मंचासीन अतिथि बाएं से दाएं श्रीमती किंकिणी दासगुप्ता मिश्रा , एस. के. सारस्वत , आर. के. शर्मा और इ. अनुज सिन्हा विज्ञान एवं प्रौद्योगि...
मंचासीन अतिथि बाएं से दाएं श्रीमती किंकिणी दासगुप्ता मिश्रा, एस. के. सारस्वत, आर. के. शर्मा और इ. अनुज सिन्हा |
विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी मंत्रालय के विज्ञान प्रसार और मानव संसाधन विकास मंत्रालय के राष्ट्रीय मुक्त विद्यालय संस्थान, एनआईओएस, द्वारा संयुक्त रूप से नोएडा में राष्ट्रीय विज्ञान दिवस आयोजित किया गया। कॉलेज और स्कूल के विद्यार्थियों के लिए पूरे दिन इस अवसर पर अनेक प्रतियोगिताएं आयोजित की गईं तथा इसमें बड़ी संख्या में प्रतिभागियों ने भागीदारी की।
इस आयोजन का मूल विचार था ’‘आइए रसायन विज्ञान का उत्सव मनाएं: जो हमारा जीवन और हमारा भविष्य है’‘। इस अवसर पर एनआईओएस के क्षेत्रीय केंद्र में अनेक अकादमिक संस्थानों ने अपनी गतिविधियों और उपलब्धियों की प्रदर्षनी लगाई।
इस आयोजन का मूल विचार था ’‘आइए रसायन विज्ञान का उत्सव मनाएं: जो हमारा जीवन और हमारा भविष्य है’‘। इस अवसर पर एनआईओएस के क्षेत्रीय केंद्र में अनेक अकादमिक संस्थानों ने अपनी गतिविधियों और उपलब्धियों की प्रदर्षनी लगाई।
पोस्टर और कार्टून प्रतियोगिता |
इस कार्यक्रम का उद्घाटन करते हुए डॉ. एस. एस. जेना, चेयरमैन, एनआईओएस और इं अनुज सिन्हा, निदेशक, विज्ञान प्रसार ने भविष्य में सार्थक साझेदारी की उम्मीद जताई। डॉ. जेना ने कहा, ’‘इस कार्यक्रम ने दो प्रतिष्ठित संस्थानों को एक साथ एक मंच पर सभी के लिए गुणवत्तापरक शिक्षा उपलब्ध कराने के अपने समान उद्देश्य के लिए लाया है।’‘ इं सिन्हा ने कहा, ’‘यह कार्यक्रम अनेक संस्थानों, स्कूलों और कॉलेजों के वैज्ञानिकों/विद्यार्थियों/शिक्षकों के मध्य सेतु का कार्य करेगा। इसके अलावा यह कार्यक्रम समाज को अंतर्राष्ट्रीय रसायन विज्ञान वर्ष 2011 के अंतर्गत हुए विकास से भी परिचय स्थापित करेगा।
राष्ट्रीय विज्ञान दिवस के मूल विचार ’‘आइए रसायन विज्ञान का उत्सव मनाएं: जो हमारा जीवन और हमारा भविष्य है’‘ के बारे में बताते हुए डॉ. सुबोध महंती, अकादमिक प्रमुख, विज्ञान प्रसार ने कहा कि वर्ष 2011 को संयुक्त राष्ट्र द्वारा ’‘अंतर्राष्ट्रीय रसायन विज्ञान वर्ष’‘ के रूप में घोषित किया गया है। यह वर्ष संयोगवश मदाम मारी क्यूरी को नोबेल पुरस्कार मिलने की 100वीं वर्षगांठ भी है। विज्ञान में महिलाओं के योगदान का उत्सव मनाने का भी यह एक अवसर है। अंतर्राष्ट्रीय रसायन विज्ञान वर्ष 2011 के दौरान विज्ञान प्रसार कौन-कौन से कार्यक्रम और गतिविधियां आयोजित करेगा, इसकी जानकारी भी डॉ. महंती ने दी।
डॉ. कुलदीप अग्रवाल, निदेशक (अकादमिक) एनआईओएस ने सभी प्रतिभागियों को आभार व्यक्त किया। डॉ. एस. के. मिश्रा, क्षेत्रीय निदेशक, एनआईओएस उद्घाटन सत्र में उपस्थित थे।
इस अवसर पर डॉ. एस. एस. जेना, चेयरमैन, एनआईओएस, इं अनुज सिन्हा, निदेशक, विज्ञान प्रसार और डॉ. कुलदीप अग्रवाल, निदेशक (अकादमिक), एनआईओएस ने विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी की प्रदर्शनी का उद्घाटन किया।
राष्ट्रीय विज्ञान दिवस के मूल विचार ’‘आइए रसायन विज्ञान का उत्सव मनाएं: जो हमारा जीवन और हमारा भविष्य है’‘ के बारे में बताते हुए डॉ. सुबोध महंती, अकादमिक प्रमुख, विज्ञान प्रसार ने कहा कि वर्ष 2011 को संयुक्त राष्ट्र द्वारा ’‘अंतर्राष्ट्रीय रसायन विज्ञान वर्ष’‘ के रूप में घोषित किया गया है। यह वर्ष संयोगवश मदाम मारी क्यूरी को नोबेल पुरस्कार मिलने की 100वीं वर्षगांठ भी है। विज्ञान में महिलाओं के योगदान का उत्सव मनाने का भी यह एक अवसर है। अंतर्राष्ट्रीय रसायन विज्ञान वर्ष 2011 के दौरान विज्ञान प्रसार कौन-कौन से कार्यक्रम और गतिविधियां आयोजित करेगा, इसकी जानकारी भी डॉ. महंती ने दी।
डॉ. कुलदीप अग्रवाल, निदेशक (अकादमिक) एनआईओएस ने सभी प्रतिभागियों को आभार व्यक्त किया। डॉ. एस. के. मिश्रा, क्षेत्रीय निदेशक, एनआईओएस उद्घाटन सत्र में उपस्थित थे।
इस अवसर पर डॉ. एस. एस. जेना, चेयरमैन, एनआईओएस, इं अनुज सिन्हा, निदेशक, विज्ञान प्रसार और डॉ. कुलदीप अग्रवाल, निदेशक (अकादमिक), एनआईओएस ने विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी की प्रदर्शनी का उद्घाटन किया।
विजेताओं को पुरस्कृत करते हुए श्रीमती किंकिणी दासगुप्ता मिश्रा और इ. अनुज सिन्हा |
मीडिया में प्रौद्योगिकीय विकास, नैनो-टेक्नोलॉजी में उन्नति, नवाचारी प्रयोग, लोकप्रिय विज्ञान साहित्य, पृथ्वी ग्रह को बचाने के लिए बनाए गए रंगीन पोस्टरों को प्रदर्शित करने के लिए विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी की यह प्रदर्शनी लगाई गई। विज्ञान प्रसार ने लोकप्रिय विज्ञान से जुड़े अपने प्रकान, पोस्टर और गतिविधि किट, सी डी रॉम, फिल्म आदि जैसे इंटरेक्टिव संसाधन सामग्रियों की प्रदर्शनी लगाई। एनआईओएस ने अपनी मुद्रित सामग्री और श्रव्य-दृश्य सहायक सामग्रियों को प्रदर्शित किया।
इस प्रदर्शनी में विज्ञान प्रसार, एनआईओएस, नेशनल इनोवेशन फाउंडेशन-इंडिया, नेशनल रिसर्च एंड डिवलपमेंट कार्पोरेशन, नैनो साइंस एंड टैक्नोलॉजी कंसोर्टियम, जागरण इंस्टीट्यूट ऑफ मॉस कम्यूनिकेशन, और साधना एकेडमी ऑफ मीडिया स्टडीज ने अपनी संसाधन सामग्रियों तथा नवाचारों को प्रदर्शित किया।
’‘अगर व्याख्यान विधि को परियोजना आधारित सीखने की प्रक्रिया से जोड़ा जाए तो हाईस्कूल और कॉलेज स्तर पर रसायन विज्ञान के अधिगम तथा शिक्षण को बहुत रोचक बनाया जा सकता है। इस पद्धति में सीखने के लक्ष्य बेहद स्पष्ट होने चाहिए’‘ श्री एस.के. सारस्वत, सीईओ, थार एजुकेशन फाउंडेशन ने ये विचार रखे। 28 फरवरी की सुबह एनआईओएस, नोएडा के क्षेत्रीय केंद्र में राष्ट्रीय विज्ञान दिवस के अवसर पर वह अपना व्याख्यान दे रहे थे।
पुरस्कृत करते डॉ. सुबोध महंती |
इस कार्यक्रम के दौरान विद्यार्थियों के लिए कार्बन फूटप्रिंट की कमी से हमारी जीवन शैली में महत्वपूर्ण बदलाव आएंगे, जलवायु परिवर्तन या एक जंगल के अनेक मूड, प्रकृति का स्वच्छीकरण, मानवजनित प्रदूषक विषयों पर चार प्रकार की प्रतियोगिताएं आयोजित की र्गइं जिनमें शामिल थे वाद-विवाद, क्विज, पोस्टर और कार्टून प्रतियोगिता! अनेक संस्थाओं से आबद्ध एनआईओएस के विद्यार्थियों, नोएडा और एनसीआर के स्कूल व कॉलेज के विद्यार्थियों ने इन प्रतियोगिताओं में उत्साह के साथ हिस्सा लिया।
वाद-विवाद, पोस्टर और कार्टून प्रतियोगिताओं के विजेताओं को डॉ0 कुलदीप अग्रवाल, निदेशक (अकादमिक), एनआईओएस तथा इं अनुज सिन्हा, निदेशक, विज्ञान प्रसार ने पुरस्कृत किया।
विज्ञान दिवस समारोह में श्रीमती किंकिणी दासगुप्ता मिश्रा, वैज्ञानिक 'इ', विज्ञान प्रसार ने सभी अतिथियों और प्रतिभागी आगंतुकों के प्रति आभार व्यक्त किया | समारोह का समन्वय श्री निमिष कपूर, वैज्ञानिक 'सी', विज्ञान प्रसार ने किया और श्री अरविन्द सी रानाडे, वैज्ञानिक 'डी', श्री कपिल त्रिपाठी, वैज्ञानिक 'डी', श्री बी. के. त्यागी, वैज्ञानिक 'डी', जे. के. चंदेल, लेखाधिकारी, बिश्वजीत चंदा, वित्त अधिकारी तथा विज्ञान प्रसार एवं एन आई ओ एस के अन्य अधिकारियों और कर्मचारियों ने इस कार्यक्रम में सक्रीय रूप से भागीदारी की |
उत्साहित प्रतिभागी पूरे दिन के कार्यक्रम में उपस्थित रहे और उनमें से अनेक ने आयोजित प्रतियोगिताओं में आकर्षक पुस्कार भी जीते। सुश्री अशिमा सिंह, सलाहकार, एनआईओएस ने इस साझेदारी को बल दिया तथा दोनों अग्रणी संस्थानों के परस्पर सहयोग की सराहना की।
सी वी रमन द्वारा रमन प्रभाव की खोज के उपलक्ष्य में प्रत्येक वर्ष की 28 फरवरी को भारत में राष्ट्रीय विज्ञान दिवस के रूप में उत्सव मनाया जाता है। सर सी वी रमन ने 28 फरवरी, 1928 को रमन प्रभाव की खोज की थी जिसके लिए 1930 में उन्हें नोबेल पुरस्कार दिया गया था।
सी वी रमन द्वारा रमन प्रभाव की खोज के उपलक्ष्य में प्रत्येक वर्ष की 28 फरवरी को भारत में राष्ट्रीय विज्ञान दिवस के रूप में उत्सव मनाया जाता है। सर सी वी रमन ने 28 फरवरी, 1928 को रमन प्रभाव की खोज की थी जिसके लिए 1930 में उन्हें नोबेल पुरस्कार दिया गया था।
मनीष मोहन गोरे
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विज्ञान संचार के क्षेत्र में विज्ञान प्रसार अतुलनीय योगदान कर रहा है | देश में इस संस्थान ने वैज्ञानिक दृष्टिकोण का विकास करने में कोई कसर नहीं छोड़ी है | मेरा साधुवाद विज्ञान प्रसार और इसके वैज्ञानिकों को |
जवाब देंहटाएंनवीन पाण्डेय
दिल्ली
राष्ट्रीय विज्ञान दिवस पर
जवाब देंहटाएं“जब अणु प्रकाश को बिखरते हैं तो उस समय मूल प्रकाश में परिवर्तन हो जाता है नवीन किरणों की उपस्तिथि से हम यह परिवर्तन देख सकते है इस परिक्षिप्त प्रकाश में जो किरणे दिखाई पड़ी वही किरणे ‘रमण किरणे’ कहलाई”
मात्र २०० रुपयों के उपकरणों पर की गयी महान खोजने 28 फरवरी 1928 को देश के लिए यादगार दिन बना दिया |
bahut sundar ...
जवाब देंहटाएंkal aapki yah post aur blog charchamanch par hoga ... abhaar
जवाब देंहटाएंबहुत सुन्दर अभिब्यक्ति| धन्यवाद|
जवाब देंहटाएंबहुत अच्छी जानकारी ! धन्यवाद !
जवाब देंहटाएंइस जानकारी को हमसे बांटने के लिए आभार।
जवाब देंहटाएंजानकारी साझा करने के लिए धन्यवाद
जवाब देंहटाएंरिपोर्ट पढ़ी .
जवाब देंहटाएंजानकारी मिली.
अच्छा लगा ,आभार.