चित्र साभार- timiddlegrades.com तकनीकी कारणों से कल यह आलेख पोस्ट करने के बाद तुरन्त डिलीट करना पडा, जिन पाठकों को इससे असुविधा हुई, उ...
तकनीकी कारणों से कल यह आलेख पोस्ट करने के बाद तुरन्त डिलीट करना पडा, जिन पाठकों को इससे असुविधा हुई, उनसे खेद व्यक्त करते हुए आलेख दुबारा प्रस्तुत है।
कहते हैं ज्ञान की कोई सीमा नहीं होती है। लेकिन होता यह है कि हम थोडा बहुत जो कुछ जान लेते हैं, उसी पर इतराने लगते हैं। जबकि सच्चाई यह है कि जितना हम जानते हैं, उससे कहीं-कहीं ज्यादा हमसे अनजाना होता है। हम अगर अपनी सारी उम्र भी इस ज्ञान की खोज में लागादें, तो भी जितना कुछ अर्जित कर पाएंगे, वह कुल ज्ञान का एक छोटा सा भाग ही होगा। जैसे सागर की एक बूंद अथवा धरती की कुल मिटटी में एक मुटठी बालू।
पर एक जिज्ञासु व्यक्ति सदैव अपनी इस खोज यात्रा को जारी रखता है। और उसकी खोज की यह प्रवृत्ति से उसे विनम्र बनाती है, विद्वान बनाती है। आजकी चर्चा कुछ ऐसे ही विनम्र और जिज्ञासु ब्लॉगरों की, जो इस यात्रा को जारी रखे हुए हैं।
हिन्दी ब्लॉग की भीड में डा0 अरविंद मिश्र का साईब्लॉग (http://indianscifiarvind.blogspot.com/) एक महत्वपूर्ण स्थान रखता है। श्री मिश्र एक कुशल विज्ञान संचारक हैं और पिछले कई दशक से इस क्षेत्र में सक्रिय हैं। यही कारण है कि उन्हें इस बात में महारत हासिल है। यह बात उनके ब्लॉग की विभिन्न पोस्ट में साफतौर पर देखी जाती है। डा0 मिश्र के प्रिय विषय हैं- लोकप्रिय विज्ञान, जानवरों का व्यवहार, ब्यूटी एण्ड एस्थेटिक्स, साँप और सर्पदंश, अन्तरिक्ष तथा धर्म और विज्ञान। पिछले दिनों उनके द्वारा लिखित स्त्री सौन्दर्य पर लिखित श्रृंखला पर नारीवादियों ने काफी हो-हल्ला किया, पर वे इस सबसे दूर अपने काम में लगे हुए हैं।
डा0 अरविन्द मिश्र का एक अन्य ब्लॉग है साइंस फिक्शन इन इण्डिया (http://indiascifiarvind.blogspot.com/) यह ब्लॉग हिन्दी और अंग्रजी दो भाषाओं में लिखा जाता है, जिसमें विज्ञान कथाओं और विशेषकर हिन्दी विज्ञान कथाओं को विषय बनाया जाता है। यदि आप हिन्दी विज्ञान कथा लेखकों के बारे में जानना चाहते हैं, हिन्दी विज्ञान कथा का अतीत और वर्तमान जानना चाहते हैं अथवा रचनात्मक विधाओं द्वारा विज्ञान संचार के बारे में जानना चाहे हैं, तो यह ब्लॉग आपके लिए ही है। इसके अतिरिक्त आप मनचाही सन्तान, मोहभंग और विस्फोट विज्ञान कथाओं को भी यहाँ पढ सकते हैं।
हिन्दी के सक्रिय और गम्भीर ब्लॉगर्स में उन्मुक्त (http://unmukt-hindi.blogspot.com/) का प्रमुख स्थान है। वे एक समर्पित रचनाकार हैं और जो भी काम करते हैं, डूब कर करते हैं। एक ओर जहाँ वे विज्ञान, पुस्तक समीक्षा, विज्ञान कहानी समीक्षा, खगोलशास्त्र, सूचना प्रौद्योगिकी और यौन शिक्षा जैसे गम्भीर विषयों पर लिखते हैं, वहीं दूसरी ओर कानून, यात्रा विवरण और महिला अधिकार भी उनके प्रिय विषय हैं।
यदि आप हमारी धरती के सबसे महत्वपूर्ण पेय पदार्थ पानी के महत्व और उसके दुरूपयोग पर किसी भी तरह की जानकारी चाहते हों, तो सुजलाम (http://sujalam.blogspot.com/) आपके लिए ही बना है। यहाँ पर हिमनद ताल, और जलाशय ही नहीं जल संकट और पर्यावरण की भी चिंता दिखाई पडती है। सुजलाम की तरह ही सुजलाम-इधर उधर से
ऐसा ही एक अन्य समर्पित प्यास है क्लाइमेट वॉच (http://jalvayu.blogspot.com/) पर्यावरण को समर्पित इस ब्लॉग में पर्यावरण चेतना पर विशेष जोर दिया गया है। इसके मुख्य विषयों में ग्रीन हाउस, खाद्यान्न संकट, जलवायु परिवर्तन, पर्यावरण और सृष्टि संतुलन को लिया गया है। लेकिन इसके अलावा भी यहाँ पर ऐसा बहुत कुछ है, जो एक जिज्ञासु पाठक की पसंद हो सकता है।
रतलाम, मध्य प्रदेश के निवसी डा० खुशाल सिंह पुरोहित एक जाने-माने पर्यावरणविद हैं, जो वर्ष 1987 से पर्यावरण डाइजेस्ट (http://paryavaran-digest.blogspot.com/) नामक मासिक पत्रिका प्रकाशित कर रहे हैं। जाहिर सी बात है कि वे पत्रिका में प्रकाशित होने वाले सभी प्रमुख विषयों को अपने इस ब्लॉग में भी स्थान प्रदान करते हैं। पत्रिका के प्रमुख स्तम्भ हैं-
पर्यावरण समाचार, जनजीवन, कृषि जगत, ज्ञान विज्ञान, पर्यावरण परिक्रमा, प्रसंगवश और हमारा भूमण्डल। जल संरक्षण भी इसी श्रेणी का एक समर्पित ब्लॉग है, जो जल संरक्षण के विभिन्न तरीकों को आम भाषा में समझाने के लिए संकल्पित है।
पेशे से किसान और शौक के रूप में पत्रकारिता को अपनाने वाले कैमूर, बिहार निवासी श्री अशोक पाण्डेय काफी समय से खेती बाडी (http://khetibaari.blogspot.com/) नामक ब्लॉग का नियमित प्रकाशन कर रहे हैं। वे सिर्फ सूचना को देने में विश्वास नहीं रखते, उसका विश्लेषण भी प्रस्तुत करते हैं। उनके कुछ लोकप्रिय आलेख इस प्रकार से हैं- महाकवि घाघ और उनकी कविताएं, बुरा होगा वह दिन जब किसान बीज के लिए विदेश पर निर्भर रहेगा, तो कृत्रिम कमी बनाकर बढाए गये चीनी के दाम, जट्रोफा की खेती में बढा ऑटो कम्पनियों का रूझान। श्री पाण्डेय विज्ञान के साथ-साथ किसानों से जुडे मुददों पर बेबाक राय रखने के लिए जाने जाते हैं और ब्लॉग जगत पर काफी सक्रिय रहते हैं।
अगर आपकी रूचि मानव शरीर में है, आप शरीर की सुरक्षा प्रणाली के बारे में जानना चाहते हैं, रक्तदान के महत्व को समझना चाहते हैं, डी0एन0ए0 परीक्षण के बारे में अपना ज्ञान बढाना चाहते हैं अथवा रचना प्रक्रिया की प्रक्रिया समझना चाहते हों, तो आपके लिए सबसे उपयुक्त ब्लॉग है विज्ञान सबके लिए (http://gdpradeep.blogspot.com/)। इस ब्लॉग का संचालक हैं डॉ0 गुरूदयाल प्रदीप, जो जीव विज्ञान में पी-एच0डी0 करने के बाद वर्तमान में संयुक्त अरब अमीरात में अध्यापन कार्य कर रहे हैं।
इसी प्रकार कुछ ब्लॉग ऐसे भी हैं, जो विज्ञान सम्बंधी रोचक समाचारों से हमें अवगत करा रहे हैं। ऐसा ही एक ब्लॉग है हिन्दी टुडे (http://hinditoday.blogspot.com/) जिसका संचालन करते हैं देहरादून निवासी श्री अतुल चौहान। यहाँ पर उपलब्ध सामग्री में रोचकता का भरपूर पुट पाया जाता है। कुछ विषय देखें- कम्प्यूटर के जासूस वायरस से, शादीशुदा जिंदगी स्वस्थ जीवन का राज, शिक्षित औरतों को आती है रात में अच्छी नींद, नये साल को होंगे कम्प्यूटर को 10 बडे खतरे। ज्ञान विज्ञान (http://vigyaan.blogspot.com/) इसी प्रकार का एक अन्य ब्लॉग है। विज्ञान के अनुक पहलुओं से परिचित कराता यह एक कम्युनिटी ब्लॉग है, जहाँ पर आपको रोचक वैज्ञानिक समाचारों की कडियाँ उपलब्ध हो जाती हैं।
हिन्दी जगत के कुछ ब्लॉग ऐसे भी हैं, जिनमें अक्सर विज्ञान विषयक जानकारी उपलब्ध हो जाती है ऐसा ही एक ब्लॉग है संचिका (http://sanchika.blogspot.com/)। इस ब्लॉग को हालाँकि स्पष्ट रूप से किसी खाँचे में नहीं रखा जा सकता, पर अक्सर यहाँ पर जीव जन्तुओं और कम्प्यूटर प्रोग्रामिंग की जानकारी मिल जाती है। इसलिए विज्ञान सम्बंधी ब्लॉगों की लिस्ट में लवली कुमारी के इस ब्लॉग को भी शामिल किया जा सकता है।
ब्लॉग जगत की इस विपुल वैज्ञानिक सम्पदा को देख कर गर्व का एहसास होता है कि हिन्दी का वैज्ञानिक साहित्य नेट पर भी फल फूल रहा है। आप भी इस ज्ञान सागर में गोता लगाएँ और अपना जीवन सफल बनाएँ-
संतौ नदिया ज्ञान की, बहे तुम्हारे द्वार, डूब गया जो इसमें, उसका जीवन पार।
(अगली कडी में
-->तकनीक को समर्पित ब्लॉगों की चर्चा प्रस्तुत की जाएगी।)
" oh my god, there is so much to read, to know and to learn, after reading these article, m finiding that there is so much that I am missing and even dont know abt many things.... thanks for sharing the related Links which are going to be very useful to enrich my knowledge"
जवाब देंहटाएंRegards
उपयोगी जानकारी प्रदान कराने के लिए धन्यवाद!
जवाब देंहटाएंbahut hi acchi aur kaam ki jaankari hai. gyaan ka saagar hame dene ke lie shikriya....
जवाब देंहटाएंapne bahut saari achchi or giaan purn jaankari di hai...sach mai essa lag raha hai ki bahut kuch missing tha.
जवाब देंहटाएंaapki saafgoee bhi saraahneey hai..
Soochnaaon ka sundar samanvay.
जवाब देंहटाएंरजनीश भाई को हिन्दी में उभरते हुए ज्ञान-विज्ञान के ब्लागों की सम्पूर्ण जानकारी पेश करने के लिये बहुत-बहुत साधुवाद।
जवाब देंहटाएंVigyan vushyak blogs ke bare men jankar aasharya-mishrit prasannata huyi.
जवाब देंहटाएं''संतौ नदिया ज्ञान की, बहे तुम्हारे द्वार, डूब गया जो इसमें, उसका जीवन पार।''
जवाब देंहटाएंसही बात कही है, रजनीश भाई। ब्लॉगजगत के इस ज्ञानसागर का भरपूर लाभ उठाने का समय नहीं निकाल पाता, इसका मुझे हमेशा अफसोस रहता है। बहुत ही उपयोगी जानकारी दे रहे हैं आप।
चर्चा के लिए शुक्रिया।
इस विपुल ज्ञान सम्पदा का परिचय पाकर भला कौन हिन्दी प्रेमी अहलादित नहीं होगा?
जवाब देंहटाएंउपयोगी जानकारी है,धन्यवाद.
जवाब देंहटाएंगणेश पर्व की हार्दिक शुभकामनाये...
काफी मेहनत की इक्कठा करने में .सुंदर प्रयास जाकिर जी .
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एक अपील - प्रकृति से छेड़छाड़ हर हालात में बुरी होती है.इसके दोहन की कीमत हमें चुकानी पड़ेगी,आज जरुरत है वापस उसकी ओर जाने की.
आप सबको भी गणेश चतुर्थी की हार्दिक शुभकामनाएँ।
जवाब देंहटाएं-जाकिर अली "रजनीश"
जानकारी महत्वपूर्ण है। शु्क्रिया।
जवाब देंहटाएंबहुत विस्तार से जानकारी दी है आपने। सच में ग्यान की कोई सीमा नहीं। हर पल सीखने को बहुत कुछ मिल जाता है। इतनी सुन्दर जानकारी के लिए आभार।
जवाब देंहटाएंबहुत उपयोगी जानकारी है ! आपको
जवाब देंहटाएंबहुत धन्यवाद !
लगे रहिये हुजुर हम आप के साथ हैं
जवाब देंहटाएंबहुत ही अच्छे और काम के ब्लोग के बारे में आपने बताया, बहुत अच्छा प्रयास था ये आपका।
जवाब देंहटाएंवाकई बढ़िया जानकारी..
जवाब देंहटाएंआप का प्रयास सराहनीय है और जरूरी भी.
बधाई..
आपको अध्यापक दिवस की हार्दिक शुभकामनाएँ।
जवाब देंहटाएंWakai net par hindi men bhi kaafi likha gaya hai.
जवाब देंहटाएंजनोपयोगी समग्री का सुन्दर संग्रह।
जवाब देंहटाएंबहुत ही अच्छी जान्कारी दी हे आप ने फ़िर ग्यान तो कहते हे जितना लिया जाये कम हे, ओर जेसे जेसे आदमी मे ग्याण बडता हे वह उतना ही उदार भी होता जाता हे ,
जवाब देंहटाएंधन्यवाद
अरे भाई साइंस पर एक साधारण सा ब्लॉग हमारा भी है जिसका ज़िक्र अपने लेख में शामिल करना शायद आपको उचित नहीं लगा ..वैसे लेख अच्छा लगा. बधाई. इसमें उल्लिखित साइंस फिक्शन इंग्लिश ब्लॉग मुझे पसंद आया ...
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