क्या आप एक अदद नौकरी की तलाश में हैं? क्या आप किसी लड़की से प्यार करते हैं और उसे पाना चाहते हैं? क्या आपका कोई शत्रु आपको परेशान कर रहा...
क्या आप किसी लड़की से प्यार करते हैं और उसे पाना चाहते हैं?
क्या आपका कोई शत्रु आपको परेशान कर रहा है और आप उसे ठिकाने लगाना चाहते हैं?
क्या आप मनचाही सन्तान (विशेषकर लड़का) पाना चाहते हैं?
क्या आप किसी गड़े हुए धन की तलाश में हैं?
क्या आपका कोई शत्रु आपको परेशान कर रहा है और आप उसे ठिकाने लगाना चाहते हैं?
क्या आप मनचाही सन्तान (विशेषकर लड़का) पाना चाहते हैं?
क्या आप किसी गड़े हुए धन की तलाश में हैं?
जी हॉं, ज्यादातर लोगों की यही अभिलाषाएँ होती हैं, जिनका ज्योतिषी, तांत्रिक और बाबा लोग फायदा उठाते हैं। चूँकि ज्यादातर लोग ईश्वर में अंध आस्था रखते हैं, इसलिए वे ऐसी शक्तियों में भी सहज ही विश्वास कर लेते हैं, जो कोई भी काम कर सकती है। ऐसे लोगों का मानना होता है कि संसार में अब भी बहुत से ऐसे दिव्य लोग मौजूद हैं, जो उनकी मनोभिलाषा पूरी कर सकते हैं। इसी चक्कर में वे बाबाओं, ज्योतिषियों और तांत्रिकों के चक्कर में पड़कर अपने समय, धन और शरीर का नाश करते रहते हैं। आश्चर्य का विषय यह है कि ऐसे लोग लगातार ठगते जाने के बावजूद भी अपनी धारणा को बदल नहीं पाते हैं और हर बार नये शिकारी की तलाश में भटकते रहते हैं।
पिछले दिनों ‘तस्लीम’ की मोहर बनवाने के सिलसिले में मेरा नज़ीराबाद जाना हुआ। लखनऊ की नज़ीराबाद से अमीनाबाद जाने वाली रोड़ पर दाईं ओर एक किताब की दुकान पर अचानक मेरी दृष्टि ठहर गयी। उसके पास एक किताब रखी हुई थी, जिसका शीर्षक था ‘मुस्लिम तन्त्र’। उत्सुकतावश मैंने किताब का दाम पूछा। और आश्चर्य का विषय यह कि हज़ारों कीमती मन्त्रों को एक जगह परोसने वाली किताब मात्र 30 रूपये में उपलब्ध थी।
किताब को उलटने पलटने पर पता चला कि इसे किसी ‘तांत्रिक बहल’ ने लिखा है, जिसका दावा है कि ये सिद्ध मंत्र हैं। किताब के पेज नं0 72 पर सर्व मनोकामना पूर्ति मंत्र लिखा हुआ है।
वह मंत्र इस प्रकार है- ‘व मग्यं यता बकल्लो अलल हैलाफ हुबा हसबुहू।’
वह मंत्र इस प्रकार है- ‘व मग्यं यता बकल्लो अलल हैलाफ हुबा हसबुहू।’
इस मंत्र के बारे में लेखक का दावा है कि अगर कोई व्यक्ति आयतल कुर्सी के बाद दो हजार बार यह मंत्र लगातार 11 दिन पढ़े, तो उसका जो भी कार्य होगा, पूरा होगा।
इस मंत्र को पढ़ने के बाद मेरे मन में सवाल कौंधा कि क्या वास्तव में अगर इसके साथ बताई गयी विधि के अनुसार इसे पढ़ा जाए तो क्या वास्तव में बेरोजगार को नौकरी मिल सकती है? क्या कोई युवक मनचाही लड़की को प्राप्त कर सकता है? क्या अपने शत्रु का नाश किया जा सकता है? क्या मनचाही सन्तान (विशेषकर लड़का) प्राप्त की जा सकती है? क्या ज़मीन में गड़ा हुआ धन प्राप्त किया जा सकता है?
आपको क्या लगता है कि कोई मंत्र वास्तव में यह सब काम कर सकता है? मेरा दृढ़ विश्वास है कि इन तथाकथित मंत्रों, तंत्रों और यंत्रों के सहारे अगर कोई काम किया जा सकता है, तो वह है सिर्फ और सिर्फ लोगों को बेवकूफ बनाना।
आपकी इस बारे में क्या राय है? क्या आपके पास ऐसा कोई मंत्र है? क्या कभी किसी मंत्र, तंत्र अथवा यंत्र का उपयोग करके आपकी कोई मनोकामना पूर्ण हुई है?
यदि आपके पास ऐसा कोई विश्वसनीय मंत्र है, तो उसे ज़रूर बताएं। हालॉंकि मैं इन सब चीज़ों को सिरे से नकारता हूँ, पर फिरभी भारत के लाखों भूखे, नंगों को रोटी और कपड़ा पहुंचाने के लिए, देश की सड़ रही व्यवस्था से भ्रष्टाचार का खात्मा करने के लिए, असुरक्षित लोगों की जिन्दगी को बचाने के लिए, लाखों बहनों, बेटियों और मॉंओं की इज्जत की सुरक्षा के लिए और सम्पूर्ण विश्व में भारत की धाक को जमाने के लिए मैं उस मंत्र का प्रयोग करने के लिए तैयार हूँ।
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क्या आपको इस मन्त्र का अर्थ समझ में आया, अगर हाँ तो कृपया उसे भी बताएं. क्योंकि अक्सर हिन्दू तांत्रिकों के मंत्र तो अर्थहीन ही होते हैं, अलबत्ता उनकी ध्वनि उर्जा के महत्व की बातें जरुर की जाती हैं ! अगर ऐसे मन्त्र वाकई प्रभावशाली होते तो एटॉमिक करार जैसे मुद्दों के लिए अमेरिका से इतना मोल-भाव करने की क्या जरुरत पड़ती! कई देशभक्त लोग हैं जो पूरा जीवन इन मंत्रों के जाप में लगाने को सहर्ष तैयार हो जाते.
जवाब देंहटाएंमुझे भी इन्तजार रहेगा किसी इस तरह के मन्त्र का ..और इस मन्त्र के अर्थ जानने का ..:) ३० रूपये में किताब बेचने वाले ने अपने लिए यह मन्त्र नहीं पढ़ा क्या ?
जवाब देंहटाएंधर्म का दु्रुपयोग आदमी ने हमेशा ही किया है.
जवाब देंहटाएंयह मंत्र तो बहुत प्रभावशाली मालुम होता है . किताब बेचने वाले ने अपने लिए यह मन्त्र पढ़ा होगा और यही कामना की होगी कि - हे भगवान ( जो भी हो उनका भगवान ) मेरा यह मंत्र खूब प्रसिद्ध हो , बडे बडे समुदायो (ब्लागो) पर इसकी चर्चा हो और इस मंत्र को जन जन तक पहुचाने के लिये किसी फरिश्ते को भेजो ....और हो गया । छोटा तांत्रिक... ज्यादा जानकारी नही उसकी क्या जाने एटॉमिक करार ...क्या जाने नेशनल सिक्योरिटी इश्शुस ...क्या जाने फोरेन पोलिसी छोटी सोच उसकी .. नही तो यही मनोकामना करता कि मुझे भगवान बना दो .. रोज रोज़ के बवाल से ही मुक्ती
जवाब देंहटाएंमेरे ब्लोग पर नजर डालने के लिये धन्यवाद
जवाब देंहटाएं‘व मग्यं यता बकल्लो अलल हैलाफ हुबा हसबुहू।’
लगता है इस मन्त्र का उपयोग करना पडेगा
इस मंत्र का अर्थ है... देखो बकरा खुद ही हलाल होने के लिये आ रहा है, अब हम क्या करे??
जवाब देंहटाएंमस्त तरीका है ये तो :)
जवाब देंहटाएंजय हो!!१
जवाब देंहटाएंभई घणा कलडा मामला सै यो तो.:)
जवाब देंहटाएंरामराम.
Kash ki logo ko achhi budhi dene wala bhi koi mantra hota...
जवाब देंहटाएंभई जाकिर जी, मैं नहीं जानता कि इस मन्त्र का क्या अर्थ है और न ये जानता हूं कि ये काम करता है या नहीं।यानि कि मैं न तो इससे सहमत हूं ओर न ही असहमत। किन्तु आपके कहे अनुसार यदि वो लेखक लोगों को गुमराह कर रहा है तो आप स्वयं भी तो वही काम कर रहे हैं। मान लीजिए वो व्यक्ति झूठा दावा कर रहा है,लोगों को मूर्ख बना रहा है तो आप क्या कर रहे हैं! आप बिना उसकी सत्यता को जाँचे-परखे सिर्फ वाह-वाही लूटने के लिए उसे नकार रहे हैं और यहाँ लोगों को गुमराह किए जा रहे हैं।
जवाब देंहटाएंमंत्र आपके पास है----उसके प्रयोग की विधि आपको मालूम है तो फिर क्यूं नहीं स्वयं 11 दिन मेहनत करके देख लेते। उसके बाद यदि मंत्र अपना कोई प्रभाव नहीं दिखाता तो हम भी मान लेंगे कि ये सब बकवास है ओर आप जो कह रहे हैं--वो सही है।
अगर कोई व्यक्ति आयतल कुर्सी के बाद...इसका क्या मतलब होता है??
जवाब देंहटाएंजय संतोषी मां!
जवाब देंहटाएंhi,
जवाब देंहटाएंjust saying hello and thanks for your visit..
your blogs are nice too... unfortunately i don't speak the language:(
the images are real nice though:)
@पं.डी.के.शर्मा ’वत्स’
जवाब देंहटाएंअभी भी आप सन्देश की गुन्जाइश देख रहे हैं इस मन्त्र की प्रभावहीनता में? हैरत है...।
जाकिर जी ने साफ-साफ यह नहीं लिखा है कि यह कूड़ा है और ठगी का धन्धा है। समाज का कोढ़ है, प्रगति का दुश्मन है, मूढ़ों की खुराक है, गधों की पन्जीरी है, मवालियों का मोहनभोग है और चोर-उचक्कों की करतूत है। बेचारे इसे उल्टे तरीके से समझाने के चक्कर में ऐसी अगड़म-बगड़म टिप्पणियाँ झेल रहे हैं।
देखना आपका तस्लीम !
जवाब देंहटाएंमगर क्या देखा ?
बहुत बेहतर आलेख दीद खोलने वाला ।
अरे भाई जी इस टोटके को किसी पर प्रयोग करिये तभी तो सच का पता चलेगा?
जवाब देंहटाएं@ सिद्धार्थ शंकर त्रिपाठी,
जवाब देंहटाएंया तो आपने मेरी टिप्पणी को ध्यान से पढा नहीं या फिर आप अति उत्साह में टिप्पणी कर गये। मैने अपनी टिप्पणी में स्पष्ट रूप से लिखा है कि मैं न तो उनके पक्ष में हूं और न ही विपक्ष में। सच कहूं तो मैं स्वयं भी इन पर विश्वास नहीं करता. किन्तु मेरा कहना सिर्फ इतना है कि किसी भी विषयवस्तु को गलत सिद्ध करने के लिए उसकी जाँच कर लेनी आवश्यक होती है. अब यदि कोई वस्तु जाँच के पश्वात कसौटी पर खरी नहीं उतरती तो ही हम लोग उसे गलत कह सकते हैं ओर वो भी आत्मविश्वास के साथ. और तभी सामने वाले को भी हम अच्छी तरीके से समझा सकते हैं--कि भई मैने इसे जाँचा है ओर इसे गलत पाया है, इसलिए आप भी इन चीजों से दूर रहें।
अन्त में पुन: आपसे भी यही कहना चाहूंगा कि जिस तरह से ये लोग तंत्र-मंत्र के नाम पर समाज को गुमराह कर रहे हैं/मूर्ख बना रहे हैं. ठीक उसी तरह से ही आप लोग भी विज्ञान के नाम पर कहीं न कहीं लोगों को भ्रमित ही कर रहे हैं.क्यूं कि ये जो कुछ आप कह रहे हैं, वो सिर्फ आपका अनुमान है. आपने उसे जाना नहीं है सिर्फ मान लिया है....ओर अक्सर मानी हुई अवधारणाओं में गलती की गुन्जाईश हमेशा रह जाया करती है।
चलते-चलते:-- यदि हमारी टिप्पणी अगडम -बगडम है तो आपकी टिप्पणी भी किसी ब्लैं-ब्लैं से कम नहीं..:)
मुझे तो इसी से कोफ्त होती है की ऐसे मूर्खतापूर्ण विषयों पर चर्चा ही की जाय जो किसी भी एंगल से यहाँ चर्चा के काबिल नहीं हैं मगर यह देख कर की आज भी अधिसंख्य जनता इन बातों पर सहज ही विस्वास कर लेती है तस्लीम को मजबूरन इन विषयों को लाना पड़ रहा है -मगर यह भी ठीक है की जांच परख में क्या जाता है ? जांच परख तो विज्ञान की आत्मा ही है ! वत्स जी भी के ऐसे ही नेक विचार हैं !
जवाब देंहटाएंतो आईये प्रायोगिक सरंचना तैयार करते हैं !
मन्त्र का प्रयोग हम सब विभिन्न उद्येश्यों से अलग अलग वालियंतरो पर करते हैं !
ये रही मनोकामनाएं -
क्या आप एक अदद नौकरी की तलाश में हैं?
क्या आप किसी लड़की से प्यार करते हैं और उसे पाना चाहते हैं?
क्या आपका कोई शत्रु आपको परेशान कर रहा है और आप उसे ठिकाने लगाना चाहते हैं?
क्या आप मनचाही सन्तान (विशेषकर लड़का) पाना चाहते हैं?
क्या आप किसी गड़े हुए धन की तलाश में हैं?
मैं अपने लिए "क्या आप किसी लड़की से प्यार करते हैं और उसे पाना चाहते हैं?" हूँ लेता हूँ ! मुझे किसी ब्लॉगजगत की लडकी आयी मीन वालंटियर की तलाश है -कौन आगे आयेगा प्लीज !
वत्स जी इसे हूँ सकते हैं -
क्या आपका कोई शत्रु आपको परेशान कर रहा है और आप उसे ठिकाने लगाना चाहते हैं?
और इसे कौन चुनेगा -
क्या आप मनचाही सन्तान (विशेषकर लड़का) पाना चाहते हैं?
सिद्ध्रार्थ जी वैसे तो हर तरह से मालदार हैं मगर उनके लिए यह मुफीद होगा
क्या आप किसी गड़े हुए धन की तलाश में हैं?
एक अदद नौकरी और मनोवांछित संतान वाले मामले के लिए ताऊ रामपुरिया सही वक्ती का चयन करके प्लीज बता दें -(सत्येन्द्र जी मेरी मन मोहने वाली टिप्पणियाँ करते हैं वे भी कोई विषय चयन कर सकते हैं )
फिर हम इस नुस्खे को अपनाते हैं
इस मंत्र के बारे में लेखक का दावा है कि अगर कोई व्यक्ति आयतल कुर्सी के बाद दो हजार बार यह मंत्र लगातार 11 दिन पढ़े, तो उसका जो भी कार्य होगा, पूरा होगा
मगर जैसा की समीर जी ने पूंछा की यह "यह आयतल कुर्सी के बाद " का क्या लफडा है रजनीश जी बताएं ताकि हम अपना अनुष्ठान आरम्भ कर सकें -
लिखते लिखते मेरे पास कई ब्लॉग बिल्लो रानियों का प्रस्ताव आ गया है मगर किसी को गहरा एतराज भी है मगर इस मामले से मैं निपट लून्गा आप सब तब तक अपनी धूनी रमायें और विज्ञान की पद्धति से इस मन्त्र की वास्तविकता को कसौटी पर कास लें और १५ दिनों बाद ब्लागजगत को उपलब्धि बताएं !
जय विज्ञान !
सब बेकार की बहस में पड़े हैं। अर्थ राज भाटिया जी ने समझा ही दिया है। यह मंत्र बखूबी काम करता है और कर रहा है।
जवाब देंहटाएंवत्स जी, लीजिए आपकी शिकायत दूर। अरविंद जी ने इस मंत्र को आजमाने के लिए सामुहिक अनुष्ठान का आयोजन कर प्रण किया है। इसमें आपके सहयोग की भी आवश्यकता है। आशा है निराश नहीं करेंगे। वैसे राज भाटिया जी ने अपनी समझ से अर्थ समझा दिया है, लेकिन फिरभी ट्राई कर लेने में हर्ज क्या है। (वैसे यही सोच कर तो ज्यादातर लोग ठगों का शिकार बनते हैं।)
जवाब देंहटाएंसिद्धार्थ जी, आपका कहना सही है, पर अक्सर लोगों को सही बात समझाने के लिए उल्टा रास्ता ही अख्तियार करना पडता है।
चलिए अब बात करते हैं मंत्र की प्रयोगविधि पर। इस मंत्र को प्रयोग करने से पहले आयतल कुर्सी पढने का हुक्म दिया गया है। आयतल कुर्सी "कुरान शरीफ" की एक आयत, जिसे मंत्र भी कह सकते हैं, और यह अरबी भाषा में है। यह इस प्रकार से है बिस्मिल्ला हिर्रहमानिर्रहीम।
अल्लाहो ला-इलाहा इल्ला हुआ अल हययुल कययूम। लाताखुजूहो सेअनतूं वला नौंम। लहू माफिस्स-समावाते वमाफिल अरदे मन्ज़ल लज़ी यसफऊ इन्दहू इल्ला बेइज़नेही यअलमो मॉ बैंना ऐदीहिम वमा खलफहुम वला युहयी तूना बेसैइम मिन इलमेही इल्ला बेमा शाआ वसीआ कुर्सी यूहुस्स समावाते वल अरदा वला यऊ-दोहू हिफ ज़ोहुमा वहुवल अलीयुल अज़ीम।
आशा है इस सामुहिक प्रयोग के बाद दूध का दूध और पानी का पानी हो जाएगा।
mujhe nahi lagta, ke koi shaks books padh kar in baato par yakeen karta hoga.
जवाब देंहटाएंaur 2000 baar padhne me to bande ko khud hi feel hone lagega, yaar mere se baDa..... moorkh nahi hai is duniya me.n
Main to kabhi nahi karoonga he he he...
Waise badhia hai, aap achhi jaankaari share karte hain...
Ek cheez aur, agar main aapki ye vaali post kahin copy paste karu, with Source mentioned as the URL of this page, isme aapko koi aapatti?
I mean any copyright violation or something???
I am talking about internal blog of our office, i would like more people to read such posts.
जवाब देंहटाएंaur ye pata nahi kaisa bar sa laga rakhaa hai, at bottom of the page.
जवाब देंहटाएंjisme ek stock market jaisa graph hai, the third icon shows a globe...
I just hate it...Please remove it if possible. (I am using google chrome)...
मंत्रों की शक्ति एक शोध का विषय है. गायत्री मन्त्र पर 'गायत्री परिवार' द्वारा शोध की चर्चा मैंने पढी थी.बीमारी की अवस्था में महामृन्त्युन्जय मन्त्र दवाओं के साथ साथ मैंने अपने परिवार और मित्रों पर आजमाया है.उसके बावजूद मैं यह नहीं कहूंगा की केवल मन्त्र बल पर ही उन्होंने स्वास्थ्य लाभ किया है. यह मेरा अंध विश्वास भी हो सकता है. जो लोग बिना किसी आधार के मन्त्र शक्ति के विरोधी हैं वे भी संभवतः 'विरोध' पर अंधविश्वास कर रहे हैं. लेकिन जैसी पुस्तक और मन्त्र की बात यहाँ उल्लेख की गयी है. वह बकवास ही लगती है. मुस्लिम मंत्रों की जानकारी तो मुझे नहीं है लेकिन हिन्दू मंत्रों के नाम पर वशीकरण मन्त्र आदि की बकवास वाली पुस्तकें मैंने अवश्य देखी हैं.
जवाब देंहटाएं"मैं अपने लिए "क्या आप किसी लड़की से प्यार करते हैं और उसे पाना चाहते हैं?" हूँ लेता हूँ ! मुझे किसी ब्लॉगजगत की लडकी आयी मीन वालंटियर की तलाश है -कौन आगे आयेगा प्लीज!"
जवाब देंहटाएंmain taiyar hun iske liye karana kya hoga yah bataiye ?
हिंदी ब्लौगिंग के इस पहले और अनूठे महाप्रयोग के आरम्भ में अब और देर नहीं की जानी चाहिए. मेरी शुभकामनाएं.
जवाब देंहटाएंha ha ha ..yah ho kya raha hai.
जवाब देंहटाएंअजीब है भई । अति सर्वत्र वर्जित है । इतनी बात भी क्या ?
जवाब देंहटाएंअब तो वालंटियर भी मिल गईं और आयतल कुर्सी की जानकारी भी. अरविन्द जी, प्रातः गंगा स्नान के बाद शुरु हो जाईये कल से ही. एक घंटे से ज्यादा थोड़े न समय लगेगा. :)
जवाब देंहटाएंmantro ke peeche ek basic science hai..kuch kuch vaisa hi jaisa meditation ke peeche hai...vigyaan se upar is duniya me kuch nahee hai,bas har baat ko vaigyaanik nazar se dekhiye aur ek zimmedar jeevan ji lijiye...bas
जवाब देंहटाएंक्या बकवास है
जवाब देंहटाएंवीनस केसरी
कुछ चीजों पर ना चाहते हुआ भी टिपण्णी करना
जवाब देंहटाएंआवश्यक होता हैं क्युकी ब्लोगिंग अभिव्यक्ति का
साधन हैं . ये बहुत अच्छा हैं की तस्लीम पर
साइंस के जरिये आप रुढिवादी सोच को आगे
बढ़ने से रोकने का प्रयास कर रहे हैं . लेकिन ये
क्या आप को महिला वालंटियर ही क्यूँ चाहिये ?
क्या आप का मानना हैं की रुढिवादिता केवल
महिला मे हैं . मान लीजिये आप की वालंटियर
महिला पर ये सिद्ध हो जाता हैं की ये सब ढकोसला हैं और वो फिर निरंतर इन ढकोसलों से जुडी अन्य अन्य कुरीतियों जैसे कन्यादान इत्यादि पर समाज से लड़ना शुरू करदे फिर उनको समाज के विरुद्घ क्यूँ माना जाता हैं
और बार बार उनको ये क्यूँ कहा जाता हैं की आप
महिला हैं तो आप के लिये ये आचरण निहित हैं .
किसी भी चीज़ को सही गलत साबित करने के लियेहम जिस व्यक्ति के ऊपर प्रयोग करते हैं क्या हम ये मान कर चलते हैं की उस व्यक्ति के ऊपर इसका कोई असर भविष्यगामी नहीं होगा .
आशा हैं जाकिर जी आप इस विषय मे अपनी
राय जरुर देगे .
हर धर्म के अनुष्ठान होते हैं और हर व्यक्ति चाहते
ना चाहते हुए भी उनको मानता हैं . कोई भी हिन्दू
purush अपनी शादी के समय चाहे या ना चाहे ,
मेहँदी . हल्दी लगवाता ही हैं जी हाँ पुरुष .
उसी प्रकार से संस्कार के बाद बाल कटवाना
भी जरुरी होता पुरुष का के लिये और
बीछियाए उतारना जरुरी होता है
विधवा के लिये
अगर आवाहन करना हैं तो पहले सामजिक
बदलाव की तरफ कदम बढाए . किसी दुसरे को
वालंटियर ना बनाए , अपने समय पर खुद को
वालंटियर बनाये और ladae samaaj से खुद .
दुसरो को बलि का बकरा बनाना बहुत
आसन होता हैं और खुद अच्छे बने रहना
गोविन्द भाई आप हो कहाँ ?
जवाब देंहटाएंयहाँ मामला इतना गरम है और आप लापता हो, कई बार आ चुका हूँ
आप आईये और कुछ लोगोंका भ्रम दूर करिए
हे प्रभु!!!....:)
जवाब देंहटाएंसबको सन्मति दे भगवान!
जवाब देंहटाएंपतित पावन सीता-राम्!!!
:)
अच्छी पोस्ट है! मामला काफी गंभीर है और मुझे तो नहीं लगता की मंत्र से बात सुलझ जायेगी!अब करना क्या होगा? अगर मैं कुछ कर सकूँ तो मुझे खुशी होगी!
जवाब देंहटाएंसमीर भाई ,
जवाब देंहटाएंआपका हुक्म सर माथे -आज सुबह ही गंगा स्नान कर मन्त्र अनुष्ठान ऊपर के अपनी पसंद के वालंटियर में से एक पर (परिणाम आने तक नाम गोपनीय ) शुरू कर दिया है -परिणाम पखवारे बाद ही आ पायेगा -तब तक सुधी जन धीरज बनाए रखें !बाकी और लोग भी तो अपने विषयों का चयन कर अनुष्ठान शुरू कर दें !
और हाँ महिला वालंटियर इसलिए की यह मामला समलैंगिक नहीं है हा हा हा
इतनी bahas............ क्या हम ऐसे vishay जो parsonal hon ............. chod नहीं सकते...........
जवाब देंहटाएंबधाई सब को बधाई क्योंकि हमें किसी की समझ में नहीं आई अरविंद जी अनुष्ठान पूरा होते ही परिणाम बताना
जवाब देंहटाएंइस ड्रामे से फायदा क्या होगा ? पहली बात तो यह कि इस मंत्र या उस मन्त्र से होना-हवाना कुछ नहीं है, आप असफल हो जाओगे तो भी इनके पास सौ बातें होंगी यह बताने के लिए कि मन्त्र क्यों कामयाब नहीं हुआ,
जवाब देंहटाएंआप एक मन्त्र को फेल करोगे ये हजार मन्त्र और लाकर दावा करेंगे. तब ? सवाल यह है कि जो जन्म से इन बातों पर आँख मूंदकर विश्वास करता आया हो, उसके बाप-दादा मानते आये हों क्या वो आसानी से मान लेगा कि हम बेवकूफी करते आये हैं ? सबसे बड़ी बात यह है कि ऐसे बेवकूफों की संख्या लाखों में है आप सिर्फ यहाँ एक-दो को समझाने बैठे हो
अब इतने बुदिधमान लोग अपनी राय दे चुके हैं तो हम क्या कहें हां ये तो कहूंगा कि एक मंत्र है मेरे पास जिसे रोज जपने से सारे क्लेश सुख दुख दूर होते हैं और वो है
जवाब देंहटाएंओइम श्री हरी
ओइम नम: शिवाय:
सभी जपो
अच्छी मुद्दो को उठाते है ...........और पुरी निस्पक्ष प्रस्तुति होती है ..............सही ढंग से निष्कर्श तक पहुचाते है ................जिसे पढकर एक शकून मिलता है.........आप पर मुझे गर्व होता है.........नतमस्तक
जवाब देंहटाएंजाकिर भाई आपकी इस पोस्ट पर तो कबड्डी शुरू हो गयी है ,हालाँकि मैं कबड्डी का पुराना चैम्पियन हूँ पर ब्लॉग जगत पर खेलना नहीं चाहता ,कुछ प्रिय स्थानों पर अपनी प्रतिभा कौशल का प्रदर्शन नहीं करना चाहिए ऐसा शाश्त्रों में भी वर्णित है .ब्लॉग जगत में आज कल सारी बातें अन्तत : महिला-पुरुष और समलैंगिकता पर ही आकर टिक जा रही है ,ऐसे में माफ़ करिये मुझे कुछ नया पाने की इच्क्षा नहीं है ,आप सब के आशीर्वाद से सब कुछ है मेरे पास..
जवाब देंहटाएं@रचना जी, एक अरसे के बाद 'तस्लीम' पर आपकी टिप्पणी देखकर अच्छा लगा।
जवाब देंहटाएंशुक्रिया।
जहां तक अरविंद जी द्वारा मंत्र की सिद्धि के लिए महिला वालिंटियर की बात की गयी है, मुझे लगता है कि आप पूरा मामला समझ नहीं पाईं। दरअसल बात यह है कि जब इस पोस्ट पर वस्त्स जी कमेण्ट आया कि आपने बिना परीक्षण किए किसी मंत्र को बेकार कैसे कह दिया, तो उसपर मजाक में अरविंद जी ने कहा कि चलो भाई इसे ट्राई किया जाए। उन्होंने मंत्र को ट्राई करने के लिए अपने लिए इच्छित महिला को प्राप्त करने का आप्शन चुना, अब यह आप्शन उन्होंने क्यों चुना, यह बात वे ही बता सकते हैं। इस आप्शन को चुनने के बाद जाहिर सी बात है कि वालिंटियर महिला ही होनी थी।
और मेरी समझ से इसमें कोई बुराई भी नहीं है।
दूसरी बात यह कि समाज में जो अंधविश्वास फैला हुआ है, उसमें भी महिलाओं में इसका प्रतिशत ज्यादा है। क्योंकि ज्यादातर महिलाएं घरों में रहती हैं और दीन दुनिया से कटी रहती हैं। अगर इस नजरिए से भी मंत्र की असलियत सामने लाने के लिए अगर महिला वालिंटियर की बात स्वीकारी जाए, तो भी इसमें कोई बुराई नहीं है। क्योंकि किसी बुराई को दूर करने के लिए उसे जड से मिटाना जरूरी होता है।
मेरा स्पष्ट मानना है कि यदि वैज्ञानिक चेतना के प्रयास में महिलाएं आगे आएं, तो ज्यादा बेहतर परिणाम प्राप्त हो सकते हैं।
-Zakir Ali ‘Rajnish’
{ Secretary-TSALIIM & SBAI }
ज़ाकिर भाई, जो आयेतल कुर्सी आपने लिखी है, वह अधूरी है. दरअसल उसके बाद एक आयत और है लेकिन वह अधिकतर जगहों पर दिखाई नहीं देती.
जवाब देंहटाएंसर्वमनोकामना पूर्ति मंत्र के 11 दिन तो मेरे पूरे हो गये ,मंत्र तो मैने सही पढा हाँ थोडा उर्दू कम आती है हिन्दी मे, "गड़े हुए धन की तलाश से बेहतर विकल्प मेरे पास नही था " प्रभाव तो हुआ है भाइ ........मेरा धन गड़ गया , जबसे मंत्र पढ रहा हू रोज़ रु 5000 जा रहे है अब तक 60,000 गड़ चुका है । दरअसल पहले दिन जैसे ही मंत्र पढा इक सज्जन ने दस्तक दी ये महोदय वैसे तो अच्छे व्यक्ति है पर उधार कभी नही चुकाते और मेरे 5000 गये पानी मे .... तीसरे दिन तो कमाल हो गया मंत्र पढते ही इक रिश्तेदार जो ससुराल तरफ से है को गाडी लेने की सुझ आ गयी अब मरता क्या न करता 40,000 की जैसे तैसे व्यवस्था की अब होम मिनिस्ट्री का फरमान कैसे टाल सकते है और वापस मांगने की हिम्मत किसमे है , वैसे पता चला है कि वापस होगा पर कब कुछ पता नही । आठ्वे दिन भी जैसे ही मंत्र पढ्कर उठा मोबाइल पर मैसेज आया ... credit card bill unpaid amount 4800+1267 ... बडी पड्ताल के बाद पता चला कि यह विभिन्न टैक्स का योग है और इसके बारे मे पैसा जमा करने के बाद पुछे ... बहुत हाथ पाव पट्का तब जाके कही settlement हो पाया उसमे भी 4000 जमा करने पडे खैर credit card बन्द करा दिया ।
जवाब देंहटाएंलो भाइ अब अपना मंतर आप सम्हालो मेरा तो धन गड़ गया
बहुत उत्सुकता थी इस प्रयोग के परिणाम जानने की. अब अन्य लोगों के निष्कर्ष जानने की भी प्रतीक्षा है; विशेषकर अरविन्द जी की. :-)
जवाब देंहटाएंI checked with three scholars in this field. The sentence had no meaning. There was perhaps typographical error or something, i don't know. Hence, it would be futile experimenting with it.
जवाब देंहटाएं@@सत्येन्द्र ,अभिषेक जी
जवाब देंहटाएंजी बिलकुल उलटा प्रभाव है इस मन्त्र का ,एक महिला वालान्तियर से कुछ रागात्मक सम्बन्ध थे वे भी अब जाते रहे !
बिलकुल बकवास है !
बिलकुल बकवास है !
जवाब देंहटाएं