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जवाब देंहटाएंबेनामी जी, आपका कमेंट डिलीट करते हुए मुझे दु:ख हो रहा है, पर मेरे पास ऐसा करने के अलावा और कोई विकल्प ही नहीं था।
जवाब देंहटाएंजैसा कि आप देख रहे हैं, फिलहाल 'तस्लीम' पर पहेलियॉं मैं पूछ रहा हूँ, इसलिए यदि आपको मुझसे कोई शिकायत हो, तो आप नि:संकोच कहें। मैं आपका स्वागत करूँगा।
अंतर सोहिल और अन्य विजाताओं को बधाई ..९९वे का फिर ऐसा ही होता है लोग ९९ पर आउट तक हो जाते हैं ....मर खप तक जाते हैं ...-१०० वी पहेली मैं पूछना चाहता हूँ ! देखना है जोर कितना बाजुए बुझक्कड़ों में है ! गूगलिंग एलाउड -जब अकल के बजाय नक़ल पर जोर हो तो किताबें अलाऊ कर देनी चहिये ..क्योकि नक़ल में भी अकल की दरकार है !
जवाब देंहटाएंअंतर सोहिल और अन्य विजाताओं को बधाई,,,
जवाब देंहटाएंआभार
जवाब देंहटाएंइस टिप्पणी को लेखक द्वारा हटा दिया गया है.
जवाब देंहटाएंअरविंद जी, चलिए इसी बहाने आपका पहेली-प्रेम तो जागा।
जवाब देंहटाएंतो फिर 100वीं पहेली का जिम्मा आपके नाम। हालॉंकि मैंने उसके लिए पोस्ट अभी से शिड्यूल्ड कर दी थी, पर अब उसे हटा रहा हूँ। मुझे विश्वास है कि पहेली प्रेमी ब्लॉगर्स आपकी इस चुनौती को स्वीकार करेंगे।
antar sohilji ko badhai....aapko subhakaamanaayen.
जवाब देंहटाएंअंतर सोहिल और अन्य विजाताओं को बधाई...
जवाब देंहटाएंनकलचियों को बधाई किस बात की ?
जवाब देंहटाएंबल्कि अब तक जितनी बधाईयाँ प्राप्त हुयी हैं वो भी नैतिकता के आधार पर वापस कीजिये :)
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अफसोस की बात है कि गैरजरूरी विवाद उत्पन्न किया गया ! एक तरह से विजेताओं को सरासर अपमानित करने वाली बात है ! आप सम्पूर्ण ब्रह्माण्ड की कोई भी चीज पूछें और प्रतियोगी देखते ही जवाब बता दे .. ऐसा सोचना भी हास्यास्पद है ! क्या गूगल पर खोजना आसान है ? अगर कोई ऐसा मानता है तो सामने आये ! मैं चुनौती देता हूँ ! मैं दस सवाल पूछूँगा .. आप उनमें से एक का भी जवाब पंद्रह मिनट के अन्दर दे दीजिये .. आपको हर तरह से पूरी छूट है चाहे जो साधन इस्तेमाल करें !
है मेरी चुनौती मंजूर ?
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इस ब्लॉग जगत में कई ब्लॉग ऐसे भी हैं जहाँ इस प्रकार की पहेली पूछी जाती हैं जिसमें गूगल आपकी कोई मदद नहीं कर सकता ! वहां भी लोग जाते हैं और सही जवाब देते हैं ! बस कभी उनके ही दर्शन नहीं होते जिन्होंने ये विवाद उत्पन्न किया !
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हममें से यहाँ कोई भी पहेली का मास्टर या प्रोफ़ेसर नहीं है ! गलतियाँ स्वाभाविक हैं ! आपने गलती स्वीकार की तो मुझे बहुत ख़ुशी हुयी ! यह सब तो चलता रहता है ! लेकिन नकारात्मक बातें करके पहेली पूछने वाले और जवाब बताने वाले को हतोत्साहित करना कहाँ तक उचित है ?
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हमें पहेली आयोजन की सार्थकता को समझना चाहिए ! पहेली के माध्यम से हमको कितनी ही नयी-नयी जानकारियां मिल जाती हैं ! हर पहेली हमें कुछ न कुछ नया ज्ञान दे जाती है ! जब हम खोजने की प्रक्रिया से गुजरते हैं तो अनायास ही दिमाग में बहुत सारी नयी जानकारियां फीड हो जाती हैं !
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वैसे भी यहाँ कौन किसी कम्पटीशन की तैयारी करने आता है ! मेरा ख्याल है सभी लोग मनोरंजन मानकर ही शामिल होते हैं ! इसको खेल की तरह से देखना चाहिए ! इस बहाने प्रतियोगियों में आपस में परिचय बढ़ता है ! इस पहेली ने ही मुझे कितने ढेर सारे मित्र दिए !
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आख़िरी बात
इन खोजी पहेलियों से मेरा भी मोह भंग हो चूका है ! मेरा लक्ष्य ताऊ के यहाँ 25 पहेली जीतना था वो पूरा कर लिया ... बहुत हल्का महसूस कर रहा हूँ :) अब आराम चाहता हूँ ! इन पहेलियों के कारण बहुत बार मुझे भारी नुक्सान उठाना पड़ा है ! लेकिन आप नहीं समझेंगे इस बात को ! दरअसल ये पहेली का नशा भी बड़ा भयंकर नशा है ... जब तक सही जवाब न मिल जाए .. आना-जाना, खाना-पीना सब हराम हो जाता है :)
आप सभी को मंगल कामनाएं
जाकिर जी, वैसे तो मुझे आपकी पहेली पल्ले ही नहीं पडती। मतलब चित्र देखकर दिमाग में ही नहीं आता कि गूगल में क्या नाम लिखकर सर्च करूं। फिर चित्र को ही कोपी करके गूगल में पेस्ट भी नहीं कर सकते। फिर भी आज मैं घोषणा करता हूं कि अब के बाद हरेक पहेली में भाग लिया करूंगा।
जवाब देंहटाएंअन्तर सोहिल को बधाई।
प्रकाश जी से १००% सहमत
जवाब देंहटाएंआपकी टिप्पणी सराहनीय है और आहत हुए जनों के लिए मरहम है|
धन्यवाद जी
खुशी हुई की पहेली को निरस्त नहीं किया गया.........अंतर सोहिल जी एवं समस्त विजेताओं को ढेरों शुभकामनाएँ
जवाब देंहटाएंआदरणीय प्रकाश सर की टिप्पणीयों से पूरी तरह सहमत हूँ मैं............
Prakash ji, Itne dino ke baad aap ko dekh kar achchha laga.
जवाब देंहटाएंKya aapko pata hai ki aapne TSALIIM ki kitnee paheliya jeetee hain?
:)
अंतर सोहिल जी को बधाई .. बिना गूगलिंग किए आप लोगों की पहेलियों का जबाब देना मुश्किल है .. चिंत्र देखकर उसके जबाब पाने के लिए गूगलिंग के लिए भी ज्ञान होना जरूरी है .. इसमें भी बहुत माथापच्ची की आवश्यकता होती है .. इसलिए जबाब देने वाले हर व्यक्ति बधाई के हकदार हैं !!
जवाब देंहटाएंकहते हैं ९९ का फेर ऐसा ही होता है..सब को रास नहीं आता.
जवाब देंहटाएंशुक्र है हमारी ताऊ पहली अंक ९९ ठीक ठाक निबट गयी थी.
बहुत खुशी हुई कि पहेली को निरस्त नहीं किया गया और सभी की बात रखी गयी .
अब बोनसाई के विषय में यह अर्जित ज्ञान कभी भूलेगा नहीं.
हाँ ,अंतर साहिल जी सहित विजेताओं को बहुत बहुत बधाई.
जवाब देंहटाएंतस्लीम को भी बधाई इस बहाने यहाँ थोड़ी चहल पहल दिखाई दी और बोनसाई के बारे में अतिरिक्त [गूगलिंग] ज्ञान मिला .
@प्रकाश जी ने कहा--हमें पहेली आयोजन की सार्थकता को समझना चाहिए ! पहेली के माध्यम से हमको कितनी ही नयी-नयी जानकारियां मिल जाती हैं ! हर पहेली हमें कुछ न कुछ नया ज्ञान दे जाती है ! जब हम खोजने की प्रक्रिया से गुजरते हैं तो अनायास ही दिमाग में बहुत सारी नयी जानकारियां फीड हो जाती हैं !
जवाब देंहटाएं**सहमत हूँ.
-क्या गूगल पर खोजना आसान है ?
-नहीं ..बिलकुल नहीं बिना प्रारम्भिक ज्ञान के यह कार्य दुष्कर है.
शुभकामनाएँ.
विजेताओं को हार्दिक बधाई !
जवाब देंहटाएंपटाक्षेप :
जवाब देंहटाएंअब तक आयी टिप्पणियों से यह इंगित होता है कि अंतर्जाल की टिप्पणियों का अपना एक अलग फ्लेवर और कलेवर है और यहाँ नक़ल करके उत्तर देने की पूरी छूट है ....हाँ इस प्रक्रिया में पहेली बूझने वाले ज्ञानार्जन भी कर ले रहे हैं यह इस अंतर्जाल पहेली युग का सकारात्मक पहलू है -अन्यथा हमें कहीं भी इतनी छूट नहीं है -कौन बनेगा करोडपति में भी जुमा जुमा कुल चार ही और वह भी लाईफ लाईने हैं ....
निश्चय ही अंतर्जाल युग के कई पहेलीकर्ताओं का मिजाज और जायका इस विवाद से बिगड़ा होगा -कुछ लोग शीत निष्क्रियता की तैयारी में हैं तो कुछ कोप भवन को प्रस्थान कर भी चुके ...लेकिन मुझे पूरा विश्वास है कि असली पहेली प्रेमी कहीं नहीं जायेगें!
मुझे यह मानने में तनिक गुरेज नहीं कि नक़ल में भी अकल का इस्तेमाल होता है ....मगर मेरे मित्रों ,नक़ल तो नक़ल ही है उसे इतना गौरवान्वित और गरिमामंडित हम करे ही क्यों ?
अगर कोई पहेली पूछने वाला चीतल और बरगद तक नहीं पहचानता(अब जाकिर भाई का कुलीग वाला लेंम एक्सक्यूज चलिए मान लेते हैं) और बिचारे पहेली बूझने वालों को भी भ्रमित कर रहा है तो बेहतर है वह हिन्दी ब्लॉग अंतर्जाल पर कोई और सरल काम जैसे कविता वबिता लिखा करे :) -पहेली का काम जोखिम भरा है सबके बस का नहीं ...
जाकिर भाई अब आप ही सैकड़ा स्ट्रोक लगाईये ....और तस्लीम से पहेली को फिलहाल स्थगन दीजिये ....आगे किसी नए रूप में हम इसे दुबारा लायेगें !
aaj jo baat prakash ji, alpna varma ji, ashish ji, sangeeta ji ne kahi hai. wahi baat maine kal kahne ki koshish ki thi.
जवाब देंहटाएंagar maine kaha ki ye bewkufi ki baat hai to ismen apmaan kaisa ?
oopar se mujhe क्षद्मनामी announce kar diya.
mai क्षद्मनामी hun ya koyi bhi नामी hun isse aapko kya ? agar aap samajhdaar hain to aapko naam nahi baaton par dhyaan dena chaahiye. kaun ye baat kah raha hai isse kya matlab ?
mujhe pata hai ki aisi paheliyon men kitni mehnat lagti hai aur adhiktar to mehnat sab bekaar bhi ho jaati hai aakhir tak jawaab nahi milta.
mujhe pahle creative manch par aksar alpna ji se irshya ho jaati thi ki wo kaise khoj leti hain jawaab. kyonki mai bhi mehnat karti thi lekin jawaab nahi milta tha. baad men mai jaan gayi ki khojne ka bhi ek base hota hai. har ek ke bas kee baat nahi hai itni jaldi jawaab khoj paana. hamko appreciate karna chaahiye. kisi ko is tarah neecha dikhana bilkul bhi sahi nahi hai.
वाह छा गये बेटा। अंतर सोहिल और अन्य विजाताओं को बधाई
जवाब देंहटाएंअंतर सोहिल और अन्य विजाताओं को बधाई.
जवाब देंहटाएं