इसमें कोई दोराय नहीं कि फीफा वर्ड कप के सेमी फाइनल और फाइनल मैचों की 'सही भविष्याणी' करके ऑक्टोपस पाल बाबा ने काफी नाम कमाया है। लेक...
कैसे आई पॉल बाबा में अलौकिक शक्ति?
रीढ़ विहीन जीवों ने नि:संदेह ऑक्टोपस सबसे समझदार जीव होता है, जो अपने शिकारियों को छकाने में माहिर होता है। इसके बारे में बहुत कुछ लिखा-पढ़ा जा जुका है। लेकिन इतना तो तय है कि इसकी अलौकिक शक्ति का राज़ इसकी याद्दाश्त में निहित है। आपको बताते चलें कि आक्टोपस देख कर सीखने की क्षमता रखता है। बस इसी का फायदा उठाकर इसके ट्रेनर ने इसे सिखाना शुरू किया, ठीक उसी तरह जैसे रिचमण्ड वर्जीनिया की श्रीमती सी0डी0 फौन्डा ने 'लेडी वण्डर' नामक घोड़ी का ट्रेन किया गया था और दावा यह किया जाता था कि वह अलौकिक शक्ति की स्वामिनी है और प्रश्नकर्ता के पूछे गये प्रश्न का सटीक जवाब देती है। लेकिन उसका यह जादू तभी तक चला, जब तक न्यू जर्सी में रहने वाले प्रोफेसर जॉन स्कारने का लेडी वण्डर से सामना नहीं हो गया था।
लेडी वण्डर की तर्ज पर आपको भारत की गलियों में प्रश्नकर्ता का जवाब देने वाले तमाम 'नंदी' और 'मनी' घूमते मिल जाएँगे, जो आपके हर प्रश्न का उत्तर सिर हिला कर/कार्ड निकाल कर देते हैं। पॉल बाबा की भी भविष्यवाणी का यही एकामात्र राज था। ऑक्टोपस का ट्रेनर लेडी वण्डर की मालकिन की तरह अपने पॉल को जिस प्रकार के इशारे करता था, ऑक्टोपस उसी प्रकार का व्यवहार करके भविष्यवाणी करता था। और अंधविश्वास में डूबी जनता इसे ऑक्टोपस पॉल की अलौकिक शक्ति मानकर उसपर फिदा हो रही थी।
तो फिर पॉल बाबा की भविष्यवाणियाँ सही क्यों साबित हुईं?
कहा यह जा रहा है कि पॉल बाबा ने जर्मनी से सम्बंधित सात और फाइनल सम्बंधी एक भविष्यवाणियाँ कीं, जो सभी सही साबित हुईं। पर ध्यान देने वाली बात यह है कि पॉल बाबा तभी हमारे सामने आए, जब उनकी जर्मनी की हार सम्बंधी भविष्यवाणी सही साबित हुई। ऐसे में पॉल बाबा की महिमा को बढ़ाने के लिए मीडिया ने जबरदस्ती यह बात भी जोड़ दी कि पॉल बाबा इससे पहले भी जर्मनी के बारे में 6 सही भविष्यवाणियाँ कर चुके हैं। चूँकि पाल बाबा की जर्मनी की हार वाली भविष्यवाणी सही साबित हो चुकी थी, इसलिए लोगों ने पहली भविष्यवाणियों के बारे में न तो कोई तर्क-वितर्क किया और न ही उसके बारे में कुछ तहकीकात ही की गयी कि वे भविष्वाणियाँ कहाँ छपी थीं और कब देखने में आई थीं। और सोने पर सुहागा फाइनल सम्बंधी भविष्वाणी ने कर दिया। यानी पॉल बाबा की जय-जयकार तो होनी ही थी।
लेकिन इसका मतलब यह नहीं कि पॉल बाबा अलौकिक शक्ति सम्पन्न साबित हो गये। क्योंकि भविष्यवाणीकर्ता तो पॉल बाबा का ट्रेनर था। नि:संदेह फुटबाल सम्बंधी उसका विश्लेषण और ज्ञान काबिले तारीफ है। क्योंकि उसने सेमीफाइनल और फाइनल मैचों का सही अनुमान लगाया। और चूँकि उसके दोनों अनुमान सही साबित हो गये, इसलिए लोगों ने यह मान लिया कि पॉल बाबा वाकई अलौकिक शक्ति सम्पन्न हैं।
क्या अलौकिक शक्तियाँ छुट्टी पर भी जाती हैं?
नि:संदेह पॉल बाबा का ट्रेनर एक चालाक व्यक्ति है, लेकिन वह धूर्त बिलकुल नहीं है। अगर वह हिन्दुस्तानी ज्योतिषियों की तरह एक चालबाज व्यक्ति होता, तो अपनी इन दो भविष्यवाणियों की बदौलत जिंदगी भर लोगों के भविष्य बताता रहता और मोटी कमाई करता। लेकिन वह चूँकि एक चालाक व्यक्ति था और उसे पता था कि पॉल बाबा की अलौकिक शक्ति का राज़ क्या है, इसलिए उसने फाइनल मैच के बाद यह घोषणा कर दी कि पॉल बाबा अब भविष्वाणी से रिटायरमेंट ले रहे हैं। अगर वह ऐसा न करता तो, निश्चित रूप से कोई प्रोफेसर जॉन स्कारने जैसा व्यक्ति एकदिन उसके सामने आ ही जाता और उसकी सारी पोल पट्टी खोल कर रख देता।
पॉल बाबा के भविष्यवाणी से तथाकथित सन्यास लेने से सारी बात वैसे भी स्पष्ट हो जाती है। क्योंकि फीफा वर्ल्ड कप कोई धर्मयुद्ध तो था नहीं, जिसकी समाप्ति पर अलौकिक शक्ति का काम पूरा हो गया और वह वापस देवलोक चली गयी।
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I really wonder how it happened? An octopus being an astrologer?...Indeed thrilling !
जवाब देंहटाएंजाकिर भाई पहले काहे नहीं बताया, मैं तो केस कर देता उस नौटंकी बाज पर।
जवाब देंहटाएंआंख खोलती रचना।
जवाब देंहटाएंJaankaaree ke liye aabhaar.
जवाब देंहटाएंइस भंडाफोडू पोस्ट को पढकर समझ में आया कि ये आक्टोपस की भविष्यवाणी का राज क्या है। हार्दिक आभार।
जवाब देंहटाएंहम तो एक पाल बाबा पालने की सोच रहे थे कि आपने सब गुड गोबर कर दिया। ये भी तो हो सकता है कि इस जीव मे ऐसी शक्ती हो/ क्या सांईस इस पर रिसर्च नही कर सकता? जब तक किसी चीज़ पर रिसर्च न हो क्या कह सकते हैं? आभार।
जवाब देंहटाएंIndian ladies ki vajah se hi andhvishwas apne charam par hai...
हटाएंनिर्मला जी, अलौकिक शक्ति जैसी चीज दुनिया में कुछ भी नहीं है। जो लोग इस तरह के दावे करते पाए गये हैं, वे सभी फ्राड निकले।
जवाब देंहटाएंआक्टोपस का ट्रेनर यकीनन फ़ुटबाल का माहिर है !
जवाब देंहटाएं:) अजी राज कभी नही खुल सकता
जवाब देंहटाएंAabhar......
जवाब देंहटाएंThanks it is realy good news
जवाब देंहटाएंzaruri jaankari di hai aapne. Aksar jyotishi ek-do bhavishyavaniyoN ke bute zindgi-bhar khate-kamaate haiN. Jabki ek-do sahi anumaan to vishay ki jaankari rakhne wala koi saadharan vyakti bhi laga leta hai.
जवाब देंहटाएंआपने सच्चाई सामने रख दी है, धन्यवाद!
जवाब देंहटाएंअच्छी जानकारी देती पोस्ट..
जवाब देंहटाएंinteresting post !!!
जवाब देंहटाएंचलिए आपके मार्फ़त जानकर अच्छा लगा कि जैसा मैंने सोचा था वैसा ही सच निकला इस मामले का.. :)
जवाब देंहटाएंइस जानकारी के लिए आभार
जवाब देंहटाएंregards
बहुत बढ़िया पोस्ट ! जानकर खुशी हुई कि आप इन अंधविश्वासों में यकीन नहीं रखते हैं ...
जवाब देंहटाएंबहुत ही अच्छी विवेचना की...और तार्किक रूप से समझाया कि असलियत क्या है..
जवाब देंहटाएंरोचक जानकारी मगर क्या सचुमच अलौकिक शक्तियां कुछ नहीं होती ..जो अदृश्य शक्ति हमारा दिमाग संचित रखता है अलौकिक ही तो है ...!
जवाब देंहटाएंbehatareen post... :)
जवाब देंहटाएंlagta hai is shaktiyon ka insaano me se interest khatm ho gaya jo ye ab jaanvaro me interest le rahi hain.. wo bhi invertebrates...!
OMG... haste haste pet me dard ho gaya... dhanya ho dhongi log jo kabhi bhi kuchh bhi karte hai aur unse bhi jyada dhanya ho unhe sach manne wale... jai ho !
waise... aloukik to bahut kuchh hai is duniya me.. wo sab jo abhi hum samajh nahi paye hain..
जवाब देंहटाएंpar beshak... particularly ise hum aloukik nahi keh sakte... ! ye baat to fir bhi hazam hoti hai insaan log deep study karke bhavishyavani jaisa kaam kar sakte hai.. aur hum sabhi to apne apne future predict kar karke apne plans banate hai... decisions lete hain.. ee koun badi baat hai...?
well, khud life hi ek bada miracle hai... kitna flawless hai na natural system .. ye kya kisi miracle se kam hai ?
par is tarah ki ghatnayien to sirf ye proove karti hai ki kisi bhi cheez ka mahima mandan karne ke liye aur us jadu ko barkarar rakhne ke liye.. un kalpanao ko jeevit rakhne ke liye jinke agyaanta-vash hum gulaam ho jate hai.. log kis prakaar.. sachai se muh modkar ankhien band karke in par yakeen kar lete hain...
indeed miracles to hote hi hain... par hume unhe ankhien kholkar investigate karna chahiye... so called aloukik shakti.. yadi bhagvan ki den hai to us mahaan satta ke chamatkaro ki buniyade itni kamzor nahi ho sakti ki yoon dharashayi ho jaye.. prakriti aise loop holes nahi chhodti... errors bhi yaha tak ki well planned hoti hain !
it's time to wake up people... dharm bheeru banna chhodiye aur desh ki pragati me sahayta kariye.. khud bhagvan bhi yahi chahte hai...
~spread peace~
ha ho ! sahi kahal baba
जवाब देंहटाएंnice
जवाब देंहटाएंnice
जवाब देंहटाएंवाह ऑक्टोपस बाबा के पास टिप्पणी खींचू शक्ति भी है ..
जवाब देंहटाएंरश्मि स्वरुप जी आपने इतनी अच्छी टिप्पणी दी है ..काश वह देवनागरी में होती ...
सुंदर विश्लेषण। हम आप के मुरीद यूँ ही नहीं हैं।
जवाब देंहटाएंबहुत अच्छे से समझाया है जाकिर भाई आज ऐसी ही दृष्टि की आवश्यकता है. वो उम्र भर सही भविष्यवाणी करता मैं तो तब भी न मानता
जवाब देंहटाएंप्रकृति में बहुत कुछ रहस्यमय है। इनकी रहस्यमयता ही प्रकृति के प्रति उत्सुकता बनाए रखती है। शायद हमारे ज्योतिषी गणना का कोई नया आधार पॉल बाबा से पा सकें।
जवाब देंहटाएंबिलकुल सच और महत्वपूर्ण जानकारी..ये ब्लॉग मेरे सिस्टम पर न जाने क्यों नहीं खुलता ..जब भी मेहरबान होता है चली आती हूँ.
जवाब देंहटाएंHello Zakir ji,
जवाब देंहटाएंआज जब मैंने अपने दोस्त से ये बात की और उसे कहा कि octopus ने सिर्फ़ सातवीं और आठवीं भविष्यवाणी की थी, बाकी तो media ने उसे चढ़ा दिया था. तो उसने कहा, कि वो TV par 3rd मैच से octopus को ट्रैक कर रहा था.
उसका कहना था कि उसने तीसरे से ले कर आठवें तक कि बिलकुल सही भविष्यवाणी की थी. हालाकि मुझे ऐसा कोई news link नहीं मिला जहाँ octopus ने तीसरे चौथे मैचों की भविष्यवाणी की हो.
कोई और सज्जन हैं, जिनके पास ऐसी कोई जानकारी है, तो कृपया सांझा करें
और अगर हो सके तो link भी दें, ताकि हम भी पुष्टि कर सकें.
वैसे एक महानुभाव ने ये तर्क भी दिया है कि हमारे वेदों में ऐसा लिखा गया है कि जानवर में पास निकट भविष्य में देखने की ताकत होती है, जो इंसान में नहीं है :)
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जवाब देंहटाएंयोगेश जी, मुझे भी कोई ऐसा न्यूज लिंक नहीं मिला। और यदि उसकी बात पर यकीन कर भी लिया जाए, तो ये तो पॉल बाबा के गाइड की काबिलियत को दिखाता है कि उसके कैलकुलेशन और अंदाजे सही निकले। ऑक्टोपस को तो सिर्फ उसने माध्यम के रूप में उपयोग में लिया है, क्योंकि ये दुनिया बिना दिव्य शक्ति जैसी चीजों का दिखावा किए बातों पर यकीन नहीं करती।
जवाब देंहटाएंएक बात और, दिव्य शक्ति जैसी कोई चीज दुनिया में होती ही नहीं मेरे दोस्त, सिर्फ ये मन का वहम है और दूसरों को बेवकूफ बनाने की कला, जिसमें हम आसानी से फंस जाते हैं।
aapane "hindustani jotisho ki tarah chalbaj" aisa jo kaha hai. vo main sudharna chahata huin."kuch chalbaj jotisho ki tarah" aisa khahiaga please.
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