क्या गुल खिलाएगा मच्छरों का जेनेटिक बदलाव?

SHARE:

Genetically modified mosquitoes pros and cons

Genetically modified mosquitoes
क्यों किया जा रहा है मच्छरों में जेनेटिक बदलाव?

-देवेन्द्र कुमार गुर्जर

विश्व मच्छर कार्यक्रम के अनुसार हर साल लगभग 700 मिलियन लोग मच्छर जनित बीमारियों का शिकार होते हैं, जिससे दस लाख से अधिक मौतें होती हैं। मच्छर जनित बीमारियों के सामान्य प्रकारों में मलेरिया, डेंगू, वेस्ट नाइल वायरस, चिकनगुनिया, पीला बुखार और जीका शामिल हैं।

इन बीमारियों से बचाव तथा रोकथाम के लिए प्रयास किए जा रहे हैं। इसी क्रम में वैज्ञानिक आनुवंशिक रूप से संशोधित जीवों की मदद ले रहे हैं। हालांकि यह शुरुआत से ही विवादास्पद रहा है कि क्या इस तरह से जीवों के जीन में तकनीक द्वारा बदलाव करना नैतिक होगा तथा क्या प्रकृति से खिलवाड़ करना सही होगा?

इस प्रकार के नवाचारों के लिए जनसामान्य तथा कई राष्ट्रीय/अन्तर्राष्ट्रीय संस्थाएं भी एकमत नहीं रही हैं। किन्तु कई मामलो में छूट दी गयी है। हाल ही में संयुक्त राज्य अमेरिका की पर्यावरण संरक्षण एजेंसी (EPA) ने OX5034 GM Ae के उपयोग को अधिकृत किया है। इसके तहत आनुवंशिक रूप से संशोधित मच्छर (इजिप्ती मच्छर) फ्लोरिडा और टेक्सास में काउंटी में रिलीज किये गए जा रहे हैं।

आनुवंशिक रूप से संशोधित जीव (जीएमओ) कौन होते हैं?

आसान भाषा में समझा जाए तो “आनुवंशिक रूप से संशोधित जीव (जीएमओ) वे जीवित जीव हैं जिनकी आनुवंशिक सामग्री में आनुवंशिक इंजीनियरिंग के माध्यम से एक प्रयोगशाला में कृत्रिम रूप से हेरफेर की गयी हो। यह पौधे, जानवर, बैक्टीरिया और वायरस जीन के संयोजन बनाता है जो प्रकृति में या पारंपरिक क्रॉसब्रीडिंग विधियों के माध्यम से विकसित नहीं होते हैं।”

आनुवंशिक रूप से संशोधित मच्छर Genetically modified mosquitoes:

क्या आप जानते है की हमें केवल मादा मच्छर ही काटती है क्योंकि उन्हें अंडे का उत्पादन करने के लिए रक्त भोजन की आवश्यकता होती है। नर मच्छर काटते नहीं है, वे फूलों से अपना भोजन प्राप्त करते हैं।

हाल ही में एक कंपनी ने जीएम मच्छर तैयार किये हैं। इस कंपनी ने इस प्रजाति के नर मच्छरों में निम्नलिखित बदलाव किए हैं।

1 . फ्लोरोसेंट(स्फुरदीप्त) मार्कर जीन Fluorescent marker gene: (जो एक विशेष लाल बत्ती के नीचे चमकता है) इन जीन की वजह से ये मच्छर लाल लाइट में चमकते हुए देखे जा सकेंगे, जिससे शोध परिणामों तथा वातावरण (जंगल) में छोड़ने पर भी इन्हें आसानी से पहचाना जा सकेगा।

2. सेल्फ-लिमिटिंग (स्व-सीमित) जीन Self limiting gene: इस जीन की वजह से इन मच्छरों की सन्तानों में मादा मच्छर वयस्कता से पहले ही मर जाती हैं।

ये कैसे काम करते हैं?

प्रयोगशाला में तैयार किये गए जी.एम. मच्छर अंडे देते हैं। ये अंडे सेल्फ-लिमिटिंग (आत्म-सीमित) और फ्लोरोसेंट मार्कर जीन साथ ले जाते हैं। जी.एम. मच्छर के अंडे जो सेल्फ-लिमिटिंग (स्व-सीमित) जीन ले जाते हैं, उन्हें एक क्षेत्र में छोड़ दिया जाता है।

एक बार जब वे परिपक्व हो जाते हैं और वयस्क अवस्था में विकसित हो जाते हैं, तो वे जंगली मादाओं के साथ मेल करने के लिए उपलब्ध होते हैं। इसी के साथ ये जीन उनकी संतानों में चला जाता है, जिससे मादा संतान वयस्क होने से पहले ही मर जाती है। और उस क्षेत्र में मादा रोगवाहक मच्छरों की संख्या में कमी आ जाती है।

इसके प्रारम्भिक प्रयोग दुनिया भर के विभिन हिस्सों में किये गए थे तथा किये जा रहे हैं| जैसे एक कंपनी ने ब्राजील में ए. इजिप्ती (मच्छर की प्रजाति) की आबादी के प्रभावी नियंत्रण सहित, कई रिलीज में ए. इजिप्ती जनसंख्या को 90 प्रतिशत से अधिक तक पहुंचने की सूचना दी है और उम्मीद है कि यह सीधे तौर पर मच्छर वाहक रोग संचरण को कम करेगा।

भारत में जीएमओ मच्छर?

ब्रिटिश कंपनी ऑक्सिटेक और गंगाबिशन भिकुललाल इन्वेस्टमेंट एंड ट्रेडिंग लिमिटेड की एक समाचार विज्ञप्ति के अनुसार, ब्राजील, पनामा और केमैन आइलैंड्स में मच्छरों के पांच खुले मैदान परीक्षणों में से प्रत्येक में जंगली “ए. एजिप्टी” की आबादी में 90% से अधिक की कमी आई है। कंपनियों ने कहा कि भारत के लिए ओपन फील्ड ट्रायल की भी योजना है| अभी के लिए, इंडिया प्रोजेक्ट को 23 जनवरी को दावलवाड़ी में आउटडोर केज्ड ट्रायल के साथ लॉन्च किया गया था।

इन परीक्षणों में, आनुवंशिक रूप से संशोधित मच्छरों को जंगली-प्रकार “a aegypti” मच्छरों के साथ सहवास करने के लिए पिंजरों में छोड़ दिया जाता है, तथा परिणामों की तुलना उन पिंजरों से की जाती है जहां मच्छरों को छोड़ा नहीं गया था।

हाल में किये गए प्रयोग तथा भविष्य में होने वाले प्रयोग

आनुवंशिक रूप से संशोधित मच्छर (उनमें से लगभग 1,44,000) आने वाले हफ्तों में फ्लोरिडा कीज़ में छोड़े जाएंगे। मई 2020 में पर्यावरण संरक्षण एजेंसी (EPA) द्वारा "प्रायोगिक उपयोग" के लिए पायलट कार्यक्रम, अनुमोदित किया गया था। यह देखने के लिए कि क्या आनुवंशिक रूप से संशोधित मच्छर कीटनाशकों के छिड़काव के लिए एक अच्छा कीट नियंत्रण विकल्प हैं।

आनुवंशिक रूप से संशोधित मच्छरों के बारे में विभिन्न मत\विचार

डब्ल्यूएचओ ग्लोबल मलेरिया प्रोग्राम के निदेशक डॉ पेड्रो अलोंसो ने कहा- पिछले 2 दशकों में हमने मौजूदा मलेरिया नियंत्रण उपकरणों के साथ उल्लेखनीय परिणाम हासिल किए हैं, जिससे 70 लाख से अधिक मौतें और बीमारी के 1.5 अरब मामले सामने आए हैं। हालांकि, हमारी वैश्विक मलेरिया रणनीति के प्रमुख लक्ष्यों की दिशा में प्रगति बंद है। आनुवंशिक रूप से संशोधित मच्छर कई आशाजनक नए उपकरणों में से एक हैं जो मलेरिया और अन्य वेक्टर जनित बीमारियों के खिलाफ प्रगति की गति को तेज करने में मदद कर सकते हैं।

उपेक्षित उष्णकटिबंधीय रोगों के नियंत्रण के लिए डब्ल्यूएचओ विभाग के निदेशक डॉ म्वेले मालेसेला ने कहा- "डेंगू की घटना लगातार बढ़ रही है और 129 से अधिक देशों में लोगों को प्रभावित कर रही है, इसलिए हमें डेंगू और अन्य अर्बोवायरल रोगों के ज्वार को रोकने के लिए अधिक टिकाऊ वेक्टर नियंत्रण उपकरणों की आवश्यकता है और कुछ नए उपकरण इन बीमारियों को नियंत्रित करने की क्षमता प्रदान करते हैं,"।

जैसा की आपको शुरू में ही बताया गया हे की यह तकनीक के उपयोग पर मतभेद है। आनुवंशिक रूप से संशोधित मच्छरों के पर आलोचना/चिंताएं व्यक्त की जाती हैं, वे निम्नलिखित हैं:
  • चिंता है कि जीएमओ मच्छर एक मजबूत मच्छर में बदल सकते हैं जो प्रजनन कर सकता है, जो एक नया खतरा बन गया है।
  • चिंता है कि जीएमओ मच्छर अज्ञात रोगजनकों को ले जा सकते हैं या विकसित कर सकते हैं जो मनुष्यों को चोट पहुंचाते हैं।
  • अधिकांश कीटनाशकों को सरकारी शोधकर्ताओं द्वारा सुरक्षित माना गया है, तो जीएमओ रिलीज का जोखिम क्यों उठाएं?
  • इसके विपरीत दावों के बावजूद, जीएमओ योजना के तहत एक नए प्रकार के मच्छर (एक जीएमओ मच्छर) को पर्यावरण में जोड़ा जाएगा।
  • डर है कि जीन संशोधन के बावजूद, कुछ रचे हुए जीएमओ मच्छर वयस्कता तक जीवित रहेंगे और प्रजनन करेंगे।
  • जीएमओ मच्छरों के उत्पादन की लागत बहुत महंगी और बहुत समय लेने वाली है।

आज भी इस पर सभी एकमत नहीं है कारण स्पष्ट है की व्यक्ति अपने आसपास के वतावरण में इस प्रकार का बदलाव को अपनने से डर रहे है और विभिन व्यक्तियों के भिन्न भिन्न मत है। अब देखना यह की इन ओपन फील्ड के परिणाम कैसे आते हैं।

सन्दर्भ:
https://www.cdc.gov/mosquitoes/mosquito-control/community/sit/genetically-modified-mosquitoes.html
https://www.mosquitomagnet.com/articles/gmo-mosquitoes-pros-cons
https://www.nature.com/articles/d41586-021-01186-6

लेखक परिचय: 
श्री देवेन्द्र कुमार गुर्जर वर्तमान में एकीकृत शिक्षक प्रशिक्षण कार्यक्रम के विद्यार्थी हैं। आपको विज्ञान संचार में विशेष अभिरूचि है। आपके अनेक लेख विभिन्न पत्र पत्रिकाओं में प्रकाशित हो चुके हैं। श्री गुर्जर से निम्न ईमेल आईडी पर सम्पर्क किया जा सकता है - devendrakumargurjar@outlook.com

COMMENTS

BLOGGER
नाम

अंतरिक्ष युद्ध,1,अंतर्राष्‍ट्रीय ब्‍लॉगर सम्‍मेलन,1,अंतर्राष्ट्रीय हिन्दी ब्लॉगर सम्मेलन-2012,1,अतिथि लेखक,2,अन्‍तर्राष्‍ट्रीय सम्‍मेलन,1,आजीवन सदस्यता विजेता,1,आटिज्‍म,1,आदिम जनजाति,1,इंदिरा गांधी नेशनल ओपन यूनिवर्सिटी,1,इग्‍नू,1,इच्छा मृत्यु,1,इलेक्ट्रानिकी आपके लिए,1,इलैक्ट्रिक करेंट,1,ईको फ्रैंडली पटाखे,1,एंटी वेनम,2,एक्सोलोटल लार्वा,1,एड्स अनुदान,1,एड्स का खेल,1,एन सी एस टी सी,1,कवक,1,किंग जार्ज मेडिकल कॉलेज,1,कृत्रिम मांस,1,कृत्रिम वर्षा,1,कैलाश वाजपेयी,1,कोबरा,1,कौमार्य की चाहत,1,क्‍लाउड सीडिंग,1,क्षेत्रीय भाषाओं में विज्ञान कथा लेखन,9,खगोल विज्ञान,2,खाद्य पदार्थों की तासीर,1,खाप पंचायत,1,गुफा मानव,1,ग्रीन हाउस गैस,1,चित्र पहेली,201,चीतल,1,चोलानाईकल,1,जन भागीदारी,4,जनसंख्‍या और खाद्यान्‍न समस्‍या,1,जहाँ डॉक्टर न हो,1,जितेन्‍द्र चौधरी जीतू,1,जी0 एम0 फ़सलें,1,जीवन की खोज,1,जेनेटिक फसलों के दुष्‍प्रभाव,1,जॉय एडम्सन,1,ज्योतिर्विज्ञान,1,ज्योतिष,1,ज्योतिष और विज्ञान,1,ठण्‍ड का आनंद,1,डॉ0 मनोज पटैरिया,1,तस्‍लीम विज्ञान गौरव सम्‍मान,1,द लिविंग फ्लेम,1,दकियानूसी सोच,1,दि इंटरप्रिटेशन ऑफ ड्रीम्स,1,दिल और दिमाग,1,दिव्य शक्ति,1,दुआ-तावीज,2,दैनिक जागरण,1,धुम्रपान निषेध,1,नई पहल,1,नारायण बारेठ,1,नारीवाद,3,निस्‍केयर,1,पटाखों से जलने पर क्‍या करें,1,पर्यावरण और हम,8,पीपुल्‍स समाचार,1,पुनर्जन्म,1,पृथ्‍वी दिवस,1,प्‍यार और मस्तिष्‍क,1,प्रकृति और हम,12,प्रदूषण,1,प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड,1,प्‍लांट हेल्‍थ क्‍लीनिक,1,प्लाज्मा,1,प्लेटलेटस,1,बचपन,1,बलात्‍कार और समाज,1,बाल साहित्‍य में नवलेखन,2,बाल सुरक्षा,1,बी0 प्रेमानन्‍द,4,बीबीसी,1,बैक्‍टीरिया,1,बॉडी स्कैनर,1,ब्रह्माण्‍ड में जीवन,1,ब्लॉग चर्चा,4,ब्‍लॉग्‍स इन मीडिया,1,भारत के महान वैज्ञानिक हरगोविंद खुराना,1,भारत डोगरा,1,भारत सरकार छात्रवृत्ति योजना,1,मंत्रों की अलौकिक शक्ति,1,मनु स्मृति,1,मनोज कुमार पाण्‍डेय,1,मलेरिया की औषधि,1,महाभारत,1,महामहिम राज्‍यपाल जी श्री राम नरेश यादव,1,महाविस्फोट,1,मानवजनित प्रदूषण,1,मिलावटी खून,1,मेरा पन्‍ना,1,युग दधीचि,1,यौन उत्पीड़न,1,यौन शिक्षा,1,यौन शोषण,1,रंगों की फुहार,1,रक्त,1,राष्ट्रीय पक्षी मोर,1,रूहानी ताकत,1,रेड-व्हाइट ब्लड सेल्स,1,लाइट हाउस,1,लोकार्पण समारोह,1,विज्ञान कथा,1,विज्ञान दिवस,2,विज्ञान संचार,1,विश्व एड्स दिवस,1,विषाणु,1,वैज्ञानिक मनोवृत्ति,1,शाकाहार/मांसाहार,1,शिवम मिश्र,1,संदीप,1,सगोत्र विवाह के फायदे,1,सत्य साईं बाबा,1,समगोत्री विवाह,1,समाचार पत्रों में ब्‍लॉगर सम्‍मेलन,1,समाज और हम,14,समुद्र मंथन,1,सर्प दंश,2,सर्प संसार,1,सर्वबाधा निवारण यंत्र,1,सर्वाधिक प्रदूशित शहर,1,सल्फाइड,1,सांप,1,सांप झाड़ने का मंत्र,1,साइंस ब्‍लॉगिंग कार्यशाला,10,साइक्लिंग का महत्‍व,1,सामाजिक चेतना,1,सुरक्षित दीपावली,1,सूत्रकृमि,1,सूर्य ग्रहण,1,स्‍कूल,1,स्टार वार,1,स्टीरॉयड,1,स्‍वाइन फ्लू,2,स्वास्थ्य चेतना,15,हठयोग,1,होलिका दहन,1,‍होली की मस्‍ती,1,Abhishap,4,abraham t kovoor,7,Agriculture,8,AISECT,11,Ank Vidhya,1,antibiotics,1,antivenom,3,apj,1,arshia science fiction,2,AS,26,ASDR,8,B. Premanand,5,Bal Kahani Lekhan Karyashala,1,Balsahitya men Navlekhan,2,Bharat Dogra,1,Bhoot Pret,7,Blogging,1,Bobs Award 2013,2,Books,57,Born Free,1,Bushra Alvera,1,Butterfly Fish,1,Chaetodon Auriga,1,Challenges,9,Chamatkar,1,Child Crisis,4,Children Science Fiction,2,CJ,1,Covid-19,7,current,1,D S Research Centre,1,DDM,5,dinesh-mishra,2,DM,6,Dr. Prashant Arya,1,dream analysis,1,Duwa taveez,1,Duwa-taveez,1,Earth,43,Earth Day,1,eco friendly crackers,1,Education,3,Electric Curent,1,electricfish,1,Elsa,1,Environment,32,Featured,5,flehmen response,1,Gansh Utsav,1,Government Scholarships,1,Great Indian Scientist Hargobind Khorana,1,Green House effect,1,Guest Article,5,Hast Rekha,1,Hathyog,1,Health,69,Health and Food,6,Health and Medicine,1,Healthy Foods,2,Hindi Vibhag,1,human,1,Human behavior,1,humancurrent,1,IBC,5,Indira Gandhi Rajbhasha Puraskar,1,International Bloggers Conference,5,Invention,9,Irfan Hyuman,1,ISRO,5,jacobson organ,1,Jadu Tona,3,Joy Adamson,1,julian assange,1,jyotirvigyan,1,Jyotish,11,Kaal Sarp Dosha Mantra,1,Kaal Sarp Yog Remady,1,KNP,2,Kranti Trivedi Smrati Diwas,1,lady wonder horse,1,Lal Kitab,1,Legends,12,life,2,Love at first site,1,Lucknow University,1,Magic Tricks,9,Magic Tricks in Hindi,9,magic-tricks,8,malaria mosquito,1,malaria prevention,1,man and electric,1,Manjit Singh Boparai,1,mansik bhram,1,media coverage,1,Meditation,1,Mental disease,1,MK,3,MMG,6,Moon,1,MS,3,mystery,1,Myth and Science,2,Nai Pahel,8,National Book Trust,3,Natural therapy,2,NCSTC,2,New Technology,10,NKG,74,Nobel Prize,7,Nuclear Energy,1,Nuclear Reactor,1,OPK,2,Opportunity,9,Otizm,1,paradise fish,1,personality development,1,PK,20,Plant health clinic,1,Power of Tantra-mantra,1,psychology of domestic violence,1,Punarjanm,1,Putra Prapti Mantra,1,Rajiv Gandhi Rashtriya Gyan Vigyan Puraskar,1,Report,9,Researches,2,RR,2,SBWG,3,SBWR,5,SBWS,3,Science and Technology,5,science blogging workshop,22,Science Blogs,1,Science Books,56,Science communication,22,Science Communication Through Blog Writing,7,Science Congress,1,Science Fiction,13,Science Fiction Articles,5,Science Fiction Books,5,Science Fiction Conference,8,Science Fiction Writing in Regional Languages,11,Science Times News and Views,2,science-books,1,science-puzzle,44,Scientific Awareness,5,Scientist,38,SCS,7,SD,4,secrets of octopus paul,1,sexual harassment,1,shirish-khare,4,SKS,11,SN,1,Social Challenge,1,Solar Eclipse,1,Steroid,1,Succesfull Treatment of Cancer,1,superpowers,1,Superstitions,51,Tantra-mantra,19,Tarak Bharti Prakashan,1,The interpretation of dreams,2,Tips,1,Tona Totka,3,tsaliim,9,Universe,27,Vigyan Prasar,33,Vishnu Prashad Chaturvedi,1,VPC,4,VS,6,Washikaran Mantra,1,Where There is No Doctor,1,wikileaks,1,Wildlife,12,Zakir Ali Rajnish Science Fiction,3,
ltr
item
Scientific World: क्या गुल खिलाएगा मच्छरों का जेनेटिक बदलाव?
क्या गुल खिलाएगा मच्छरों का जेनेटिक बदलाव?
Genetically modified mosquitoes pros and cons
https://blogger.googleusercontent.com/img/b/R29vZ2xl/AVvXsEiRRF0K5ms9dEZbBStWFEHON8g_XeL0Z_VD3VUtlJ5NHMLmLQ7nWwHzVdg3ob6E2_BxrQUPoKW2vxqq_VlLbSKBMUxSccYDZHbNW3HHyitv3zeYcNKckBITiKB9bz-DfgWXQGlYikldSa_I/s16000/gmo+mosquitoes.jpg
https://blogger.googleusercontent.com/img/b/R29vZ2xl/AVvXsEiRRF0K5ms9dEZbBStWFEHON8g_XeL0Z_VD3VUtlJ5NHMLmLQ7nWwHzVdg3ob6E2_BxrQUPoKW2vxqq_VlLbSKBMUxSccYDZHbNW3HHyitv3zeYcNKckBITiKB9bz-DfgWXQGlYikldSa_I/s72-c/gmo+mosquitoes.jpg
Scientific World
https://www.scientificworld.in/2021/10/genetically-modified-mosquitoes.html
https://www.scientificworld.in/
https://www.scientificworld.in/
https://www.scientificworld.in/2021/10/genetically-modified-mosquitoes.html
true
3850451451784414859
UTF-8
Loaded All Posts Not found any posts VIEW ALL Readmore Reply Cancel reply Delete By Home PAGES POSTS View All RECOMMENDED FOR YOU LABEL ARCHIVE SEARCH ALL POSTS Not found any post match with your request Back Home Sunday Monday Tuesday Wednesday Thursday Friday Saturday Sun Mon Tue Wed Thu Fri Sat January February March April May June July August September October November December Jan Feb Mar Apr May Jun Jul Aug Sep Oct Nov Dec just now 1 minute ago $$1$$ minutes ago 1 hour ago $$1$$ hours ago Yesterday $$1$$ days ago $$1$$ weeks ago more than 5 weeks ago Followers Follow THIS PREMIUM CONTENT IS LOCKED STEP 1: Share to a social network STEP 2: Click the link on your social network Copy All Code Select All Code All codes were copied to your clipboard Can not copy the codes / texts, please press [CTRL]+[C] (or CMD+C with Mac) to copy