इस बार तो बस आनंद ही आ गया .आप सभी ने इतने उत्साह से इस पहेली को लिया कि बस मजा आ गया .यह कितनी खुशी की बात् होती है जब यह लगता है कि हम जा...
इस बार तो बस आनंद ही आ गया .आप सभी ने इतने उत्साह से इस पहेली को लिया कि बस मजा आ गया .यह कितनी खुशी की बात् होती है जब यह लगता है कि हम जानकारों बुद्धिमानो के बीच विमर्श कर रहे हैं -जमाये रहिये इसी तरह ...
पहेली के जवाब की शुरुआत बाल किशन जी ने बड़ी ही मासूमियत से 'फेल हो गया हूँ 'के फिकरे के साथ किया और फिर तो जवाबों की झडी लग गयी .पहला सहे जवाब मायर्ड मिराज -घुघूती बासूती की ओर से आया .बधाई मित्र .नीरज गोस्वामी राज भाटिया जी ने झट से अनुमोदन किया .और नाम भी गिनाये -जी हाँ इसे मैनिस ,पंगोलिन ,सालर साँप आदि नामों से भी जाना जाता है
ज्ञान जी ने संशय व्यक्त किया कि यह भारत में कहाँ से ? रंजना को लगा कि यह दायिनासोर का वंशज तो नही ?लेकिन जल्दी ही उन्होंने इसे चींटी खोर मान लिया ।
उड़न तश्तरी को थोडा विलंब हुआ [इन दिनों इधर उधर देखे जाने की ख़बरों से बच बचा कर बिचारे आए तो !] पर इस देर की एवज में उन्होंने पारुल जी को भी आश्वस्त करते हुए इसकी शिनाख्त पर मुहर ही लगा दी .इसके व्यवहार पर भी जानकारी दी.आश्वस्त पारुल जी ने स्पष्ट भी कर दिया कि वे इसे विष खोपडा थोड़े ही कहतीं !कौन जाने ?पिछले रिकार्ड उन्होंने ख़ुद गड़बड़ सड़बड़ कर रखें हैं .समीर जी इसी लिए आशंकित दिखे।
लवली कुमारी महत्वपूर्ण जानकारियाँ ले आयीं !इसकी खाल के बारे में और इसके कुछ लोगों द्वारा खाए जाने पर.उन्होंने यह भी साफ़ कर दिया कि यह भारत में कई जगह पाया जाता है .तो यह मिर्जापुर में दिखा तो क्या अजूबा है ?अनिल भाई थोडा सा चूके -आर्माडिलो कहा जो इसी के वंश का दूसरा जीव है अमेरिका का -पर तुरत ही उनका भी सही जवाब आ गया कि नही यह पैन्गोलिन ही है .दिनेश राय द्विवेदी जी इस बूझ बुझौअल से आह्लादित हुए मेरी तरह ।
अनाम भाई पहली बार स्तब्ध दिखे ...
डॉ अमर कुमार ने होम मिनिस्ट्री से बाकायदा परमीशन लेकर इस पहेली का जवाब दिया ।
ज़ाकिर भाई अपने ब्लॉग की इस बढ़त पर फूल कर कुप्पा होते दिखे .जीशान जी आए तो जावाबों की बौछार ख़त्म हुयी ।
अब मुझे बताने को रहा ही क्या ?आप सभी को धन्यवाद देना ही रह गया है .वह पुलकित ह्रदय दे ही रहा हूँ -अब अगली पहेली का इंतज़ार करें .
पहेली के जवाब की शुरुआत बाल किशन जी ने बड़ी ही मासूमियत से 'फेल हो गया हूँ 'के फिकरे के साथ किया और फिर तो जवाबों की झडी लग गयी .पहला सहे जवाब मायर्ड मिराज -घुघूती बासूती की ओर से आया .बधाई मित्र .नीरज गोस्वामी राज भाटिया जी ने झट से अनुमोदन किया .और नाम भी गिनाये -जी हाँ इसे मैनिस ,पंगोलिन ,सालर साँप आदि नामों से भी जाना जाता है
ज्ञान जी ने संशय व्यक्त किया कि यह भारत में कहाँ से ? रंजना को लगा कि यह दायिनासोर का वंशज तो नही ?लेकिन जल्दी ही उन्होंने इसे चींटी खोर मान लिया ।
उड़न तश्तरी को थोडा विलंब हुआ [इन दिनों इधर उधर देखे जाने की ख़बरों से बच बचा कर बिचारे आए तो !] पर इस देर की एवज में उन्होंने पारुल जी को भी आश्वस्त करते हुए इसकी शिनाख्त पर मुहर ही लगा दी .इसके व्यवहार पर भी जानकारी दी.आश्वस्त पारुल जी ने स्पष्ट भी कर दिया कि वे इसे विष खोपडा थोड़े ही कहतीं !कौन जाने ?पिछले रिकार्ड उन्होंने ख़ुद गड़बड़ सड़बड़ कर रखें हैं .समीर जी इसी लिए आशंकित दिखे।
लवली कुमारी महत्वपूर्ण जानकारियाँ ले आयीं !इसकी खाल के बारे में और इसके कुछ लोगों द्वारा खाए जाने पर.उन्होंने यह भी साफ़ कर दिया कि यह भारत में कई जगह पाया जाता है .तो यह मिर्जापुर में दिखा तो क्या अजूबा है ?अनिल भाई थोडा सा चूके -आर्माडिलो कहा जो इसी के वंश का दूसरा जीव है अमेरिका का -पर तुरत ही उनका भी सही जवाब आ गया कि नही यह पैन्गोलिन ही है .दिनेश राय द्विवेदी जी इस बूझ बुझौअल से आह्लादित हुए मेरी तरह ।
अनाम भाई पहली बार स्तब्ध दिखे ...
डॉ अमर कुमार ने होम मिनिस्ट्री से बाकायदा परमीशन लेकर इस पहेली का जवाब दिया ।
ज़ाकिर भाई अपने ब्लॉग की इस बढ़त पर फूल कर कुप्पा होते दिखे .जीशान जी आए तो जावाबों की बौछार ख़त्म हुयी ।
अब मुझे बताने को रहा ही क्या ?आप सभी को धन्यवाद देना ही रह गया है .वह पुलकित ह्रदय दे ही रहा हूँ -अब अगली पहेली का इंतज़ार करें .
रिजल्ट आ गया .वाह !! हम तो पास हो गए .:).
जवाब देंहटाएंbhayi javab sahi ho ya galat..paheli hul karney aur tukkey marney me bilkul bachpan yaad aa jaata hai :) agli paheli ka intzaar rahega arvind ji
जवाब देंहटाएंइस बार की पहेली भी गजब थी, पहेली बूझने वाले भी गजब किये और पहेली का उत्तर भी सबसे अलग ढंग से आया है। मेरी ओर से सभी लोगों को हार्दिक बधाई।
जवाब देंहटाएंकभी-कभी कमजोर छात्रों का ख्याल करके सरल सवाल भी पूछ लिया कीजिये.
जवाब देंहटाएंइन्तेजार है....इस बार सबसे पहले जवाब देने की ललक है...देखें कामयाब होते हैं या नहीं...
जवाब देंहटाएंनीरज
aasan paheli diya karo bhai ,ham to ghabra hi jaate hai,kai bar isliye comment nahi karte ki log kahenge dekho kitna alpgyani hai.....
जवाब देंहटाएंबहुत अच्छा और जानकारीपूर्ण ब्लॉग है. Keep it up!
जवाब देंहटाएंbhayi jee maine kaha gramin isse bhay khate hain arthat darte hain yah nahi ki ise hi khaten hain.kambakht ki khal itni majbut hoti hai ki bhala leke kochne se to asr hi nahi padta khayenge kya khak!!
जवाब देंहटाएंaap galat samjhe.kal ko koi vivad na khada ho jaye isliye aspast kar diya.
sabhar
lovely kumari
Chinti khor jise, english men pengolin kahte hain, aaj atyadhik sankat grast prajatiyon men shamil ho gaya hai. yah nishar jeev kafi sharmila aur manushya se darne wala hota hai. yah kisi bhi roop men manushyon ko nuksan nahi pahunchata hai. poore vishv men iski 5 prajatiyan payi jati hain. khatre ke samay ye gend ki tarah gol hokar apna bachav karta hai. inki sankhya isliye bhi ghat rahi hai, kyonki inka prajnan dar kafi neecha hai. inke sanrakshan ke liye abhi tak na to sarkari yastar par aur na hi niji taur par koi prayas kiya ja raha hai. tajjub ki bat hai ki gaun walon ne bhi ise nahi pahchana. ye is baat ka dyotak hai ki hum nature se kitne door hote ja rahe hain.
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