यह बहुत अच्छी बात है कि ब्लॉगिंग संवाद का एक दुतरफा माध्यम है, इसलिए आम लोगों में इससे बेहतर तरीके से संवाद स्थापित किया जा सकता है। दू...
यह बहुत अच्छी बात है कि ब्लॉगिंग संवाद का एक दुतरफा माध्यम है, इसलिए आम लोगों में इससे बेहतर तरीके से संवाद स्थापित किया जा सकता है। दूसरी अच्छी बात यह है कि हम भारतीय और दूसरी तकनीक की तुलना में ब्लॉगिंग में पीछे नहीं हैं। और तीसरी अच्छी बात यह है कि असीम समभावनाएं छिपी हुई हैं।
बरकतुल्ला विश्वविद्यालय, भोपाल एवं देवी अहिल्या विश्वविद्यालय, इन्दौर के पूर्व कुलपति एवं प्रसिद्ध शिक्षाविद श्री महेन्द्र सोढ़ा ने ‘ब्लॉग लेखन के द्वारा विज्ञान संचार‘ विषयक पांच दिवसीय कार्यशिविर के उद्घाटन सत्र में मुख्य अतिथि के रूप में उपरोक्त उद्गार व्यक्त किये। कार्य शिविर का आयोजन राष्ट्रीय विज्ञान एवं प्रौ्द्यौगिकी संचार परिषद, नई दिल्ली एवं तस्लीम के द्वारा लखनउ के संयुक्त तत्वाधान में किया जा रहा है।
उद्घाटन सत्र की अध्यक्षता साइंस ब्लॉगर्स असोसिएशन के अध्यक्ष डा0 अरविंद मिश्र ने किया। उन्होंने अपने पॉवर प्वाइंट प्रजेंटेशन के जरिए उन्होंने सांइस ब्लॉगिंग की मूलभूत अवधारणाओं से अवगत कराया। उन्होंने कहा कि ब्लॉग अभिव्यक्ति के सशक्त माध्यम के रूप में आम लोगों में तेजी से अपनी पहचान बना रहे हैं और प्रिंट मीडिया द्वारा भी अब कई ब्लॉगों की सामग्री प्रमुखता से छापी जा रही है।
उद्घाटन सत्र में जाने पहचाने ब्लॉगर श्री सिद्धार्थ शंकर त्रिपाठी ने ब्लॉग जगत से जुड़े अपने अनुभवों को विस्तार से बताया और इलाहाबाद में आयोजित हुए दो पूर्व ब्लॉगिंग सेमिनारों के प्रमुख बिन्दुओं की चर्चा की।
उद्घाटन सत्र में इंडियन साइंस कम्युनिकेशन सोसाइटी के अध्यक्ष डा0 वी0 पी0 सिंह द्वारा यह जानकारी भी दी गयी कि कतिपय ब्लॉगों की सामग्री प्रमुख समाचार पत्रों में नियमित रूप से छप रही है, जिसका मानदेय भी सम्बंधित ब्लॉगर को दिया जा रहा है। कार्यक्रम का संचालन ‘तस्लीम‘ के महामंत्री और इस आयोजन के संयोजक जाकिर अली ‘रजनीश‘ ने किया।
उद्घाटन सत्र के बाद आयोजित प्रथम तकनीकी सत्र में जीशान हैदर जैदी ने मुख्य वक्ता के रूप में ब्लॉगिंग की बारीक जानकारियों से प्रशिक्षुओं को अवगत कराया। उन्होंने ब्लॉगिंग सम्बंधी अपने अनुभवों को साझा करते हुए कहा कि यह एक जबरदस्त माध्यम है, जिसमें लेखक को अपने लेखन पर प्रतिक्रिया तुरन्त मिल जाती है।
सत्र के दूसरे वक्ता श्री अमित ओम ने ब्लॉगिंग को एक जादुई पिटारा बताते हुए कहा कि इसके द्वारा आप अपने विचार लिख कर बता सकते हैं, अपनी अनूभूतियों को चित्र के रूप में अभिव्यक्त कर उसे पाठकों के समक्ष रख सकते हैं। इसके अलावा आप अपने अनुभवों को आडियो और वीडियो के रूप में भी पाठकों के समक्ष रख सकते हैं और इसके बल पर सारे संसार में अपनी पहचान बना सकते हैं।
प्रथम तकनीकी सत्र की अध्यक्षता करते हुए सिद्धार्थ शंकर त्रिपाठी जी ने प्रतिभागियों का हौसला बढ़ाते हुए ब्लॉगिंग की दुनिया में उतरने का आमंत्रण दिया।
कल दिनांक 28 अगस्त 2010 को ब्लॉगिंग का दूसरा और तीसरा तकनीकी सत्र आयोजित किया जाएगा, जिसमें ब्लॉग तकनीक के महारथी रवि रतलामी और शैलेष भारतवासी जी प्रशिक्षुओं को ब्लॉगिंग के तकनीकी पहलुओं से अवगत कराएंगे।
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अच्छी लगी रिपोर्ट , विस्तृत रिपोर्ट का इंतजार ।
जवाब देंहटाएंजानकर अच्छा लगा कि कार्यशाला का बेहतर उदघाटन हुआ और प्रशिक्षुओं को जैदी साहब नें ब्लागिंग की बारीकियां भी बतलाईं , काश हम भी इसका लाभ ले पाये होते ! सिद्धार्थ भाई के अनुभवों से वंचित रह जाने का दुःख साल रहा है अरविन्द जी का पावर पॉइंट प्रजेंटेशन एक खांटी दर्शक की कमी ज़रूर महसूस कर रहा होगा ऐसा हमें विश्वास है !
जवाब देंहटाएंएक बात जो खटक रही है कि फूल देते वक़्त ज़ाकिर भाई तनाव में क्यों हैं ? फोटोग्राफ्स अच्छे हैं पर कैप्शन भी डाले जायें !
कार्यशाला सबके लिए मुफीद हो ऐसी दुआएं कर रहे हैं हम !
शुभकामनांए.
जवाब देंहटाएंअच्छी लगी रिपोर्ट,शुभकामनांए.
जवाब देंहटाएंसमाचार से प्रसन्नता हुई। आगे के समाचारों पर निगाह रहेगी।
जवाब देंहटाएंअच्छी रही यह रिपोर्ट शुक्रिया इस जानकारी के लिए
जवाब देंहटाएंइस टिप्पणी को लेखक द्वारा हटा दिया गया है.
जवाब देंहटाएंAli sa, tanaav ap sab ki kamee ka hai.
जवाब देंहटाएंApnepan ke liye aabhar.
aabhar
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