देश-विदेश की प्रमुख स्कॉलरशिप एवं उनके डिटेल्स।
विदेश में उच्च शिक्षा के लिए दी जाने वाली डॉ. मनमोहन सिंह स्कॉलरशिप, डॉ. एपीजे अब्दुल कलॉम पोस्ट ग्रेजुएट स्कॉलरशिप, फेसबुक फैलोशिप प्रोग्राम, इंडियन ऑयल शैक्षणिक छात्रवृत्ति योजना, महिला वैज्ञानिक प्रोत्साहन कार्यक्रम तथा लारियल्स वुमन्स अवार्ड के बारे में विशेष जानकारी।
स्कॉलरशिप से करें विज्ञान शिक्षा की राह आसान
-मनीष श्रीवास्तव
मानव सभ्यता को सभ्य बनाने में शिक्षा की महत्वपूर्ण भूमिका रही है। प्रत्येक देश की सरकार का प्रयास होता है कि उस देश के सभी बच्चों को बेहतर और गुणवत्तापूर्ण शिक्षा प्राप्त हो सके। इसलिये शिक्षा को मानव के बुनियादी अधिकार के रूप में निरूपित किया गया है। हमारे देश में भी बच्चों को बुनियादी शिक्षा का अधिकार प्राप्त है और सरकारी स्कूलों में मुफ्त शिक्षा दी जा रही है। हालिया दौर में एक ओर सरकारी विद्यालय तथा दूसरी तरफ प्राईवेट स्कूलों द्वारा शिक्षा प्रदान की जा रही है। सभी बच्चे दसवीं कक्षा तक एकसमान तथा ग्यारहवीं कक्षा से विषय विशेष की पढ़ाई करते हैं। इसके बाद कॉलेज में उच्च शिक्षा का अध्ययन करते हैं। किन्तु सभी छात्रों को इस यात्रा में कुछ विशेष परिस्थ्तियों से हमेशा दो-चार होना पड़ता है जिनसे उनके अध्ययन में व्यवधान उत्पन्न होता है। वे अपने मनोकूल विषय में पढ़ाई निरंतर जारी नहीं रख पाते।
इसमें एक कारण है मार्गदर्शन का अभाव। वहीं दूसरी ओर अध्ययन में आने वाली आर्थिक दिक्कत से भी छात्रों को पढ़ाई छोड़ने के लिये मजबूर होना पड़ता है। आर्थिक अभाव के कारण प्रतिवर्ष लाखों छात्र उच्च शिक्षा ग्रहण नहीं कर पाते। विशेषकर विज्ञान के छात्र क्योंकि विज्ञान शिक्षा एवं शोध कार्यक्रम बेहद महंगे है। इसमें सबसे ज्यादा नुकसान उन प्रतिभाशाली छात्रों को होता है जो हायर सेकण्डरी कक्षाओं तक उत्कृष्ट प्रदर्शन के साथ पढ़ाई करते हैं लेकिन आर्थिक अभाव में उच्च शिक्षा ग्रहण नहीं कर पाते हैं।
छात्रों को इन परिस्थितियों से निजात दिलाने के लिए सरकार तथा निजी संस्थाओं द्वारा कई छात्रवृत्ति कार्यक्रम चलाये जा रहे हैं लेकिन जानकारी के अभाव में छात्र इनका लाभ नहीं ले पाते और उच्च शिक्षा से वंचित रह जाते हैं। इसी समस्या को दृष्टिगत रखते हुये यहां विज्ञान षिक्षण एवं अनुसंधान को लेकर चलाये जा रहे ऐसे ही राष्ट्रीय तथा अंतर्राष्ट्रीय छात्रवृत्ति कार्यक्रमों के बारे में संक्षिप्त जानकारी दी जा रही है ताकि विज्ञान और तकनीकी शिक्षा का आकाष सूना न रहे तथा देश को प्रतिभाषाली वैज्ञानिक, इंजीनियर प्राप्त हो सकें।
डॉ. मनमोहन सिंह स्कॉलरशिप:
विज्ञान एवं तकनीक के साथ अन्य विषय में पीएच.डी. करने के लिए कैम्ब्रिज के सेंट जॉन कॉलेज (St. John's College, Cambridge) द्वारा भारत के पूर्व प्रधानमंत्री डॉ. मनमोहन सिंह के नाम पर (Dr Manmohan Singh Scholarships) छात्रवृत्ति प्रदान की जाती है। वे प्रतिभाशाली छात्र जो विज्ञान और तकनीकी विषयों में उच्च गुणवत्ता के साथ अनुसंधान कार्य करना चाहते हैं, उन शोधार्थियों के लिये यह सर्वाधिक उपयुक्त छात्रवृत्ति योजना है।
डॉ. मनमोहन सिंह कैम्ब्रिज के सेंट जॉन कॉलेज से स्नातक तथा ऑनरेरी फैलो हैं। इसलिये उनके नाम पर कॉलेज द्वारा 2007 में छात्रवृत्ति योजना की शुरूआत की गई जो भारत के उन प्रतिभाशाली छात्रों को प्राप्त होती है, जो विज्ञान, तकनीक, सामाजिक विज्ञान तथा अर्थशास्त्र में डॉक्टरेट करना चाहते हैं। यह छात्रवृत्ति प्राप्त करने के लिए एक निश्चित प्रक्रिया है, जिसमें छात्र को कैम्ब्रिज यूनिवर्सिटी में पीएचडी करने हेतु आवेदन प्रस्तुत करना होता है, जिसमें आवेदन के साथ ही कॉलेज का चयन भी करना होता है। इसमें आप सेंट जॉन कॉलेज का चयन कर सकते हैं।
अन्य योग्यताओं के रूप में आवेदक का संबंधित विषय में स्नातकोत्तर होना आवश्यक होता है। आवेदक की अधिकतम उम्र 35 वर्ष तथा अंग्रेजी भाषा का ज्ञान अवश्य होना चाहिए। छात्रवृत्ति से जुड़ी और अधिक जानकारी सेंट कॉलेज की वेबसाइट या इस लिंक से प्राप्त की जा सकती है। जिस छात्र का चयन इस महत्वकांक्षी छात्रवृत्ति योजना के अंतर्गत किया जाता है उस छात्र का शिक्षण शुल्क, अंतर्राष्ट्रीय एयर फेयर, रहने हेतु स्टायफंड और यूनाईटेड किंगडम का वीसा संबंधी समस्त खर्च छात्र को संस्था द्वारा उपलब्ध कराया जाता है।
डॉ. एपीजे अब्दुल कलॉम पोस्ट ग्रेजुएट स्कॉलरशिप:
वे युवा जो इंजीनियरिंग की विभिन्न शाखाओं में अंतर्राष्ट्रीय स्तर पर उच्च अध्ययन करना चाहते हैं, उनके लिए क्वीन विश्वविद्यालय बेल्फास्ट (Queen University Belfast) द्वारा चलाया जाने वाला स्कॉलरशिप प्रोग्राम बेहतर अवसर है। इसमें छात्र इलेक्ट्रॉनिक्स, इलेक्ट्रिकल्स, कम्प्यूटर साइंस, मेकेनिकल, एयरोस्पेस, केमेस्ट्री, सिविल इंजीनियरिंग और केमिकल इंजीनियरिंग आदि विषयों में स्नातकोत्तर कर सकते हैं।
इस स्कॉलरशिप को प्राप्त करने के लिए आवेदक को विश्वविद्यालय की वेबसाइट से आवेदन फार्म डाउनलोड करना होता है। जिसे संपूर्ण जानकारी के साथ वापस ई-मेल के माध्यम से प्रेषित कर दिया जाता है। इसके बाद साक्षात्कार की प्रक्रिया होती है। जो भारत में ही शहर में या स्काईप के माध्यम से लिया जाता है। इस सारी प्रक्रिया में चयनित होने के बाद छात्र इंजीनियरिंग की किसी भी शाखा में मास्टर्स डिग्री कर सकता है। विश्वविद्यालय द्वारा छात्र को 3000 यूरो की छात्रवृत्ति दी जाती है। छात्रवृत्ति से जुड़ी संपूर्ण जानकारी इस लिंक से प्राप्त की जा सकती है।
फेसबुक फैलोशिप प्रोग्राम:
कम्प्यूटर साइंस, कम्प्यूटर इंजीनियरिंग, इलेक्ट्रिकल इंजीनियरिंग, सिस्टम आर्किटेक्चर आदि विषयों में जो छात्र नियमित रूप से पीएचडी करना चाहते हैं उनके लिए फेसबुक द्वारा दी जाने वाली यह फैलोशिप बेहद मददगार साबित हो सकती है। यह वैश्विक फैलोशिप है जिसके लिए दुनियाभर से किसी भी देश का छात्र आवेदन कर सकता है। फेसबुक द्वारा सामाजिक सरोकार से जुड़ी पहल के अंतर्गत इस फैलोशिप कार्यक्रम का संचालन किया जाता है। वे छात्र जो गुणवत्तापूर्ण अनुसंधान कार्य करना चाहते हैं उन्हे दो वर्षों के लिए फैलोशिप दिये जाने का प्रावधान है। इन दो वर्षों में छात्रों को टयूशन फीस, वार्षिक अनुदान के रूप में 37000 हजार डॉलर, शोधकार्य का फेसबुक कार्यालय में प्रदर्शन करने हेतु भुगतान तथा इंटर्नशिप के लिए भुगतान आदि सुविधायें प्रदान की जाती है। इस तरह फेसबुक का उद्देश्य प्रतिभाषाली छात्रों को सभी सुविधायें देते हुए उनके कौशल का विकास करना एवं अनुसंधान से प्राप्त परिणामों का समाजहित में उपयोग करना होता है।
इस महत्वकांक्षी फैलोशिप को प्राप्त करने हेतु निम्न दस्तावेजों की आवश्यकता होती है-
# शोध संबंधी कार्य की एक रूपरेखा बनाकर प्रस्तुत करना होता है, जिसमें शोध से होने वाले लाभों और उसकी उपयोगिता की जानकारी होनी चाहिये।
# आवेदक का विस्तृत परिचय।
# दो व्यक्तियों (1. सलाहकार, 2. शैक्षिक तथा औघोगिक क्षेत्र का प्रतिनिधि) के अनुशंसा पत्र।
फैलोशिप की इस फैलोशिप के बारे में और अधिक जानकारी इस लिंक द्वारा प्राप्त की जा सकती है। फिलहाल शैक्षणिक वर्ष 2015-16 तथा 2016-17 के सत्रों के लिए इस फैलोशिप की प्रक्रिया संपन्न हो चुकी है। किंतु भविष्य में विद्यार्थी इस फैलोशिप का लाभ लेकर अपना भविष्य संवार सकते हैं।
इंडियन ऑयल शैक्षणिक छात्रवृत्ति योजना:
इंडियन ऑयल (Indian Oil Corporation) भारत सरकार का एक उपक्रम है, जो व्यवसाय के साथ-साथ सामाजिक प्रतिबद्धता के अंतर्गत शैक्षणिक छात्रवृत्ति योजनाओं का संचालन भी करता है। इसके तहत 10वीं कक्षा, आईटीआई, स्नातक स्तर के इंजीनियरिंग छात्रों को अध्ययन हेतु छात्रवृत्ति उपलब्ध कराई जाती है ताकि प्रतिभावान छात्रों को धनाभाव में स्कूल या कॉलेज न छोड़ना पड़े। वे बेहतर शिक्षा प्राप्त कर अपने और देश के निर्माण में अपना सहयोग प्रदान कर सकें।
इंडियन ऑयल ने छात्रवृत्ति के लिए विषयवार एक अवधि तय कर रखी है। इसमें 10वीं पाठ्यक्रमों, आईटीआई में अध्ययनरत् कुल 2000 छात्रों को छात्रवृत्ति दी जाती है। वहीं इंजीनियरिंग करने वाले स्नातक के कुल 300 छात्रों को राज्यवार विभाजित जोन दक्षिण, उत्तर, पष्चिम और पूर्व के आधार पर चयन कर छात्रवृत्ति उपलब्ध कराई जाती है। इस योजना अंतर्गत छात्रों को विषेष बोनस भी दिया जाता है। जब 10वीं कक्षा में शीर्ष दस छात्रों की मेरिट सूची में या स्नातक स्तर पर शीर्ष तीन स्थानों में छात्र जगह बनाने में कामयाब होता है तब इंडियन ऑयल द्वारा स्वयं छात्रों को आमंत्रित कर दस हजार रूपये बोनस राशि के रूप में प्रदान किये जाते हैं।
इंडियन ऑयल की इस छात्रवृत्ति हेतु आवेदन करने के लिए विभिन्न श्रेणियों की नियम व शर्तें भिन्न-भिन्न हैं। इस संस्थान की वेबसाइट पर या इस लिंक के द्वारा छात्रवृत्ति से जुडी अन्य जानकारियां प्राप्त की जा सकती है।
महिला वैज्ञानिक प्रोत्साहन कार्यक्रम:
भारत सरकार के डिपार्टमेंट ऑफ साइंस एण्ड टेक्टनालॉजी द्वारा उन महिलाओं के लिए विशेष कार्यक्रम का संचालन किया जाता है, जिन्होंने किसी वजह से (जैसे-पारिवारिक जिम्मेदारी, विवाह या अन्य कारण) विज्ञान तथा तकनीकी विषयों को पढ़ने के बाद या इस क्षेत्र में कार्य करने के बाद बीच में ही छोड़ दिया हो। ऐसी महिलायें जो अपनी वय के 30-50 के बीच के दषक में हो और फिर से विज्ञान एवं तकनीकी क्षेत्र में कार्य करना चाहती हो तो वे इस क्षेत्र में आगे काम कर सकती हैं। विज्ञान एवं तकनीकी विभाग की ओर से चलाये जा रहे इस प्रोग्राम को तीन भागों में विभाजित किया गया है। जो निम्न हैः-
1. मूलभूत/व्यवहारिक विज्ञान में शोध हेतु (डब्ल्यूएसओ-ए)
2. विज्ञान एवं तकनीक आधारित सामाजिक प्रोग्राम में शोध हेतु (डब्ल्यूओएस-बी)
3. स्वरोजगार हेतु (डब्ल्यूओएस-सी)
इन सभी स्कॉलरशिप का एकमात्र उद्देश्य महिलाओं को विज्ञान एवं तकनीक के क्षेत्र में आगे लाना है। विषेषकर वे महिलायें जिनके पास वर्तमान में कोई नियमित रोजगार नहीं है।
1. महिला वैज्ञानिक योजना ( डब्ल्यूओएस-ए):
इस योजना WOMEN SCIENTISTS SCHEME (WOS-A) के अंतर्गत विज्ञान और इंजीनियरिंग के क्षेत्र में शोध करने में रुचि रखने वाली महिलाओं को प्रोत्साहन दिया जाता है। योजना का लाभ लेने के लिए आवेदक को शोध संबंधी प्रस्ताव प्रस्तुत करना होता है। इसके लिए आवश्यक है कि प्रस्ताव किसी अकादमी/शोध विभाग के साथ प्रस्तुत किया जाये। विभाग द्वारा तीन वर्षीय शोध कार्यक्रम अंतर्गत पीएचडी डिग्री धारक आवेदक को 23 लाख तक का अनुदान और एमएससी करने वाली आवेदक को 20 लाख की अनुदान राशि प्रदान की जाती है। इस अनुदान राशि में शोध कार्यक्रम के अंतर्गत उपयोग आने वाले सभी उपकरण, यात्रा भत्ता, आकस्मिक निधि तथा अन्य खर्च शामिल हैं।
2. महिला वैज्ञानिक योजना (डब्ल्यूओएस-बी):
इस योजना WOMEN SCIENTISTS SCHEME (WOS-B) अंतर्गत भी करियर के बीच में विज्ञान तथा तकनीकी क्षेत्र छोड़ देने वाली महिलाओं को फिर से जोड़ने हेतु अवसर प्रदान किया जाता है। ऐसी महिलाओं को विभाग द्वारा प्रशिक्षण भी दिया जाता है ताकि वे समझ सकें कि परियोजना कैसे बनाई जाती है और उसका अनुपालन किस तरह से किया जाता है। यह योजना दो भागों में विभाजित है।
1. इटर्नशिप प्रतिरूप: वे महिला आवेदक जिन्हें परियोजना कार्य का कोई अनुभव नहीं होता है। उनके लिये विषेषतौर पर एक साल का प्रषिक्षण कार्यक्रम आयोजित किया जाता है। जब प्रषिक्षणार्थी परियोजना प्रस्ताव बनाने, विज्ञान, तकनीक का उपयोग करने और अन्य कार्यों में सक्षम हो जाता है। तब उन्हें एक परियोजना प्रस्ताव बनाकर समिति को प्रस्तुत करना होता है जिस पर चयन समिति द्वारा वित्तीय सहायता देने संबंधी निर्णय लिया जाता है।
2. परियोजना प्रतिरूप: वे महिला आवेदक जिन्होंने विज्ञान में स्नात्कोत्तर या पीएचडी किया हो और जिन्हे पहले से ही शोध संबंधी अनुभव हो। उन्हे वर्तमान शोध आधारित फैलोशिप स्कीम में शामिल किया जाता है।
इस योजनांतर्गत शोधार्थियों को दोनों प्रतिरूपों के आधार पर अलग-अलग वित्तीय सहायता प्रदान की जाती है। इंटर्नशिप प्रतिरूप अंतर्गत एमएससी डिग्री वाली महिला आवेदक को रूपये 18000 प्रतिमाह और पीएचडी आवेदक को रूपये 25000 प्रतिमाह प्रदान किये जाते हैं। परियोजना प्रतिरूप के अंतर्गत आवेदक की शिक्षा और अनुभव के आधार पर रूपये 18000-35000 की राशि प्रतिमाह दी जा सकती है।
3. महिला वैज्ञानिक योजना (डब्ल्यूओएस-सी):
इस श्रेणी WOMEN SCIENTISTS SCHEME (WOS-C) में विशेष रूप से महिलाओं को स्व-रोजगार स्थापित करने या उनकी तकनीकी क्षमताओं को विकसित करते हुए उद्यम स्थापित करने के उद्देश्य से वित्तीय सहायता दी जाती है। इसके लिये महिला आवेदक को पेटेनिंग, पूफ्र रीडिंग, विज्ञान पत्रकारिता, तकनीकी अनुवाद, क्लीनीकल पैथोलॉजी लैब, मेडिकल ट्रांस्क्रिप्शन आदि का ज्ञान होना बेहद जरूरी है। इसी के आधार पर वे इनमें से कोई भी कार्य कर सकती हैं। इस योजना का उद्देश्य ऐसी महिलाओं का समूह स्थापित करना है जो दिये गये विषयों में कार्य करने में सक्षम हो।
लाॅरियल्स वुमन्स अवार्ड:
वे महिलाएं जो विज्ञान के क्षेत्र में अपना कॅरियर बनाना चाहती हैं। उनके लिए लारियल्स द्वारा छात्रवृत्ति प्रोग्राम का संचालन किया जाता है। इसकी शुरूआत 2003 में की गई थी ताकि महिलायें बिना किसी आर्थिक दिक्कत के विज्ञान के क्षेत्र में आगे बढ़ सकें। इस छात्रवृत्ति योजनांतर्गत जिन महिलाओं का चयन होता है वे देश के किसी भी विश्वविद्यालय या कॉलेज से अध्ययन कर सकती हैं। अध्ययन के दौरान कॉलेज या विश्वविद्यालय की फीस लारियल्स द्वारा उपलब्ध कराई जाती है। इस छात्रवृत्ति के लिए वे ही महिलायें आवेदन कर सकती हैं जिन्होंने बारहवी कक्षा में विज्ञान विषय लेकर अध्ययन किया हो और पीसीएम/पीसीबी में 85 प्रतिशत अंक लाये हों। वर्तमान में जो महिलायें स्नातक कर चुकी हैं वे ही इस स्कॉलरशिप के लिए आवेदन कर सकती हैं। स्कॉलरशिप से संबंधित और अधिक जानकारी यहां से प्राप्त की जा सकती है।
इस तरह सरकार तथा निजी संस्थाओं द्वारा विज्ञान एवं तकनीकी क्षेत्र में प्रतिभाशाली छात्रों को बढ़ावा देने के लिए हरसंभव प्रयास किये जा रहे हैं। कोई भी छात्र इन छात्रवृत्तियों का लाभ ले सकता है। इनके अतिरिक्त भी कई और योजनायें छात्रहित में संचालित हो रही हैं, जिनके बारे में इंटरनेट पर जानकारी प्राप्त की जा सकती है।
नोट: छात्रवृत्तियों से संबंधित समस्त जानकारियां विभिन्न स्त्रोतों से प्राप्त की गई है अतः किसी भी प्रकार की कार्यवाही से पहले छात्र छात्रवृत्ति से संबंधित वेबसाइट से समस्त दिशा-निर्देशों का निरीक्षण अवश्य करें।
मनीष श्रीवास्तव युवा विज्ञान संचारक हैं और विज्ञान के विभिन्न विषयों पर खोजपरक लेखन करने के लिए जाने जाते हैं।
वर्तमान में आप भोपाल से प्रकाशित होने वाली विज्ञान पत्रिका ‘इलेक्ट्रॉनिक आपके लिए’ में सह-संपादक के रूप में कार्यरत हैं।
आपसे निम्न ईमेल आईडी पर संपर्क किया जा सकता है:
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मनीष श्रीवास्तव युवा विज्ञान संचारक हैं और विज्ञान के विभिन्न विषयों पर खोजपरक लेखन करने के लिए जाने जाते हैं।
वर्तमान में आप भोपाल से प्रकाशित होने वाली विज्ञान पत्रिका ‘इलेक्ट्रॉनिक आपके लिए’ में सह-संपादक के रूप में कार्यरत हैं।
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