछ समय के लिए याददाश्त का खोना, सीखने/सोचने में मुश्किल तथा समन्वय में कमी जैसी दिक्‍कते आती हैं। यह रोगी के शरीर की प्रतिरोधतक शक्ति को नष्‍ट कर देता है, जिससे इसके रोगी अनेकानेक बीमारियाें से ग्रस्‍त हो जाते हैं और जल्‍दी ठीक नहीं होते।

      हमेशा सेवन करने वाले रोगी उनींदे से बने रहते हैं। वे धीमे बोलते है, उनकी आंखें लाल रहती हैं और पुतलियां फैल जाती हैं। इस वजह से इसके रोगी कोई भी काम ठीक ढंग से नहीं कर पाते हैं और उनके गति बेहद धीमी हो जाती हैै। रहती है, साथ ही काम करने की गति धीमी रहती है।

      हेरोईन:

      हेरोईन (Heroin) का निर्माण ओपियम पपी (Opium Poppy) से किया जाता है। यह मॉर्फिन (Morphine) का ही एक रूप है, जो सफेद या भूरे पावडर के रुप में मिलता है। आमतौर से हेरोईन के लती इसे इंजेक्शन के द्वारा लेते हैं, जिससे यह त्‍वरित असर दिखाती है। इसके अतिरिक्‍त इसे सूंघ कर या धुएं में उड़ाकर भी उपयोग में लिया जाता है।

      हेरोईन के उपयोग से शरीर की क्रियाएं धीमी हो जाती है। उनकी सांस और धड़कन धीमी हो जाती है। इससे  नशेड़ी को दर्द से मुक्त्‍ि मिलती है तथा आनंद की अनुभूति होती है। लेकिन इसके साथ ही साथ नशेड़ी को उल्टी और मितली जैसा अनुभव भी हो सकता है। इसके नशे की लत जबरदस्त होती है। जिससे रोगी नशे का असर बरकरार रखने के लिए ज्यादा हेरोईन की जरूरत महसूस करते हैं, जिससे ओवरडोज का खतरा हो जाता है।

      हेरोईन के लती जब इसे नियमित रूप से नही लेते हैं, तो खालीपन महसूस करने लगते हैं। उन्‍हें फेफड़ों और  हृदय की बीमारियां हो जाती हैं। गर्भवती महिला के द्वारा इसका सेवन करने पर गर्भ में पल रहे बच्चे पर बुरा असर होता है। साथ ही गर्भपात होने का खतरा भी होता है। 

      नशीली दवाओं के प्रमुख लक्षण

      नशीली दवाओं के शिकार व्‍यक्तियों की सबसे बड़ी पहचान यही है कि उनकी सामान्‍य दिनचर्या पूरी तरह से ध्‍वस्‍त हो जाती है। उन्‍हें सभी कार्यों में अरूचि हो जाती है। घर/परिवार के सदस्‍यों से दूर-दूर रहना, अन्‍तर्मुखी हो जाना, विद्यालय या कॉलेज से अनुपस्थिति रहना तथा एकांत स्‍थान पर लम्‍बे समय तक बैठे रहना तथा बात-बात पर गुस्‍सा करना तथा हर समय झगड़े पर उतारू हो जाना इसके प्रमुख लक्षण हैं।

      नशीली दवाओं के लती लोगों के आत्‍मविश्‍वास में बेहद कमी आ जाती है। वे साफ-सफाई के प्रति बेहद लापरवाह हो जाते हैं तथा ब्रश करने, नहाने जैसे नियमित कामों को भी टालने लगते हैं। ऐसे लोगों की चाल में लड़खडा़हट, बोलने में तुतलाहट अथवा हकलाहट आ जाना अरम बात है। इनके लती लोगों की निद्रा में अनियमितता, भूख कम लगना, आंखों का लाला हो जाना, आंखे बुझी सी रहना, आंखों के नीचे सूजन व आंख की पुतली सुंई की नोक की तरह सिकूड जाना जैसे लक्षण आमतौर से देखे जाते हैं।

      नशे की गिरफ्त में आने वाले लोगों के स्‍वभाव में अचानक परिवर्तन आ जाता है। बात-बात पर झूठ बोलना, उधार लेना, चोरी करना व आसामाजिक गतिविधियों में लिप्‍त हो जाना, वाहन चलाते समय बार-बार दुर्घटना होना, पुराने दोस्तों के साथ समय न बिताना, नये-नये मित्रों का निश्चित समय पर घर आना, अधिक खर्च की मांग व पैसा नहीं मिलने पर उत्‍तेजित व आक्रामक हो जाना, शयन कक्ष अथवा स्‍नानघर में इंजेक्शन की खाली सिरिंज, सिगरेट के ऊपर वाली एल्‍यूमिनियम की पतली कागज जैसी फाइल, पतली प्‍लास्टिक की पाइप व धुंये के काले निशान वाले सिक्‍के का मिलना, घर से कीमती सामान गायब होने जैसी घटनाएं भी नशे की लती लोगों के साथ आमतौर से देखी जाती हैं।

      नशीली दवाओं के नुकसान

      ऐसे लोगों का प्रतिशत काफी अधिक है, जो मानसिक तनाव से मुक्ति के लिए नशीली दवाएं लेते हैं। उनके सेवन से प्रारम्‍भ में तो राहत सी महसूस होती है, लेकिन अंत बेहद बुरा होता है। एक ओर जहां ऐसे लोग अनेक शारीरिक व्‍याधियों के शिकार हो जाते हैं, वही हिंसा और गुनाह की प्रवृत्ति के चपेट में आने से स्‍वयं को तथा परिवार को संकट में डाल देते हैं।

      नशीली दवा के रूप में बेहद मशहूर हशीश के धुंए में सिगरेट की तुलना में पांच गुना ज़्यादा कार्बन मोनो ऑक्साइड और तीन गुना ज्यादा टार होता है। कार्बन मोनोऑक्साइड बगैर रंग और गंध वाली गैस होती है, जो रोगी की जान भी ले सकती है।

      कोकेन या क्रेक की आदत डालने के लिए इसका एक बार सेवन भी काफी होता है। इसका जरूरत से ज़्यादा डोज लेने पर हार्ट अटैक की आशंका होती है, जिससे व्‍यक्ति की मौत भी हो सकती है।
      नशीली दवाओं के सेवन से रोगी को बहुत ही गंभीर किस्म का डीहायड्रेशन (शरीर में पानी की कमी) हो सकता है। इनके अलावा इसके सेवन से किडनी की बीमारी या अवसाद (Depression) भी होता है।
      नशीली दवाएं रोगी के निर्णय लेने की क्षमता पर असर डालती हैं। इसकी वजह से रोगी असुरक्षित सेक्स संबंध बनाने का ज़ोखिम उठा लेते हैं, जिससे एड्स की संभावनाएं भी बलवती हो जाती हैं।


       अगर आपका बच्‍चा ड्रग एडिक्‍ट है...

      अगर आपको ये आशंका है कि आपका बच्चा नशीली दवाओं का सेवन कर रहा है, तो सबसे पहले तो आप नशीली दवाओं, उनके परिणाम और साधनों के बारे में ज़्यादा से ज़्यादा जानकारी हासिल करें। लेकिन जब तक आपका शक पुख्‍ता न हो, बच्‍चे पर ऐसा बिलकुल जाहिर न होने दें।

      सबसे पहले आप अपने बच्‍चे के कमरे और उसके सामान की जांच करें। क्‍योंकि ड्रग का सेवन करने वाले ड्रग्स से जुड़ा सामान अपने बैग, बाथरूम, बेडरूम, दराज या कार में रखते है। इस सामान में कई तरह की चीजें शामिल होती हैं, जैसे- सिगरेट रोलिंग पेपर और रोलिंग व्हील, पाईप हबली–बबली या टूटी बोतल का उपरी हिस्सा, पावडर, गोलियां व पौधे, ऐश ट्रे या पॉकेट में पाउडर, पत्तियां या बीज, फ्लेवर्ड तंबाकू।
        यदि आपकी आशंका सही साबित होती है, तो सबसे पहले बच्चे से आपकी शंका के बारे में बात करने की कोशिश करें। लेकिन इसमें बेहद सावधानी की जरूरत है। क्‍योंकि अगर उसे कोई समस्या है, तो वह गुस्सा कर सकता है और क्रोध में कोई खतरनाक कदम उठा सकता है।

        अपने बच्चे को ड्रग्स से दूर रखने के लिए सबसे जरूरी यह है कि आप उसके साथ ईमानदारी भरा और अच्छा रवैया अपनाएं। जब आप दूर हों, तो उसके दोस्त, दोस्तों के रहन सहन और आदतों की जानकारी लें और लगातार उनसे संपर्क में रहें। अगर आपको पता चले कि आपका बच्‍चा नशीली दवाओं का सेवन कर रहा है, तो आप नशे की आदत छुड़ाने में लगे संगठनों से सम्‍पर्क करें। उनकी मदद से आप अपने बच्‍चे को आसादी से नशीली दवाओं के चंगुल से मुक्‍त करा सकेंगे।
        -X-X-X-X-X-
        keywords: types of drugs, drugs addiction pictures, causes of drugs addiction, drugs addiction essay, drugs addiction definition, drugs addiction effects, drugs addiction quotes, drugs addiction speech, drugs addiction in india, drugs addiction information, drug addiction young adults, drug addiction young generation, drug addiction young, drug addiction books young adults, drug addiction treatment methods, drug addiction treatment centers in india, drug addiction treatment statistics, drug addiction hindi essay, drug addiction hindi, drug addiction hindi language, drug addiction quotes hindi, drugs addiction speech in hindi, drugs addiction meaning in hindi, types of drugs in hindi, causes of drugs addiction in hindi, drugs addiction essay in hindi, drugs addiction definition in hindi, drugs addiction effects in hindi, drugs addiction quotes in hindi, drug addiction treatment in hindi, नशे की गोली का नाम, नशे पर लेख, नशे की दवा, नशीली दवा, नशीली दवाओं के नाम, नशीली दवाएं, नशाखोरी पर निबंध, नशाखोरी निबंध, नशाखोरी के दुष्परिणाम

        COMMENTS

        BLOGGER: 23
        1. बेनामी7/17/2014 5:13 pm

          Atyant upyogi jankari di hai, abhar.

          Pratul Singh, Gangoh, UP

          जवाब देंहटाएं
        2. इस विस्तृत जानकारी के लिए धन्यवाद !

          जवाब देंहटाएं
        3. बेनामी10/15/2015 11:48 pm

          मैंने नशीली दवाओ के सेवन से होने वाले दुष्प्रभावो के बारे मे पढा सच मानिये मुझे रोना आ गया। मै एक हिन्दी प्राधयापक हूं ओर समय समय पर बच्चो को नशे के दुरुपयोग पर बातचीत करता रहता हू। पर अब मै आज के बाद बच्चो के साथ साथ समाज मे भी नशे के सेवन के दुरुपयोग की बातचीत किया करूगा। मै राजिंदर फाजिलका पंजाब 9914410514

          जवाब देंहटाएं
          उत्तर
          1. बेनामी5/16/2016 8:09 pm

            ji mera naam raj kumar mai bahoot paresan main hu mai brawn sugar 2 mahine se use kar raha hu mai chodna cahata hu lakin nahi hota kuch upaye bataiye guru

            हटाएं
          2. Bhai apne upar cantrol ho bs

            हटाएं
          3. बेनामी7/18/2018 3:55 pm

            Tum apna no. No do

            हटाएं
        4. बेनामी5/06/2016 10:35 am

          I am 35 years old man and doing govt. Job . I have stared consuming Ganja and Bhang 6 months back . Now am worried of adiction . I tried to give it up but i could live without it only for few days . I need it once in a day . I spoiled my life in this matured age . Shame on me .

          जवाब देंहटाएं
        5. बेनामी6/23/2016 7:02 am

          Kitna log indea main nasha krta h

          जवाब देंहटाएं
        6. बेनामी8/07/2016 8:04 pm

          mujhe lgta h k mere pti koi drugs use kr rhe h or unki ankhen laal hot I h jb vo. ghar aate h or subah or sham ka unka pkka routine h k bahr Jana hi h chahe kuch bhi ho Jaye

          जवाब देंहटाएं
          उत्तर
          1. Medam oh gaja pite h darks lene se aak laal nai hota gaja pine se aak laal hota h app unne pyeaar se samjao ladai jgra mat krna ladai jagra krne se oh or nasha krege pyeaar se samjao samj jaygye

            हटाएं
        7. बेनामी9/04/2016 4:46 pm

          Mene b nasha chod dia bhut relax deel krta hu abbb

          जवाब देंहटाएं
        8. बेनामी9/11/2016 4:19 am

          bahut hi anmol jankari diya hai apne.bahut bahut dhanywad.

          जवाब देंहटाएं
        9. बेनामी2/19/2017 8:47 pm

          Main 1 saal se heroin drug le raha hu abb main chodna chata hu koi uppaye btaiye

          जवाब देंहटाएं
        10. बेनामी9/28/2017 1:19 pm

          पुलिसवालो और समाज दोनों के सहयोग से समाज में से ड्गस का अंत कर सकते हैं

          जवाब देंहटाएं
        11. बेनामी9/28/2017 1:22 pm

          पुलिसवालो और समाज दोनों के सहयोग से समाज में से ड्गस का नामोनिसान मिटा सकते है।

          जवाब देंहटाएं
        12. archana sidhu1/17/2018 11:23 pm

          Addiction ki itni bariki se imformation dene ke liye Thankyou

          जवाब देंहटाएं
        13. बेनामी1/17/2018 11:33 pm

          Addiction ki itni imfomation dene me liye thankyou

          जवाब देंहटाएं
        14. बेनामी1/17/2018 11:49 pm

          Addiction ki itni imfomation dene me liye thankyou

          जवाब देंहटाएं
        15. बेनामी1/20/2018 12:23 am

          अपनी टिप्पणी लिखें...koi dawa bataye jise patient ko bechani na ho or nind aa jaye

          जवाब देंहटाएं
        16. me LLM ka student hu muje or jankari chahiye plz hellp me .is ke bareme govt kaya karti hey or iska koi asar in dargs mafiya par hota hey ya nahi?

          जवाब देंहटाएं
        वैज्ञानिक चेतना को समर्पित इस यज्ञ में आपकी आहुति (टिप्पणी) के लिए अग्रिम धन्यवाद। आशा है आपका यह स्नेहभाव सदैव बना रहेगा।

        नाम

        अंतरिक्ष युद्ध,1,अंतर्राष्‍ट्रीय ब्‍लॉगर सम्‍मेलन,1,अंतर्राष्ट्रीय हिन्दी ब्लॉगर सम्मेलन-2012,1,अतिथि लेखक,2,अन्‍तर्राष्‍ट्रीय सम्‍मेलन,1,आजीवन सदस्यता विजेता,1,आटिज्‍म,1,आदिम जनजाति,1,इंदिरा गांधी नेशनल ओपन यूनिवर्सिटी,1,इग्‍नू,1,इच्छा मृत्यु,1,इलेक्ट्रानिकी आपके लिए,1,इलैक्ट्रिक करेंट,1,ईको फ्रैंडली पटाखे,1,एंटी वेनम,2,एक्सोलोटल लार्वा,1,एड्स अनुदान,1,एड्स का खेल,1,एन सी एस टी सी,1,कवक,1,किंग जार्ज मेडिकल कॉलेज,1,कृत्रिम मांस,1,कृत्रिम वर्षा,1,कैलाश वाजपेयी,1,कोबरा,1,कौमार्य की चाहत,1,क्‍लाउड सीडिंग,1,क्षेत्रीय भाषाओं में विज्ञान कथा लेखन,9,खगोल विज्ञान,2,खाद्य पदार्थों की तासीर,1,खाप पंचायत,1,गुफा मानव,1,ग्रीन हाउस गैस,1,चित्र पहेली,201,चीतल,1,चोलानाईकल,1,जन भागीदारी,4,जनसंख्‍या और खाद्यान्‍न समस्‍या,1,जहाँ डॉक्टर न हो,1,जितेन्‍द्र चौधरी जीतू,1,जी0 एम0 फ़सलें,1,जीवन की खोज,1,जेनेटिक फसलों के दुष्‍प्रभाव,1,जॉय एडम्सन,1,ज्योतिर्विज्ञान,1,ज्योतिष,1,ज्योतिष और विज्ञान,1,ठण्‍ड का आनंद,1,डॉ0 मनोज पटैरिया,1,तस्‍लीम विज्ञान गौरव सम्‍मान,1,द लिविंग फ्लेम,1,दकियानूसी सोच,1,दि इंटरप्रिटेशन ऑफ ड्रीम्स,1,दिल और दिमाग,1,दिव्य शक्ति,1,दुआ-तावीज,2,दैनिक जागरण,1,धुम्रपान निषेध,1,नई पहल,1,नारायण बारेठ,1,नारीवाद,3,निस्‍केयर,1,पटाखों से जलने पर क्‍या करें,1,पर्यावरण और हम,8,पीपुल्‍स समाचार,1,पुनर्जन्म,1,पृथ्‍वी दिवस,1,प्‍यार और मस्तिष्‍क,1,प्रकृति और हम,12,प्रदूषण,1,प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड,1,प्‍लांट हेल्‍थ क्‍लीनिक,1,प्लाज्मा,1,प्लेटलेटस,1,बचपन,1,बलात्‍कार और समाज,1,बाल साहित्‍य में नवलेखन,2,बाल सुरक्षा,1,बी0 प्रेमानन्‍द,4,बीबीसी,1,बैक्‍टीरिया,1,बॉडी स्कैनर,1,ब्रह्माण्‍ड में जीवन,1,ब्लॉग चर्चा,4,ब्‍लॉग्‍स इन मीडिया,1,भारत के महान वैज्ञानिक हरगोविंद खुराना,1,भारत डोगरा,1,भारत सरकार छात्रवृत्ति योजना,1,मंत्रों की अलौकिक शक्ति,1,मनु स्मृति,1,मनोज कुमार पाण्‍डेय,1,मलेरिया की औषधि,1,महाभारत,1,महामहिम राज्‍यपाल जी श्री राम नरेश यादव,1,महाविस्फोट,1,मानवजनित प्रदूषण,1,मिलावटी खून,1,मेरा पन्‍ना,1,युग दधीचि,1,यौन उत्पीड़न,1,यौन शिक्षा,1,यौन शोषण,1,रंगों की फुहार,1,रक्त,1,राष्ट्रीय पक्षी मोर,1,रूहानी ताकत,1,रेड-व्हाइट ब्लड सेल्स,1,लाइट हाउस,1,लोकार्पण समारोह,1,विज्ञान कथा,1,विज्ञान दिवस,2,विज्ञान संचार,1,विश्व एड्स दिवस,1,विषाणु,1,वैज्ञानिक मनोवृत्ति,1,शाकाहार/मांसाहार,1,शिवम मिश्र,1,संदीप,1,सगोत्र विवाह के फायदे,1,सत्य साईं बाबा,1,समगोत्री विवाह,1,समाचार पत्रों में ब्‍लॉगर सम्‍मेलन,1,समाज और हम,14,समुद्र मंथन,1,सर्प दंश,2,सर्प संसार,1,सर्वबाधा निवारण यंत्र,1,सर्वाधिक प्रदूशित शहर,1,सल्फाइड,1,सांप,1,सांप झाड़ने का मंत्र,1,साइंस ब्‍लॉगिंग कार्यशाला,10,साइक्लिंग का महत्‍व,1,सामाजिक चेतना,1,सुरक्षित दीपावली,1,सूत्रकृमि,1,सूर्य ग्रहण,1,स्‍कूल,1,स्टार वार,1,स्टीरॉयड,1,स्‍वाइन फ्लू,2,स्वास्थ्य चेतना,15,हठयोग,1,होलिका दहन,1,‍होली की मस्‍ती,1,Abhishap,4,abraham t kovoor,7,Agriculture,8,AISECT,11,Ank Vidhya,1,antibiotics,1,antivenom,3,apj,1,arshia science fiction,2,AS,26,ASDR,8,B. Premanand,5,Bal Kahani Lekhan Karyashala,1,Balsahitya men Navlekhan,2,Bharat Dogra,1,Bhoot Pret,7,Blogging,1,Bobs Award 2013,2,Books,57,Born Free,1,Bushra Alvera,1,Butterfly Fish,1,Chaetodon Auriga,1,Challenges,9,Chamatkar,1,Child Crisis,4,Children Science Fiction,2,CJ,1,Covid-19,7,current,1,D S Research Centre,1,DDM,5,dinesh-mishra,2,DM,6,Dr. Prashant Arya,1,dream analysis,1,Duwa taveez,1,Duwa-taveez,1,Earth,43,Earth Day,1,eco friendly crackers,1,Education,3,Electric Curent,1,electricfish,1,Elsa,1,Environment,32,Featured,5,flehmen response,1,Gansh Utsav,1,Government Scholarships,1,Great Indian Scientist Hargobind Khorana,1,Green House effect,1,Guest Article,5,Hast Rekha,1,Hathyog,1,Health,69,Health and Food,6,Health and Medicine,1,Healthy Foods,2,Hindi Vibhag,1,human,1,Human behavior,1,humancurrent,1,IBC,5,Indira Gandhi Rajbhasha Puraskar,1,International Bloggers Conference,5,Invention,9,Irfan Hyuman,1,ISRO,5,jacobson organ,1,Jadu Tona,3,Joy Adamson,1,julian assange,1,jyotirvigyan,1,Jyotish,11,Kaal Sarp Dosha Mantra,1,Kaal Sarp Yog Remady,1,KNP,2,Kranti Trivedi Smrati Diwas,1,lady wonder horse,1,Lal Kitab,1,Legends,12,life,2,Love at first site,1,Lucknow University,1,Magic Tricks,9,Magic Tricks in Hindi,9,magic-tricks,8,malaria mosquito,1,malaria prevention,1,man and electric,1,Manjit Singh Boparai,1,mansik bhram,1,media coverage,1,Meditation,1,Mental disease,1,MK,3,MMG,6,Moon,1,MS,3,mystery,1,Myth and Science,2,Nai Pahel,8,National Book Trust,3,Natural therapy,2,NCSTC,2,New Technology,10,NKG,74,Nobel Prize,7,Nuclear Energy,1,Nuclear Reactor,1,OPK,2,Opportunity,9,Otizm,1,paradise fish,1,personality development,1,PK,20,Plant health clinic,1,Power of Tantra-mantra,1,psychology of domestic violence,1,Punarjanm,1,Putra Prapti Mantra,1,Rajiv Gandhi Rashtriya Gyan Vigyan Puraskar,1,Report,9,Researches,2,RR,2,SBWG,3,SBWR,5,SBWS,3,Science and Technology,5,science blogging workshop,22,Science Blogs,1,Science Books,56,Science communication,22,Science Communication Through Blog Writing,7,Science Congress,1,Science Fiction,13,Science Fiction Articles,5,Science Fiction Books,5,Science Fiction Conference,8,Science Fiction Writing in Regional Languages,11,Science Times News and Views,2,science-books,1,science-puzzle,44,Scientific Awareness,5,Scientist,38,SCS,7,SD,4,secrets of octopus paul,1,sexual harassment,1,shirish-khare,4,SKS,11,SN,1,Social Challenge,1,Solar Eclipse,1,Steroid,1,Succesfull Treatment of Cancer,1,superpowers,1,Superstitions,51,Tantra-mantra,19,Tarak Bharti Prakashan,1,The interpretation of dreams,2,Tips,1,Tona Totka,3,tsaliim,9,Universe,27,Vigyan Prasar,33,Vishnu Prashad Chaturvedi,1,VPC,4,VS,6,Washikaran Mantra,1,Where There is No Doctor,1,wikileaks,1,Wildlife,12,Zakir Ali Rajnish Science Fiction,3,
        ltr
        item
        Scientific World: नशीली दवाओं के प्रकार, नुकसान, लक्षण और उपचार
        नशीली दवाओं के प्रकार, नुकसान, लक्षण और उपचार
        https://blogger.googleusercontent.com/img/b/R29vZ2xl/AVvXsEi5WH9qo4yqfthhvOJHThk7UnMT80kagV1eY8L0A_vo0fbAkqV8TwijNiqS63-848DBWMYirxCBmNmRmfFSwKd66bqohPxoFEfyl5h_pJBINJwXN0k5W-46UFOhZa3ypGGgYqjuCd44U4u9/s640/drug-addiction-fact.jpg
        https://blogger.googleusercontent.com/img/b/R29vZ2xl/AVvXsEi5WH9qo4yqfthhvOJHThk7UnMT80kagV1eY8L0A_vo0fbAkqV8TwijNiqS63-848DBWMYirxCBmNmRmfFSwKd66bqohPxoFEfyl5h_pJBINJwXN0k5W-46UFOhZa3ypGGgYqjuCd44U4u9/s72-c/drug-addiction-fact.jpg
        Scientific World
        https://www.scientificworld.in/2014/07/drug-addiction-in-hindi.html
        https://www.scientificworld.in/
        https://www.scientificworld.in/
        https://www.scientificworld.in/2014/07/drug-addiction-in-hindi.html
        true
        3850451451784414859
        UTF-8
        Loaded All Posts Not found any posts VIEW ALL Readmore Reply Cancel reply Delete By Home PAGES POSTS View All RECOMMENDED FOR YOU LABEL ARCHIVE SEARCH ALL POSTS Not found any post match with your request Back Home Sunday Monday Tuesday Wednesday Thursday Friday Saturday Sun Mon Tue Wed Thu Fri Sat January February March April May June July August September October November December Jan Feb Mar Apr May Jun Jul Aug Sep Oct Nov Dec just now 1 minute ago $$1$$ minutes ago 1 hour ago $$1$$ hours ago Yesterday $$1$$ days ago $$1$$ weeks ago more than 5 weeks ago Followers Follow THIS PREMIUM CONTENT IS LOCKED STEP 1: Share to a social network STEP 2: Click the link on your social network Copy All Code Select All Code All codes were copied to your clipboard Can not copy the codes / texts, please press [CTRL]+[C] (or CMD+C with Mac) to copy