चौक गए !जी हाँ यह यही इंगित करता है कि एक आम भारतीय और वह भी गोबर पट्टी वालों [मेरे पर भी यह लागू है ,पर फिर भी क्षमा करें ]को अपने परिवेश क...
चौक गए !जी हाँ यह यही इंगित करता है कि एक आम भारतीय और वह भी गोबर पट्टी वालों [मेरे पर भी यह लागू है ,पर फिर भी क्षमा करें ]को अपने परिवेश के जीव जंतुओं की सामान्य भी जानकारी नही है .यह हम उन लोगों की हालत है जो कम से कम अपने जीवन का चालीसवां शरद/बसंत पार कर चुके हैं -किसी भी बसंत ने हमें शायद नहीं उकसाया कि हम उस पक्षी को ध्यान से निरख परख लें जिसने हमारे संयोग -वियोग साहित्य को इतना समृद्ध किया है -हाँ ,यह नर तो नहीं मादा कोयल है ।
हमारे मन में काली कोयल इतना रच बस गयी है कि हमने मादा कोयल के इस रूप रंग पर ध्यान नही दिया .यह बाज या चील या पपीहे मानिंद लगती है ।कोयल को काले रंग में रूढ़ बना देने में हमारे कविजन भी शामिल रहे हैं ,शायद यह 'काली ' कोयल हमारे अवचेतन में इतना रच बस गयी है कि हम इसके किसी अन्य रूप की कल्पना ही नही कर पाते ..शायद यह भी एक कारण हो कि हम इसे पहचान नही पाये ।
मगर जब हम उम्रदराज लोग इस आम सी चिडिया को नही पहचान पाये तो आगामी पीढी जिसके लिए अब वह परिवेश भी शायद नही रहाअपने परिवेश की अज्ञानता की दोषी कैसे मानी जायेगी .मुझे तिक्त होना पडा ,फिर से क्षमा मांग रहा हूँ ।
एक ब्रितानी बच्चा झट से अपने पशु पक्षियों को पहचान लेता है -हमने अंग्रेजो की अच्छाईयां नहीं सीखीं ।
नर कोयल बिल्कुल काला कलूटा होता है पर मादा के सारे शरीर पर सफेद बुंदियाँ होती हैं और यह बिल्कुल अलग थलग दिखती है .मैं दोनों का अलग अलग चित्र नहीं दे रहां हूँ आप चाहें तो ईमेज गूगलिंग कर के देख लें !
सालिम अली डिजीटल वर्ल्ड सम्मान का हकदार फिलहाल कोई बन नही पाया ..अफसोस पर आप जो सज्जन भी यहाँ पधारे और इस पहेली में भाग लिया उनके प्रति मैं तहे दिल से कृतज्ञता अर्पित करता हूँ और जो लोग पहेली से भाग लिए वे तो सचमुच शोचनीय ही हैं .
और हाँ कूँ कूँ कूँ की आवाज नर की होती है जिससे वह अपनी टेरिटरी का ध्वन्यात्मक बैरीकेडिंग करता है और मादा को रिझाता भी है ।
ऐसी बैरीकेडिंग मनुष्य भी करता ही रहता है पर यह एक पृथक विषय है .
हमारे मन में काली कोयल इतना रच बस गयी है कि हमने मादा कोयल के इस रूप रंग पर ध्यान नही दिया .यह बाज या चील या पपीहे मानिंद लगती है ।कोयल को काले रंग में रूढ़ बना देने में हमारे कविजन भी शामिल रहे हैं ,शायद यह 'काली ' कोयल हमारे अवचेतन में इतना रच बस गयी है कि हम इसके किसी अन्य रूप की कल्पना ही नही कर पाते ..शायद यह भी एक कारण हो कि हम इसे पहचान नही पाये ।
मगर जब हम उम्रदराज लोग इस आम सी चिडिया को नही पहचान पाये तो आगामी पीढी जिसके लिए अब वह परिवेश भी शायद नही रहाअपने परिवेश की अज्ञानता की दोषी कैसे मानी जायेगी .मुझे तिक्त होना पडा ,फिर से क्षमा मांग रहा हूँ ।
एक ब्रितानी बच्चा झट से अपने पशु पक्षियों को पहचान लेता है -हमने अंग्रेजो की अच्छाईयां नहीं सीखीं ।
नर कोयल बिल्कुल काला कलूटा होता है पर मादा के सारे शरीर पर सफेद बुंदियाँ होती हैं और यह बिल्कुल अलग थलग दिखती है .मैं दोनों का अलग अलग चित्र नहीं दे रहां हूँ आप चाहें तो ईमेज गूगलिंग कर के देख लें !
सालिम अली डिजीटल वर्ल्ड सम्मान का हकदार फिलहाल कोई बन नही पाया ..अफसोस पर आप जो सज्जन भी यहाँ पधारे और इस पहेली में भाग लिया उनके प्रति मैं तहे दिल से कृतज्ञता अर्पित करता हूँ और जो लोग पहेली से भाग लिए वे तो सचमुच शोचनीय ही हैं .
और हाँ कूँ कूँ कूँ की आवाज नर की होती है जिससे वह अपनी टेरिटरी का ध्वन्यात्मक बैरीकेडिंग करता है और मादा को रिझाता भी है ।
ऐसी बैरीकेडिंग मनुष्य भी करता ही रहता है पर यह एक पृथक विषय है .
और जो लोग पहेली से भाग लिए वे तो सचमुच शोचनीय ही हैं .
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कहां जी, हमारी अटकल तो शौचनीय हो गयी!
uffff hamarey bageechey me koyal kaa basera hai..subh 3 baje se bolne lagti hai...hum par to sharmindagi bhi sharmaa jaaye..:(
जवाब देंहटाएंआश्चर्यजनक किन्तु सत्य। इस पहेली का उत्तर जानकार इतना ही कहा जा सकता है और हाँ, अपने सामान्यज्ञान के बारे में भी सोचने के लिए विवश होना पड रहा है। चलो इसी बहाने यह तो पता चला कि हम कितने पानी में हैं।
जवाब देंहटाएंSachmuch ye hamare liye sochneeya vishay hai ki maada koyal ko bhi nahi pahchaan paye.
जवाब देंहटाएंHum log Shaharwasi hain. Aur Shahar se to ye jeev vilupt ho chuke hain.
जवाब देंहटाएंहम भी सर झुकाये ज्ञान जी के बाजू में खड़े आपकी फटकार सुन रहे हैं. हमने तो तीन बार जबाब दिया, उसमें एक गल्त जबाब की जिम्मेवार पारुल जी हैं..उन्हीं का जबाब टीप कर लिख दिये थे.(इतने कान्फिडॆन्स से जबाब दे रहीं थी, हमें लगा पक्का पक्षीविद होंगी..मगर..क्या बतायें)
जवाब देंहटाएंसमीर जी, इसी बहाने यह ज्ञान की बात तो पता चली कि हमें किसी की बात को टीपना नहीं चाहिए, चाहे वह कितने ही कांफिडेन्स से क्यों न कह रहा हो।
जवाब देंहटाएंpahli bar aapke is blog par aayi,bahut achha laga padh kar, bilkul naya andaz...
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