बधाई मेरे प्रिय घोस्ट बस्टर (भूत भंजक ,भूत भगावन भाई ) ! आप जीते हो पहला सही जवाब देकर ! यह शामा- कोप्सीकस मालाबारिकस चिडिया ही है जो अ...
बधाई मेरे प्रिय घोस्ट बस्टर (भूत भंजक ,भूत भगावन भाई ) ! आप जीते हो पहला सही जवाब देकर ! यह शामा- कोप्सीकस मालाबारिकस चिडिया ही है जो अपनी सुरीले गायन से जानी पहचानी जाती है .भारत में गये दिनों की महफिलों में इनकी गायन प्रतियोगिताएं होती थीं और विश्व के कई देशों में यह प्रतियोगिता आज भी चालू है .यह हमारी जानी पहचानी दहगल -मैगपाई -रोबिन की घने जंगलों में रहने वाली भतीजी है .बहुत से सुधी ब्लागरों ने इसी के परिवार के करीबी मेम्बरान को तो पहचाना -मतलब वे इसके परिवार तक तो पहुंचे पर इसे ढूंढ न सकें -यह बहुत शर्मीली भी तो है ना ! खुले में तो ठीक से दिखती नहीं -हाँ पिजडों में कैद होकर ही दर्शन देती है ।
राजेश्वर नारायण सिंह ने पब्लिकेशन डिवीजन भारत सरकार से प्रकाशित अपनी मशहूर पुस्तक भारत के पक्षी में यहाँ तक लिखा है की भारत में राजा रजवाडों की महफिलें शामा और नर्तकी के बीच गायन की लाग डांट से गुलजार होती थीं ।
तरुण और सीमा गुप्ता ने पहेली के पहले आए जवाबों में इसकी भतीजी मैगपाई का नाम लिया .मीनू खरे जी को घने कुहरे में भी जवाब सही तो दिखा पर उन्होंने इसे उच्चारित नही किया लगता है ठण्ड ने उनकी बोलती बंद कर दी .रंजना जी(रंजू भाटिया ) ने फिर पके पकाए ज़वाब पर हाथ मारा -पिका पिका ! गनीमत यही की उन्होंने पिया पिया नही लिख डाला -गुस्ताखी मुआफ हुजूर ! आगे ध्यान दें -कहीं दूसरे के उत्तर टीप करनें में ऐसी असावधानी हो ही न जाय ! पर यह क्या कम हैं कि वे तस्लीम की पहेलियों की बड़ी फैन हैं और बिना नागा नियमित यहाँ झलक दिखलाती हैं ! तस्लीम उनका ख़ास शुक्र गुजार है .तस्लीम रंजू जी -इसी तरह हौसला आफजाई करती रहें .अभिषेक ने भी मैगपाई ही कहा -इस बार अभिषेक भाई अपने घर जाकर पुरनियों से शामा के बारे में पूंछना ! ताऊ बिचारे थोक में आ रहे अंगरेजी जवाबों से घबराए और अब तक ख़ुद के ज्ञानकोष में कैद एक चिडिया का नाम घबराहट में बोल गए -सोन चिरैया ! जबकि सोन चिरैया -गोडावण पर पहले ही चर्चा हो गयी है यहाँ .पर उनकी ईमानदारी कबीले तारीफ है -सीधा कहा कि उन्हें जवाबों के नक़ल कीअकल ही नही है -और अच्छी बात तो यह कि वे अब सीमा गुप्ता जी या पहेली विदुषी अल्पना जी का अनुसरण न करके जवाब देनें की हिम्मत जुटा रहे हैं .बक अप ! आदरणीय बृजमोहन श्रीवातव जी ने जवाब के बजाय किसी शाबर मन्त्र का पाठ किया जो मेरे पल्ले पडा नहीं ! मीत ने "यह स्काता चिड़िया है" बताया ! नीरज गोस्वामी और प्रकाश गोविन्द ने भी इसे मैगपाई ही बताया - बस रत्ती भर चूके ! प्रकाश जीने तो इसका इतिहास और भूगोल सब बता डाला अंगरेजी में ! राज भाटिया जी कुछ घंटों के अन्तराल पर दो बार आए -अब उन्हें अपनी भी पहेली तो देखनी है न !
हां दूसरी बार धीरे से टिपिया गए -"शामा तो नही कही यह".बलिहारी जाऊं भाटिया जी के इस मासूम से जवाब पर कितने भोले होकर पूरी शालीनता से उन्होंने दूसरी बार सही जवाब दे ही दिया -पर बाजी तो घोस्ट बस्टर पहले ही जीत चुके हैं .अशोक पाण्डेय जी ने होशियारी दिखाई और भूत भगावन भइया के साथ ही हो लिए -पर ये भईया हैं कौन कोई यह जानने का सकल्प भी लो न भाई ! अब हमें ही मैदान में उतरना होगा क्या ? डॉ अमर कुमार शायद इस शिनाख्ती जंग में पहले भी कूद चुके हैं पर लोगों का कहना है बात और बिगड़ गयी है -तो आप गुनी बुझक्कणों को शुक्रिया और नए साल की यह एक और पहेली कि ये भूत भगावन भइया /बहना कौन हैं ? उनकी खोज में तब तक लगे रहिये मित्रों जब तक वे ख़ुद ही उन्मुक्त जी की तरह आपके सामने हाथ न जोड़ ले कि भईया मैं गुमनाम ही रहना चाहता हूँ !
राजेश्वर नारायण सिंह ने पब्लिकेशन डिवीजन भारत सरकार से प्रकाशित अपनी मशहूर पुस्तक भारत के पक्षी में यहाँ तक लिखा है की भारत में राजा रजवाडों की महफिलें शामा और नर्तकी के बीच गायन की लाग डांट से गुलजार होती थीं ।
तरुण और सीमा गुप्ता ने पहेली के पहले आए जवाबों में इसकी भतीजी मैगपाई का नाम लिया .मीनू खरे जी को घने कुहरे में भी जवाब सही तो दिखा पर उन्होंने इसे उच्चारित नही किया लगता है ठण्ड ने उनकी बोलती बंद कर दी .रंजना जी(रंजू भाटिया ) ने फिर पके पकाए ज़वाब पर हाथ मारा -पिका पिका ! गनीमत यही की उन्होंने पिया पिया नही लिख डाला -गुस्ताखी मुआफ हुजूर ! आगे ध्यान दें -कहीं दूसरे के उत्तर टीप करनें में ऐसी असावधानी हो ही न जाय ! पर यह क्या कम हैं कि वे तस्लीम की पहेलियों की बड़ी फैन हैं और बिना नागा नियमित यहाँ झलक दिखलाती हैं ! तस्लीम उनका ख़ास शुक्र गुजार है .तस्लीम रंजू जी -इसी तरह हौसला आफजाई करती रहें .अभिषेक ने भी मैगपाई ही कहा -इस बार अभिषेक भाई अपने घर जाकर पुरनियों से शामा के बारे में पूंछना ! ताऊ बिचारे थोक में आ रहे अंगरेजी जवाबों से घबराए और अब तक ख़ुद के ज्ञानकोष में कैद एक चिडिया का नाम घबराहट में बोल गए -सोन चिरैया ! जबकि सोन चिरैया -गोडावण पर पहले ही चर्चा हो गयी है यहाँ .पर उनकी ईमानदारी कबीले तारीफ है -सीधा कहा कि उन्हें जवाबों के नक़ल कीअकल ही नही है -और अच्छी बात तो यह कि वे अब सीमा गुप्ता जी या पहेली विदुषी अल्पना जी का अनुसरण न करके जवाब देनें की हिम्मत जुटा रहे हैं .बक अप ! आदरणीय बृजमोहन श्रीवातव जी ने जवाब के बजाय किसी शाबर मन्त्र का पाठ किया जो मेरे पल्ले पडा नहीं ! मीत ने "यह स्काता चिड़िया है" बताया ! नीरज गोस्वामी और प्रकाश गोविन्द ने भी इसे मैगपाई ही बताया - बस रत्ती भर चूके ! प्रकाश जीने तो इसका इतिहास और भूगोल सब बता डाला अंगरेजी में ! राज भाटिया जी कुछ घंटों के अन्तराल पर दो बार आए -अब उन्हें अपनी भी पहेली तो देखनी है न !
हां दूसरी बार धीरे से टिपिया गए -"शामा तो नही कही यह".बलिहारी जाऊं भाटिया जी के इस मासूम से जवाब पर कितने भोले होकर पूरी शालीनता से उन्होंने दूसरी बार सही जवाब दे ही दिया -पर बाजी तो घोस्ट बस्टर पहले ही जीत चुके हैं .अशोक पाण्डेय जी ने होशियारी दिखाई और भूत भगावन भइया के साथ ही हो लिए -पर ये भईया हैं कौन कोई यह जानने का सकल्प भी लो न भाई ! अब हमें ही मैदान में उतरना होगा क्या ? डॉ अमर कुमार शायद इस शिनाख्ती जंग में पहले भी कूद चुके हैं पर लोगों का कहना है बात और बिगड़ गयी है -तो आप गुनी बुझक्कणों को शुक्रिया और नए साल की यह एक और पहेली कि ये भूत भगावन भइया /बहना कौन हैं ? उनकी खोज में तब तक लगे रहिये मित्रों जब तक वे ख़ुद ही उन्मुक्त जी की तरह आपके सामने हाथ न जोड़ ले कि भईया मैं गुमनाम ही रहना चाहता हूँ !
"घोस्ट बस्टर जी को ढेरों बधाई ...कोशिश तो की थी मगर कोई बात नही अगली बार फ़िर कोशिश करेंगे."
जवाब देंहटाएंregards
घोस्ट buster जी और सभी विजेताओं को बधाई..
जवाब देंहटाएंमेरा भी जवाब आंशिक रूप से सही ही था..
क्यों कि मैं ने कहा था - यह flycatcher लग रही है..
और यह है तो उसी family ...Muscicapidae की -
-जिसे oldest family of flycatchers भी कहा जाता है.
अगली पहेली का इंतज़ार रहेगा.
आभार सहित-
विजेता को बधाई।
जवाब देंहटाएंहम तो प्रतियोगिता से बाहर बैठकर अभी ‘तैयारी’ कर रहे हैं। इलाहाबाद का असर हो रहा है। ज्ञानवर्द्धन का शुक्रिया।
भूत भगावन भइया को बधाई। वे भइया हों या बहना, लेकिन हैं बड़ी पहुंची हुई चीज :)
जवाब देंहटाएंठण्ड ने मेरी बोलती नही बंद की सर ! मैं तो शामा- (कोप्सीकस मालाबारिकस) के सुरीले गायन मैं इस कदर खो गई की उत्तर तक लिखना याद न रहा. वैसे भारत में इसके गायन की प्रतियोगिता जल्द शुरू हो यह कामना है. तस्लीम को नव वर्ष की बधाई.
जवाब देंहटाएंघोस्ट बस्टर जी को बधाई. मगर इसी बिरादरी की एक काली सी चिडिया जिसकी पूंछ २ भागों में बटी होती है आज कल बनारस में भी दिख रही है. क्या उसके नाम का कुछ आईडिया है ?
जवाब देंहटाएं@अभिषेक क्या आप उसकी फोटो लेकर ईमेल कर सकते हैं ? कहीं आप किंग क्रो -भुजंगे की बात तो नही कर रहे ?
जवाब देंहटाएंतस्लीम को नव वर्ष की बधाई.....घोस्ट बस्टर जी को ढेरों बधाई .
जवाब देंहटाएंविजेताओं को बधाई. और ताऊ तो महा शरीफ़ और निहायत भोला है ये नकल वकल के काम नही करता जी.
जवाब देंहटाएंरामराम.
सब से पहले तो विजेता को बधाई फ़िर आप सब को बधाई अर्विन्द जी आप फ़ोटो बडा रखा करे, पहले तो आंखो पर चशमा लग है, फ़िर आप फ़ोटू इतना छोटा रखते है की हाथी भी चुहा लगे, शामा तो मेने सब से पहले ही ढुढ लिया था, लेकिन शामा बहुत छोटी सी चिडिया लग रही थी, ओर आप की फ़ोटू वाली तो...
जवाब देंहटाएंचलिये बात जीतने की हम हम जीते या कोई ओर खुशी हमे उतनी ही है जितनी अपने जीतने पर होती.
धन्यवाद
अरविंद जी, आपका आभार इन मीठे शब्दों के लिये और बाकी सभी भद्र जनों का भी आभार उनकी बधाइयों के लिये.
जवाब देंहटाएंलेकिन ये नयी पहेली (घोस्ट बस्टर कौन?) की ऐसी क्या आवश्यकता?
घोस्ट बस्टर जी को बहुत बहुत बधाई। साथ ही तस्लीम के चाहने वालों को नव वर्ष की हार्दिक शुभकामनाऍं।
जवाब देंहटाएंभूत भगावन भाई को हार्दिक बधाई।
जवाब देंहटाएंवाह.. वाह..... जो जीता वही सिकंदर.. बधाई....
जवाब देंहटाएंघोस्ट बस्टर जी को बधाई.
जवाब देंहटाएंHaryana Tourism's all properties are named after birds. Their Gurgaon restaurant cum bar is named Shama . This restaurant has been there since seventies ,but people alwayz pronounce it "shama" like urdu equal of "flame".
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