इस बार मेरा मन सीमा गुप्ता जी की दिल खोलकर तारीफ करने को कर रहा है। क्योंकि एक बार फिर उन्होंने साबित कर दिया कि वे पहेली सिरमौर यूँ ही नहीं...
इस बार मेरा मन सीमा गुप्ता जी की दिल खोलकर तारीफ करने को कर रहा है। क्योंकि एक बार फिर उन्होंने साबित कर दिया कि वे पहेली सिरमौर यूँ ही नहीं हैं। इस बार की पहेली (चित्र पहेली-59) में दिया गया चित्र सांकेतिक था, लेकिन पहले जवाब में ही वे सही उत्तर लेकर आ गयीं और लगातार उसी जवाब को पुष्ट करती रहीं। इसे कहते हैं कांफिडेंट। और इसे सैल्यूट करना गर्व की बात है।
दूसरी विजेता रहीं अल्पना वर्मा जी। हालाँकि पहली बार तो उन्होंने गलत जवाब दिया, लेकिन जैसे ही वह उत्तर प्रकाशित हुआ, वे सही जवाब लेकर हाजिर हो गयीं। उन्हें दूसरा विजेता बनने पर बहुत बहुत बधाई। तीसरे विजेता रहे पं0 डी0के0 शर्मा 'वत्स', उन्होंने भी पूरे विश्वास के साथ जवाब दिया। उन्हें भी बधाई।
इस बार की पहेली में सबसे ज्यादा कंफ्यूज अगर कोई हुआ, तो वे थे प्रकाश गोविंद जी। उन्होंने बहुत मेहनत की और आखिर चौथा विजेता बनने में कामयाब रहे। उन्हें भी बधाई। पांचवे विजेता रहे भाई शमीम, जिनके आग्रह पर ही इस बार की पहेली जीव विज्ञान से इतर पूछी गयी थी। वे देर से आए, पर सही उत्तर लाए, यह प्रसन्नता का विषय है। उन्हें भी बधाई। उनसे यह विशेष आग्रह है कि वे अब अपना ब्लॉग बना लें, ताकि भविष्य में विजेता प्रमाण पत्र जीतने पर उसे संरक्षित भी कर सकें। इसके अलावा जी़शान भाई ने भी सही जवाब देकर बता दिया कि जब उन्हें सही उत्तर पता होता है, तभी टिप्पणी करते हैं, अन्यथा चुपचाप निकलने में ही अपनी भलाई समझते हैं। उनके सही उत्तर के लिए हम उन्हें भी बधाईयां प्रेषित करते हैं।
इस बार की पहेली के लिए जो लोग सही उत्तर नहीं दे पाए, उनमें दो लोगों के नाम मैं विशेष तौर पर लेना चाहूंगा। और वे हैं- रेखा प्रहलाद तथा अंकित। इन दोनों लोगों ने अंत तक बहुत कोशिश की, पर विजेता की लिस्ट में शामिल होने से रह गये। हमारी दुआ रहेगी कि अगली बार इनके उत्तर जरूर सही हों और विजेता का ताज इनके सिर पर हो। साथ ही अन्य सभी साथियों का आभार, जिन्होंने इस पहेली में भाग लिया। आशा है आप सबका स्नेह इसी प्रकार बना रहेगा।
पहेली में दिखाया गया चित्र सांकेतिक रूप से 'ओजोन' के छिद्र का है, जो पिछले कुछ समय से लगातार बढ़ता जा रहा है। ओजोन के बारे में सीमा गुप्ता जी ने कुछ महत्वपूर्ण जानकारी दी है, उसे मैं आप सबके साथ बांटना चाहूँगा-
"ओजोन परत पृथ्वी के वायुमंडल की एक परत है जिसमे ओजोन गैस की सघनता अपेक्षाकृत अधिक होती है। इसे O3 के संकेत से प्रदर्शित करते हैं। यह परत सूर्य के उच्च आवृत्ति के पराबैंगनी प्रकाश की 93-99 % मात्रा अवशोषित कर लेती है, जो पृथ्वी पर जीवन के लिये हानिकारक है। पृथ्वी के वायुमंडल का 91 % से अधिक ओजोन यहां मौजूद है।
यह मुख्यतः स्ट्रैटोस्फियर के निचले भाग में पृथ्वी की सतह के उपर लगभग 10 किमी से 50 किमी की दूरी तक स्थित है, यद्यपि इसकी मोटाई मौसम और भौगोलिक दृष्टि से बदलती रहती है।
ओजोन की परत की खोज 1913 में फ्रांस के भौतिकविदों फैबरी चार्ल्स और हेनरी बुसोन ने की थी. इसके गुणों का विस्तार से अध्ययन ब्रिटेन के मौसम विज्ञानी जी एम बी डोबसन ने किया था। उन्होने एक सरल स्पेक्ट्रोफोटोमीटर विकसित किया था जो स्ट्रेटोस्फेरिक ओजोन को भूतल से माप सकता था।
सन 1928 से 1958 के बीच डोबसन ने दुनिया भर में ओजोन के निगरानी केन्द्रों का एक नेटवर्क स्थापित किया था, जो आज तक काम करता है (2008)। ओजोन की मात्रा मापने की सुविधाजनक इकाई का नाम डोबसन के सम्मान मे डोबसन इकाई रखा गया है।"
यह मुख्यतः स्ट्रैटोस्फियर के निचले भाग में पृथ्वी की सतह के उपर लगभग 10 किमी से 50 किमी की दूरी तक स्थित है, यद्यपि इसकी मोटाई मौसम और भौगोलिक दृष्टि से बदलती रहती है।
ओजोन की परत की खोज 1913 में फ्रांस के भौतिकविदों फैबरी चार्ल्स और हेनरी बुसोन ने की थी. इसके गुणों का विस्तार से अध्ययन ब्रिटेन के मौसम विज्ञानी जी एम बी डोबसन ने किया था। उन्होने एक सरल स्पेक्ट्रोफोटोमीटर विकसित किया था जो स्ट्रेटोस्फेरिक ओजोन को भूतल से माप सकता था।
सन 1928 से 1958 के बीच डोबसन ने दुनिया भर में ओजोन के निगरानी केन्द्रों का एक नेटवर्क स्थापित किया था, जो आज तक काम करता है (2008)। ओजोन की मात्रा मापने की सुविधाजनक इकाई का नाम डोबसन के सम्मान मे डोबसन इकाई रखा गया है।"
लेकिन इस बार इस पहेली के पूछने का एक खास कारण था। और वह कारण यह है कि आस्ट्रेलिया के एक वैज्ञानिक ने दावा किया है कि पूरे विश्व में जलवायु संरक्षण के जो प्रयास किये गये हैं, उससे ओजोन का छिद्र छोटा हो रहा है। यह हम सब के लिए प्रसन्नता का विषय है।
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सीमा जी, आपकी लगन को सलाम.
जवाब देंहटाएंSheema ji, Alpana ji Aur Pandit Vats ji ko bahut bahut Badhayi.
जवाब देंहटाएंSabhee ko Badhaiyan.
जवाब देंहटाएंविजेताओं को बधाई।
जवाब देंहटाएंसीमा जी तो सचमुच तारीफ के योग्य हैं .. सभी विजेताओं को बधाई !!
जवाब देंहटाएंSeema ji, Alpana ji tatha Vats ji ko badhai ewam shubhkaamana..
जवाब देंहटाएंसाधारण फोटोग्राफी द्वारा ओजोन होल की फोटो उतारी ही नहीं जा सकती, इसे कंप्यूटर ग्राफिक्स की सहायता से दिखाया जाता है.
जवाब देंहटाएंयह पंच होल क्लाउड ही हैं, आप ज़रा गूगल में 'पंच होल क्लाउड ' सर्च कर लें और इनके चित्र देख लें, जो चित्र आपने पहेली में लगाया है वह भी आपको पहले ही पेज पर मिल जायेगा.
ओजोन होल की तस्वीरें यहाँ हैं
और अगर आपका इशारा कहीं और था तो आपको पहले ही पहेली में टांक देना था की. 'मैं यह नहीं पूछ रहा हूँ की यह चित्र किस वातावरणीय घटना का है बल्कि यह की मेरा इशारा किस ओर है?!!!'
बलिहारी जाऊं आपके, गलत जवाब को भी सही बता दिया सीमा जी के लिए!
खैर ऐसा पहले भी कई बार इस पहेली में हो चुका है, हर बार सोचता था की इतनी सी बात का मुद्दा क्या बनाना, पर यह तो आप सरासर विज्ञान के नाम पर गलत और भ्रामक जानकारी दे रहे हैं. चलिए हो सकता है आपके अपने कारण हों.
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कृपया मेरी इस शिकायत को मोडरेट न करें, भले ही स्पष्टीकरण दें या न दें.
सभी विजेताओ को बधाई.... लेकिन यह ओजोन का छिद्र बिलकुल नही है, यह मै शर्त के संग कह सकता हुं, ओजोन का छिद्र दिखने मै छिद्र नही, बस उसे नाम दे दिया है, ज्यादा इस बारे नही लिखूं गा, आप इसे गुगल मै ढुढ सकते है,लेकिन दिल बहलाने को यह ख्याल अच्छा है :)
जवाब देंहटाएंसीमा जी और अन्य सभी विजेताओं को बहुत-बहुत बधाई !
जवाब देंहटाएं@जाकिर भाई
हमको इस पहले..दुसरे और तीसरे के खेल से दूर ही रखिये ! आप क्या सोचते हैं इस कडकडाती ठण्ड वाली भोर में 9 -10 बजे कोई रजाई छोड़कर विजेता बनने आएगा ? फिलहाल मैं जाड़ा ख़त्म होने तक मोह-माया से बहुत दूर हूँ :)
बस मैं सही जवाब तक पहुँच जाऊं ....मेरे लिए इतना ही पर्याप्त है !
पहले तो सभी विजेताओं को बधाई, खास तौर पर सीमा जी को. प्रकाशित उत्तरों में उनका उत्तर नहीं था, इसी से लग रहा था कि वे बाजी मारने वाली हैं.
जवाब देंहटाएंअब इस पहेली पर मेरी आपत्ति दर्ज की जाए. इस प्रकार की विज्ञान पहेलियों में ’सांकेतिक’ का कोई औचित्य नहीं होता. इस होल-पंच क्लाउड को ओजोन से जोड़ कर देखना किसी कलाकार की कल्पना है (चित्र मुझे फ़्लिकर पर मिल गया.) इसे सभी के लिये मान्य नहीं समझा जा सकता.
वास्तव में ओजोन होल कोई होल नहीं है. ये वो संरचना है जहां ओजोन गैस की परत अपनी सामान्य मोटाई से कम हो गयी है (लेकिन ऐसा छिद्र भी नहीं है जैसा चित्र दिखा रहा है, वरना तो अल्ट्रावॉयलेट ने अभी तक सब कुछ निपटा देना था.)
आशा है भविष्य में इस बात का ध्यान रखा जाएगा.
विजेताओं को बधाई।
जवाब देंहटाएंSeema ji ko hardik badhayee.
जवाब देंहटाएंUnki niyamitTa aur lagan ki taarif honi hi chaheeye.
baki sabhi vijetaon ko bhi badhayeeyan.
सैल्यूट सीमा जी को...
जवाब देंहटाएंहम तो गलत संगत में पड़ कर हार गये!!
@ ऐब इन्कोन्वेनटी और घोस्ट बस्टर
जवाब देंहटाएंआपकी बाते सही हैं ,यह केवल चित्रकार की कल्पना को अभिव्यक्त करता दृश्य था -और अन्तरिक्ष को लेकर ऐसे ग्राफिक चित्रकारी पश्चिम जगत में बहुत प्रचलित है जो यद्यपि बहुधा विज्ञान की सटीक प्रस्तुति न होकर चित्रकार के अतिरंजित भावों की अभिव्यक्ति होती है और मनुष्य के मन में विषय वस्तु के प्रति जागरूकता जगाती है ,
इसे इसी रूप में लिया जाय .....हाँ पहेली पूंछने में यह अतिरिक्त सावधानी बरती जानी चाहिए थी क्योकि यह विज्ञान को समर्पित ब्लॉग है ,सीमा जी और अन्य उत्तर देने वालों की इसमें कोईगलती नहीं है उन्होंने पहली के लहजे के अनुरूप जवाब दे दिया .
आप दो सचेतकों का आभार !
मगर एक बात ऐब की कही आपने ऐब इन्कान्वेंटी साहब कि यहाँ पहले भी गलतियां होती रही हैं -कृपा कर आप स्पेसिफिक बताये ताकि अपनी भूल का अहसास हो सके और आगे सावधानी बरती जा सके ..मुझे इंतज़ार है .बाल अब आपके कोर्ट में है !
अच्छा हुआ की पाँव जो डाला न फटे में,
जवाब देंहटाएंगिर जाता औंधे मुंह ही वर्ना मैं गद्दे में,
बाते थी आसमान की, प्यादा मैं ज़मीं का,
क्या सोचते ब्लागरान? मियाँ है नशे में !
सभी विजेताओं को बधाई !!
जवाब देंहटाएंhttp://t0.gstatic.com/images?q=tbn:vwP8p2jSDhokbM%3Ahttp://kienforcefidele.files.wordpress.com/2009/01/hole-in-ozone-layer.jpg
(hole-in-ozone)
एक बात हम यहाँ कहना चाहेंगे की हम भी कोई पूर्ण ज्ञाता नहीं है सभी विषयों पर हम भी अंतर्जाल या गूगल पर ही ढूंड कर उत्तर देते हैं. हमे ये लिंक गूगल पर मिला और इस नाम से मिला. अगर ये जानकारी गलत है तो फिर सभी विजेता गलत हुए न ????
ab inconvinienti ने कहा… (
बलिहारी जाऊं आपके, गलत जवाब को भी सही बता दिया सीमा जी के लिए!
)
आदरणीय आपके इन शब्दों ने मन को बहुत आहात किया है...... हमे नहीं लगता किसी को भी किसे के लिए गलत जवाब को सही ठहराने की आवश्कता है.....हम सिर्फ अपना ज्ञान बडाने और पहेलियों की रोचकता के लिए यहाँ आते हैं. ऐसी मानसिकता लेकर नहीं की हमारे गलत जवाब को भी सही कह कर प्रकाशित किया जाएगा ऐसे हमारे अन्दर कोई सुरखाब के पर नहीं लगे हैं....आगे सभी यहाँ समझदार हैं......
regards
एक बात हम यहाँ कहना चाहेंगे की हम भी कोई पूर्ण ज्ञाता नहीं है सभी विषयों पर हम भी अंतर्जाल या गूगल पर ही ढूंड कर उत्तर देते हैं. हमे ये लिंक गूगल पर मिला और इस नाम से मिला. अगर ये जानकारी गलत है तो फिर सभी विजेता गलत हुए न ????
जवाब देंहटाएं@ ab inconvinienti ने कहा… (
बलिहारी जाऊं आपके, गलत जवाब को भी सही बता दिया सीमा जी के लिए!
)
आदरणीय आपके इन शब्दों ने मन को बहुत आहात किया है...... हमे नहीं लगता किसी को भी किसे के लिए गलत जवाब को सही ठहराने की आवश्कता है.....हम सिर्फ अपना ज्ञान बडाने और पहेलियों की रोचकता के लिए यहाँ आते हैं. ऐसी मानसिकता लेकर नहीं की हमारे गलत जवाब को भी सही कह कर प्रकाशित किया जाएगा ऐसे हमारे अन्दर कोई सुरखाब के पर नहीं लगे हैं....आगे सभी यहाँ समझदार हैं......
आदरणीय ऐब इन्कोन्वेनटी और घोस्ट बस्टर जी,
जवाब देंहटाएंओजोन होल के जो भी चित्र प्रचलित हैं, उन्हें देखकर कहीं से भी यह नहीं लगता है कि वे वास्तव में उसके चित्र हैं। इस पहेली को पूछने का आशय सिर्फ इतना था कि हाल में आई इस सकारात्मक समाचार की ओर लोगों का ध्यान आकृष्ट करना कि ओजोन का छिद्र छोटा हो रहा है।
ऐसे में हमें एक ऐसे चित्र की तलाश थी, जो आसमान का हो और जिसमें छिद्र जैसा नजर आए। इसलिए इस चित्र का चुनाव किया गया था।
पहेली में दिया गया चित्र 'हिन्दुस्तान' समाचार पत्र की वेबसाइट से लिया गया था, जिसमें इसी समाचार को इसी चित्र के साथ प्रकाशित किया गया है। उसका लिंक इस पोस्ट के अंत में दिया गया है। उसे आप देख सकते हैं।
जहां तक चित्र के कारण हुए भ्रम की बात है, उसके लिए हमें वास्तव में ज्यादा सतर्क रहना चाहिए था। आगे से हम ऐसा ही करेंगे। और एक बात और, हमारे लिए सभी पाठक एक बराबर हैं, इसलिए किसी को सही ठहराना और किसी को गलत बनाना हमारा उददेश्य कभी नहीं रहा। हमारा मुख्य उददेश्य है वैज्ञानिक चेतना को जागृत करना, जिसे हम अपनी समझ भर करने का प्रयत्न करते हैं और आप जैसे विद्वतजनों की सलाह और सुझाव के अनुसार स्वयं को अपडेट भी करने का प्रयत्न करते रहते हैं।
आशा है आप हमारा मंतव्य समझ गये होंगे। और हाँ, इससे पहले किस पहेली में त्रुटि हुई है, कृपया बताने का कष्ट जरूर करें, ताकि अपनी गल्ती को सुधारा जा सके।
विज्ञान और फिलोसोफी-कला अलग अलग चीजें हैं. इशारा, कलाकार का नजरिया, अतिरंजित भाव वगैरह विज्ञान की शब्दावली नहीं है. विज्ञान सिर्फ क्या, क्यों, कैसे के उत्तर की खोज के अलावा कुछ नहीं समझता. आप रेश्नलाइज़ करने की कोशिश कर रहे हैं.
जवाब देंहटाएं@ अरविन्द जी,
एम एस जी वाली पहेली की घटना तो पुरानी नहीं हुई है.
कृपया इस लिंक पर जाएँ :
जवाब देंहटाएंhttp://kienforcefidele.wordpress.com/2009/01/01/ozone-layer/
ऐब इन्कोन्वेनटी जी, कृपया इन लिंक को भी देख लें।
जवाब देंहटाएंसिकुड़ रहा है ओजोन छिद्र।
ozone-layer.
hole-in-ozone.
सीमा जी को बधाई!!
जवाब देंहटाएंvery nice!
जवाब देंहटाएं@ab inconvinienti
जवाब देंहटाएंयहाँ विज्ञान नहीं विज्ञान संचार /संवाद /प्रस्तुतीकरण की बात है -आर्टिस्ट्स रेन्डीशन विज्ञान संचार की एक समादृत उप विधा है -
जरा इन चित्रों को निहारिये -और ऐसे हजारों चित्र हैं जो वास्तविक नहीं है बस चित्रकार की कल्पनाएँ हैं ,हाँ उनका आधार वैज्ञानिक तथ्य जरूर हैं
http://images.google.co.in/images?hl=en&resnum=0&q=artist%27s%20rendition%20of%20saturn%20moons&um=1&ie=UTF-8&sa=N&tab=wi
@ab inconvinienti
जवाब देंहटाएंएम एस जी वाली पहेली की घटना तो पुरानी नहीं हुई है.
कृपया लिंक दीजिये और क्या गलती हुयी थी स्पष्ट बाताईए !
यह दोनों गलती कर रहे हैं तो क्या आप भी करेंगे? कम से कम नक़ल में अकल लगाई होती, 'क्रॉस चैक' नाम की भी कोई चीज़ होती है. हिन्दुस्तान टाइम्स से कैसे उम्मीद कर सकते हैं की वह ओज़ोन संबंधी खबर लिखने का काम किसी मौसम / जलवायु विज्ञान के जानकार को सौंपेगा? और दूसरा कंबोडियाई ब्लॉगर फिदेल, उसके बारे मे तो कुछ कहना ही बेकार है.
जवाब देंहटाएंपर आप तो विज्ञान के ध्वजधारी है, आपका ब्लॉग विज्ञान को ही समर्पित है, इसीलिए उन्हे माफ़ है आपको नहीं.
@महराज ,वो सोडियम मोनो ग्लूटामेट वाला मामला साफ कीजिये .
जवाब देंहटाएंआप भी पूर्ण बुद्धत्व को प्राप्त हो चुके हैं ,मैं माफ़ नहीं होना चाहता मगर अपनी गलती जरूर अच्छी तरह समझना चाहता हूँ .
हां विज्ञान संचार में चित्रकार की भूमिका को आप भी नकार नहीं पायेगें !
फिर तो हम Atom और DNA का भी चित्र कहीं नहीं दे सकते. क्योंकि वह भी चित्रकार की ही कल्पना है.
जवाब देंहटाएंयह रहा उस पोस्ट का लिंक,
जवाब देंहटाएंhttp://ts.samwaad.com/2009/10/blog-post_14.html
पर उस पोस्ट से कमेंट बॉक्स ही गायब हैं.
http://s368.photobucket.com/albums/oo124/aprchi/?action=view¤t=12.jpg&newest=1
उसमे निशांत जी को खुद अपने जवाबों पर संशय होने के बाद भी विजेता घोषित कर दिया गया था. इसपर कई ब्लॉगरों ने आपत्ति उठाई थी. खैर, उन टिप्पणियों के जवाब में आपने पहेली लिए विस्तृत नियम बनाने की बात कही थी.
सारी प्रतिक्रियाएं पढने के बाद सीमा जी को शुभकामनायें देने का दिल कर रहा है, और जाकिर भाई को धन्यवाद !
जवाब देंहटाएंकुछ लोग सदैव दूसरे की टांग खिंचाई का अवसर खोजते रहते हैं। यह उचित वृत्ति नहीं है।
जवाब देंहटाएं@ab इन्कोन्विनिएन्ति -निशांत का एक जवाब तो सही था भाई जी ...
जवाब देंहटाएं@ Arvind Mishra
जवाब देंहटाएंप्रश्नचिन्ह के साथ उन्होंने कई जवाब दिए थे, जैसे,
नमक?
कोर्नफ्लोर?
मैदा?
मीठा सोडा?
अजीनोमोटो?
बेकिंग पाउडर?
हां इनमे से एक सही जवाब था, पर इतने सारे जवाब देना यही बताता है की उत्तर देने वाला खुद संशय में है. आपने खुद ही टिपियाया था की फिलहाल खेल भावना कायम रखने के लिए तो इन्हें ही विजेता माना जाए, पर आगे से पहेली के लिए कड़े नियम बनाए जाएंगे.