जी हाँ, ये हैली धूमकेतु ही था। सोचा गया था कि शायद इसे पहचानने में लोगों को थोडा अपना दिमाग खुजाना पडे, पर धूमकेतु नाम खोल देने के कारणगूगल...
जी हाँ, ये हैली धूमकेतु ही था। सोचा गया था कि शायद इसे पहचानने में लोगों को थोडा अपना दिमाग खुजाना पडे, पर धूमकेतु नाम खोल देने के कारणगूगल सर्च इंजन ने इसे बहुत ही आसान बना दिया। सबसे पहला जवाब पी0एन0 सुब्रमण्यम जी का रहा और उन्होंने ही सही उत्तर देकर पहेली के विजेता का ताज पहन लिया। दूसरा सही उत्तर रामपुरिया जी का आया और तीसरा जवाब रहा पहेली की दुनिया में लगातार सक्रियता दर्ज करा रही सीमा गुप्ता जी का। उन्होंने तो फोटो का लिंक तक उपलब्ध करा दिया। इन तमाम उत्तरों को देखकर कमेण्ट बॉक्स में लगा मॉडरेशन हटा पडा और फिर तो उत्तरों की लाइन ही लग गयी। वैसे पहेली भले ही धडाम से गिर पडी, पर उसने वैज्ञानिक चेतना की अलख तो जगा ही दी।
इस धूमकेतु के बारे में पाठकों ने इतना कुछ बता दिया है, कि अब अलग से कुछ लिखने की आवश्यकता ही नहीं रही। मैं पाठकों द्वारा उपलब्ध करायी गयी जानकारी को यहाँ प्रस्तुत करके अपने कर्तव्य की इतिश्री कर लेना चाहता हूं।
सबसे पहले सीमा गुप्ता ने धूमकेतु के बारे में जानकारी उपलब्ध कराई। उनके अनुसार- Haley comet is named after English astronomer Edmond Haley। A comet is a ghostly looking object in the night sky. Comets are made of frozen lumps of gas and rock. They are dirty snowballs. A comet becomes smaller each time it passes near the sun. As a comet approaches the sun it begans to heat up. Comets have no light of their own. Only when comets are near the sun they get bright and we can see them. Haley's comet is just one of two thousand known comets. Haley found that one bright comet had appeared in 1531. Haley 's comet appeared in 1986. Haley's comet comes by earth every 76 years. It will come again in 2062.
इस जानकारी में अपने ढंग से अल्पना वर्मा ने बढोत्तरी की- "हैली धूमकेतू-jo सूर्य का एक चक्कर लगभग ७६ वर्ष में पूरा करता है । यह धूमकेतू फरबरी १९८६ में सूर्य के पास से निकला था"
अभिषेक ने बात को आगे बढाते हुए कहा- "एडमंड हेली के नाम पर रखा गया 'हेली धूमकेतु'। भारत में इन धूमकेतुओं का देखा जाना आपदा का संकेत भी माना जाता है."
पहेली में भाग लेने वाले अन्य पाठक हैं- कीर्ति वैद्य, रंजना भाटिया, उन्मुक्त, अनिल त्रिपाठी, डी0के0 शर्मा वत्स, समीर लाल, राज भाटिया और मीत। आप सभी का हार्दिक आभार।
दो सुधी पाठकों ने एक अन्य धूमकेतु "ह्याकुताके" का भी नाम सुझाया है, जोकि यह नहीं है। हाँ, उसे भी आप लोग पहचान लें, इसलिए ह्याकुताके और हेले बूप धूमकेतु के फोटो भी दिये जा रहे हैं।

नोट- अगली पहेली के लिए आप लोग तैयार हो जाएँ, क्योंकि अरविंद मिश्र जी बेहद कठिन पहेली की खोजबीन में लग गये हैं।
इस धूमकेतु के बारे में पाठकों ने इतना कुछ बता दिया है, कि अब अलग से कुछ लिखने की आवश्यकता ही नहीं रही। मैं पाठकों द्वारा उपलब्ध करायी गयी जानकारी को यहाँ प्रस्तुत करके अपने कर्तव्य की इतिश्री कर लेना चाहता हूं।
सबसे पहले सीमा गुप्ता ने धूमकेतु के बारे में जानकारी उपलब्ध कराई। उनके अनुसार- Haley comet is named after English astronomer Edmond Haley। A comet is a ghostly looking object in the night sky. Comets are made of frozen lumps of gas and rock. They are dirty snowballs. A comet becomes smaller each time it passes near the sun. As a comet approaches the sun it begans to heat up. Comets have no light of their own. Only when comets are near the sun they get bright and we can see them. Haley's comet is just one of two thousand known comets. Haley found that one bright comet had appeared in 1531. Haley 's comet appeared in 1986. Haley's comet comes by earth every 76 years. It will come again in 2062.
इस जानकारी में अपने ढंग से अल्पना वर्मा ने बढोत्तरी की- "हैली धूमकेतू-jo सूर्य का एक चक्कर लगभग ७६ वर्ष में पूरा करता है । यह धूमकेतू फरबरी १९८६ में सूर्य के पास से निकला था"
अभिषेक ने बात को आगे बढाते हुए कहा- "एडमंड हेली के नाम पर रखा गया 'हेली धूमकेतु'। भारत में इन धूमकेतुओं का देखा जाना आपदा का संकेत भी माना जाता है."

दो सुधी पाठकों ने एक अन्य धूमकेतु "ह्याकुताके" का भी नाम सुझाया है, जोकि यह नहीं है। हाँ, उसे भी आप लोग पहचान लें, इसलिए ह्याकुताके और हेले बूप धूमकेतु के फोटो भी दिये जा रहे हैं।

नोट- अगली पहेली के लिए आप लोग तैयार हो जाएँ, क्योंकि अरविंद मिश्र जी बेहद कठिन पहेली की खोजबीन में लग गये हैं।
बधाई जी जीत की ..
जवाब देंहटाएं" पहेली विजेताओ को बधाई....इसमें कोई शक नहीं की पहेली रोचक थी और बहुत कुछ नया जानने का भी मौका मिला.....अगली पहेली का इंतजार है...."
जवाब देंहटाएंRegards
chaliye nakshtr vaatikaa mili aaj
जवाब देंहटाएंविजेताओं को बधाई, और चेतावनी का शुक्रिया. वैसे २००९ के अन्तराष्ट्रीय खगोल वर्ष होने पर इस क्षेत्र से और भी जानकारियों की अपेक्षा है.
जवाब देंहटाएंहमारा हाथ तो साईंस के मामले में जरा तंग ही है. उन्मुक्त जी का भरोसा था-सो भी जाता रहा. अब नितांत अकेला सा महसूस कर रहा हूँ. :)
जवाब देंहटाएंसभी विजेताओं को हार्दिक बधाई...
जवाब देंहटाएंmeet
लो जी हम तो मजाक मजाक मे ही सही उत्तर दे बैठे.:)
जवाब देंहटाएंवो क्या है कि धूमकेतु के नाम पर इसी का नाम जेहन मे था और आपने कहा था कि बिना सोचे उत्तर दो सो दे दिया. सोचते तो कुछ गलत उत्तर देते.
रामराम.
मिश्रा जी, तस्वीरों मे तो ये सारे के सारे धुमकेतु एक जैसे दिखाई देते हैं,कोई खास पहचान भी है क्या इनकी ?
जवाब देंहटाएंपी0एन0 सुब्रमण्यम जी, रामपुरिया जी, और सीमा गुप्ता जी को जीतने की बधाई।
जवाब देंहटाएंहम तो यहाँ आ ही नहीं सके। :(
Vijetaon ko badhai...
जवाब देंहटाएंHam to paheli ka p dekh hi bhag khade hote hain....
सुब्रमनियन जी को ओर सभी विजेताओ को भी बधाई
जवाब देंहटाएंआप का धन्यवाद
सुब्रमनियन जी को ओर सभी विजेताओ को भी बधाई.
जवाब देंहटाएंsabhi vijetaon ko badhayee.
जवाब देंहटाएंSubramanium sir aur Taau ji ko khaaas badhayee.
@मिश्रा जी, तस्वीरों मे तो ये सारे के सारे धुमकेतु एक जैसे दिखाई देते हैं,कोई खास पहचान भी है क्या इनकी ?
जवाब देंहटाएंसही कहा वत्स जी आपने ....एक अंतर पूँछ का हो सकता है जो कुछ जैसे हेली में बहुत लम्बी हो रहती है -कुछ में दो पूँछ बन जाती है ! कुछ छोटे होते हैं की नंगी आँख से दीखते ही नहीं ! इन पुच्छल तारों में सबसे मशहूर हेली है जो प्रत्येक ७६ वर्ष में बिना नागा सूर्य की परिक्रमा पर आ रहा है -अफसोस अगली बार वह जब २०६१ में हमारा कुशल क्षेम लेने आयेगा -अह्ममे से अधिकाँश इस धरा से प्रयाण कर चुके होंगे !
अरविन्द जी, हो सकता है तब तक दो चार एटम बम इस पूरी धरा को ही -------------
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