चिडि़या कैसे उड़ती हैं?, हवा कैसे चलती है?, इंद्रधनुष कैसे निकलता है?, फूल कैसे खिलता है? ऐसे ही हजारों सवाल हैं, जो बच्चों के मन में घु...
चिडि़या कैसे उड़ती हैं?, हवा कैसे चलती है?, इंद्रधनुष कैसे निकलता है?, फूल कैसे खिलता है? ऐसे ही हजारों सवाल हैं, जो बच्चों के मन में घुमड़ते रहते हैं। पर अक्सर ऐसा होता है कि बच्चे जब ऐसे सवाल पूछते हैं, तो उनके अभिभावकों के पास उनके जवाब नहीं होता और वे खीझ कर उन्हें चुप करा देते हैं।
चीनू एक ऐसी ही लड़की है, जिज्ञासु और वैज्ञानिक दृष्टिकोण से सम्पन्न। उनके मन में भी ढ़ेरों सवाल हैं। पर किसी के पास उनके जवाब नहीं। उसकी नानी उसे कहानियां सुनाती हैं, पर उससे उसके सवालों की फेहरिश्त और बड़ी हो जाती है। ऐसे में उसे एक पक्षी मिलता है और वह न सिर्फ उससे बात करता है, बल्कि उसे ऐसी अदभुत दुनिया में ले जाता है, जहां पर प्रकृति के अद्भुत रहस्य उसके सामने खुद-ब-खुद प्रकट होते जाते हैं। चीनू उस पक्षी को वैज्ञानिक का नाम देती है, जो न सिर्फ प्रकृति के रहस्यों को चीनू के सामने खोलकर रख देता है, वरन उसकी हर जिज्ञासा को भी शान्त करता है।
पुस्तक के लेखक डॉ. यशवंत आर. वाघमारे आई.आई.टी. कानपुर के डीन हैं तथा विदेश के कई विश्वविद्यालयों में अतिथि लेक्चरर रह चुके हैं। वे महाराष्ट्र एकेडमी ऑफ साइंस और नेशनल एकेडमी ऑफ साइंस के फेलो हैं। इसके साथ ही वे इंडियन इंस्टीट्यूट ऑफ एजूकेशन के बोर्ड ऑफ ट्रस्टी तथा महाराष्ट्र एजूकेशन सोसाइटी के वाइस चेयरमैन हैं।
'चीनू विजिट्स माइक्रोवर्ल्ड' में कुल 11 अध्याय हैं, जिनसे पुस्तक की रोचकता का सहज ही एहसास होता है यथा: Chinu Meets Vaigyanik, You Attract Me, Atoms- The Teeny Weeny Balls, Chinu and The Living Molecules, Chinu and the Hailstorm, The Magic Wand, Chinu Plays with Tops, Chinu Meets Einstein, Chinu Meets Nucleons, Chinu and the Quarks, Chinu's Colourful Words.
हालांकि एक आश्चर्यजनक पक्षी को पुस्तक में मुख्य सहायक पात्र के रूप में प्रस्तुत करके लेखक ने पुस्तक में रोचकता जगाने का भरपूर प्रयास किया है, पर कहीं—कहीं वैज्ञानिकता इतनी हावी हो जाती है कि वह बोझिल सी लगने लगती है। इसके साथ ही पुस्तक में बड़े—बड़े पैराग्राफ को देखकर भी यह लगता है कि शायद लेखन में बाल मनोविज्ञान का ध्यान नहीं रखा गया।
पुस्तक का प्रस्तुतिकरण आकर्षक है और बच्चों को दृष्टि में रखते हुए इसमें यथा सम्भव रंगीन चित्रों का भी इस्तेमाल किया गया है। पुस्तक को मोटे ग्लासी पेपर पर प्रकाशित किया गया है, जिसकी वजह से पुस्तक के मूल्य में वृद्धि हो गयी है। लेकिन यदि इस पक्ष को थोड़ा सा इग्नोर किया जाए, तो यह कहा जा सकता है कि यह एक उपयोगी पुस्तक है, जो जिज्ञासु बच्चों को बेहद पसंद आएगी और उनके ज्ञान—सिंधु में बढ़ोत्तरी का कार्य करेगी। इस लिहाज से पुस्तक के प्रकाशक और लेखक बधाई के पात्र हैं।
पुस्तक- Chinu Visits Microworld
लेखक- Yashwant R. Waghmare
प्रकाशक- विज्ञान प्रसार, ए-50, इंस्टीट्यूशनल एरिया, सेक्टर-62, नोएडा-201309, दूरभाष- 0120-23404430/35, ईमेल- info@vigyanprasar.gov.in
पृष्ठ- 94
मूल्य- 150 रू0
पृष्ठ- 94
मूल्य- 150 रू0
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Interesting book.
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