(तस्लीम द्वारा पूर्व में आयोजित राष्ट्रीय विज्ञान कथा कार्यशाला मे उद्घाटन करते अन्तर्राष्ट्रीय लेखक श्री अनिल मेनन) यह कोई कह...
(तस्लीम द्वारा पूर्व में आयोजित राष्ट्रीय विज्ञान कथा कार्यशाला मे उद्घाटन करते अन्तर्राष्ट्रीय लेखक श्री अनिल मेनन) |
यह कोई कहने की बात नहीं कि वर्तमान युग
विज्ञान का युग है। आज विज्ञान जिस गति से प्रगति की सीढ़ियाँ चढ़ रहा है, वह
किसी से छिपा नहीं है। इस प्रगति का एक शानदार उदाहरण है इंटरनेट। आज उद्योगपति,
फिल्मी हस्तियाँ, स्कूल-कॉलेज, यहाँ तक कि धर्म और समाज कार्यों से जुड़े व्यक्ति भी इंटरनेट के द्वारा
लोगों तक अपनी पहुँच को आसान बना रहे हैं।
ब्लॉग, वेबसाईट, वेबपोर्टल, सोशल नेटवर्किंग साइट के सम्मिलन से
तैयार हुआ यह न्यू मीडिया आज सम्पूर्ण विश्व में अपनी धाक जमा रहा है। न्यू
मीडिया आज न सिर्फ साहित्यिक अभिव्यक्तियों, वरन सामाजिक एवँ
राजनैतिक प्रतिबद्धताओं के साथ आगे आ रहा
है वरन अपनी वैचारिकता, गम्भीरता और प्रतिबद्धताओं के मामले
में शेष विश्व को आकर्षित करने के साथ-साथ उन्हें काफी हद तक आश्चर्यचकित करने
का कार्य भी कर रहा है।
लेकिन इसी के साथ ही साथ न्यू मीडिया के
सामने तमाम तरह के खतरे भी सिर उठा रहे हैं। अभिव्यक्ति की आजादी के नये द्वार के
रूप में अवतरित हुआ यह मीडिया जहाँ सामाजिक वर्जनाओं को तोड़ने में मुख्य भूमिका
निभा रहा है,
वहीं अक्सर भाषाई मर्यादाओं और निजता के अधिकारों को भी छिन्न-भिन्न
करता हुआ प्रतीत होता है। ऐसे में यह सवाल उठना भी स्वाभाविक है कि कहीं यह मीडिया
आजादी के नाम पर उच्चश्रृंख्लता का शिकार तो नहीं हो रहा?
इन्हीं तमाम बिन्दुओं पर विचार गहन
विमर्ष करने के उद्देश्य से ‘तस्लीम’ एवँ 'परिकल्पना समूह' द्वारा संयुक्त रूप से 27 अगस्त, 2012 को राय उमानाथ बली प्रेक्षगृह, कैसरबाग,
लखनऊ में ‘अन्तर्राष्ट्रीय ब्लॉगर सम्मेलन’
का आयोजन किया जा रहा है, जिसमें न्यू मीडिया
से जुड़े हुए देश-विदेश के महत्वपूर्ण हस्ताक्षरों को आमंत्रित करने की योजना है,
जिससे इस विमर्श को सार्थकता प्रदान की जा सके और इससे जुड़े हुए
लोगों को उनके दायित्वों एवं कर्तव्यों का बोध भी कराया जा सके।
ध्यातव्य है की तस्लीम इससे पूर्व भी लखनऊ में 'साइंस ब्लागिंग कार्यशाला', 'राष्ट्रीय बाल साहित्य संगोष्ठी' एवँ 'राष्ट्रीय विज्ञान कथा कार्यशाला' का आयोजन सफलतापूर्वक कर चुकी है। ये कार्यक्रम एन.सी.एस.टी.सी., विज्ञान प्रसार, नेशनल बुक ट्रस्ट, नई दिल्ली एवँ उत्तर प्रदेश हिन्दी संस्थान, लखनऊ द्वारा संयुक्त रूप से आयोजित किये गए थे।
सकारात्मक ब्लागिंग को बढ़ावा देने के उद्देश्य से आयोजित इस कार्यक्रम में मुख्य रूप से चर्चा हेतु निम्न तीन बिंदु प्रस्तावित हैं
प्रथम सत्रः न्यू मीडिया की भाषाई
चुनौतियाँ
द्वितीय सत्रः न्यू मीडिया के सामाजिक
सरोकार
तृतीय सत्रः न्यू मीडिया, दशा,
दिशा एवँ दृष्टि
सम्मेलन के दौरान सकारात्मक ब्लॉगिंग को
बढ़ावा देने वाले 51 ब्लॉगर्स तथा प्रमुख साहित्यकारों को ‘तस्लीम
परिकल्पना सम्मान-2011’ से सम्मानित किया जाएगा। इस अवसर पर
डॉ0 जाकिर अली ‘रजनीश’ की पुस्तक ‘भारत के महान वैज्ञानिक’ एवँ अलका सैनी के कहानी
संग्रह ‘लाक्षागृह’ तथा त्रैमासिक
पत्रिका ‘वटवृक्ष’ के ‘वृहद ब्लॉगर दशक विशेषाँक’ का लोकार्पण भी किया
जाएगा।
कार्यक्रम की सम्पूर्ण रूपरेखा अन्तिम
प्रक्रिया है,
शीघ्र ही उसे आप तक पहुँचाया जाएगा। कार्यक्रम के सम्बंध में विशेष
जानकारी तथा प्रायोजन सम्बंधी पूछताछ के लिए इच्छुक व्यक्ति तस्लीम के महामंत्री
डॉ0 जाकिर अली ‘रजनीश’ (मो0 9935923334, ईमेलः
zakirlko AT gmail DOT com) तथा परिकल्पना समूह के संयोजक
श्री रवीन्द्र प्रभात (मो0 9415272608 ईमेलः parikalpanaa AT gmail DOT com) से सम्पर्क कर सकते हैं।
शुभकामनायें भाई :-)
जवाब देंहटाएंमिलते हैं फिर वहीँ....!
जानकर बहुत खुशी हुई।
जवाब देंहटाएंकार्यक्रम की सफलता के लिए हमारी शुभकामनाएँ।
यदि मैं किसी काम आ सकूँ तो बताइएगा।
Bahut badhiya....
जवाब देंहटाएंसकारात्मक ब्लागिंग ओर परिकल्पना समूह का क्या रिश्ता ?
जवाब देंहटाएंकार्यक्रम की सफलता के लिए बहुत बहुत शुभकामनायें ...
जवाब देंहटाएंकार्यक्रम की सफलता के लिए बहुत बहुत शुभकामनायें ...
जवाब देंहटाएंजय हो जय जय हो । इस प्रयास के लिए बहुत बहुत बधाई और शुभकामनाएं आप सबको ।
जवाब देंहटाएंशुभकामनायें ||
जवाब देंहटाएंBahut achchha prayas hai. Hardik Shubhkamnayen.
जवाब देंहटाएंGitesh, Barabanki.
shubhkamnayen.. kash ham bhi aa payen:)
जवाब देंहटाएंबहुत बहुत शुभकामनायें ...
जवाब देंहटाएंbahut bahut badhai!
जवाब देंहटाएंबहुत बहुत शुभकामनायें ...
जवाब देंहटाएंbahut bahut mubarak ho ,,hamari nek khwahishat aap ke saath hain
जवाब देंहटाएंKhuda is programme ko kamyab kare
बहुत बहुत बधाई और शुभकामनाएं
जवाब देंहटाएंbadhai
जवाब देंहटाएं