अंतर्राष्ट्रीय हिन्दी ब्लॉगर सम्मेलन - International Hindi Bloggers Conference तस्लीम एवं परिकल्पना डॉट कॉम का संयुक्त आयोजन (दिनांक...
अंतर्राष्ट्रीय हिन्दी ब्लॉगर सम्मेलन - International Hindi
Bloggers Conference
तस्लीम एवं परिकल्पना डॉट कॉम का संयुक्त आयोजन
(दिनांकः 27 अगस्त 2012, स्थानः राय उमानाथ बली प्रेक्षागृह, कैसरबाग, लखनऊ)
तस्लीम एवं परिकल्पना डॉट कॉम का संयुक्त आयोजन
(दिनांकः 27 अगस्त 2012, स्थानः राय उमानाथ बली प्रेक्षागृह, कैसरबाग, लखनऊ)
अपनी धारदार लेखनी, विविधतापूर्ण विषयों, चुटीली टिप्पणियों और वाद-विवादों के कारण चर्चा का विषय बनने वाले हिन्दी ब्लॉगरों का पहला अन्तर्राष्ट्रीय सम्मेलन आगामी 27 अगस्त, 2012 को अदब और तहज़ीब की नगरी लखनऊ में सम्पन्न होने जा रहा है, जिसमें देश-विदेश से 200 ब्लॉगरों के उपस्थित होने की संभावना है।
इस सम्मेलन में हिन्दी ब्लॉगिंग के सामाजिक सरोकारों, उसकी भाषाई समस्याओं एवं ब्लॉगिंग, दशा, दिशा और दृष्टि पर चर्चा होगी, अनेक किताबों का लोकार्पण होगा और अपनी सजग एवं गम्भीर लेखनी के द्वारा सकारात्मक चिंतन को बढ़ावा देने वाले ब्लॉगरों/लेखकों का सम्मान भी होगा। यही कारण है कि इस सम्मेलन को लेकर हिन्दी ब्लॉग जगत में ही नहीं लेखकों और पत्रकारों के बीच भी काफी उत्सुकता देखने को मिल रही है और हर कोई इस ऐतिहासिक क्षण का भागीदार बनने को उत्सुक हो रहा है।
आगामी 27 अगस्त, 2012 को राय उमानाथ बली प्रेक्षागृह में आयोजित होने जा रहे इस सम्मेलन को यादगार बनाने के उद्देष्य से जहाँ एक ओर उद्भ्रांत, प्रेम जनमेजय, मुद्रारक्षस, शैलेन्द्र सागर, वीरेन्द्र यादव जैसे वरिष्ठ साहित्यकारों को आमंत्रित किया गया है, वहीं पूर्णिमा वर्मन (शारजाह) रवि रतलामी (भोपाल), शिखा वार्ष्णेय (लंदन), डॉ0 अरविंद मिश्र (वाराणसी), अविनाश वाचस्पति (दिल्ली), नीरज रोहिल्ला (अमेरिका), बाबुशा कोहली (लंदन) जैसे ब्लॉगर भी अपनी वैचारिक प्रतिबद्धता दर्शाने के लिए तहजीब की नगरी लखनऊ पधार रहे हैं। इसके साथ ही साथ अनेक जाने-माने पत्रकार, संपादक, साहित्यकार, समीक्षक, संस्कृतिकर्मी, विज्ञान लेखक भी इस सम्मेलन में भाग ले रहे हैं।
कार्यक्रम में एक उद्घाटन सत्र एवं तीन चर्चा सत्रों (न्यू मीडिया की भाषाई चुनौतियाँ, न्यू मीडिया के सामाजिक सरोकार, हिन्दी ब्लॉगिंगः दशा, दिशा एवं दृष्टि) का प्राविधान किया है। इस अवसर पर त्रैमासिक पत्रिका ‘वटवृक्ष‘ के ‘ब्लॉगर दशक विशेषांक‘ के साथ-साथ तीन पुस्तकों का भी लोकार्पण होना है, जिसमें ‘भारत के महान वैज्ञानिक‘ (डॉ0 जाकिर अली रजनीश), लाक्षागृह-कहानी संग्रह (अल्का सैनी) एवं ‘हिन्दी ब्लॉगिंगः स्वरूप व्याप्ति और संभावनाएं‘ (मनीष कुमार मिश्र) के नाम षामिल हैं। इसके साथ ही साथ हिन्दी साहित्य जगत एवं ब्लॉग जगत में सक्रिय लेखकों, ब्लॉगरों को ‘तस्लीम-परिकल्पना सम्मान‘, ‘तस्लीम-नुक्कड़ सम्मान‘ तथा ‘परिकल्पना ब्लॉग दशक सम्मान‘ से भी नवाजा जाएगा।
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शुभकामनाएँ!!
जवाब देंहटाएंबधाई सहित अनंत शुभकामनाएं
जवाब देंहटाएंAll the very Best!
जवाब देंहटाएंइस सम्मलेन को लेकर अभूतपूर्व उत्कंठा और उत्साह देखा जा रहा है -आयोजकों के माथे पर बल न पद जाय :-)
जवाब देंहटाएंसरकारी पैसे से किया जा रहा होता तो मैं मच्छरों से निरापद कमरा,परिवहन/आवागमन की सुविधा ,बेड टी आदि की मांग करता मगर अब तो पशोपेश में हूँ क्या करूं? कैसे नमक खाऊँ आयोजकों के बिना किसी योगदान के !
नमक मत खाएं
हटाएंनम हो जाएं
यही समय की
आवाज है
बलों की चिंता
हटाएंनुक्कड़ परिकल्पना तस्लीम
वाले नहीं किया करते
बलशाली है सब
इसलिए मजबूत
बल तो सब चाहेंगे
सदल बल सहित आएंगे
शुभकामनाएँ!!
जवाब देंहटाएंHardik shubhkamnayen!
जवाब देंहटाएंहार्दिक शुभकामनाएं इस आयोजन के लिए|
जवाब देंहटाएंब्लॉगरों की दुनिया में मैं अभी एक तरह से नया नया ही हूँ. लेकिन मैं जो गेख, सुन और समझ रहा हूँ यही अनुभव कर रहा हूँ कि यहाँ भी कमोबेश वही स्थिति है जैसी हिंदी साहित्य जगत में है.यहाँ भी ब्लॉगरों के किसिम किसिम के गु़ट बने हुए हैं. मुझे तो लगता है कि हिंदी कवियों की कविता क्रांति में जैसे कविता ही खो गई वैसे ही यहाँ भी ब्लॉगरों के ब्लॉग लिखने की हारा हुसी में हिंदी ब्लॉग की पहचान ही गडमगड होती सी दीखती है.
जवाब देंहटाएंशुभकामनाएं इस आयोजन के लिए|
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