Measles: Symptoms, Causes and Treatment in Hindi
इन दिनों कुछ जगहों पर खसरे (Khasra) की बीमारी फैली हुई है। हालाँकि सरकारी स्तर पर इसकी रोकथाम के लिए पर्याप्त उपाय किये जा रहे हैं, पर जानकारी के अभाव में यह बीमारी लगातार बढ रही है।
खसरा (Measles), एक अत्यंत संक्रामक बीमारी है। खसरा पैरामिक्सो (paramyxovirus) नामक वायरस से फैलता है। इससे बचाव के लिए टीकाकरण (Vaccination for Measles) ही एकमात्र उपाय है। यह टीका बच्चे को पहले वर्ष के आसपास लगाया जाता है।
खसरा श्वसन के माध्यम से फैलने वाली एक संक्रामक बीमारी है, जो 9 माह से 10 वर्ष तक के बच्चों में सर्वाधिक होता है। इस बीमारी में यह संक्रमण (Infection) आमतौर से 14 दिनों तक रहता है। यह सबसे अधिक संक्रामक बीमारियों में से एक है। इसके वायरस के संपर्क में आने वाले लोगों का अगर टीकाकरण नहीं हुआ है, तो वे इसके शिकार हो जाते हैं।
खसरा रोग के लक्षण (Measles Symptoms in Hindi):
खसरा से संक्रमित रोगी की आंखों में लाली, सूजन, खुजली होती है। आम भाषा में इसे आँख का आना (Conjunctivitis) कहा जाता है। इसके रोगी को गले में दर्द, खांसी, जुकाम (Cough) नाक से पानी बहना (Coryza), और तेज बुखार आता है। इसके साथ ही शरीर में थकान और टूटन होती है
यदि इस बीमारी का उचित उपचार न हो, तो फेफड़े में संक्रमण हो सकता है। जब वयस्क को यह बीमारी होती है, तो इसके वायरल निमोनिया (viral pneumonia) में बदलने का खतरा रहता है। ऐसी दशा रोगी के लिये बेहद खतरनाक होती है, जिसका उपचार आवश्यक होता है।
खसरा रोग से बचाव और उपाय (Treatment of Measles in Hindi)
चूंकि यह रोक संक्रमण के द्वारा फैलता है, इसलिए इसके रोगी को विशेष कक्ष में रखना फायदेमंद रहता है। इससे दूसरे लोगों तक संक्रमण नहीं पहुंचता है और बीमारी को नियंत्रित करना आसान होता है।
यदि रोगी को तेज बुखार की शिकायत हो तो, उसके सिर पर देशी घी की मालिश करें और पानी में भिगो कर सूती कपड़े की पट्टी माथे पर रखें। रोगी साफ-सफाई पर विशेष ध्यान दें। उसे रोज ताजे पानी से नहलाएं। नहाने में साबुन का उपयोग न करें। और शरीर को रगड़े नहीं, इससे तकलीफ बढ़ जाती है।
रोगी के मुंह को साफ करने के लिए गुनगुने पानी का इस्तेमाल करना चाहिए। अगर उसमें थोडी सी लाल दवा (Potassium permanganate) डाल दें, तो बेहतर है। पर ध्यान रहे, दांतों को साफ करते समय ज्यादा जोर न दें। रोगी की आंखों में में सोते समय गुलाब जल डालने पर लाभ होता है। इसके अलावा सुबह बोरिक पाउडर (Boric powder) गुनगुने पानी में रूई भिगोकर आंखों को आंखों को धोना चाहिए।
रोगी के शरीर की साफ-सफाई के साथ उसके कपड़ों पर भी विशेष ध्यान देना चाहिए। उसे ढीले और सूती कपड़े पहनाने चाहिए तथा उन्हें रोज बदल देना चाहिए। इसके साथ ही उसके बिस्तर पर सूती चादर बिछानी चाहिए और उसे रोज बदल देना चाहिए। बीमारी की दशा में रोगी को बाहर नहीं ले जाना चाहिए। अगर बहुत आवश्यक हो, तो मोटे सूती कपड़े से ढ़क कर ले जाना चाहिये। इसके साथ ही रोगी के रहने के स्थान पर भी ध्यान देना आवश्यक है। वह बहुत गर्म, ठंडा अथवा सीलन वाला नहीं होना चाहिए।
रोगी का खानपान एवं घरेलू उपचार (Herbal Home Remedies for Measles):
खसरे के रोगी के खानपान पर बहुत ध्यान की आवश्यकता होती है। उसे खाने में हलका और आसानी से पचने वाला भोजन देना चाहिए। उसके भोजन में नमकीन चीजें नहीं होनी चाहिए, क्योंकि उनसे शरीर में खुजली बढ़ने की संभावना रहती है।
खसरा के रोगी को विटामिन युक्त पदार्थ जैसे कि पालक, गाजर आदि अधिक मात्रा में देना चाहिए, इससे रोग पर नियंत्रण करने में मदद मिलती है और शरीर को भरपूर ऊर्जा प्राप्त होती है। इसके साथ ही रोगी को दिन में एक या दो नारियल का पानी (Coconut Water) देने से भी लाभ होता है। नारियल का पानी पोषक तत्वों से भरपूर होता है और शरीर के संक्रमण को दूर करने में मदद मिलती है। एक पिया जा सकता है।
खसरा के रोगी को विटामिन युक्त पदार्थ जैसे कि पालक, गाजर आदि अधिक मात्रा में देना चाहिए, इससे रोग पर नियंत्रण करने में मदद मिलती है और शरीर को भरपूर ऊर्जा प्राप्त होती है। इसके साथ ही रोगी को दिन में एक या दो नारियल का पानी (Coconut Water) देने से भी लाभ होता है। नारियल का पानी पोषक तत्वों से भरपूर होता है और शरीर के संक्रमण को दूर करने में मदद मिलती है। एक पिया जा सकता है।
खसरा के रोगी को विटामिन सी से युक्त फल जैसे कि संतरे का रस और पानी में मिला कर नींबू का रस पिलाने से लाभ होता है। इससे रोगी का मुंह सूखता नहीं है और उसकी रोग प्रतिरोधक क्षमता भी बढ़ती है। आंवला में भी विटामिन सी भरपूर मात्रा में पाया जाता है। यदि इसके पाउडर को पानी में घोलकर रोगी को दिया जाये, तो उसे लाभ होता है। साथ ही आंवले के पाउडर को पानी में मिलाकर रोगी के शरीर की सफाई करने से उसके दोनों की खुजली और जलन में भी लाभ होता है।
सावधानी एवं बचाव:
आमतौर से मीजल्स वाइरल को रोकने के लिए कोई कारगर दवा उपलब्ध नहीं है, लेकिन बच्चों में शुरुआत में ही टीका लगवाकर इससे बचा जा सकता है। अन्य रोगियों को दी जाने वाली दवाएं लक्षणों के आधार पर ही दी जाती हैं। इसलिए खसरे का अंदेशा होने पर यह आवश्यक है कि किसी योग्य डाक्टर से इलाज कराया जाए।
चूंकि खसरे में पहले बुखार होता है और फिर दो तीन दिन बाद दाने होते हैं। इसलिए कई बार रोगी के अभिभावक इसे बुखार में दी गयी एंटीबायटिक (antibiotics) का दुष्प्रभाव मानकर स्टेरायड (steroids) दवाओं का सेवन करने लगते हैं। इसलिए अभिभावकों को इससे भी बचना चाहिए और किसी योग्य चिकित्सक से सलाह लेनी चाहिए।
बढ़िया जानकारी दी , उपयोगी
जवाब देंहटाएंsir dano m baht khujli h main bukhar k liye combiflame kha raha hu ki side effect to nahi h kya lal dawa ko danon par laga sakte h
जवाब देंहटाएंmeri 9 mnth ki beti h use bhi hua h measles wo kuch nahi kha rahi kya koi aur way h ya option uska injection isi week tha usse pehle hi use measles ho gaya h plzz help kare kya karu?
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